Pooja Ki Pooja – Episode 1


क्या सुन्दर उभरे दिखते हैं दूध भरे यह वक्ष तुम्हारे जो
जब हाथ हमारे मसलेँगे तब हाल तुम्हारा क्या होगा?
यह बॉल बड़े चिकने कोमल कैसी होंगी उनपर निप्पल?
उड़ गए होश स्तन को निहार, जब होँठ चूमेंगे क्या होगा?
साडी में लिपटी है तेरी यह गाँड़ सुहानी मतवारी
उसके गालों के बिच दिखे दरार तेरी दैय्या भारी
चूत भी हलकी सी उभर रही जाँघों बिच मधुर रसीली सी
जब डालेंगे लौड़ा उसमें तब हाल तुम्हारा क्या होगा?
दो साल नौकरी करने के बाद मैं उन दिनों मैं मुंबई में अच्छा खासा अपना निजी काम कर रहा था। मैं अपने ही बलबूते पर छोटी मोटी फिल्मों में आर्ट डायरेक्शन कर रहा था और कुछ एड फ़िल्में भी बनाता था। ठीक ठाक कमाई करने के बाद मैंने एक अच्छी सोसाइटी में किराए पर फ्लैट भी ले रखा था।
काफी अच्छा बिल्डिंग काम्प्लेक्स में पांचवी मंजिल पर रहता था। मेरी पत्नी नीना भी एक स्कूल में नर्सरी क्लासेज पढ़ाती थी। हमारा एक बेटा चार साल का था उसे साथ स्कूल ले जाती और वापस ले आती। चंद सालों में मुम्बई हमको जम गयी थी।
वैसे ही एक दिन लिफ्ट में निचे जाते हुए राज से मुलाक़ात हो गयी। वैसे तो हम हिंदुस्तानी अजनबी से हेलो हाय करने से कतराते हैं; पर एक बार जान पहचान हो जाए तो सारी कसर भी निकाल लेते हैं। एक दिन लिफ्ट में घुसते हुए राज का बटुआ निचे गिर गया और मैंने उसे उठाकर राज के हाथ मैं सौंपा। बस वहाँ से हमारी बातचीत और दोस्ती का सिलसिला शुरू हुआ। राज ने मेरे फ्लैट का नंबर पूछा और मैंने उसके फ्लैट का।
वैसे ही दो तीन बार लिफ्ट में ही मुलकात होते होते पता चला की राज के ससुर भी वहीँ रहते थे जिस शहर से मैंने ग्रेजुएशन किया था। मैंने बातों बातों में उसे कहा की मुझे गुजराती खाना बहुत पसंद है तो राज ने पट से जवाब दिया की उसकी पत्नी गुजराती खाना बहुत अच्छा बनाती है। हम जब भी मिलते, राज मुझे अपने घर आने का आग्रह करता। दूर तो कहीं जाना नहीं था। हम एक ही सोसाइटी में एक ही ब्लॉक में अलबत्ता अलग अलग मंजिल पर रहते थे। मैं पांचवी मजिल पर था और वह दूसरी पर।
एक दिन जब हम शाम को ऑफिस से वापस आते हुए फिर लिफ्ट में मिल गए तो उसने मेरा हाथ थामा और मुझे जबरदस्ती करने लगा की मैं उसके घर थोड़ी देर के लिए ही पर चलूँ। उसका आग्रह देख कर मैं भी दूसरी मंजिल पर उतर गया और राज के साथ उसके फ्लैट पर पहुंचा। राज ने जब घंटी बजायी तो उसकी पत्नी ने दरवाजा खोला और मैं राज के साथ उसके फ्लैट में दाखिल हुआ।
जब मेरी मुलाक़ात राज ने अपनी पत्नी से कराई तो मैं उसे देखते ही दंग रह गया। पहले तो मैं समझ ही नहीं पाया की मेरे सामने शायद वही पूजा खड़ी थी जो सालोँ पहले कॉलेज में मेरी काफी अच्छी दोस्त थी। बापरे! कहाँ वह पूजा और आजकी पूजा? हालांकि उसका बच्चे जैसा चेहरा, उसके कसे हुए बॉल (स्तन), उसकी हलकी सी मोटी उभरी हुई गाँड़ और उसके घुंघराले घने बाल बिलकुल वैसे ही थे। बल्कि उसकी छाती पर स्थित उस के गुम्बज पहले से कहीं ज्यादा फुले हुए दिख रहे थे।
पर वह पूजा एक बच्ची सी स्कर्ट या सलवार कुरता पहने हुए चुलबुली, शरारती, बार बार अपनी उँगलियों से अपने गाल पर लहराती हुई जुल्फ को ठीक करती हुई लड़की और कहाँ आज की गंभीर, साड़ी में सुसज्जित, ललाट पर खूबसूरत बिंदी और मांग में सिंदूर की लालिमा वाली पूजा!
