Chamatkaari Baba, Ek Number Ka Chodu – Part 5


अंजली गांड़ उठा़ उठा कर मेरे हर धक्के का जबाब दे रही थी, मैने एक दम से पल्टी मारी और अंजली को ऊपर ले लिया, अब अंजली उछल उछल कर अपनी चुत मे लंड़ ले रही थी जैसे कितने जन्म से लंड़ की प्यासी हो.
एक घंटे की दमदार चुदाई के बाद मेरे लंड़ ने अंजली की चुत मे रस भर दिया. काजल पास बैठ कर सब एक टक देख रही थी.
काजल ने मेरे पैर पकड़ते हुए पूछ – प्रभु आप खुश हुये की नही?
मैने बनाबटी आवाज मे कहा – तुम दोनो हमारी परीक्षा मे पास हो लेकिन..
अंजली बोली- लेकिन क्या भगवान्?
मैने कहा – अब तुम दोनों को अपने पिछले जन्म के दंड से बचने के लिये कुछ उपाय करने होंगे.
अंजली – कैसे उपाय?
मैने कहा – 7 दिन तक तुमको जो विधि बताई जायेगी उसी विधि से पुजा करनी होगी, पुजा का हर काम हम बाबा को बता देंगे और हम यही उपस्थित रहेंगे. लेकिन ये पुजा तुम दोनों को इसी अवस्था मे करनी होंगी और तुमको हर विधि करने से पहले अपना तन मन धन सब हमें दान देना होगा ताकि हम उनको पवित्र कर सकें, और अपने घर परिवार वालों को इस कमरे से दुर ही रखना होगा नही तो अनिष्ठ हो जायेगा.
दोनों ने कहा – ठीक है भगवान्.
मैने कहा – आज की पुजा खत्म हुई कल से नई पुजा शुरू होगी, चलो अपने वस्त्र पहन लो.
दोनों ने अपने कपडे़ पहन लिये और काजल नीचे चली गई और अंजली मेरे पास ही बैठी थी. मैने जोर दार कपकपी के साथ अपने शरीर को ढीला छोड कर जमीन पर लेट गया.
अंजली डर गई और फिर मेरे पास आई और मेरे से कहने लगी – महाराज क्या हुआ?
मैने धीरे से ऑख खोली और कहा – कुछ नही भगवान चले गये.
और फिर बनते हुये अंजली से पुछा – क्या हुआ भगवान खुश हुये कि नही?
अंजली – बाबा सब आप की दया है जो भगवान् खुश हो गये हम से जो बन सका हमने किया, अब सब आपके हाथ मे है.
अब अंजली को पूरा भरोसा हो गया था कि भगवान सच मे आये थे.
मैं अपनी जगह से खडा होकर कमरे में पडे पलंग पर बैठ गया और अंजली से पीने के लिये पानी मांगा.
अंजली ने काजल से मेरे खाने पीने के लिये मंगवा लिया.
अंजली की मॉ चंपा अब सब मंदिरों के देवों को भोग लगा कर मेरे पास आई, काजल भी मेरे लिये खाना लेकर आ गई.
चंपा ने पुछा – आपने जैसा कहा था मैने वैसा ही किया महाराज अब आगे क्या करना है?
मैने कहा – अब आप सब भोजन कर लिजिये और अपने पति को प्रात: काल मे माला लेकर जितने भी दिव्य स्थान है शंकर भगवान के सब पर हार चढाने के लिये भेज दो और 9 दिनो के अंदर ही ये कार्य उनको समाप्त करना है.
चंपा ने हॉ मे सर हिलाया और जा कर मुखिया को बताकर मेरे पास वापस आ गई.
मैने जब तक खाना खाया, तब तक काजल मेरी हवा करती रही, फिर मैं हाथ धोकर जैसे ही बिस्तर पे लेटा, चंपा मेरे पैर पकड़ कर दबाने लगी, मैने उसे ये कह कर मना कर दिया की आप बहुत बड़ी हो रहने दीजिये.
तो फिर चंपा ने काजल को मेरे पैर दबाने के लिये कह दिया.
लेकिन अंजली ने कहा – मॉ हम दोनों यहीं महाराज जी के कमरे मे लेट जाते है यदि किसी वस्तु की जरूरत हुई तो ला देगे.
मैने भी कह दिया कि ये कमरा आपके घर मे सबसे शुद्ध है यहॉ पर ये ठीक रहेंगी.
