नमस्ते दोस्तों मैं रीना (असली नाम हर्ष) आपका स्वागत करती हूँ मेरी जीवन की सच्ची घटनाओ की दुनिया में. मैं अपने जीवन के सभी समलैंगिक रिश्तो और खेलो के बार्रे में विस्तार से बताउंगी.जैसा आप लोग समझ गए होंगे की मैं एक लड़का हूँ पर मेरी आत्मा,मेरा दिल और मेरा मन एक औरत का है और खुद को मेने रीना नाम दिया हुआ है.
मेरी कहानी शुरू करते हुए अपनी पहेली कहानी आप सब के बिच रख रही हूँ आशा करती हूँ आपको पसंद आएगी. तो अपनी पहेली कहानी में मैं बताउंगी मुझे कैसे पता चल की मेरा तन मर्दो का है लेकिन मन औरत का है.
ये उन् दिनों की बात है जब मैं १२ व्ही कक्षा में थी और मेरी उम्र १८ साल पार गयी थी और मेरे परिवार वालो को २ दिन के लिए बहार जाना था और क्यूंकि मेरी पढाई थी इसलिए मैं घर पर रुक गयी और बाकि सब चले गए.
अकेले होने पर मुझे एक अजीब सी आज़ादी लग रही थी और मेने सुबह उठ कर सबसे पहले अपने लिए नाश्ता बनाया और खा कर मैं नाहा कर अपने रूम में गयी और टॉवल बिस्तर पर फेक दिया और फिर शीशे के सामने खुद के शरीर को ध्यान से देखने लगी.
मेरा शरीर जो मर्दो का था लेकिन उस में मर्दो वाली सिर्फ एक बात थी और वो था मेरा छोटा सा लिंग जिस के आस पास ठीक से बाल भी नहीं थे
फिर मैंने अपने दोनों हाथो को ऊपर किया तो मेरी दोनों सुन्दर और एक दम साफ़ आर्मपिट्स दिख रही थी और मुझे मन कर रहा था काश उन्हें हौले हौले चुम ले, फिर मैंने अपने दोनों निप्पल्स को हाथो से हौले हौले दबाया .. आह आ मन कर रहा था कोई इन् प्यारे प्यारे निप्पल्स को मु में ले कर एक बच्चे की तरह मेरा दूदू पि ले.
फिर मैंने अपनी एक ऊँगली अपनी नाभि में डाली और उससे हौले हौले हिलाने लगी,आअह्ह्ह सच मन कर रहा था कोई मेरी नाभि को चुम ले.
मेरा पूरा शरीर एक दम गोरा साफ़ और बिना बालो वाला था मुझे अपने इस शरीर से बहुत प्यार था और मैं अक्सर अपने हाथो और कंधो को खुद चुम लेती लेकिन उस दिन मैं सोच रही थी काश कोई और भी इनको चूमे तो कितना अच्छा लगेगा, लेकिन सोचने लगी कोई लड़की मुझे जैसे लड़के को क्यों पसंद करेगी तो मेने खुद को सवाल पूछा अगर लड़की नहीं तो कोई लड़का भी मुझे पसंद करे तो?
ये बात मेरे दिमाग में आते ही मैं मनो खुद से शर्मा गयी और मन ही मन खुस होने लगी और सोचने लगी मुझे कोई लड़का तभी पसंद करेगा जब में खुद एक लड़की बन जाऊ और लड़की बनने के लिए मुझे लड़की वाले कपड़े पहने होंगें और मेकअप करना होगा और सब कुछ लड़की की तरह ही करना होगा.
अब मुझे ये हिम्मत आयी की क्यों न आज घर में ही मैं लड़की बनु और मैं अपने पेरेंट्स के रूम में गयी और मम्मी की अलमारी खोल कर देखने लगी.
क्या पह्नु ?साडी ? या सलवार ?या मैक्सी ? फिर सोचा पूरी तरह लड़की बनना हो तो साडी ही पहने तो अच्छा होगा,बस मेने तुरंत अलमारी से मम्मी की एक ब्रा,ब्लाउज ,पेटीकोट,साडी निकाल ली और उनका मेकअप किट ले कर अपने रूम में आ गयी.
