राज कमल को रानी के साथ प्यार के बारे में बताता था। उसने कमल से कहा की कई बार उसने रानी को किस किया और उसके स्तनों का मजा लिया था।
राज रानी के भरे हुए स्तनों के बिच कैसे अपना सर सटा कर कई बार रानी की गोद में लेट जाता था, यह बताते राज और कमल दोनों अपने हाथों से हस्तमैथुन कर अपना माल निकालते थे।
पर रानी ने राज को उससे आगे बढ़ने की कतई इजाजत नहीं दी। रानी का कहना था की पहले शादी फिर सब कुछ। राज ने कमल से और अपने माता पिता से रानी के बारे में बात की तो सब बड़े खुश हुए। दोनों की शादी की बात होने लगी।
राज ने ख़ास कमल की पसंद जानने और रानी से मिलाने के लिए कमल को बुलाया। हालांकि रानी कमल से पहले मिली नहीं थी पर कमल की क्रिकेटर के रूप में शोहरत से वह भली भाँती वाकिफ थी।
पहली बार रानी को जब पता चला की कमल राज का दोस्त है, तब रानी की ख़ुशी का ठिकाना ना रहा। कमल उसका हीरो था। क्रिकेट खेलने में वह कमल को अपना आदर्श मानती थी और उसके बारे में अखबारों में बड़े चाव से पढ़ती रहती थी।
रानी ने तो कमल के कई फोटो अपने रूम में दीवारों पर सजा रखे थे। रानी कमल को मिलते ही उसकी दीवानी हो गयी।
कमल की रानी से जब पहली बार मुलाक़ात हुई तो कमल भी रानी को देखता ही रह गया। रानी की तेज और कटीली आँखों ने कमल के दिल को जैसे अपनी नजर की छुरी से काट सा दिया।
रानी के पुरे फुले हुए बड़े स्तनों को वह देखता ही रह गया। रानी के घने लम्बे बाल देखते ही बनते थे। वह उतनी सुन्दर पीछे से थी जितनी आगे से।
जब राज ने कमल से रानी के बारे में पूछा और उस से शादी करने की इजाजत मांगी, तब कमल ने उसे फ़ौरन हाँ कह दिया। उन शुरूआती मुलाकातों में ही रानी और कमल की भी अच्छी खासी दोस्ती हो गयी थी।
रानी से मिलने के बाद जब राज ने कमल से पूछा की क्या कमल को रानी पसंद है? तब कमल के मुंह से अनायास ही निकल गया की, “यार तेरी गर्ल फ्रेंड तो बड़ी मस्त है।”
राज ने कमल को झकझोरते हुए कहा, “कमल भैया, मुझे हमारा एक दूसरे से किया वादा याद है। अगर तुम्हें रानी बहुत पसंद है तो तुम जब बोलो तो मैं तुम्हारे लिए रानी को छोड़ सकता हूँ। शायद रानी को भी कोई आपत्ति नहीं होगी क्यूंकि वह तो वैसे ही आपके पीछे पागल है।”
कमल ने राज से कहा, “तू पागल है? मैं शादी शुदा हूँ। मेरा कहने का मतलब था की रानी मस्त है और तू उसके साथ खूब मजे कर।”
कमल राज से रानी की ज्यादा तारीफ़ करने से डरता था, क्यों की राज कहीं ऐसा ना सोचे की कमल की नजर रानी पर है।
राज ने देखा की कमल भैया मना तो कर रहे थे पर कमल भैया की नजर उस की होने वाली बीबी रानी पर थी, इस बात में कोई शक नहीं था।
हालांकि कमल भैया ने ना तो ऐसा वैसा कुछ कहा और ना ही कुछ किया, पर राज समझ गया की कमल भैया को रानी भा गयी है।
राज जानता था की रानी थी ही इतनी सुन्दर और देखने में सेक्सी, की अगर मौक़ा मिले तो कमल भैया तो क्या, कोई भी मर्द रानी को चोदना चाहेगा।
वह जानता था की कमल भैया तो वैसे ही रंगीन मिज़ाज के थे, तो भले ही वह कुछ ना बोलें पर उनके मन की मंशा क्या होगी वह राज जानता था।
उसी वक्त राज ने मन में प्रण लिया की अगर कमल भैया के मन में की कहीं न कहीं रानी को चोदने की थोड़ी सी भी इच्छा है, तो वह कमल भैया के मन की ख्वाहिश जरूर पूरी करने की भरपूर कोशिश करेगा।
