अब तक आपने पढ़ा कि ज़ीशान ने हेतल का फायदा उठाने का हाथ आया मौका गंवा दिया। हितेन ने इस बीच ज़ीनत के साथ क्या किया होगा ये तपन उसे बताने लगा। अब आगे की कहानी ज़ीशान की जुबानी जारी है …
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तपन ने जो बताया वो कुछ इस तरह था।
मै जब कमरे से बाहर गया था तब ज़ीनत बिस्तर पर सीधा लेटी थी और कंधे नंगे थे बाकि शरीर चादर में था। हितेन और तपन भी टॉपलैस हो चादर के अंदर ज़ीनत के दोनो तरफ उसकी और मुंह किए लेटे थे और उसकी गरदन और कंधो को चुम रहे थे। दोनो की टांगे ज़ीनत की एक एक जांघ पर थी और हाथ ज़ीनत के पेट और कमर पर था।
मेरे कमरे के बाहर जाने के बाद भी कुछ देर तक हितेन और तपन ने ज़ीनत के गरदन और गालो को चुमते हुए अपनी जांघ से ज़ीनत की जांघ को रगड़ा।फिर धीरे धीरे हितेन ने ज़ीनत की दोनों जांघो पर कब्जा कर तपन को दुर कर दिया।
हितेन जल्दी ही ज़ीनत के ऊपर चढ़ कर लेट गया। फिर ज़ीनत के होंठो का रस चुसते हुए अपना लंड ज़ीनत की चूत पर कपड़ो सहित रगड़ने लगा।
तपन ने थोड़ी देर बाद मामला बिगड़ते देख हितेन को रोकने के लिए आवाज दी पर हितेन ने थोड़ी देर और ज़ीनत को रगड़ा। ज़ीनत ने तपन की आवाज सुनकर हितेन को रोका तब जाकर वो रुका और ज़ीनत के ऊपर से हटा।
फिर हितेन ने तपन को बोला कि उसने ज़ीशान और तपन के बीच की बात थोड़ी सुनी थी कि ओरीजनल सीन थोड़ा अलग था और ज़ीशान के कहने पर बदल दिया गया था। अभी ज़ीशान वो ओरीजनल सीन करने के लिए कहने लगा कि वो क्या था।
तपन ने उन्हे बताया कि ओरीजनल सीन ज्यादा एडल्ट है और हिरोइन के कपड़े निकाल कर प्यार करने का है और मादक ढंग से छुने का भी है। हितेन बोला कि ओरीजनल सीन करके देखते है पर ज़ीनत घबरा गई कि वो बिना कपड़ो के कम्फर्टेबल नहीं होगी।
हितेन ने ज़ीनत को भरोसा दिलाया कि एक बार शुरु करते है, यहां सिर्फ दो लोग ही है, अगर ज़ीनत को कोई परेशानी हुई तो हम लोग रोक देंगे।
ज़ीनत फिर भी आगे पीछे हो रही थी और कनफ्युज्ड थी पर हितेन ने ज़ीनत का हाथ पकड़ा और फिर बेड पर बैठा दिया।फिर तपन ने सीन समझाया कि उसमें अंत में एक सेक्स भी होगा तो ज़ीनत ने मना कर दिया। साथ ही कपड़े निकालने से भी मना कर दिया।
हितेन ने फिर समझाया कि सेक्स असली में नहीं होगा, सिर्फ एक्टींग होगी। ज़ीनत को कपड़े खोलने में दिक्कत है तो वो चादर ओढ़ कर रख सकती है।
ज़ीनत:”मुझे ठीक नही लग रहा है, पहले ज़ीशान को आने दो, वो क्या कहता है इस बारे में। वो कहेगा तो सोचुंगी”
तपन ने सोचा यही मौका है जब हितेन से गलती करवा सकते है। तपन ने ज़ीनत को दिलासा दिया।
तपन:”ज़ीशान तो उल्टा खुश होगा। ज़ीशान भी ऑरिजिनल सीन ही करवाना चाहता था पर उसको लगता है कि ज़ीनत तुम कर नहीं पाओगी इसलिए डर रहा था। यही मौका है, कर के दिखा दो कि तुम कमाल की एक्टर हो”