काफी एकरूपता थी पर काफी फर्क भी था। और फर्क तो होना भी था। करीब सात साल बीत चुके थे और अब वह नवजात शिशु की माँ जो थी!
मैंने जब उसे, “क्या तुम पूजा ही हो?” पूछा तो वह मुझे देखती ही रही। फिर धीरे से बोली, “कहीं तुम वही अनूप तो नहीं?”
राज मेरी और अपनी पत्नी की और बड़े आश्चर्य से देखता रहा और बोला, “अरे तुम एक दोनों को पहले से जानते हो?”
मैंने कहा, “जानते हैं? पूजा तो कॉलेज में मेरी गर्ल…..” बोल कर मैं रुक गया। मैं बोलने वाला था की “पूजा मेरी गर्ल फ्रेंड हुआ करती थी।” पर अचानक मुझे ध्यान आया मैं पूजा के पति के सामने खड़ा हूँ और मेरे और पूजा के साथ को सात साल गुजर चुके हैं। अब उसे याद करने से कोई फ़ायदा नहीं था।
मैंने अपने आपको रोकते हुए कहा, ” मेरा मतलब है पूजा कॉलेज की सबसे खुबसुरत गर्ल हुआ करती थी।”
जिस समय मैं पूजा से मिला तो वह छह महीने के बच्चे की माँ थी। अभी पूजा का बच्चा माँ का दूध पिता था तो जाहिर है पूजा के उरोज, जैसे कोई रग्बी खेल का आधा कटा हुआ बॉल हो; दूध से भरे हुए फुले थे। पूजा के स्तनोँ को देखते ही मरे पाँव ढीले पड़ गए। पूजा के बॉल वैसे ही बड़े भरे और सुन्दर थे। भरे हुए दूध के कारण उसके स्तन और भी फुले हुए गुम्बज के समान दिख रहे थे। मेरी नजर बार बार उन गुम्बजों पर ही अटक जाती थी।
बड़ी मुश्किल से मैंने वहाँ से अपनी नजर हटाई। शायद राज ने यह देख लिया था। उसने मुस्करा कर कुछ शरारती अंदाज में मुझ से पूठा, “कहीं पूजा कॉलेज में तुम्हारी गर्ल फ्रैंड तो नहीं रही? कहीं तुम ने उसे कॉलेज में पटा तो लिया तो नहीं था? भाई आप दोनों आज मेरे सामने हो। मुझे बिलकुल बुरा नहीं लगेगा अगर तुम दोनों बॉय फ्रेंड गर्ल फ्रैंड रहे हों तो भी। बल्कि मुझे तुम्हारी प्रेम कहानी और उस दरम्यान हुए सारे हादसों को सुनने की बड़ी इच्छा है।
पूजा ने फ़ौरन बिच में बोला, “क्या बकवास कर रहे हो तुम? हम ना तो गर्ल फ्रेंड बॉय फ्रेंड थे और ना तो हमारे बिच ऐसा कुछ हुआ था। बस कॉलेज में हम सिर्फ एक दूसरे को जानते थे और दोस्त थे। वह भी कुछ महीनों के लिए ही।”
मैं भी तुरंत बिच में दखल देते हुए बोला, “पूजा सच कह रही है। पूजा मेरी दोस्त जरूर थी पर हम सिर्फ दोस्त ही रहे हैं। ऐसा कोई रिश्ता हमारे बिच रहा ही नहीं।”
पूजा ने कहा, “हाँ अनूप एक लाजवाब कलाकार था और उसने मेरी काफी मदद की थी। उसने मेरे प्रोजेक्ट्स के जर्नल बनाये थे। वह कॉलेज में ही एक कलाकार के नामसे फेमस हो गया था।”
राज ने मेरी और देख कर आश्चर्य और प्रशंशा के भाव से देखा और बोला, “अच्छा? भाई आप तो बड़े ही चालु कलाकार निकले।”
मैं कहा, “छोडो यार मेरी फिल्म ना उतारो। मैं एक साधारण कलाकार हूँ।”
पूजा ने मुझे पूछा, “अच्छा अनूप यह तो बताओ, अब तुम क्या कर रहे हो?”
