अब तक आपने पढ़ा कि नाटक में अभिनय करने के बहाने हितेन और ज़ीनत को करीब लाया गया, जहां पर हितेन थोड़ा बेकाबु हो गया और ज़ीनत को गंदी तरह से रगड़ दिया और होंठो पर चुम भी लिया। अब आगे की कहानी ज़ीशान की जुबानी जारी है …
तपन फिर मौके की नजाकत को देखते हुए ताली बजाकर ज़ीनत का हौंसला बढ़ाने लगा। ज़ीनत ने भी एक सुखी सी हंसी दिखाई और अपनी परेशानी को छुपाने की असफल कोशिश की।
तपन: “बहुत जबरदस्त परफोर्मेंस था ज़ीनत, बस लास्ट में तुम डायलॉग बोलना भूल गई थी। ज़ीशान एक बार फिर से करे ये सीन?”
तपन मेरी तरफ पलटा और एक रीटेक के लिए इशारा करने लगा। उधर हितेन रीटेक का सुन एकदम तैयार हो गया।
मैने अब तक जो देखा था वो काफी नहीं था जो मै फिर से वो सब देखता! मैने रीटेक के लिए मना कर दिया और तपन मेरी तरफ देख घूरने लगा क्युंकि मैने उस से वादा किया था कि मै उसकी सब बात मानुंगा।
तपन: “अच्छा ठीक है तो एक आखिरी सीन नाटक का क्लाईमेक्स करते है।”
मुझे जहां तक याद था, हमनें जो किया वो ही आखिरी सीन था। तपन ने मुझे आंख दिखा कर हेतल के रुम की तरफ इशारा किया और मै मान गया।
तपन: “इस आखिरी सीन में ज़ीनत बीच में लेटेगी और उसकी एक तरफ पति होगा तो दुसरी तरफ आशिक और वो दोनो ज़ीनत को प्यार करते हुए अपने साथ रहने को बोलेंगे, फिर ज़ीनत अपना फैसला सुनाएगी और उसके साथ प्यार करेगी। मैने अभी डिसाईड नहीं किया है कि हिरोईन किसको चुनेगी। सब लोग बताओ कैसा ऐण्ड रखें।”
ज़ीनत थोड़ा सोच में पड़ गई, हितेन ने बोला कि पति को चुनना चाहिए और मै निसंदेह हितेन के खिलाफ था। ज़ीनत ने बोला कि दोनो लड़को के साथ नाइंसाफी होगी तो हिरोईन को दोनो को चुन लेना चाहिए। तपन ने फिर ज़ीनत की तारीफ की कि उसने एक अच्छा ऐण्ड सुझाया।
तपन उन दोनो को डायलॉग याद करने को दिए और फिर मेरे साथ सीन डिस्कस करने लगा। सीन में फिर चिपका चिपकी होने वाली थी और मै तैयार नहीं था।
तपन के सीन के हिसाब से तो तीनों किरदार नंगे रहने वाले थे पर फिर हम दोनो इस बात पर सहमत हुए कि तीनो चादर के अंदर रहेंगे और सिर्फ लड़के टॉपलैस होंगे, जब कि ज़ीनत के सिर्फ कंधे नंगे दिखेंगे।
तपन ने ज़ीनत को मनाया कि ये सीन पिछले वाले से आसान है तो वो बड़े आराम से कर पाएगी।
सीन शुरु हुआ और ज़ीनत बिस्तर के बीच में लेट गई और अपनी नाईटी और ब्रा की पट्टीयां कंधे से निकाल कर कंधे नंगे किए और चादर ढक कर सिर्फ कंधो का नंगा हिस्सा चादर के बाहर रखा।
तपन और हितेन ने अपना टीशर्ट निकाला और ज़ीनत के एक एक तरफ चादर में घुसकर कंधो के नीचे तक ढक दिया। ज़ीनत का मुंह छत की तरफ था और दोनो लड़के ज़ीनत की तरफ मुंह किए लेटे।