राज ने रानी को साफ़ साफ़ बता दिया था, की कमल भैया उसकी आत्मा थे और वह कमल भैया के लिए कुछ भी कर सकता है।
एक बार जब रानी ने राज से हंसी मजाक में पूछा की क्या वह कमल को रानी से भी ज्यादा प्यार करता है तो राज ने पट से कहा, “तुम मेरी जान हो और कमल भैया मेरी आत्मा है। तुम मेरे जीवन में अब आयी हो। कमल भैया तो मुझसे बचपन से जुड़े हैं। भगवान् करे ऐसी घडी ना आये, पर अगर मुझे तुम दोनों में से कोई एक को चुनना पड़े तो मैं कमल भइया को चुनूंगा।”
यह सुनकर रानी दंग रह गयी। आज तक रानी ने किसी व्यक्ति में भी अपने दोस्त के लिए इतना समपर्ण का भाव कभी नहीं देखा था।
पर रानी खुश भी हुई क्यूंकि वह कमल को तो वह वैसे भी अपना हीरो मानती थी और कमल के खेल और उसके व्यक्तित्व की वह दीवानी थी।
राज की शादी में कमल और कुमुद ख़ास मेहमान रहे। राज की शादी के दरम्यान कुमुद की भी रानी से अच्छी खासी दोस्ती हो गयी थी।
शादी के बाद अक्सर कमल की पत्नी कुमुद राज की बीबी रानी से फ़ोन पर बात करती रहती थी। फ़ोन पर बात करते करते रानी और कुमुद भी ख़ास दोस्त बन चुके थे। हालांकि उसके बाद ज्यादा मिलना हुआ नहीं।
राज को अहमदाबाद में अच्छे ओहदे वाली सरकारी नौकरी मिली। शादी के पहले एक डेढ़ साल तक तो राज की और उसकी बीबी रानी की रति क्रीड़ा धमाके दार हुआ करती थी। राज की बीबी रानी बिस्तर में आक्रमक थी।
पर डेढ़ साल गुजरने के बाद दोनो का सेक्स का जोश धीरे धीरे कम होने लगा। तो कमल का भी तो वही हाल था। राज और कमल फ़ोन पर चर्चा करते यही सोच रहे थे की शादी के पहले उन्होंने सोचा था, की शादी के बाद खूब मजे करेंगे, पर डेढ़ साल के बाद ही पति पत्नी को एक दूसरे से सेक्स करने में मजा इतनी जल्दी कम कैसे हो जाता है? ख़ास तौर से महिलाओं को तो यह बात सटीक लागू होती है।
राज अपनी पत्नी रानी को कमल के बारे में हर रोज कुछ न कुछ बताता ही रहता था। एक रात रानी को उसने बातों बातों में उनके बचपन के बारे में बताया।
राज ने बताया की कमल और राज ने एक दूसरे को वचन दिया था, की वह एक ही बीबी के साथ शादी करेंगे। और अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह दोनों एक दूसरे की बीबी को मिल बाँट कर एन्जॉय करेंगे।
राज की पत्नी रानी हंसने लगी। उसने कहा, “तुम दोनों पागल हो क्या? मिलजुल कर एक दूसरे की बीबी को एन्जॉय करने की बात कहाँ से आयी? ऐसा कभी होता है क्या? अगर मान भी लिया जाए की पति की ऐसी इच्छा हो तो भी बीबियाँ थोड़े ही मानेगीं? ऐसे थोड़े ही होता है? यह सारी बातें बचपन की बातें हैं। अब तुम दोनों बड़े हो गए हो।”
तब राज ने कहा, “ऑफिशियली ना होता हो। पर मैंने सूना है की छुपे छुपे तो सब होता है। कई दोस्त ऐसे भी हैं जो मौक़ा मिलने पर एक दूसरे की बीबी को बदलते हैं और उनके साथ सेक्स का मजा लेते हैं। ऐसे कई क्लब भी हैं।”
रानी ने कहा, ” पागल हो गए हो क्या? आपका कहने का मतलब है की दो पति मिलकर दोनों में से किसी एक की बीबी को चोद सकते हैं या फिर दो पति एक दूसरे से मिलकर एक दूसरे की बीबियों को चोद सकते हैं? क्या बात करते हो? अगर ऐसा हो तो फिर शादी का वजूद ही क्या रह जाता है?”