ज़ीनत अभी भी असमंझस में थी पर हितेन ने ज़ीनत को लेटा कर चादर ओढ़ा दिया और नाईटी उतारने को बोल दिया। हितेन ने अपना टीशर्ट निकाल दिया ओर ज़ीनत को फिर से बोला कि वो अपनी नाईटी निकाल दे, कुछ नहीं होगा।
तपन ने भी ज़ीनत को बढावा दिया तो ज़ीनत ने फिर चादर के अंदर ही नाईटी निकाल दी और तब तक हितेन ने अपना पाजामा निकाला और सिर्फ अण्डरवियर में चादर के अंदर घुस गया। पहले की तरह ज़ीनत छत की तरफ देख सीधा लेटी थी जब कि हितेन ज़ीनत की तरफ करवट लेकर लेटा था।
चादर के अंदर हितेन ने अपनी नंगी जांघ को ज़ीनत की नंगी जांघो पर रखा और हाथ ज़ीनत के नंगे पेट पर रख अपने होंठो से ज़ीनत की गरदन और गालो को चुमने लगा।
थोड़ी देर में चादर में हलचल हुई और हितेन ने एक एक कर पहले अपनी अंडरवियर बाहर फेंकी और उसके बाद ज़ीनत का ब्रा और पैटी बाहर फैंके। कपड़े खुलते हुए ज़ीनत के चेहरे पर परेशानी साफ दिख रही थी। तपन ने ज़ीनत को डायलॉग चालु रखने को बोला।
दोनो के डायलॉग शुरु हुए और चादर के अंदर ज़ीनत के नंगे मम्मो के ऊभार के ऊपर अब हितेन का हाथ आकर मम्मो को दबाने लगा, तो हितेन की जांघ भी ज़ीनत की नंगी हो चुकी चूत पर रगड़ खा रही थी।
थोड़ी ही देर में हितेन ने ज़ीनत के एक तरफ के गाल को चुम चुम कर पूरा गीला कर दिया था। एक दो बार हितेन का हाथ ज़ीनत के मम्मो को छोड़कर चूत पर भी आया था।
फिर कुछ हलचल हुई, शायद हितेन ने ज़ीनत का हाथ पकड़ कर नीचे अपने लंड पर रखना चाहा था पर ज़ीनत ने हाथ झिटक दिया था। हितेन अब झट से ज़ीनत के ऊपर चढ़ कर लेट गया और आगे पीछे होकर धक्के मारने लगा।
हितेन का लंड अभी भी ज़ीनत की चूत के ऊपर ऊपर ही रगड़ खा रहा था क्युकि हितेन ने लंड अंदर डाला हो ऐसी कोई हरकत नहीं हुई थी, वैसे भी उसने वादा किया था कि वो असली सेक्स नहीं करेगा।
हितेन बार बार ज़ीनत के होंठो को चुमने की कोशिश कर रहा था पर ज़ीनत ने अपना चेहरा एक तरफ कर रखा था। मगर फिर हितेन ने ज़ीनत के चेहरे को सीधा कर दोनो तरफ से पकड़ कर सिर हिलने नहीं दिया और 5-6 बार अपने होंठो की चोंच ज़ीनत के होंठो पर मारने के बाद होंठो का रस चुसा।
हितेन ने फिर थोड़ी हरकत की और फिर पहली बार ज़ीनत के मुंह से धीरे से 1-2 बार “नही हितेन” की आवाज आयी पर हितेन ने ज़ीनत को धीरे से कान में कुछ बोलकर चुप कराया, उसने शायद ये कहा था कि रियल एक्टींग करते है।
चादर थोड़ा नीचे खिसक गया था और ज़ीनत के मम्मो का नंगापन साईड से दिखने लगा। कुछ और हलचल के बाद ज़ीनत की एक सिसकी निकली और इतनी देर से हितेन के धक्के जो बंद थे फिर शुरु हो गए।
