Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 11


परदे पर पिक्चर शुरू हो चुकी थी। कहानी कुछ ऐसी थी। एक युवा और युवती समंदर में “सी सर्फिंग” (समंदर की सतह पर समंदर की ऊँची ऊँची मौजों पर सपाट लकड़ी के फट्टे पर खड़े होकर या लेट कर फिसलना) कर रहे थे। उस समय वह दोनों के अलावा वहां और कोई नहीं था।
दोनों ही अपनी धुन में मस्त सर्फिंग कर रहे थे की अचानक लड़की लकड़ी के फट्टे से गिर पड़ी और एक पत्थर से उसकी टक्कर होने के कारण बेहोश हो गयी।
वह युवक ने लड़की को पानी से निकाल कर समंदर के किनारे लिटाया और लड़की के भरे हुए उभरे स्तनोँ पर अपने दोनों हाथों की हथेलियां रख कर उन्हें जोर से दबाकर लड़की के पेट में से पानी निकालने के लिए और उसकी साँस फिर से चालु हो इस लिए बार बार धक्के मार कर लड़की को होश में लाने की कोशिश करने लगा।
जब लड़की के मुंह से काफी पानी निकल गया और वह होशमें आयी और उसकी आँख खुली तो उसने लड़के को देखा। वह समझ गयी की लड़के ने उसकी जान बचाई थी। वह बैठ गयी और लड़के को अपनी बाहों में लेकर उससे लिपट गयी और लड़के के मुंह से अपना मुंह चिपका कर उसने लड़के को एक गहरा चुम्बन दे डाला।
धीरे धीरे दोनों एक दूसरे की और आकर्षित हुए। उस दिन के बाद दोनों फिर साथ में ही सर्फिंग करने लगे। एक बार वह लड़की जब समंदर से निकल कर अपना ड्रेस बदल रही थी तब उसने थोड़ी दूर खड़े हुए उस लड़के की और टेढ़ी नजर से देखा।
निगाहों से निगाहें मिलीं और प्यार का इशारा हुआ। लड़के ने तौलिये में लिपटी हुई लड़की को अपनी बाहों में ले लिया। तौलिया गिर गया और नंगी लड़की निक्कर पहने हुए लड़के से लिपट गयी।
लड़की ने अपने हाथ से लड़के की निकर निचे खिसका दी। दो नंगे बदन समंदर के किनारे एक दूसरे से लिपटे हुए प्रगाढ़ चुम्बन में लिप्त एक दूसरे के बदन को सहलाने लगे।
परदे पर जब यह दृश्य चल रहा था तो सुनीता ने महसूस किया की कर्नल साहब ने सुनीता का हाथ जो की शुरू से ही कर्नल साहब के हाथ में ही था, को उत्तेजना में दबाया।
सुनीता भी परदे के दृश्य इतने कामोत्तेजक थे की सुनीता भी उनका हाथ हटा नहीं सकी। सुनीता के मनमें कई उफान उठ रहे थे। कर्नल साहब ने फिल्म को देखते हुए सुनीता का हाथ और दबाया।
हॉल में एक किनारे सिकुड़ कर बैठी हुई बेचारी सुनीता के हालात अजीब से ही थे। वह हॉल में जहां देखती थी सब जगह युगल ही युगल थे जो इन उन्मादपूर्ण दृश्यों को देख कर चोरी छुपी एक दूसरे की गोद में टांगों के बिच हाथ डालकर एक दूसरे के लण्ड या चूत को सेहला रहे थे।
शर्म या औचित्य के कारण कुछ युगल अपने कपड़ों से ढके हुए उसके निचे यह सब कर रहे थे और कुछ खुल्लम खुल्ला हॉल के अँधेरे का लाभ लेकर यह सब कर रहे थे।
इन दृश्यों का असर सुनीता पर भी तो होना ही था। वैसे भी सुनीता पिछले कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही चंचलता अनुभव कर रही थी। उसके पति ने उसे पिछली कुछ रातों से कर्नल साहब का नाम लेकर उकसाना और छेड़ना शुरू किया था।
