Purana Pyaar, Chudai Ki Bahaar – Episode 5


मेरी इस हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी के पिछले एपिसोड में अपने पढ़ा, की मैं, मेरा पुराना यार और मेरी भाभी और पति देव, एक ही कमरे में मास्क पहन कर एक दुसरे की चुदाई करने को तेयार हो गए थे, अब आगे..
उन दोनों मर्दो ने ऐसा मास्क पहना था जिसमे नाक के नीचे के हिस्सा कवर नहीं था जब कि लड़कियों के मास्क में पूरा चेहरा कवर था।
जिससे वो लोग हमें चुम पा रहे थे पर हम कुछ चूसने का मजा नहीं ले सकते थे। एक तरह से अच्छा भी था मेरी पहचान पूरी छुपी रहती।
उन दोनों की चुम्मा चाटी चालू ही थी कि संजू का फ़ोन बजा। उसने किसी से कहाँ कि “आ जाओ, मैं यही हु”।
मेरे पति ने चाटना बंद किया और हम तीनो संजू की तरफ देखने लगे।
पति ने पूछा “कोई आ रहा हैं क्या यहाँ?”
संजू ने भाभी की तरफ देखा और पूछा “ये जीन्स की पैंट किसने खरीदी?”
भाभी ने जवाब दिया कि उनके पति ने खरीदी हैं।
संजू ने बोला कि “तो इसको निकाल देते हैं”।
संजू ने अब भाभी की पैंट और पैंटी निकाल दी और बोला कि आपके पति अमित यही आ रहे हैं तो आपकी पैंट पहचान जायेंगे, इसको छुपा दो कही।
हम तीनो घर वाले बिस्तर से उछल कर नीचे आ खड़े हुए।
भाभी ने पूछा “क्या मजाक हैं ये?”
संजू ने कहाँ “डरो मत तुम लोगो ने मास्क पहन रखा हैं। सुबह अमित फ़ोन पर बोल रहा था कि फंक्शन में काम करके बहुत थकान हो गयी तो मैंने उसको यहाँ आने को बोल दिया। भाभी तुम चिंता मत करो अपने पति की आँखों के सामने किसी से चुदवाने का मजा ही कुछ ओर होता हैं, उसके बारे में सोचो। आज इस चीज के भी मजे लेके देखो।”
भाभी एक दम तनाव में आ गयी साथ में मेरे पति भी। उनका तो आधा मास्क भी नीचे से खुला था।
मगर सबसे ज्यादा अगर कोई तनाव में था तो वो थी मैं। ये सोच कर ही मैं सिहर उठी कि मैं अपने ही भाई के सामने नंगी होउंगी। और अगर उसने मुझे यहाँ वहा हाथ लगा दिया तो गजब ही हो जायेगा। और अगर उन्होंने अनजाने में ही सही मेरे साथ कुछ करने की कोशिश कि तो पाप हो जायेगा।
मैंने तुरंत कुर्ता उठाया और कमरे से बाहर जाने लगी। संजू ने मेरा हाथ पकड़ कर रोक लिया। पति और भाभी आश्चर्य से देखने लगे कि इस अनजानी लड़की को क्या हो गया। भागना तो उन दोनों को चाहिए था।
संजू ने मुझको रोकते हुए कहा, “घबराओ मत तुमने भी मास्क पहन रखा हैं। अगर तुमको उस नए बन्दे से नहीं करवाना तो मैं संभाल लूंगा। जब तक तुम इस कमरे में हो तब तक ही तुम्हारी पहचान सुरक्षित हैं, बाहर गयी तो मेरी गारंटी नहीं।”
मैं उसके शब्दों में छुपी चेतावनी समझ गयी। मेरे पास रुकने के अलावा कोई चारा नहीं था।
संजू ने मुझको बोला कि भाभी की पहचान छुपाने में मदद करू। संजू ने बोला कि अमित पांच मिनट में आने वाला हैं। सब बिंदास मजे लेते रहो कोई पकड़ा नहीं जायेगा।
मेरी तरह मैंने भाभी का भी मेकअप और बाल थोड़े अलग किये। अपने आप को आईने में देखने के बाद भाभी बहुत कॉंफिडेंट नजर आयी। भाभी बहुत उत्साहित थी, शायद काफी समय से वो ऐसा कुछ करना चाह रही थी।
थोड़ी देर में डोर बेल बजी, संजू ने एक और मास्क बैग से निकाला और बाहर अमित को लेने गया। मैं थरथर कांप रही थी। अपने लालच की वजह से मैं इस शर्मनाक स्थिति में फंस चुकी थी। मैंने शर्म के मारे अपने कुर्ते से सीना ढक लिया।
संजू और अमित मास्क पहने हुए कमरे में आये। संजू ने फर्जी नामों से सबका परिचय कराया।
संजू बोला एक के ही दर्शन करने को मिलेंगे दूसरे का नहीं?