तपन को तब अहसास हो गया कि चादर के अंदर असली सेक्स शुरु हो चुका है। क्युकि ज़ीनत की आंहे शुरु हो गई थी और हितेन की जोर लगा कर हांफने की आवाजे आ रही थी। पहले जहा हितेन अपना शरीर ज़ीनत पर रगड़ रहा था तो अब धक्के मार रहा था।
चादर में घमासान शुरु हो चुका था और कमरे में मादक आवाजें गुंज रही थी। ये माहौल देखकर तपन की हालत खराब थी और पैंट में उसका लंड फड़फड़ाने लगा था।
अगर ज़ीनत कुछ विरोध करती तो तपन जरुर मदद करने के लिए आता और हितेन को हटाता पर ज़ीनत खुद अपने रोल में डुब चुकी थी और मादक तरीके से दिए गए डॉयलॉग एकदम अच्छे से बोल रही थी।
धक्को की गति बढ़ने के साथ ही चादर अब और नीचे खिसकने लगा था और लगभग कमर तक आ चुका था, मगर वो दोनो ही एक्टींग और चुदाई के नशे में अनजान थे।
हितेन ने एक बार फिर से ज़ीनत के होंठो को चुमना शुरु किया पर इस बार ज़ीनत ने कोई विरोध नहीं किया, उल्टा थोड़ी ही देर में ऐसा लगा जैसे ज़ीनत ने भी हितेन के होंठो को चुसा। हालांकी कहानी के हिसाब से ज़ीनत सही कर रही थी तो तपन ने नही रोका, पर सीन शुरु होने से पहले ज़ीनत ने चुमने से मना किया था।
शायद हितेन का जोश और बढ़ा या वो झड़ने वाला था कि उसने झटके मार कर चोदना शुरु किया। ज़ीनत भी हर झटके के साथ जोर की आवाज निकालने लगी। हर झटके के साथ चादर नीचे खिसकता जा रहा था और जल्दी ही हितेन की गांड से फिसल कर चादर बिस्तर से नीचे गिर गया।
तपन अब दो नंगे बदन का मिलन साफ साफ देख सकता था। हितेन के एक के बाद एक झटके ज़ीनत की चूत में पड़ रहे थे और दोनो के बदन तेजी से हिल रहे थे और आपस में रगड़ खा रहे थे। बीच में आते डायलॉग पुरे सीन को असली बना रहे थे।
ज़ीनत की चूत में चिकना पानी भर चुका था और हर पड़ते झटको के साथ चप्प चप्प की आवाजे आ रही थी और डायलॉग कम और सिसकियां ज्यादा हो चुकी थी। थोड़ी देर में जोर की चीख चिल्लाहट के बाद वो दोनो शांत हुए।
हितेन अब ज़ीनत के ऊपर से हटा और दोनो लड़को ने पहली बार ज़ीनत की चूत को देखा जो कि गीली होकर चुदी पड़ी थी।
ज़ीनत ने पांव मोड़कर अपनी चूत ढक ली। हितेन का लंड भी चिकने पानी से सना हुआ था और उसने ज़ीनत को उसके कपड़े दे दिए। दोनो कपड़े पहन जल्दी ही तैयार हो गए।
ज़ीनत नजरे झुकाए चुपचाप बैठी थी। हितेन ने ज़ीनत के कंधे पर हाथ रख उसको ढांढस बंधाया कि वो इसे गलत तरीके से ना ले, ये सिर्फ नाटक का पार्ट था तो थोड़ा ज्यादा रीयल हो गया था।
पर ज़ीनत को भी शायद पता था कि असलियत क्या थी और वो सही समय मना नहीं कर पायी और अपनी इज्जत गंवा बैठी। हितेन ने फिर ज़ीनत की हिम्मत के पूल बांधने शुरु कर दिए कि कैसे उसने खुल कर अच्छे से रोल निभाया।
ज़ीनत अपनी तारीफ सुन थोड़ा मुस्कुराई पर फिर गंभीर हो गई। तभी दरवाजे पर दस्तक हुई और ज़ीशान आ गया।