चंपा दोनों को वहीं छोड कर चली गई.
पहले काजल मेरे पैर दबाती रही, लेकिन जब 11 बजे तो काजल सोने के लिये बगल के बिस्तर पर लेट गई और अंजली मेरे पैर दबाने लगी, मैं अब तक सो चुका था, मगर अंजली मेरे पैर दबा रही थी.
काजल तो केबल घुटने तक ही पैर दबा रही थी.
मगर अंजली के हाथ ऊपर तक चल रहे थे, मैने धोती पहन रखी थी. जैसे ही अंजली का हाथ दो तीन बार मेरी जांग पर लगा मेरी नींद खुल गई मगर मैने ऑखें बंद रखीं.
अंजली पूरी ताक़त से मेरे पैर दबा रही थी, मेरी धोती लंड़ की जगह से हट गई और मेरा लंड अंजली के आगे नंगा पडा था, अंजली बडे प्यार से मेरे लंड को देख रही थी, जबकि काजल सोई पडी थी.
अंजली के हाथ न चाहते हुये भी धीरे धीरे मेरे लंड पर पडने लगे, मेरे लंड़ ने हरकत करनी चालु कर दी.
जब मेरा लंड़ पूरी तरह से खडा हो गया, तो अंजली ने अपनी साडी उठाई और मेरे लंड पर बैठ कर लंड़ अपनी चुत मे अंदर बाहर करने लगी. मै चुप चाप लेटा रहा.
अंजली बडी तेजी के साथ लंड़ अंदर बाहर करने लगी. जब मुझ से नही रहा गया तो मैने ऑखे खोली और पुछा – ये क्या हो रहा है?
अंजली- बाबा आपकी सेवा कर रही हुँ आपका लंड़ खडा था मुझे लगा ये भुखा है तो मैने इसके खाने का प्रबंध कर दिया.
मैने कुछ नही बोला और अंजली का साथ देने लगा. अंजली रात मे 3 बार मेरे से चुदी और सुबह काजल के पास जा कर सो गई.
सुबह के 8 बज चुके थे और मुखिया घर से चला गया था और चंपा चाय लेकर कमरे मे आई और काजल और अंजली को जगाया.
मैने दोनों को नहा कर आने के लिये कहा और बोला की अब पहले अंजली के लिये पुजा होगी, जो 12 बजे तक चलेगी इस पुजा मे अंजली की मां को बैठना है इस लिये बेटा काजल तुम नीचे ही रहना जब तुम्हारी जरूरत होगी हम बुला लेंगे.
काजल ने कहा ठीक है औप दोनों नीचे नहाने चली गईं.
9 बज ते ही मैने पुजा की तैयारी शुरू कर दी और अंजली और चंपा मेरे सामने आ कर बैठ गयीं.
थोडी देर तक युंही पुजा करने के बाद मैने चंपा से कहा – तुम्हारी बेटी की कोख सूख चुकी है ये तो तुम जानती हो?
चंपा ने हॉ मे सिर हिलाया.
मैने कहा – अब उसे हरी करने का एक ही उपाय है यदि तुम तैयार हो तो?
चंपा ने पुछा – वो क्या है महाराज?
मैने कहा – हम तुम्हारी कोख को मंत्रों के द्वारा इसकी कोख से बांधेंगे, अगर हो पाया तो इसकी कोख हरी हो सकती है, लेकिन?
चंपा ने पुछा – लेकिम क्या महाराज?
मैने कहा – इसके लिये आप दोनों को कपडे उतार कर बैठना होगा, तभी से संभव हो पायेगा और कोई बीच मे रोक टोक नही करेगा सोच लो!
चंपा ने कहा – अगर यही रास्ता है तो अपनी बेटी की खुशी के लिए मुझे मंजुर है.
चंपा के चुतड बहुत भारी थे, उसकी गाड़ भी पीछे की तरफ निकल रही थी और उसके चुचे तो इतने बडे थे कि दोनों हाथ से भी एक चुचे को पकड़ना मुस्किल था.
चंपा और अंजली दोनों ने अपने कपडें उतार दिये और मेरे आगे बैठ गईं.
अब मैने पुजा शुरू कर दी पहले गंगाजल लेकर मैने चंपा की चुत को धोया, फिर अंजली की चुत को धोया, फिर ऱोली मे शहद मिला कर अच्छी तरह से दोनों की चुत में अंगुली डालकर अंदर तक लगाने लगा.