अमित आगे बढ़ कर मेरे कपडे निकालता, उसके पहले ही संजू आगे बढ़ा और मेरा कुरता मुझसे छीन लिया। घबराहट से मेरा चेहरा पूरा पसीना पसीना हो गया।
संजू ने अब मेरे सलवार का नाड़ा खोलते हुए उसको पैंटी सहित पैरो से बाहर निकाल दिया।
मैंने दोनों पांवो को तुरंत बंद करते अपना अंग छुपा लिया। संजू ने भाभी को मेरे पास बैठा दिया। तीनो मर्द अब हमारे सामने आ खड़े हुए। संजू ने दोनों लड़कियों को पाँव चौड़े कर अपनी चुत दिखाने को कहा।
भाभी ने दोनों पाँव चौड़े कर अपनी चुत खोल दी। बारी बारी से संजू और अमित ने अपनी उंगलिया उनकी चुत पर फिरा निरिक्षण किया।
संजू ने मुझे भी पाँव खोलने को कहा पर मैंने ऐसा नहीं किया। उसने अब आगे बढ़ कर जबरदस्ती मेरा एक पाँव पकड़ हटाने की कोशिश की, दुसरा पाँव अमित ने पकड़ा और दोनों ने विपरीत दिशा में पाँव को हटाते हुए मेरी चुत खोल दी।
अमित ने अपनी ऊँगली मेरी चुत पर घुमाई। मेरा दिल धक् से रह गया। ये क्या अनर्थ हो गया। इस चीज की मैंने कभी कल्पना भी नहीं की थी।
मैंने जोर लगा के फिर पाँव जोड़ने की कोशिश की पर अमित वहाँ उंगलिया फेरता रहा। संजू ने फिर मेरा पैर छोड़ा और अमित को भी जाने देने को कहा। अमित ने मुझे छोड़ा और मेरी जान में जान आयी।
उन्होंने हम दोनों लड़कियों को बिस्तर के कोने पे, पाँव घुटनो के बल मोड़ कर उल्टा बैठा दिया। हमारे गांड बाहर की तरफ थी इस पर वो लोग बारी से चमाट मार रहे थे। बीच बीच में जोर से पड़ रही थी जिससे दर्द के मारे मेरी और भाभी की चीख निकल रही थी।
उन तीनो मर्दो ने अब अपने सारे कपडे निकाल दिए। संजू ने बैग से ढेर सारे कंडोम निकाले और साइड टेबल पर रख दिए, उन तीनो ने एक एक कंडोम पहन लिया।
संजू ने अमित को बोला कि वो भाभी का मजा ले और वो मेरी लेगा। मेरे पति दोनों में से किसी का भी साथ दे सकते हैं।
अमित बोला ये गलत हैं, सबको सबके साथ मौका मिलना चाहिए।
संजू ने कहा बाद में देखते हैं, पहले शुरू तो करो। पति ने मुझे चुना क्यों कि भाभी को तो उन्होने कल रात को ही चोदा था।
मैं और भाभी अभी भी उसी पोजीशन में थे। उन्होंने हम दोनों को डॉगी स्टाइल में बैठाया।
संजू मेरे पीछे आया और अमित भाभी के पीछे और एक साथ दोनों ने हमारी चुत में प्रवेश किया। इतने तनाव के बाद लंड अंदर घुसते ही जैसे मुझे बहुत चैन मिला।
पति आगे से मेरे दोनों हाथों के गेट के अंदर अपना मुँह घुसा कर मेरे लटकते स्तनों को अंगूर की भांति चूसने लगे। मेरी तो सिसकिया निकलने लगी। मैं आँखें बंद कर इसका आंनद लेने लगी।
संजू और अमित इतना जोर से चोद रहे थे कि उनके शरीर के हमारे नितम्बो से टकराने की मुझे जोर जोर की थाप थाप की आवाज रही थी।
मैं तो उन जोर के झटको को महसूस भी कर पा रही थी। संजू का लंड मेरी चुत को रगड़ते हुए जोर जोर से अंदर बाहर हो रहा था।
पति मेरे स्तनों को छोड़ कर थोड़ा ओर अंदर खिसके और अपने मुँह से मेरे पेट को चूमने और चाटने लगे, साथ ही अपने हाथों से मेरे दोनों मम्मो को दबाने लगे।
कुछ मिनटों तक मेरे ऐसे ही मजे लेने के बाद पति ने अब भाभी की तरफ रुख किया।
पति ने अपना एक हाथ भाभी की कमर और पीठ पर तो दूसरा भाभी के पेट और मम्मो पर एक साथ फेरने लगे। मम्मो पर हाथ आते ही वो उनको दबा भी लेते और फिर फेरते हुए पेट की तरफ जाते।
मेरे पति ने बोला “अब कोई छोडो मुझे भी मौका दो अंदर डालने का।”