राज ने रानी की बात का कोई जवाब नहीं दिया। रानी ने राज को सीधा सटीक जवाब तो दे दिया, पर उसके मन में इस वार्तालाप से जरूर एक आशंका जगी, की कहीं उसके पति के मन में उसको कमल भैया से चुदवाने की इच्छा तो नहीं?
यह सोचते ही रानी के मन में एक अजीब सा तूफ़ान उमड़ने लगा। हालांकि रानी ने उस विचार पर उस समय ज्यादा ध्यान नहीं दिया और फ़ौरन उसे अपने मन से खारिज कर दिया।
लोग अक्सर अपनी शादी शुदा जिंदगी की नाजुक बातें छुपा के रखते हैं। पर राज और कमल फ़ोन पर अपने निजी वैवाहिक जीवन के बारे में अक्सर बात किया करते थे।
खास तौर पर राज कमल को अक्सर फोन किया करता और अगर कोई नयी ताज़ी बात हो तो बताने में संकोच नहीं करता था।
उसने बचपन से ही तय किया था की कमल उसका दुसरा रूप है। वह कमल से कुछ भी छिपाना नहीं चाहता था।
कमल यह समझ नहीं पाया की क्या राज कमल को सारी बातें बता कर अपना छोटे भाई का फर्ज निभा रहा था या फिर उसकी कुछ और मंसा थी।
कमल राज और रानी की गोपनीय बातें सुनकर बड़ा उत्तेजित हो जाता था। रानी पर कमल वैसे ही फ़िदा था, हालांकि वह अपने आप को बड़ा नियत्रण में रखता था।
जब राज कमल को फ़ोन पर उसकी और उसकी बीबी रानी के सेक्स की बातें बताता था, तो कमल का लण्ड खड़ा हो जाता था और कमल बगैर रुके अपने हाथों से ही मुठ मारकर अपना माल निकाल लेता था, या फिर अपनी बीबी कुमुद पर उस रात कहर ढा देता था।
हालांकि कमल की बीबी कुमुद, कमल को राज और कमल के बिच फ़ोन पर होती बातों के बारे में ज्यादा कुछ पूछती नहीं थी, पर जब कमल राज के साथ फ़ोन पर बात करता था और वह पास ही होती थी, तो सुनकर थोड़ा बहुत समझ जाती थी की दोनों दोस्तों के बीच में क्या बातें हो रही थीं।
कमल भी कुमुद को बताता था की उनकी क्या बात हो रही थी। कमल की बात सुन कर कुमुद आश्चर्य में पड़ जाती थी, की उनकी दोस्ती इतनी गहरी थी की एक दूसरे को इतनी निजी गोपनीय बातें बताने में दोनों दोस्तों को कोई ख़ास झिझक नहीं होती थी।
खैर, उसे उनकी दोस्ती के बारे में तो पहले से पता तो था ही।
राज और कमल और कमल की पत्नी कुमुद और राज की पत्नी रानी भी फ़ोन पर एक दूसरे से बात करते रहते थे।
कुछ समय बाद कमल के मन में यह स्पष्ट हो गया था की राज की नजर उसकी बीबी कुमुद पर कुछ ज्यादा ही थी। कमल तो खैर राज की पत्नी रानी पर पहले से ही फ़िदा था।