सुनीता ने अनुभव किया की उसकी चूत गीली हो चुकी थी और फिर भी उसकी चूत में से पानी रिसना कम नहीं हो रहा था। उसको अपनी चूत में अजीब सी चंचलता और फड़कन महसूस हो रही थी।
सुनीता ने अपने पति को मन ही मन कोसना शुरू किया की क्यों नहीं वह इस वक्त उनके पास बैठे? उसका मन कर रहा था की कोई उसकी दो टाँगों के बिच में और युगल की तरह ही हाथ डालकर उसकी चूत को सहलाये।
सुनीता ने एक और बैठे कर्नल साहब की और देखा तो वह बेचारे अपना फुला हुआ लण्ड जो उनके पतलून में फनफना रहा होगा उसको सम्हाल ने की नाकाम कोशिश कर रहे थे। उनकी पत्नी उनसे दूर दूसरे छोर पर सुनीता के पति सुनील के पास बैठी हुई थी। सुनीता सोचने लगी की कर्नल साहब का भी मन कर रहा होगा की उनके लण्ड को कोई सहलाये।
यह साफ़ था की कर्नल साहब परदे के दृश्य से इतने प्रभावित थे की अपने आप पर नियंत्रण नहीं रख पा रहे थे। कर्नल साहब के हाथ के हाथ से अपनी कलाई दबाते ही सुनीता के पुरे बदन में सिहरन फ़ैल गयी। उसके रोंगटे खड़े हो गए। वह एक अजीब उधेड़बुन में फँसी थी। क्या वह कर्नल साहब का हाथ वहीँ रहने दे या उसे हटा दे। सुनीता कुछ तय नहीं कर पा रही थी।
शायद कर्नल साहब ने उसे सुनीता की रजामंदी समझकर उसका हाथ पकड़ा और धीरे से सरका कर अपनी दो टाँगों के बिच रख दिया और फिर अपना हाथ हटा लिया।
उधर परदे पर लड़की ने लड़के का मोटा और लंबा लण्ड अपने हाथों में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी। लड़का भी लड़की की पीठ, गाँड़ और जाँघों को सहलाने और टटोलने लगा।
कैमरा मेन ने समंदर के किनारे छिछरे पानी में प्रेम क्रीड़ा करते हुए दोनों नंगे बदन और इर्दगिर्द के वातावरण को इतनी बखूबी फिल्माया था की हॉल में बैठे हुए सारे पुरुष दर्शकों का लण्ड खड़ा हो गया और महिला दर्शकों की चूत गीली हो गयी ।
परदे पर लड़के और लड़की चुदाई करने लगे थे। कैमरा मेन इतनी खूबसूरती से पुरे दृश्य को पेश कर रहा था की हॉल में शायद ही कोई ऐसा होगा जिसको उसका असर ना हुआ हो। सुनीता की उधेङबुन जारी थी। तब सुनीता का दुसरा हाथ कर्नल साहब की पत्नी ज्योति ने पकड़ा।
सुनीता ने मुड़कर ज्योति की और देखा तो सुनीता को अंदेशा हुआ की हालांकि ज्योतिजी शॉल से ढकी हुई तो थी, पर उनकी शॉल के निचे उनकी छाती पर कुछ हलचल हो रही थी।
ज्योतिजी का एक हाथ सुनीता के हाथ पर था। ज्योतिजी का दुसरा हाथ दूसरी और था। तो जाहिर था की वह ज्योति की छाती पर हो रही हलचल सुनीता के पति सुनील के हाथ से ही हो रही होगी।
ज्योति ने अपने पति को सुनील जी की पत्नी और खींचते हुए महसूस किया। चाहते हुए भी वह कुछ कर नहीं सकती थी। पर दूसरी और सुनीता के पति सुनील के आकर्षक व्यक्तित्व ने उसका मन जित लिया था। सुनील जी के विचारों और उनकी लेखनी की वह दीवानी थी।
जब सुनील जी का हाथ कर्नल साहब की पत्नी ज्योति ने अपनी छाती पर सरकते हुए महसूस किया तो वह रोमांच से काँप उठी। शादी के बाद पहली बार किसी गैर मर्द ने ज्योति के स्तनों को छुआ था। ज्योति सुनील जी के हाथों से अपने स्तनों को सेहलवाने से रोक ना पायी।