संजय ने बोला इधर आओ और मुझे चोदना छोड़ा। संजू अब नीचे लेट गया और मुझे उसके ऊपर उलटा लेटने को कहा।
मैं उसके ऊपर पीठ के बल लेट गयी, संजू ने अपना गीला लंड मेरी गांड के छेद में डाल दिया। मेरी भी अब प्रैक्टिस हो चुकी थी गांड में लेने की तो ज्यादा दर्द नहीं हुआ।
पति ने अब मेरी टाँगे चौड़ी की अपने हाथ को मेरी चुत पर और दरार में फेरने लगे। थोड़ा आगे बढ़कर अब होने अपना कंडोम लगा लंड मेरी चुत में उतार दिया।
मेरे दोनों छेद भरते ही उन दोनों ने आगे पीछे झटके मारने शुरू कर दिए। मैं अपने दोनों छेदो में मोटे लंड की रगड़ को महसूस करते ही पागल हुए जा रही थी।
संजू शिकायत कर रहा था कि पति की गोटिया उसके लंड से भी टकरा रही हैं। बहुत देर तक हम लोग इसी स्तिथि में चुदने के मजे लेते रहे।
उधर भाभी की जोर जोर की आ आ आ ऊ ऊ ऊ की आवाजे लगातार आने लगी। लगता था जैसे वो झड़ने वाली थी। संजू ने अमित को रुकने के लिए बोला कि भाभी को वो झड़ायेगा।
पति ने और संजू ने अपना लंड मेरे छेदो निकाला और हटे। उधर अमित ने भाभी को चोदना बंद किया, वैसे ही भाभी के आवाजे निकलनी बंद हो गयी।
संजू ने अपना कंडोम बदला और अमित की जगह ली। अब उसने अपना लंड भाभी की चुत में घुसा चोदना शुरू किया। भाभी की बंद हुई टेप एक बार फिर शुरू हो गयी।
अमित ने भाभी के लटकते मम्मो को दबाना शुरू कर दिया। जैसे जैसे भाभी की सिसकारियां बढ़ती गयी, संजू ने और जोर के झटके मारना शुरू कर दिया।
फचाल फचाक की आवाजे गूंजने लगी सबका ध्यान भाभी की तरफ गया। वो बुरी तरह से चिल्ला रही थी। उनका तो जैसे एक सपना पूरा हो रहा था।
उनका पति उनको सहला रहा था, जबकि दुसरा मर्द उनके पति के सामने उनको जम कर चोद रहा था। भाभी अब संजू को ललकार रही थी, चोद जितना दम लगा के चोद सकता हैं मेरा पति कुछ नहीं कर सकता तेरा।
अमित भी बोल रहा था लगता हैं बहुत भरी भराई बैठी हैं ये अपने पति से, चोद संजू इसकी चुत इतनी जोर से की इसका पति इसकी चुत देखे तो आगे से चुदने के लिए इसको तेरे पास ही भेजे।
अगले कुछ मिनटों में संजू ने चोद चोद कर भाभी का सब रस निकाल दिया। भाभी चीखते चिल्लाते हुए झड़ गयी। वो थक हार के वही झुक गयी पर संजू इतना जोश में था कि भाभी को चोदता ही रहा।
उसने अब भाभी को बोला कि देखता हु तेरा पति कैसे तुझे मेरे से चुदने से बचता हैं। हर बार ये ले.. ये ले बोलते हुए अंदर जोर के झटके मारने लगा और बोला बुला अपने पति को।
इतने जोर के अंदर पड़ते झटको से भाभी दर्द के मारे कराहने लगी। संजू ऐसे ही चिल्लाते हुए झड़ गया।
झड़ते हुए वो भाभी को धक्का देते हुए उन पर लेट गया और लेटे लेटे ही कुछ ओर आखिरी के झटके मारते हुए अपना रहा सहा पानी भी कंडोम में निकाल दिया।
संजू और भाभी के धराशाई होते ही अमित अब मेरे और पति की तरफ मुड़ा। हम दोनो का धीरे धीरे चोदते हुए सारा ध्यान भाभी और संजू के बीच हुए घमासान पर ही था।
अमित पति को बोला अब मुझे भी मौका दो इसे चोदने का। मैं डर गयी कि ये पाप नहीं होना चाहिए। संजू को मुझे बचाना चहिए पर वो तो गिरा पड़ा था।
मेरे मन में बस यही चल रहा था, की अब क्या होगा?
आपको मेरी अब तक की हिन्दी ग्रुप सेक्स स्टोरी कैसी लगी? मुझे कमेंट्स में बताइए, ताकि अगला एपिसोड जल्द ही आपके लिए पेश कर सकूँ।

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