अगले दिन मैं सीट पर बैठ गई और वो भी साथ बैठ गया। मैंने उसको कहा राजपाल जी थैंक्स आप मेरे लिए सीट रखते हो। उसने कहा मैंने तो दोस्त समझ कर सीट रखी है अगर तुम भी दोस्त समझती हो तो राजपाल नहीं सिर्फ राज कहना और आप की जगह तुम।
मुझे बहुत अच्छा लगा और मैंने उसके चेहरे की तरफ देखा तो उसने कहा ये बात सही है कि मैं आयु में तुमसे बहुत बड़ा हूं लेकिन दोस्ती में आयु नहीं देखी जाती बाकी तुम्हारी मर्जी जो सही लगे पर सीट मिलती रहेगी। मैंने कहा ऐसी बात नहीं राज मैं तो खुश हो रही थी कि तुम जैसा दोस्त मिला मेरे पास बोलने को शब्द नहीं थे तो ऐसे देख रही थी।
मैं उसको टिक्ट केलिए पैसे देने लगी तो बोला मैं अपने दोस्त से टिक्ट के पैसे नहीं ले सकता तो मैंने कहा अगर बस के मालिक को पता चला तो गलत हो जाएगा कि आप मुझे बिना टिक्ट के सफर करवाते हो। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
तो वो हंसने लगा तब पता चला कि वही उस बस का मालिक है। उसने मुझसे एक पासपोर्ट फोटो मांगी जो मेरे पास थी। उसने वहीं बैठे बैठे एक फार्म पर लगा कर दे दी और कहा हमारी 8 बसें हैं कभी भी और किसी हमारी बस में बैठो तो ये दिखा देना टिक्ट नहीं लगेगी।
मैंने उसको थैंक्स बोला। उसने कहा अभी तक आप मुझे दोस्त नहीं मानती मैंने कहा क्या हुआ तो बोला दोस्ती में सॉरी और थैंक्स नहीं बोलते। फिर उसने कहा क्या एक और फोटो मिल सकती है। मैंने पूछा क्यों तो उसने कहा पास रखने केलिए जब याद आए तो देख सकूं। मैंने उसको स्माईल दी और किट से फोटो निकाल कर दे दी।
अब कुछ ही दिनों में हम एक-दूसरे से बहुत खुल गए और एक-दूसरे के बारे सब जान गए। उसका अपनी पत्नी से तालाक हो गया था और उसने दोबारा शादी नहीं की थी। उसका घर पंजाब में था पर यहीं शहर में बस स्टैंड के पास एक फ्लैट में रहता था अकेला।
मैंने उससे पूछा फिर शादी क्यों नहीं की तो बोला उसको आजादी से रहना है तो शादी नहीं की। मैंने पूछा जब अकेलापन होता है तो क्या करते हो। उसने मेरी तरफ देखा और कहा वैसे मैं किसी को नहीं बताता लेकिन तुम मेरी दोस्त हो तो बता रहा हूं। उसने बताया कि उसके पास वाले फ्लैट में एक औरत है जिसका पति यूएस गया हुआ है। रात को वो आ जाती है और अकेलापन दूर हो जाता है।
मैंने कहा तुम बहुत चालू हो यार तो बोला उसको मर्द की जरूरत है मुझे औरत की तो एक-दूसरे की जरूरत पूरा करते हैं। ऐसे बातें करते करते महीने से ऊपर बीत गया। एक दिन मैंने नोट किया कि वो तीन चार दिन से काफी उदास है और ज्थादा बात नहीं करता। पहले हर टाईम हंसता हुआ चेहरा अब जैसे खुश होना भूल गया।
मैंने उससे उदासी की वजह पूछी तो उसने कहा कुछ नहीं सानिया जो किस्मत में लिखा है वही होता है। मैंने जोर देकर पूछा तो उसने बताया कि वो औरत अपने पति के पास चली गई है उसको अच्छा नहीं लग रहा अब उसका सेक्स में साथ देने वाली कोई नहीं है अब रात को शराब पीकर सो जाता है। मुझे भी बहुत बुरा लगा और उदास हो गई।
इससे पहले मैं कुछ कहती हमारा गांव आ गया। घर आकर मैं उसके बारे सोचने लगी सोचते सोचते मुझे ख्याल आया कि क्यों न मैं उससे चुदाई कर लू़ं। ये सोचते ही मेरी चूत गीली होने लगी और उसके साथ चुदाई के ख्यालों में खो गई। मैंने सोच लिया कल उसके साथ चुदाई करुंगी। मैंने बाथरूम में जाकर अपनी चूत के बाल साफ किए और बदन के बाकी अनचाहे बाल भी निकाल दिए।