हितेन का हाथ चादर के अंदर ज़ीनत के मम्मो के ऊभार के थोड़ो ही नीचे पेट पर रखा था। तपन का हाथ चादर के बाहर ज़ीनत की कमर और चूत के ठीक बीच में था। चादर के अंदर ही दोनो लड़को की एक एक टांग ज़ीनत की एक एक जांघ पर पड़ी थी।
एक्शन बोलते ही ज़ीनत ने अपने डायलॉग बोलने शुरु किए और दोनो तड़के प्यार का इजहार करते हुए कभी अपने होंठो से ज़ीनत के कान को चुमते तो कभी गरदन को।
दोनो लड़को के पांव लगातार ऊपर नीचे होकर ज़ीनत की जांघ को रगड़ रहे थे। शायद इस बीच पांव ज़ीनत की चूत को भी छूकर रगड़ रहे थे।
ज़ीनत ने डायलॉग बोलकर दोनो लड़को को अपनाने का कहा और उनसे प्यार शुरु करने को बोला। हितेन का हाथ अब ज़ीनत के मम्मो को ठीक नीचे से छु रहा था। दोनो लड़के कामूक तरीके से ज़ीनत को चुम रहे थे और ज़ीनत आंखे बंद कर महसूस कर रही थी।
तभी तपन ने हाथ उठाकर मुझे इशारा किया। अब मुझे ज़ीनत को उन दोनो के हवाले छोड़कर हेतल पर चांस मारने जाना था। एक बार तो मै रुक गया पर तपन ने आंखो के इशारे से दिलासा दिया।
अब निर्णय मेरे हाथ में था कि मै वहां रुककर अपनी बीवी की इज्जत बचाऊं या फिर हेतल को चोदने की तमन्ना पूरी करने जाऊं। हेतल को पाने के लिए इतने पापड़ बेले थे, अब ये मौका कैसे छोड़ता!
तपन पर पूरा भरोसा था कि वो तन्नु को पाने के बदले मेरी मदद करेगा और ज़ीनत के साथ ज्यादा कुछ होने नहीं देगा और सिचुएशन संभाल लेगा। इसलिए मै वहां से चुपके से निकल गया।
मै हेतल के कमरे के बाहर पहुंचा और दरवाजे पर दस्तक दी तो हेतल ने दरवाजा खोला।
हेतल: “ज़ीशान तुम! मुझे लगा ज़ीनत होगी”
ज़ीशान: “मुझे देखकर तुम्हे अच्छा नहीं लगा तो मै वापिस चला जाता हुं”
हेतल: “अरे नहीं, तुम अंदर आओ”
हेतल ने सेटीन की नाईटी जो नीचे पांव तक लंबी थी पहनी थी और कंधो पर नाईटी के नूडल स्ट्रेप थे। नाईटी का गला गहरा था जिससे हेतल के मम्मो का क्लीवेज दिख रहा था।
हेतल के कंधो पर ब्रा की पट्टी भी दिख रही थी। फिर उसने ऩाईटी के ऊपर सेटीन का एक रॉब पहन लिया, और उसे कमर से एक रिबन के सहारे बेल्ट की तरह बांध दिया। उसके मम्मो का क्लीवेज दिखना अब बंद हो गया।
हेतल को लगा था कि ज़ीनत आयी होगी इसलिए बिना रॉब पहने ही अंदर की नाईटी में दरवाजा खोलने आ गई थी। मेरा पहला लक्ष्य वो रिबन खिंचना था जिससे रॉब आगे से पूरा खुल जाएगा।
हेतल: “ज़ीनत उधर ही आयी थी, कहां रह गई?”
ज़ीशान: “वो लोग एक प्ले के लिए एक्टींग कर रहे है। एक हिरोईन की जरुरत थी तो तपन और हितेन ने ज़ीनत का नाम लिया, पर मुझे लगा कि तुम ज्यादा अच्छी एक्टींग करोगी, इसलिए तुम्हारा आॉडिशन लेने आया हुं।”
हेतल: “पर मुझे कोई एक्टींग नहीं आती”
ज़ीशान: “क्युं, उस दिन फोन पर तो बड़ी अच्छी एक्टींग कर डायलॉग बोले थे!”
