Nayi Dagar, Naye Humsafar – Episode 15


ग्यारह बजे मुझे गेस्टहॉउस पहुंचना था और चिंता मेरे चेहरे पर साफ झलक रही थी।
मैंने अपनी पिछली तैयारी के हिसाब से दर्द निवारक गोली और एक्स्ट्रा कपड़े ले लिए। मैंने डॉक्टर के पास जाकर गर्भनिरोधक इंजेक्शन लगवा लिया जो मुझे गर्भवती नहीं होने देगा। मुझे वो लुब्रीकेंट जैल चाहिए था जो सैंड्रा ने इस्तेमाल किया था।
पर वो तो कोई विदेशी प्रोडक्ट था, इतना जल्दी मिलना मुश्किल था। फिर भी मैं थोड़ा जल्दी निकली और सुपर स्टोर और मेडिकल पर गयी पर वैसा कुछ नहीं मिला। इस तरह के सामान शायद खुले में नहीं बिकते हैं, ऑनलाइन ही खरीदने पड़ते हैं शायद।
मेरी उम्मीद सैंड्रा का जैल था, वो तो वही पड़ा होगा ले लुंगी। मैं ठीक ग्यारह बजे गेस्ट हाउस पहुंची। दरवाजा जोसफ ने खोला । कपड़ों के नाम पर उसने शरीर पर सिर्फ एक बॉक्सर पहना था, उसके घर का शायद यही पहनावा था।
मुझे देख आश्चर्य करने लगा, उसे उम्मीद नहीं थी की मैं आ जाउंगी। पर मैं भी हिम्मतवाली थी, उससे घबराने वाली नहीं थी। वो दरवाजा रोक कर मुझे ही घूर रहा था, जैसे वही खड़ा खड़ा ही मुझे चोद देगा।
पीछे से सैंड्रा के बुलाने पर वो हटा और मैं अंदर आ गयी। जैक वहां नहीं था। सैंड्रा मेरे पास आयी।
सैंड्रा : “तुम पांच मिनट लेट हो। जितना हो सके जैक को अहसास दिलाना कि तुम्हे उसमे रूचि नहीं। जरुरत पड़ने पर मैं तुमको निर्देश देती रहूंगी और तुम दोनों वैसा करते रहना। जोसफ आज तुम अपना पूरा जोर लगा देना। प्रतिमा तुम जैक को यकीन दिला दो कि तुम्हे जोसफ जैसे मर्द चाहिए ना कि जैक जैसे बच्चे। ”
जोसेफ : “इसकी क्या जरुरत हैं, समझा कर भी देख सकते हैं।”
सैंड्रा : “तुम अपना दिमाग मत लगाओ, जैसा बोला हैं वैसा करते रहना। जैक के आने के बाद मुझे तुम दोनों की ना नहीं सुननी हैं। अब जल्दी शुरू करो इसके पहले कि जैक वाशरूम से बाहर आ जाये।”
मैं: “मुझे वो जैल चाहिए। ”
सैंड्रा बैडरूम में जैल लेने गयी।
जोसफ : “आर यू सीरियस? तुम अपनी इच्छा से आयी हो?”
तभी सैंड्रा आ गयी हाथ में जैल की डिब्बी लेकर और मुझे दे दिया। जोसफ फिर चुप हो गया।
सैंड्रा:”जल्दी से पोजीशन लो, जैक बाथरूम से आता होगा।”
जोसफ: “मैं किसी के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकता। क्या ये अपनी इच्छा से आयी हैं ?”
सैंड्रा: “ये मेरा आर्डर हैं जोसफ। प्रतिमा तुम्हे करना हैं या नहीं?”