रात को मैंने उसको फोन किया और पूछा क्या वो कल छुट्टी लेकर अपने घर रह सकता है मुझे कोई जरूरी बात करनी है। उसने हां बोल दी और मैंने सुबह 9 बजे उससके घर आने का वादा किया। उसने पूछा कैसे आओगी तो मैंने कहा बस से। ये सुनकर बोला बस से रहने दो तुम्हारे गांव के बस स्टैंड के आगे जो कच्चा सुनसान रास्ता है वहां आ जाना मैं कर से ले जाऊंगा। मैंने हां बोल दिया।
दूसरे दिन मैं घर से तैयार होकर निकल आई। मैंने हरे रंग की टाईट शर्ट, काली जींस और काले हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे और नीचे से हरा हॉफ ब्रा और हरी सट्रिप वाली पैंटी पहनी हुई थी। पर्स में लाल लिप्सटिक, आई शैडो और काजल ले लिया। मैं थोडा़ लेट चली ताकि बस निकल जाए।
जब मैं बस स्टॉप पहुंची तो बस निकल चुकी थी और वहां कोई नहीं था। मैं कच्चे रासते तक पहुंच गई वहां राज कार में वेट कर रहा था। मैं कार में बैठ गई और हम उसके घर की तरफ चलने लगे। उसने मुझसे पूछा क्या काम है तो मैंने कहा घर तो चलो फिर बताती हूं।
कुछ देर बाद हम उसके फ्लैट में पहुंच गए अंदर आते ही मैंने बाथरूम कहां है पूछा। मैंने आइने के सामने खड़ी होकर लिप्सटिक आई शैडो और काजल लगाया। फिर मैंने अपने बाल खुले छोड़ लिए और नज़र का चश्मा आंखों पर लगा लिया। तैयार होकर मैं बाहर निकली और वो मुझे देखता ही रह गया। मैंने कहा क्या देख रहे हो पहले कभी देखा नहीं क्या। तो राज बोला देखा तो है लेकिन आज एकदम आईटम लग रही हो। मैं हंस पड़ी और कहा आईटम दिखने केलिए ही तो शिंगआर किया है।
राज ने कहा अब तो बताओ काम क्या है तो मैंने कहा राज तुम हर रोज मेरे बदन को छूते थे कभी जांघों पर कभी पीठ पर कभी कहीं पर मुझे उसकी आदत हो गई है लेकिन पिछले कुछ दिनों से तुमने छुया नहीं है तो वो काम है। राज ने कहा अच्छा तो ये बात है लो अभी छू देता हूं।
मैंने कहा ऐसे नहीं आज पूरी तरह एक एक कपड़ा निकाल कर और आज से मुझे अपनी पत्नी समझना पडे़गा। राज ने हैरानी से मेरी तरफ देखा तो मैंने कहा मैं बहुत दिनों से ये बात कहना चाहती थी लेकिन तुम्हारी जिंदगी में दूसरी औरत थी तुम मना न कर दो तो कह नहीं सकी लेकिन मैं तुम्हें बहुत पसंद करती हूं मुझे तुम चाहिए।
राज को समझ नहीं आ रही थी वो क्या करे उसने जेब से सिगरेट का पैकेट निकाला लेकन उसमें सिगरेट नहीं थी। मैंने कहा क्या हुआ तो बोला तुम मुझसे बहुत छोटी हो। मैंने अपने पर्स से सिगरेट निकाल कर उसको दी और लाईटर से सिगरेट सुलगाते हुए कहा दोस्ती आयु नहीं देखती और प्यार भी नहीं देखता। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
राज ने कहा ये बात नहीं है तुम मुस्लिम हो और मैं पंजाबी अगर किसी को पता चला तो बहुत बड़ी दिक्कत हो सकती है। मैंने कहा प्यार में कोई मजहब नहीं होता और किसी को कभी पता नहीं चलेगा और प्यार करने वाले डरते नहीं हैं। उसने कहा तुम पति पत्नी होने की बात कर रही हो आज नहीं तो कल पता चल ही जाएगा कि हमने शादी की है। मैं हंसने लगी और उसने हंसने की वजह पूछी।