मैंने कहा, “मैं फिल्मों में आर्ट डायरेक्टर का काम कर रहा हूँ। कुछ छोटी मोटी फ़िल्में भी की है मैंने। साथ में फैशन फोटोग्राफर भी हूँ मैं। मैंने कुछ एड फ़िल्में भी बनायी हैं।”
“बाप रे! तुम तो यार कमाल के निकले! आज तक मैंने कोई कलाकार या फिल्म वाले को साक्षात देखा ही नहीं, मिलना तो दूरकी बात है। फिर तो तुम मॉडलों के फोटो भी लेते हो?” राज ने पूछा।
“हाँ, लेता हूँ।” मैंने कहा।
“तो भाई मेरी बीबी पूजा की भी एक ऐसी तस्वीर लो की सब देखते ही रह जाएँ। आखिर वह देखने में क्या खूब सूरत नहीं?” राज ने मुझे पूछा।
पूजा ने अपने पति से नकली गुस्सा दिखाते हुए कहा, “राज तुम यह क्या बकवास कर रहे हो? मैं एक सीधी साधी औरत, शादी के चार सालों के बाद भला क्या मॉडल बनूँगी?”
मैं कुछ सोच कर बोला, “ऐसी बात नहीं है पूजा। शादी के बाद क्या लडकियां मॉडल नहीं बन सकतीं?”
पूजा ने इस दलीलों की खीच खीच मैं नहीं पड़ते हुए कहा, “अब छोडो इन बातों को। यह बताओ की खाना कब खाओगे? अभी या कुछ देर बाद?”
राज ने कहा, “भाई खाने की क्या जल्दी है? अभी तो हम बैठेंगे, कुछ ड्रिंक ब्रिंक्स लेंगे फिर खाना खायेगे।”
पूजा ने कहा, “हाँ यह ठीक है। चलो आप बैठिये और अपना ड्रिंक्स ब्रिंक्स लगाइये। मैं कुछ स्नैक्स तैयार करती हूँ।”
पूजा रसोई की और जब जाने लगी तो उसके पिछवाड़े की उसकी गाँड़ की चाल की लटक बिलकुल वैसी ही थी जैसी की मैंने पहले कई बार देखि थी। बल्की मुझे ऐसा लगा की शायद पूजा के कूल्हे कुछ और सुहावने हो गए थे, और वह वापिस जाती हुई अपने कूल्हों को कुछ और भी नाटकीय अंदाज से मटका कर मुझे कुछ इशारा कर रही थी।
लेकिन राज कहाँ उस बात को बिच में छोड़ने वाला था? उसने पूछा, “अनूप यार अगर तुम समझते हो की पूजा भी मॉडल बन सकती है, तो क्या तुम उसे मॉडल बना सकते हो?”
मैंने कहा, “देखो राज, मॉडल बनाया नहीं जा सकता। इंसान अपने आप मॉडल बनता या बनती है। अपने अंदर इसका जज्बा या इसकी लगन होनी चाहिए। मॉडल बनने में लड़कियों को क़ुरबानी देनी पड़ती है; कुछ सैक्रिफाइस करना पड़ता है। हरेक लड़की मॉडल नहीं बन सकती। मॉडल बनने में सबस पहले शर्म को छोड़ना पड़ता है। अक्सर लडकियां अपना पोज़ देने में शरमातीं है। कई बार कम कपड़ों में पोज़ देना पड़ता है। कई बार दूसरे मर्द से लिपट कर प्यार भरे अंदाज में पोज़ देना पड़ता है। यह काम हर औरत के लिए आसान नहीं होता।”
राज ने पूजा की और देख कर कहा, “मेरी पूजा यह सब कर सकती है। उसने मुझे एक बार कहा था की वह एक अच्छा मॉडल बन सकती है।”
राज ने फिर किचेन के रास्ते में जाते हुए हमारी चर्चा सुनकर चुपचाप खड़ी हुई पूजा की और मुड़कर उसे पूछा, “पूजा अगर तुम कहो तो तुम्हारे वह फोटो मैं अनूप को दिखाऊं जो तुमने मेरे लिए ख़ास पोज़ करके दिए थे?”