मैं: “जोसफ मैं अपनी इच्छा से आयी हु, तुम मेरी चिंता मत करो। ”
जोसफ : “जैसी तुम्हारी इच्छा।”
जोसफ जब मुझसे पहली बार मिला था तो मुझे देख कर उसने गंदा कमेंट किया था और आज जब उसे मौका मिल रहा था तो वो आनाकानी कर रहा था। ये बड़ा अजीब मामला था। फिलहाल वो तैयार हो गया था। सैंड्रा ने हम दोनों को अपने कपड़े जल्दी से निकालने को कहा।
मैं मिडी ड्रेस पहन कर आयी तो मैंने एक बार में उसे नीचे से उठा ऊपर कर सर से निकाला और मैं अब ब्रा और पैंटी में खड़ी थी। जोसफ को भी सिर्फ बॉक्सर निकालना था उसने कर दिया। मेरी नजर उसके लंड पर गयी। मुझे मेरी ककड़ियो की याद आ गयी। मैं तो इस स्तिथि के लिए तैयार ही थी।
जोसफ ने मुझे पीछे मुड़ा कर सोफे के साइड से हेडरेस्ट पर झुकाया और मेरी पैंटी को निकाल दिया। फिर अपने लंड को एक डंडे की तरह इस्तेमाल करते हुए मुझे मेरी गांड पर हंटर मारने लगा। उसका लंड सच में बहुत भारी था और मेरी गांड पर पड़ते लंड रूपी हंटर से चटाक चटाक की आवाजे आने लगी।
उस मार से हल्का मीठा दर्द भी हो रहा था। थोड़ी देर चटाके मारने के बाद उसने मुझे सीधा कर दिया। मैंने देखा उसका लंड अब कड़क हो कर खड़ा हो गया था। वो अब थोड़ा और मोटा और लंबा हो चूका था। इतने मोटे लण्ड को इतने करीब से देख कर मैं थोड़ा डरी कि इसको अपने अंदर लेना होगा। मेरे मन में शंकाये उत्पन्न होने लगी।
उसने अब मेरा ब्रा भी निकाल कर पूरा नंगा कर दिया। वो अपने काले मोटे भद्दे होंठ आगे लाया, और मेरे मम्मो को अपने बड़े मुँह में भर दिया और चूसने के मजे लेने लगा। उसके होंठ खुरदरे थे तो मेरे मम्मो को रगड़ कर करंट पैदा कर रहे थे। तभी बाथरूम के दरवाजे की आहट हुई और सैंड्रा ने लंड चूसने को कहा।
मुझे बिलकुल सोचने का मौका नहीं मिला और अब जोसफ का मोटा लंड मुझे मुँह में लेना था। मैं जल्दी से नीचे बैठी और जोसफ के लंड की टोपी को अपने मुँह में डाल दिया।
उसका लंड पकड़ने पर ऐसा लगा जैसे किसी की कलाई पकड़ ली हो। आधा किलो वजन तो रहा होगा उसके लंड का। उसके लंड की टोपी ही इतनी बड़ी थी कि सिर्फ इसको चुसो तो ही आपका काम हो जाये।
जैक बाथरूम से बाहर आया, उसकी गर्लफ्रेंड जोसफ के लंड को चूस रही थी। मैंने उससे नज़रे नहीं मिलाई। मैं जोसफ के लंड के बाकी हिस्से को अपनी उंगलियों से रगड़ रही थी। मेरी उंगलिया उसके लंड को पूरा घेर भी नहीं पा रही थी। मैं अपनी उंगलिया उसके लंड के चारो तरफ घुमा घुमा कर लहरदार अंदाज़ में रगड़ती रही।
मेरा एक मकसद ये था कि जितना हो सके उसका लंड चाटने चूसने से ही काम हो जाये तो मैं चुदने से बच जाउंगी या फिर उसको झड़ने के जितना करीब हो ले आँऊगी ताकि चोदते हुए उसका काम जल्दी ख़त्म हो जायेगा तो मेरी तकलीफ कम होगी।
उसके लंड पर इतनी ज्यादा जगह थी कि सब तरफ हाथ फेरने के लिए कि थोड़ा समय लगा । फिर मैंने उसका लंड पकड़ एकदम ऊपर की तरफ खड़ा कर दिया और उसके नीचे लटका गुदगूदेदार गुब्बारा और उसमे फंसी अंटियो को देखा।
मैंने उसकी अंटियो को अपने मुँह में भर लिया और चूसती रही। अंटियो को चूसते हुए मैंने अपने हाथ से उसके लंड को रगड़ना जारी रखा।
मैंने जब उसको चूसना छोड़ा तो जोसफ ने मुझे पूरा मुँह खोलने को कहा और अब अपना लंड मेरे मुँह में तीन इंच अंदर डाल दिया। इतने मोटे लंड के मुँह में जाते ही मेरा मुँह पूरा सील हो गया।