सुनील को ज्योति की और से कोई रोकटोक नहीं हुई तो सुनील को समझने में देर नहीं लगी ज्योतिजी चाहती थी की सुनील उनके स्तनों को सहलाये। सुनील बेबाकी से ज्योति के स्तनों को पहले हलके से सहलाने और फिर उन्हें अपनी उँगलियों से दबाने और मसलने लगा। उसे लगा की कर्नल साहब की पत्नी ने उन्हें पूरी छूट देदी थी।
सुनील ने अपने दोस्त की पत्नी ज्योति का हाथ भी अपनी जाँघों के बिच में धीरे से रख दिया। एक तो पिक्चर के उन्माद भरे दृश्य, ऊपर से ज्योति की उँगलियों का सुनील के लंड के साथ उसकी पतलून के ऊपर से खेलना, सुनील के लिए भी उत्तेजना और उन्माद का विषय था।
तो दूसरे छौर पर सुनील की पत्नी सुनीता परेशान हो गयी की वह करे तो क्या करे? सुनीता के हाथ की उंगलियां कर्नल साहब के फुले हुए लण्ड की फनफनाहट को महसूस कर रहीं थीं।
परदे पर अब कुछ गंभीर दृश्य आने लगे। लड़के और लड़की ने शादी कर ली थी। और दोनों बड़ी ही उछृंखलतासे अपने बैडरूम में चुदाई कर रहे थे। लड़की इतने जोर से कराह रही थी की उनका एक पडोशी युवक बेचारा लेटा हुआ उस युगल की चुदाई की कराहट सुनकर अपने हाथों से मुठ मार रहा था।
ऐसे कामोत्तेजक दृश्य देखकर सुनीता को समझ नहीं आ रही थी की वह दिल की बात सुने या दिमाग की। सुनीता की एक और कर्नल साहब थे और दूसरी और ज्योतिजी। कर्नल साहब का लण्ड ऊके पतलून में एक बड़ा सा तम्बू बना रहा था।
सुनीता की उँगलियों से वह लगभग सटा हुआ था। तम्बू देख कर ही सुनीता को अंदाज हो गया था की कर्नल साहसब का लण्ड छोटा नहीं होगा। जिस तरह कर्नल साहब परदे के दृश्य देख कर मचल रहे थे साफ था की उनके लण्ड में काफी हलचल हो रही थी।
दूसरी और ज्योति जी सुनीता का हाथ दबा रही थी। सुनीता समझ गयी की ज्योति जी भी काफी गरम हो रही थी। उन्होंने सुनीता का हाथ इतनी ताकत से दबाया था की सुनीता को ऐसा लगा जैसे परदे के दृश्य के अलावा भी ज्योतिजी को कुछ कुछ हो रहा था। सुनीता ने अपने पति सुनील की और देखना चाहा पर वह साफ़ दिखाई नहीं दे रहे थे।
परदे पर दोनों पति पत्नी कार में कहीं जा रहे थे की उनकी कार का भयानक एक्सीडेंट हुआ और उस एक्सीडेंट में लड़के को सर पर काफी चोट लगी जिसके कारण उसका मानसिक संतुलन बिगड़ गया। लड़की कार में से उछल कर बाहर गिर गयी पर उसे भी चोट आयी पर वह हॉस्पिटल में ठीक होने लगी।
उनके पडोसी युवक ने दोनों पति पत्नी की हॉस्पिटल में काफी देखभाल की। वह उनके लिए खाना लाता था और लड़की के ठीक होने पर वह उसके पति की देख भाल में पूरी रात बैठा रहता था।
डॉक्टरों ने लड़की से कहा की उसके पति का मानसिक संतुलन ठीक हो सकता है अगर उसकी प्यार से परवरिश की जाए और उसे प्यार दिया जाए।
मानसिक असन्तुलन के कारण लड़की के पति की सेक्स की भूख एकदम बढ़ गयी थी। उसे सेक्स करने की इच्छा दिन ब दिन प्रबल होती जा रही थी। वह सुबह हो या दुपहर, शाम हो या रात लड़की का पति लड़की को बड़ी ही असंवेदनशीलता से यूँ कहिये की असभ्यता से चोदता था।