कमल जानता ही था की रानी भी उसे पसंद करती थी। फ़ोन में दोनों एक दूसरे की बीबी के साथ हल्का फुल्का मजाक जरूर कर लेते थे बस। पर बात उससे आगे नहीं बढ़ी।
एक बार कमल और कुमुद अपने गाँव जाते हुए राज के यहां एक दिन रुके। तब कमल ने महसूस किया की कुमुद को देखकर राज भी कुछ ज्यादा ही उत्तेजित हो रहा था।
कमल को लगा जैसे राज को कुमुद का बदन (वह पतली और सुडौल थी), उसका पहनावा, उसकी चालढाल उसका मुस्काना खूब पसंद आता था।
शायद राज सोच रहा होगा की कमल की पत्नी कुमुद राज के ही टाइप की है।
जब कमल ने राज को कुमुद को ताकते हुए पकड़ा, तो एक आँख मारकर उसे चिढ़ाया। कमल की आँखों का इशारा देख कर राज सहम गया और उसने बरबस अपनी निगाहें कुमुद के बदन से हटा ली।
ऐसे ही बातों में मुलाकातों में धीरे धीरे दोनों जोड़ी के बिच आपसी सम्बन्ध गहरे होते चले गए।
शादी के करीब दो साल बाद राज का मुंबई जाने का प्रोग्राम बना। राज के आने की खबर सुनते ही कमल ने आवभगत की तैयारियां शुरू कर दी।
कमल बार बार अपनी बीबी कुमुद से कहने लगा, “डार्लिंग राज मेरी जान है। वह मेरा दोस्त और भाई नहीं वह मेरा सब कुछ है। जितना मैं तुम्हें चाहता हूँ उतना ही या शायद उससे ज्यादा मैं राज को चाहता हूँ। राज की आवभगत मैं कोई कसर नहीं होनी चाहिए।”
कुमुद भी जानती थी की राज कमल की जान है। कुमुद को भी तो राज की सभ्यता और शर्मीलापन खूब पसंद था। राज की चोरी छुपी नजरें कुमुद भी भांप गयी थी।
कमल ने मुंबई में एक छोटा सा फ्लैट ख़रीदा था। राज सबेरे ही कमल के घर पहुँच गया और अपनी आवभगत देख कर खुश हुआ।
कमल की बीबी कुमुद पहले से ही भजन कीर्तन में कुछ ज्यादा ही विश्वास रखती थी। उन्होंने एक छोटा पर खूबसूरत मन्दिर रसोई घर में ही सजा रखा था।
उस शाम, कमल कुछ सामान खरीदने बाहर निकला था। वापस आते हुए कमरे में दाखिल हो रहा था की कमल ने देखा की राज एक कोने में बैठे हुए कमल की बीबी कुमुद को ताड़ रहा था, जो की उस समय दूसरे कमरे में फर्नीचर की डस्टिंग कर रही थी।
कुमुद ने चुन्नी नहीं डाली थी और अपना घाघरा अपनी जाँघों पे चढ़ा कर वह सफाई के काम में तल्लीन थी। वह राज की हाजरी से बेखबर सफाई में लगी हुई थी और कोई गाना हल्के हल्के गुनगुना रही थी।
कमल ने तब राज की आँखों में जो भाव देखे, तो कमल समझ गया की उसकी बीबी को देख कर राज के मन में कुछ कुछ जरूर हो रहा था।
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