वो अपने लंड को धीरे धीरे अंदर बाहर कर मेरे मुँह को चोदने लगा। मेरे मुँह की गरमी से वो अब गरम हो गया और अपना लंड थोड़ा और अंदर डाल दिया और अपनी गति भी बढ़ा दी।
उसका लंड कुछ ज्यादा ही मेरे मुँह में उतर गया और मेरा गला जैसे चॉक होने लगा और अंदर बने पानी से ग्वा ग्वा की आवाज आने लगी। शायद मेरी तकलीफ देख उसने थोड़ी ही देर में अपना लंड बाहर निकाल दिया। इसके बदले मैं उसकी लंड के नीचे की थैलियों पर बनी सिलवटों पर अपनी खुरदरी गीली जबान फेर चाटने लगी और पहली बार उसकी सिसकी निकली।
जैक का साया अभी भी वही खड़ा था, शायद यकीन नहीं कर पा रहा था कि मैं कुछ ऐसा भी कर सकती हूँ। मुझे तो उसका लंड चूसने का कभी मौका ही नहीं मिला था।
पीछे से सैंड्रा का आदेश आया “जोसफ तुमने पैसे चोदने के दिए हैं या चूसने के? चूसते ही रहोगे या चोदना भी शुरू करोगे ”
सैंड्रा मुझे अब जैक की नजरों में पैसा लेकर धंधा करने वाली दिखानी चाहती थी। उसको थप्पड़ मारने की इच्छा हुई। पर जोसफ ने मेरी मदद की।
जोसफ: “कोई मनी नहीं दी हैं, उसे सिर्फ बड़ा लंड अनुभव करना था।”
सैंड्रा: “जो भी हो, हर किसी के साथ चुदवाती तो हैं। तुम जल्दी करो। ”
जैक ये बात सुनकर बैडरूम में चला गया।
जोसफ: “जैक समझ गया हैं, अब हमें बंद कर देना चाहिए।”
सैंड्रा: “नहीं, तुम जोर से करो। और प्रतिमा तुम्हारी आवाज अंदर बैडरूम तक जानी चाहिए। ”
जोसफ ने मुझे सोफे पर बैठा दिया, सोफा काफी चौड़ा था और मैं अपनी कोहनियो के बल आधी लेटी थी। मेरे पैर आगे की तरफ थे। मैंने जोसफ को वो जैल लगाने को बोला और जोसफ ने अपने लंड पर अच्छे से लपेट दिया।
जोसफ ने मेरे दोनों पैर चौड़े कर खोल दिए और अपने लंड की टोपी अंदर डाल दी । उसने हल्का धक्का मार, दो इंच लंड अंदर डाल दिया।
मेरी आह आह चालू हो गयी। उस छह इंच मोटी ककड़ी के अंदर जाने जैसा अहसास हुआ। जोसफ ने अपना लंड फिर बाहर निकाल दिया, मुझे एक दम अधूरा अधूरा सा लगा।
अब उसने अपना लंड मेरी चूत पर रख टोपी अंदर डाली और अपने दोनों हाथ मेरे मेरी पतली कमर पर रख पकड़ लिया और आगे झुक कर अपना लंड और अंदर घुसाने लगा। मेरी फिर आह निकली और इस बार उसने ज्यादा जोर लगा के तीन इंच लंड अंदर घुसा और अंदर बाहर धक्का मारना शुरू किया। मेरी आवाज चालू हो गयी ओह या आह फ़क आह या या ओह या फ़क या या फ़क।
सैंड्रा मुझे और जोर से आवाज करने का इशारा कर रही थी। तब जोसफ ने गहराई बढ़ाते हुए चार इंच लंड अंदर बाहर करने लगा और मेरी हालत ज्यादा ख़राब हुई और मेरे मुँह से जोर से चीख निकली अह्हह्ह्ह्ह या ओह माय गॉड ओह माय गॉड, और मैं ऐसे ही कुदरती रूप से चीखती रही, नकली आवाज की जरुरत ही नहीं पड़ी।
मेरी तकलीफ देख एक बार फिर जोसफ ने मुझे थोड़ी राहत देते हुए अपना लंड बाहर निकाला और मेरे एक पैर को पकड़ अपन कंधे पर रख दिया और दूसरा सोफे पर लंबा लेटाए रखा। इससे मेरा छेद थोड़ा और खुल गया।
इस बीच मेरी चीखे सुन जैक फिर बाहर आ गया और देखने लगा। जोसफ ने एक बार फिर अपना लंड एक इंच अंदर डाला और और धीरे धीरे और भी बढ़ाते हुए दो इंच और फिर तीन इंच अंदर घुसा दिया। अब वो धक्के मारने लगा।