उसके चोदने में कोमलता, प्यार और संवेदनशीलता नहीं होती थी। लड़की भी अपने पति के जुर्म इस उम्मीद में सहन कर लेती थी की कभी ना कभी वह ठीक हो जाएगा।
हॉस्पिटल से घर आने के बाद पति का व्यवहार अपनी पत्नी के साथ बड़ा ही असभ्य था। वह उसे चुदाई करते हुए मारता रहता था या फिर गालियां देता रहता था। पडोसी युवक सुनता पर क्या करता?
फिल्म में लड़की और उसके पति के चुदाई के द्रश्य भी अति उत्तेजक शैली से फिल्माए गए थे जिसके कारण देखने वालों की हालत पतली हो रही थी। सुनील ने भी कर्नल साहब की पत्नी का हाथ पकड़ा हुआ था और उसे खिंच कर अपने लण्ड पर रख दिया था।
ज्योति ने सुनील का लण्ड का फुला हुआ हिस्सा पतलून के ऊपर से महसूस किया तो वह भी अपने आपको रोक ना सकी और उसने सुनील के लण्ड को पतलून के ऊपर से पकड़ कर हिलाना शुरू किया। सुनील का हाथ कर्नल साहब की बीबी ज्योति की गोद में खेल रहा था।
आगे क्या होगा, अब ये तो अगले एपिसोड में ही पता चलेगा, तो बने रहिएगा..
[email protected]

शेयर
pyar bhara parivaarkakimar panu golpodewar bahbi sexenglish group sexwww desi women sexindian sex club netkambi malayalam kathakalneha bhabhi comsali sex story hindichachi ke saathbengali sexi storychudai gand kisasur aur bahu ki chudai storybus mei chudaisxy story hinditamil xxx kathigalwww sexy kahani instudent ki maa ki chudaibahan ki chodaitamil anni sex storesex stories in telugu ammaschool xxx storyindian wife swapping storieschudai kahniyatamin sexchut chudai in hindimaa se shadi kinayi bhabhi ki chudaidesi sex stories.netdevar neblouse boobshot indian sexychennai aunty storiessex stories of girlsgandu ki gandfree hindi storiesdevar nesex in girl and girljija ne chodasex story odiatamil inba kamakathaikallesbian romance sexindian real sexyhindi sex stoyrsexy chut indianhindi sex freetullu stories in kannadaghar me chodama beta sex storyhindi sex callpunjabisexforeign sex storiesbeta maa sexsexi story hindeonline sex chat indiablue film ki kahanisex lun fudimaa ko chodatamil sex kathaymaine apni chachi ko chodabest desi sex comdesi rand ki chudaibengali hot story with photodesi indiangay sex hindi kahanipron storieswww chut ki kahanikanada sex storistelugu sex stories 2015harcore sexindian gay desifree hindi sex storemom ki chudai kisexy story jija salihindi se x storiesparivar chudaimeri rasili chutsex telugu stories comhindi sexi storysex dekhachut chudai ki kahani hindi meindan sex codesi chudai realindian girl sexy storyhot kahani hindimastbhabhiindian desi sex kahanisex fudi