चंपा मचल रही थी मगर शांत बैठने की कोशिश कर रही थी, फिर मैने चंम्मच को अग्नि मे गरम करके घी लेकर चंपा की चुत पे रख दिया.
इससे चंपा के मुंह से ऊई मॉ निकल गया.
मैने कहा – क्या हुआ?
चंपा बोली – गरम है महाराज मेरी तो जल गई.
मैने कहा – सहन कर लो थोडा तो जलेगा ही.
मै उसे तंग करके मजे ले रहा था.
2-3 बार मैने युही गरम चम्मच चंपा की चुत मे घुसाई, फिर कलाबा लेकर अंगुली ले चंपा की चुत मे घुसा दिया और कलीबे का दुसरा छोर अंजली की चुत मे अंदर तक घुसा दिया.
मैने 10-12 मीटर कलाबा लिया था.
मैने चंपा से कहा – कलावे को आपकी कोख तक पहुचाना होगा, लेकिन अंगुली से तो ये केबल 3 इंच ही जा रहा है अब तो एक ही चीज है जो इसे कोख तक पहुचा सकती है अगर आप कहें तो?
चंपा बोली – कीजिये महाराज जो करना है.
मैनें आगे बढ़ कर अपने लंड को चंपा की चुत पर रख दिया और अंदर बाहर करने लगा.
मैं अभी लंड़ धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, जिससे लगे कि कलावे को अंदर कर रहा हुं.
थोडी देर चंपा की चुत में लंड़ अंदर बाहर करने के बाद मैने अपने लंड को अंजली की चुत मे घुसा दिया, जब चंपा ने कहा की धागा मेरी कोख तक पहुच गया है.
अंजली की चुत मे मै काफी देर तक लंड को अंदर बाहर कर रहा था, जब भी अंजली से पुछता कोख तक कलावा पहुचा के नही, वो कहती अभी नही पहुचा.
मै तेजी से अंदर बाहर करने लगा, जब 15-20 इंच कलाबा अंदर चला गया और वो मना करती रही की नही पहुचा, तो मैं समझ गया की ये मजे ले रही है और पूरी तरह चुदना चाहती है.
आगे की कहानी अगले भाग मे, तब तक जरूर बताना की कहानी कैसी लगी?
मै बहुत जल्दी एक कहानी और लिखने जा रहा हुं, जिसके बारे में आपको जल्द ही पता चल जायेगा.

शेयर
chudaie ki kahanibest hindi sex story evertamilsex.storieschudai ki kahani hindichudai in hindi storysexy story kahanidesi new sex videoshindi sex story in hindi fontdesi group sex storiestamil sex kathaikal tamil sex kathaigaltamil incest sex stories newdedi kahanichudai ki kahani.comtelugu sex stories telugu sex storiesjinnat ko kya pasand haihot gay sex storieswidow sex storysex with mom storieskannada thullina kathegaluhot indian erotic storiestamil homo kathaikalchoda chodi kahaniஅண்ணி புண்டைbete ke sath chudaisex desi indiamaa bahan ki chudai storytamil mami sex kathaihome real sexgaand mehinde saxe storevidya ki chutsali ki jawanibhosada ki chudaipapa sex storydudh khaoar golpocyonisx sex storiesincest chudaisexy birthdayindian ssxmaa aur beti ko chodabahu ki chudai in hindihindi sex storrynew sex sexybhabhi condesi kahani momdesi story tamilbengali sex hindinani ko chodabest sex stories hindigay stories in englishbhavna ki chutgaon me chudaiwww bedhei bhauja comtelugu sex story 2016desi sex talkgandu movie storychudai new storymalayalam kampikathakalsexy kahani urduhot kahani sexenglish gay storiesbahu ki pantygay love story in hindireal desi indian sexsex with aunty story in hindihot indian aexbhabhi and devar sex story in hindiuravu kathaigal in tamilmadam ne chodaindian srx videoschodna storychudai in indiasexy stroy comteacher ki chudai ki kahanihot bollywood auntiesbehan chodimalayalam swx storiesgujarati ma chodvani vatobada mota lundsexy porn storydesi wife sex storyerotic kannada storiespooja ki chutbhabi tera devar diwanakakimar sathe premdesi shemalgand mari imagekahin to hoga episode 3desikahaaniwww kambikadakal com