हेतल अब हाथ से मुंह छुपाए शर्माते हुए हंसने लगी।
हेतल: “तो हितेन ने बता दिया तुम्हे! ज़ीनत ने शर्त ही ऐसी रख दि कि बेचारा तपन क्या करता! आया था मेरे और हितेन से मदद मांगने। गंदे, बेशर्मी बाले डायलॉग लिखकर भी लाया था, मैने तो मना कर दिया था पर तपन तो ज़ीनत की तरह मेरा हाथ भी पकड़ कर बेठ गया था। मुझे लगा मेरा हाथ भी दो घंटे तक छोड़ेगा नहीं इसलिए मेने बेशर्म होकर फोन पर वो डायलॉग बोलने को हां बोल दिया था। पता नहीं तुम लोगो ने मेरे बारे में क्या सोचा होगा!”
ज़ीशान: “हमें भी यकीन नहीं हुआ था। पर एक्टींग बड़ी जोरदार की थी तुमने। अब आॉडिशन तो देना पड़ेगा तुम्हे”
हेतल: “मुझसे डायलॉग वगैरह याद नहीं होते, मेरे बस का नहीं ये सब, तुम ज़ीनत के साथ ही कर लो अपना प्ले।”
ज़ीशान: “तपन के कहने पर तो बड़ी एक्टींग कर ली थी, अब मेरे लिए नहीं करोगी?”
हेतल: “अच्छा ठीक है, तुम्हारी बात रखने के लिए छोटा सा कुछ होगा तो कर दुंगी।”
मेने हेतल को वो सीन बताया जिसमें हिरोइन अपने प्रेमी के साथ रोमांटीक सीन करती है। मैने हेतल को पीछे से थोड़ा दुर हटके पेट से पकड़ा। सेटीन के गाऊन से मैने हेतल की नाजूक त्वचा को महसूस किया। मेरा दिल बाग बाग हो गया।
हेतल अपने डायलॉग ढ़ंग से बोल नहीं पा रही थी। थोड़ी देर में ही मैने लंड हेतल की गांड से चिपका लिया। हेतल डायलॉग में ही उलझी रही।
हेतल की नरम गांड को अपने लंड से छूकर बहूत मजा आ रहा था। फिर मैने अपने होंठ से हल्के से हेतल के गले को चूम लिया। दुसरे प्रयास में मैने अपने होंठ उसके कान के नीचे चिपका दिए और हेतल मुझसे दूर हट गई कि उससे ये डायलॉग नहीं बोले जाएंगे। मेरा लंड तो इन कुछ ही सेकंड में कड़क हो चुका था।
ज़ीशान: “अच्छा ठीक है, मै दुसरा सीन देता हुं, उसमें एक ही डायलॉग है कि ‘छोड़ो मुझे’ ”
मैने हेतल का वो सीन समझाया जिसमें पति हिरोइन के साथ जबरदस्ती करता है।
हेतल: “ये कैसा गंदा सीन है, मै ऐसा नहीं कर सकती।”
ज़ीशान: “अरे बड़ी बड़ी हिरोईनें करती है ऐसे सीन, वो भी बिना कपड़ो के, तुम्हे सिर्फ ये रॉब निकालना है, ताकि सीन में मै नाईटी के स्ट्रैप कंधो से निकाल सकु।”
हेतल: “हिरोईनें तो पैसो के लिए करती है। मै ऐसा बिल्कुल नहीं करने वाली।”
ज़ीशान: “आॉडिशन के थोड़े ही पैसे मिलते है, पर तुम बोलो तो मै दे दुंगा”
हेतल: “नहीं, पैसे नहीं चाहिए, पर मै रॉब भी नहीं उतारुंगी”
ज़ीशान: “अच्छा ठीक है। एसे ही कर लेते है।”
हेतल असमंजस में थी पर मान गई। मैने एक दो गुस्से वाले डायलॉग बोलकर मेरी बीवी का रोल कर रही हेतल के चरीत्र पर ऊंगली उठाई और उसको बिस्तर पर धकेल कर उसकी जांघो पर बैठ गया।
हेतल ने अपना आसान सा डायलॉग बोला कि मैं उसे छोड़ दु । मैने उसकी छाती पर अपना सीना रखा। भले ही हमने कपड़े थे पर फिर भी अपनी प्यास बुझाने के लिए अपना लंड हेतल की चूत पर रगड़ने लगा।
हेतल मुझे अपने ऊपर से हटाने को जोर लगाने लगी और चिल्ला कर छोड़ो हटो का डायलॉग बोलने लगी। मेरे लंड को 5-6 सेकंड के लिए हेतल की चूत को रगड़ शांती मिली ही थी कि हेतल ने मुझे अपने ऊपर से गिरा दिया।
हेतल: “मुझे नही करने ऐसे गंदे सीन। कौन लिखता है ऐसा!”