पूजा ने विरोध करते हुए कहा, “नहीं राज, वह फोटो अनूप को मत दिखाना। वह सिर्फ तुम्हाए लिए हैं।”
राज ने टेबल पर अपने हाथ पटकते हुए कहा, “यह गलत है। एक बार तो तुम कहती हो मुझे मॉडल बनना है, और दूसरी तरफ तुम अपने फोटो दिखाने से भी कतराती हो? यह कहाँ की बात है?”
पूजा ने झल्लाते हुए रसोई की तरफ जाते हुए कहा, “ठीक है। तुम्हारी मर्जी। करो अपनी बीबी का अंग प्रदर्शन अगर उसमें तुम्हें आनंद मिलता है तो।”
राज ने कहा, “आनंद की बात नहीं है। यह तो हम प्रोफेशनल बात कर रहे हैं। अगर अनूप को तुम्हारे यह फोटो पसंद आये तो वह तुम्हें मॉडल की दुनिया में लॉन्च भी कर सकता है। क्यों अनूप मैं सच बोल रहा हूँ या गलत?”
मैंने पटाक से जवाब दिया। “बिलकुल सच। बशर्ते की पुजा वास्तव में मॉडल बनना चाहती हो तो और अगर तुम्हें उस के लिए कोई एतराज ना हो तो।”
मैंने राज का हाथ पकड़ कर उसे निचे सोफा पर बिठाते हुए कहा, ” राज, यार समझो! हमारी औरतें यह सब काम नहीं कर सकतीं। दूसरी लेडीज में और मॉडल में यही फर्क है। मॉडल दूसरों के लिए पोज़ देतीं हैं जब की हमारी लेडीज या तो कोई पोज़ देती ही नहीं या फिर सिर्फ अपने पति के लिए ही पोज़ करतीं हैं।”
राज मेरी बात सुनकर किचन की और देखने लगा पर कुछ बोला नहीं।
पढ़ते रहिएगा.. क्योकि यह कहानी आगे जारी रहेगी!
[email protected]

शेयर
kaama kathaikalhoneymoon sex in goameri maa meri jaansunita bhabhi comsexy story bfsexy kahani picsexy chut indianporn bengali storynew deshi sexsex uncledidi ki shadisex ki kahani hindihindi esx commera parivar in hindimature aunty sex storiesgand fbwww desi hot combhai behan ki chudai comantarvasna latest sex storieshindhi sexy khanitamil sex stories download in pdfmast story in hindiphone par sexcudai storykannada stories sexreal hindi sextamil latest hot storiesindian www sexgroup sex kathaindian desi fuckold tamil kamakathaikaldesi bhabhi ki chutodia bhai bhauni sex storyindian erotica storiesindian sex tamil storiesindian sex stories xossipbehan ko peladesi sx stryjawani chutschool hot sexbhabhi n devargand chodमाँ बहन की चुदाईsuhagraat ki hindi kahanihot chut chudaisex kahaniya hindichodvani storymaa storyjija saali sex storychoti ladki ki gand maridesi men gaybhabhi ki suhagraat ki kahanidesi dada comsex chudaiwww desi kahani netamma kamakathaigalchoti behan kobiwi ke sath sexsex chat nowreal indian teen porndehli sex chatsardi me sexचुदाइ कि कहानिsexy and hot storygand me injectiondesi cuckold storiesdesi hindi hot sexdost ki randi maadeepika ki chudaidost ki maa ko chodawww indian desi sex stories comlong desi sex stories