लेकिन मुझे साडी पहनने नहीं आती थी तो मेने इंटरनेट पर साडी पहनने का वीडियो देखा और फिर मेने शुरू किया अपना नया अवतार.
मैंने सबसे पहले ब्रा और ब्लाउज पहना और फिर पेटीकोट और फिर शीशे के सामने बैठ गयी और मेकअप किट खोल कर उसे में से फाउंडेशन ले कर हल्का सा फेस पर लगाया ,फिर मेने लाल रंग की लिपस्टिक लगायी और फिर आँखों में हलके से काजल.
खुद को जब देखा तो लगा की सिर्फ इतना ही करके मैं कितनी बदल गयी थी और सुन्दर भी लग रही थी बस मुझे और जोश आने लगा और मेने फिर चुडिया पहनी और पैरो में पायल भी और अंत में साडी पेहेन ली और खुद को शीशे के सामने देखा तो कुछ कमी सी लगी लेकिन तुरंत ध्यान आया और मैंने अपने अलमारी से २ जोड़ी रुमाल ले कर उन्हें गोल करके अपने दोनों साइड के ब्रा के अंदर दाल दिया और फिर से खुद को आईने में देखा तो मेरे उभरे हुए स्तन मुझे एक सम्पूर्ण नारी बना चुके थे.
तो ये थी मैं यानि रीना ,मैंने सफ़ेद रंग की ब्रा,गुलाबी ब्लाउज और पेटीकोट और लाल रंग की साड़ी पहनी थी,फेस पर हल्का सा फाउंडेशन और आँखों में काजल,होठो पर हलकी लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी.
आह्हः मुझे जीवन में इतनी खुसी कभी नहीं हुयी थी जितनी उस दिन खुद को एक लड़की बने देख कर हुयी.में बस खुद को निहार रही थी,आखिर कौन थी मैं?? मैं क्यों एक लड़की बन कर नहीं पैदा हुयी खुद को आईने में देख कर मैं सोच रही थी मुझे तो बस किसी की प्रेमिका ही बनना हैं.
अब मैं घर में घूम रही थी और मेरे पैरो की पायल की आवाज़ और हाथो की चूडियो की आवाज़ दोनों हे मुझे और जोश दिला रहे थे. मैं तो बस मन ही मन तरस रही थी कोई तो देख कर मुझे इस रूप में मुझे प्यार करे और अपना ले. मैं पूरा दिन घर में ऐसे ही रही और सब काम किया मनो में इस घर की पत्नी हूँ.
अब रात का समय था मैं खाना बना कर खा लिया और अब सोचा रात को तो रात वाले कपडे पहने चाइये न ?तो मैं सबसे बाथरूम गयी शावर लिया और बहार आकर फिर से मम्मी की अलमारी के पास गयी और वह से उनकी नाइटी ले कर अपने रूम में आ गयी.
मेने फिर से ब्रा पेटीकोट पहन ली और अपने रूमालों से स्तन बनाये और फिर नाइटी पहन ली.और अपने बिस्तर पर लेट गयी,सच एक औरत की तरह पूरा दिन बिता कर मुझे बहुत अच्छा लग रहा था,और ख़ुशी के मारे मुझे तो नींद भी नहीं आ रही थी.
मुझे और भी कुछ करना था सो मैं इंटरनेट पर ऑनलाइन हो कर इस पर सर्च करने लगी और मुझे कई सेक्स स्टोरीज, वीडियोस और फोटोज देखने को मिले और पता चला मुझ जैसे लड़के को पोर्न की दुनिया में क्रॉसड्रेसेर्स बुलाते है मुझे ये सब देख कर लग रहा था मानो में स्वर्ग में हूँ. और मैं खुश थी की आज मैं खुद को बोल सकती हूँ ” ओह्!!! तो मैं लड़की हूँ”
दोस्तों अगले दिन मेने घर पर क्या किया ये मैं इसके दूसरे भाग में बताउंगी और आशा करती हूँ पहला भाग आपको पसंद आया हो मुझे आप मेरे जीमेल पर लिख सकते है और मेरे साथ मेल पर बात भी कर सकते है.
प्लीज प्लीज जरूर लिखना मुझे, आपकी अपनी रीना!
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