मैंने कहा अरे बुद्दू शादी नहीं सिर्फ पति पत्नी समझेगैं वो भी अकेले में। मैं चुदाई की आग में जल रही हूं और तुम भी। आज नहीं तो कल तुम्हें नई चूत मिल जाएगी और मुझे लंड क्यों न हम दोनों एक-दूसरे की जरूरत पूरी करें। और दोस्त होते किस केलिए हैं एक-दूसरे को खुश रखने केलिए। मुझे लंड की जरूरत है तुझे चूत की क्यों न हम एक-दूसरे को खुशी दें।
मैं उसके पास गई और होंठों को चूम लिया। उसने शर्ट के ऊपर से मेरे बूब्ज़ पकड़ कर दबाते हुए कहा सानिया जब से तुझे देखा है मुझे तुम्हारे बूब्ज़ और गांड बहुत सेक्सी लगती हैं मैं कब से तुझे चोदना चाहता था। उसने मुझे पूछा क्या पहले भी कभी सेक्स किया है। मैंने कहा नहीं तो बोला वाह री किस्मत आज तो सीलबंद माल चोदने को मिलेगा। मैंने कहा जरा आराम से करना मैंने सुना है पहली चुदाई के टाईम दर्द होता है।
राज ने कहा घबरा मत सानिया मैं खेला खाया हूं बस एक बार थोडा़ सा दर्द होगा फिर मजा ही मजा आज तेरी चूत के साथ साथ तेरी गांड भी खोल दूंगा। मैंने कहा गांड नहीं तो बोला डर मत पगली गांड में ही उतना मजा ही आएगा बस लंड अंदर डालते टाईम थोडा़ सा दर्द होगा जितना चूत में होगा अगर थोडी़ शराब पी सकती हो तो और भी ज्यादा मजा आएगा।
मैंने कहा नेकी और पूछ पूछ कर मैं तो अभी कहने ही वाली थी कि शराब तो पिला दो। राज ने पूछा क्या शराब पीती हो तो मैंने कहा हां घरवालों से चोरी रोज पीती हूं। हमनें शराब पी और सिगरेट पी , हमें नशा होने लगा तो मैंने बैॅडरूम में चलने को कहा।
राज ने मुझे गोद में उठा लिया और मेरे होंठों को चूमता हुआ बैॅडरूम ले गया। उसने मुझे बैॅड पर बैठा दिया और मैंने रूम को देखा। रूम में डबल बैॅड, सोफा, टेबल, एक एलसीडी और एक डीवीडी प्लेयर थे। उसका रूम एसी था बाहर बहुत गर्मी थी लेकिन रूम में ठंडक थी। उसने एक पोर्न मूवी चला दी और कहा तुम पहली बार सेक्स कर रही हो तो पहले ये देख लो।
वैसे मैंने पहले भी बहुत बार पोर्न मूवी देखी थी लेकिन उस दिन बहुत ध्यान से देखी। उसमे एक लड़का और एक लड़की थे। पहले वो एक-दूसरे के जिस्म का मजा लेते हैं फिर लड़की लड़के का लंड चूसती है और लड़का लड़की की चूत चाटता है।
फिर चूत चुदाई करते हैं फिर लड़का लड़की की गांड के छेद में क्रीम लगाता है और लड़की उसके लंड पर फिर गांड चुदाई करते हैं। लड़का बहुत मजे से अलग अलग अवस्था में लड़की की चूत और गांड में लंड डालकर चुदाई करता है और लडपूरे जोश में उछल उछल कर मस्ती में चीख चीख कर लंड का मजा लेती है।
मैंने सोचा था अगर राज गांड चुदाई को कहेगा तो मना कर दूंगी लेकिन मूवी देखने के बाद इस कदर गर्म हो गई कि गांड में भी लंड की खुजली होने लगी। मेरे मूवी देखते देखते राज कंडोम ले आया और मैंने कंडोम का पैकेट पकड़ कर फेंक दिया और कहा ऐसे ही करेंगे।
उसने मुझे एक लाल रंग की गोली दी जो दिल के आकार की थी और मुझे खाने को कहा। मैंने उससे पूछा ये क्या है तो वो बोला ये सेक्स की गोली है ये खाकर जम कर चुदाई करेंगे। एक गोली उसने शराब से खा ली और एक गोली मैंने शराब के साथ ले ली।
मेरी यह चुदाई की कहानी आगे जारी रहेगी, सिर्फ देसी कहानी डॉट नेट पर!
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