मुझे हितेन पर बहुत गुस्सा आया, साथ हीअपने आप पर भी गुस्सा आया कि जो बेवकुफी कर मैने ज़ीनत की ईज्जत लूटवा दी थी। खुद के किए पर ज्यादा अफसोस था, इस स्तिथी का जिम्मेदार मै ही था।
इसके बाद से मैने हितेन से बात करना थोड़ा कम कर दिया था, वो ही आकर मुझसे बतियाता है।
तन्नु अगले विकेंड पर हमारे घर आने वाली थी जहां तपन उसे प्रपोज करने वाला था। तपन ने ज़ीनत के साथ मिलकर तन्नु की पसंद का गिफ्ट भी खरीदा था।
तन्नु को तपन पसंद आया था पर उसने बताया कि उसके घर वालो ने कुछ दिन पहले ही उसके लिए एक बिजनसमैन लड़का पसंद कर लिया है। तन्नु फिर चली गई।
तपन का दिल टूट गया और ज़ीनत के सीने पर सर रख कर थोड़ा भावुक हो गया। तपन की ठुड्डी ज़ीनत के मम्मो से थोड़ा छु भी रही थी पर तपन की उस नाजूक दिली हालत में मै उसको क्या रोकता।
इस घटना के बाद तपन अपनी दोनो भाभीयों का और भी चहेता बन चुका था, और मजाक मजाक में हेतल और ज़ीनत को कहीं भी कैसे भी छु लेता है और वो दोनो भी ध्यान दिए बगैर उसकी मस्तीयों में साथ देती है।
एक हफ्ते बाद ही मेरे और हितेन के बीच आती दूरी देख तपन ने मुझे बोला कि उसने उस दिन मुझसे जो भी कहां झुठ था और हेतल ने जो कहां था वो ही सच है।
उसने बताया कि मेरे होटल रुम से जाने के बाद ही ज़ीनत ने उठ कर सीन खत्म करवा दिया था और हितेन ने ज़ीनत की कोई चुदाई नहीं की थी। वो लोग मेरे आने तक सिर्फ बाते कर रहे थे।
मुझे उस पर बड़ा गुस्सा आया और उससे झुठ बोलने का कारण पूछा तो उसने बताया कि वो मुझे सबक सिखाना चाहता था कि खुद की बीवी पर कोई दोस्त बूरी नजर रखे तो कितना बुरा लगता है।
उसको इस बात का दुख था कि इस नाटक के चक्कर में ज़ीनत को ऐसा रोल कर थोड़ा शर्मिंदा होना पड़ा। मुझे समझ नहीं आया कि मै तपन की कौन सी बात पर यकीन करु। उसने मेरे ऊपर छोड़ दिया कि मै उसकी किस बात को सच मानु।
उस दिन के बाद हम में से कभी किसी ने ऑडिशन का नाम तक नहीं लिया। कुछ हफ्तो बाद ज़ीनत ने जरुर बोला कि वो प्रेगनेंट है। मेरे मुंह से यहीं निकला कि हम अबोर्शन करवाएंगे और ज़ीनत एक झटके में मान भी गई कि अभी कैरीयर संभालना है तो बच्चा बाद में प्लान करेंगे।
मै अभी भी हेतल से शर्म के मारे बात की शुरुआत नहीं करता और जब वो आगे बढ़कर कुछ पुछती है तो ही जवाब देता हुं। तपन मेरे घर आता रहता हैऔर ज़ीनत से लड़कियो को खुश रखने के टिप्स लेता है। दोनो अच्छे दोस्त बन गए है ।
कभी कभी मुझे तपन से जलन होती है। शक भी होता है कि उसने जरुर हेतल को चोदा होगा। शायद हेतल ने भी अपनी मर्जी से तपन के साथ चुदवाया होगा पर मेरे सामने पलट गयी थी।
कहानी समाप्त: अंत मै आपसे यही कहुंगी कि एसी कोई गलती ना करे कि बाद में आपको ज़ीशान की तरह कहना पड़े कि “ये मैने क्या कर दिया!”
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