ज़ीशान: “तुम्हारे फेवरेट तपन ने ही लिखा है। अभी शर्मा क्युं रही हो? तपन के साथ तो बिना कपड़े फोटो खिंचवायां था तुमने”
हेतल: “वो सब झूठ था। मेरे पांव पकड़ कर बैठ गया था तपन, मै क्या करती? हितेन भी नहीं था घर पर। उसने बोला कि उसने हितेन से बात कर ली है। मगर फिर भी मैने कपड़े नही खोले थे, सिर्फ कंधो से कपड़े खिसका कर चादर सीने तक ढक कर फोटो लेने दिया था। फोटो ले लेने के बाद उसने सच बताया कि बिना कपड़े फोटो लेने की इजाजत उसने हितेन से नहीं ली थी। उसने हितेन से इजाजत सिर्फ मेरे साथ बेड पर फोटो लेने की ली थी। हितेन को ये नहीं पता है कि तपन टॉपलैस हुआ था और मैने कंधो से कपड़े खिसकाए थे। मै तो बस तपन की मदद कर रही थी कि उसको तन्नु मिल जाएं। ”
ज़ीशान: “तुमने तपन के साथ मिलकर हमको दुसरी बार धोखा दिया?”
हेतल: “तुम्हे भी ऐसी शर्त नहीं रखनी चाहिए थी कि तपन मुझे पटा ले और इस तरह के गंदे फोटो ले। तुम लोग उसको एसे काम देकर करवाना क्या चाहते थे?”
ज़ीशान: “हमारा मकसद तुम्हे परेशान करना नहीं था, हम सिर्फ तपन को मुश्किल काम देकर उसकी परीक्षा ले रहे थे।”
हेतल: “प्लीज, अब ऐसी और कोई शर्त मत रखना और हितेन को मत बताना कि तपन ने फोटो कैसे लिया था। हितेन को बुरा लगेगा। और मै नहीं चाहती कि उनकी दोस्ती खराब हो”
ज़ीशान: “नहीं बोलुंगा, पर ये वाले सीन का आॉडिशन तो कर लो”
हेतल: “तुम कहीं मुझे ब्लैकमेल कर के सीन करने को तो नहीं फोर्स कर रहे?”
मुझे तपन की कही बात याद आ गई कि ब्लैकमेल करने से मामला बिगड़ सकता है।
ज़ीशान: “अरे नहीं, मै तो चाहता हुं कि तुम अपने मन से आॉडिशन दो। तुम बहुत अच्छी एक्टींग कर रही थी।”
हेतल: “ठीक है पर अब मुझे अनकम्फर्टेबल मत करना।”
ज़ीशान: “ठीक है, तुम बोलोगी वैसा करेंगे। पर जिस तरह तपन के कहने पर तुमने कंधो से कपड़े हटाए थे वैसे इस सीन को अच्छा बनाने के लिए मुझे स्ट्रेप निकालने दोगी”
हेतल: “मै अपना रॉब भी उतार सकती हुं पर तुम अपनी बॉडी मुझसे थोड़ी ऊपर दूर ही रखना”
बिना बॉडी चिपकाए कोई मजा तो आने वाला था नहीं पर कम से कम हेतल को छुने का मौका मिलेगा ये सोच कर मै मान गया।
अगले एपिसोड मे पढ़िए क्या हेतल ने जो छुट ज़ीशान को दी वो उसका फायदा उठा पाएगा या नहीं।
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