पिछली बार के मुकाबले इस बार दर्द थोड़ा कम था और मजा थोड़ा ज्यादा था। मेरी आहें निकलना जारी था उसके हर धक्के के साथ में लगातार आहें भरते जैसे गुनगुना रही थी।
सैंड्रा : “कुतिया बना कर चोद, इसे मजा नहीं आ रहा होगा।”
जोसफ ने अपना लंड बाहर निकाला और मुझे कुतिया बना कर सोफे पर बैठा दिया। मेरी जैक से नजरे मिली और मैंने अपना हाथ पीछे ले जाकर अपनी चुत पर रगड़ा और जैक को सुनाते हुए जोसफ को बोला कि वो मेरी चूत चोद दे।
जोसफ ने मुझे दोनों कूल्हों से पकड़ा और अपना लंड दो तीन इंच अंदर डाल कर अंदर बाहर धक्के मारने लगा। मेरी आहें फिर से चालू हो गयी आह या या आहआहआह हाह। जोसफ को भी इस स्तिथि में शायद मजा आया तो उसने और अंदर उतरते हुए पांच इंच लंड अंदर उतार कर धक्के मारने लगा।
मेरी बुरी तरह से जोर जोर की आहें शुरू हुई और रुकने का नाम ही नहीं ले रही थी आआआआ ऊह ऊह ऊह ऊह।
जोसफ अब टॉप गियर मैं था और इसने छह सात इंच लंड अंदर घुसा दिया, उसकी लम्बाई के साथ मोटाई अब असहनीय थी मैं गला फाड़ चिल्ला रही थी आह्हः आह्हः आह्हः।
मैं उसे धीरे धीरे करने को कहते हुए रटने लगी उह या उह या। उसका लंड जैसे मेरी चूत का दोस्त बन गया था। अब दर्द धीरे धीरे मिट रहा था और मजा दोगुना और तिगुना होता जा रहा था।
उसने अब अपने हाथ छोड़ दिए जो मेरे कूल्हों पर थे और धक्का मारना भी बंद कर दिया। मुझे तो पूरा मजा आना ही अब शुरू हुआ था। मैं अब खुद ही आगे पीछे होती हुए चुदने लगी।
उसका लंड अब मेरी मर्जी से मेरी चूत में फिसलता हुआ आ जा रहा था। मेरी आहें तो अब नशीली हो गयी थी। मेरी सजा अब मजा में बदल गयी थी।
मैं लहराते हुए अपनी गांड को डांस करवा ऊपर नीचे आगे पीछे हो कर मरवा रही थी। बड़े मोटे लंड का क्या मजा होता हैं वो मुझे समझ में आ रहा था।
थोड़ी देर मैं ऐसे ही आगे पीछे हो मजे लेती रही पर फिर अचानक जोसफ पीछे हट गया और अपना लंड बाहर निकाल दिया, मैं हवा में आगे पीछे होती ही रह गयी।
जोसफ अब खुद सोफे के आगे अपनी पीठ सटा कर पंजो के बल नीचे बैठ गया और अपनी पीठ उसने पीछे झुका कर सोफे की सीट पर लेटा दी। मैं उसकी तरफ पीठ करके उसके लंड पर दोनों तरफ पाँव कर खड़ी हो गयी और उसका लंड एक बार फिर अपनी चूत के हवाले कर दिया।
मैं अब ऊपर नीचे उठक बैठक करते हुए चोदने लगी। मेरे लिए तो ये रोज की कसरत थी, इस बार कसरत करते हुए चुदाई का मजा भी आ रहा था।
इतनी देर से चुदते चुदते हमारा काफी सारा काम हो चूका था तो दोनों का पानी निकलने लगा था। मेरी सिसकियाँ जारी थी और उस बीच मेरी चूत में बने पानी की आवाजे आने लगी थी अहह अहह हाहहह छप छप्प छप्प ..
जोसफ ने मुझे फिर कूल्हों से पीछे पकड़ा और ऊपर नीचे करवाने लगा। शायद उसका होने वाला था। वो अब थोड़ा पीछे खिसक कर पूरा सोफे पर लेट गया और सोफे के आगे से उसके पाँव सोफे के नीचे खड़े थे। मैं उस पर फिर बैठ गयी और मेरे पाँव भी सोफे के ऊपर थे।।
उसने मेरे मम्मो के साइड से पीछे से पकडा और मुझे ऊपर नीचे करने लगा। मैं खुद भी अब पूरा जोर लगा रही थी मुझे अपना भी पूरा करना था। आह आह्ह ओह या हां हां अहा अहा आअहां हम्म्म्म ऊहू ऊहू ऊहू अहहहअहहहअहहह करते हुए झड़ गयी।
मुझे लगा मेरा काम अब ख़त्म हो गया हैं पर सैंड्रा के इरादे नेक नहीं थे। मेरी बैंड बजनी अभी बाकी थी।
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