Mera Sexy Parivar – Part 4


(तभी मेने गाली देते हुए ताई के गाल पे 2 थप्पड़ लगा दिए, ताई रोने लगी और चिल्लाने लगी और इससे पहले की ताई की चीख सारे गाँव वाले सुनती, मैंने ताई के मुह पर चाची का दुपट्टा बाँध दिया और ताई को बेड से बाँध दिया और ताई के सारे कपडे उतार दिए..
अब ताई बिलकुल नंगी थी, बड़े विशालकाय बूब्स, बड़ा प्रौढ़ शरीर, मोटी गांड, देखकर मेरा लण्ड फिर झटके मारने लगा जिसे देखकर ताई के होश उड़ गए, फिर चाची और मैं रणनीति बनाने लगे कि ताई के साथ क्या करना है)
अब आगे..
मुह पर दुपट्टा बंधी मेरी बुढ्ढी ताई दबे मुह कुछ बड़बड़ा रही थी, कुछ कहना चाह रही थी लेकिन उसकी आवाज़ उसके मुह में ही दबी रह गयी।
दूसरी तरफ मैं और मेरी मोटी सेक्सी काली चाची रणनीति बनाने लगे।
मैं – चाची, क्या करना है इस भेन की लोड़ी का..?
चाची – अगर इस देहाती को छोड़ दिया तो ये पुरे गाँव में हमारी बात फैला देगी और हमे बदनाम भी कर देगी आज इसकी चूत चुदाई कर दे बेटा राहुल, जब इसकी बूढी पुरानी तड़पती हुयी चूत तेरे लण्ड से बंद हो जायेगी तो इसका मुह भी खुद ब खुद बंद हो जायेगा।
मैं- ठीक है चाची जान, नंगी तो कर ही दिया इसे हमने, अब ऐसा करते हैं तू इसके निप्पल मसल और चुस भी और मैं इसके बाकी बदन का मोर्चा सम्भलता हूँ।
चाची – जो हुकुम मेरे स्वामी।
(और हम दोनों ताई के पास जाते हैं, ताई हमे पास आते देख सहम जाती है, डर के मारे उसकी गांड फट जाती है, उसे डर लगता है कि हमने क्या रणनीति बनाई होगी..
चाची ताई के बूब्स में झपट जाती है और निप्पल को सहलाती है, बूब्स को मसलती है, ताई दबे मुह सिसकारियां भरती है, दूसरी तरफ मैं ताई के पेट को चूमने लगता हूँ, नाभि में जीभ घुसेड़ कर ताई में कामोत्तेजना पैदा करने का भरपूर प्रयास करता हूँ और इसका प्रभाव भी ताई पर दिखाई दिया..
ताई आहें भरने लगती है, सिहर उठती है, मैं ताई की कमर, पेट, टांगें, जांघें सब कुछ चाटता हूँ और प्रेमपूर्वक सहलाता हूँ, ताई की आँखों में हवस और कामोत्तेजना स्पष्ट पता चल रही थी, ऊपर चाची ताई के निप्पल भी चूसे जा रही है, ताई के काले, बड़े, लंबे, तने हुए, सख्त निप्पल ताई के गदराए हुए मरदाना विशालकाय बदन में चार चाँद लगा रहे थे)
मैं – चाची, इस रंडी के मुह से दुपट्टा हटा दे अब, चिल्लाएगी तो फिर से बाँध देंगे।
चाची – जो हुकुम स्वामी।
(चाची दुपट्टा खोल देती है)
ताई – बहन चोदों, भेन की लोड़ी सपना, मादरचोद राहुल, पाप चढ़ेगा तुम्हे भोसडी वालों… अह्ह्ह्ह्ह्ह… मार दिया माँ अह्ह्ह्ह… गयी मैं उईईई…
मैं – ताई, गाली न दे, तेरी माँ चोद दूंगा, मजे लेते रहे बस।
चाची – गाली किसे देती है हरामजादी, माँ की लोड़ी, तेरी बेटी सबसे बड़ी रंडी है गांव की पता है तुझे।
ताई – अह्ह्हह्ह्.. भक्क्क बहनचोद तेरी बेटी भी हरामी है, साली लाला के साथ देखा था मेने उसे, यकीन नहीं आता तो पूछना उसे, खुद की बेटी रंडी है दूसरों को बोलती है चिनल कहीं की.. अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मार दिया राहुल बेटा.. अह्ह्ह्ह्ह्ह..
चाची – अगर ये सच हुआ तो मैं तेरी गुलाम बन जाऊंगी, जिंदगी भर तेरा चूत रस पान करूँगी, मुझे अपनी झिलमिल पर पूरा भरोसा है, लेकिन अगर झूट हुआ तो तू और तेरी बेटी रोज मेरी चूत चाटेगी, बोल मंजूर है रांड?
ताई – अह्ह्ह्ह्ह्ह.. हाँ चिनाल मंजूर है तेरी शर्त, अब पहले मेरे बोब्बे चुस जल्दी, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. उईईईई.. सहन ना होता अब सपना..
(अब ताई भी पुरे जोश में आ चुकी थी और अब ताई के दिमाग और बदन पर पूरा सेक्स का नियंत्रण था, ताई की तरफ से चोदने का निमंत्रण मिल चुका था, चाची गुस्से से रगड़ रगड़ कर ताई के निप्पल चुस रही थी, ताई को पीड़ा भी हो रही थी, ताई करर्ररा रही थी)
ताई – हाये, अह्ह्ह्हह्.. सपना.. चुस मेरी देवरानी उटीईई.. उम्ममम्म.. अह्ह्हह्ह्ह.. गयी रे अह्ह्ह्ह्ह.. दीवाना बना दिया तुम दोनों हरामियों ने तो।
मैं – ताई अभी तो देखती जा, ताऊ की याद में जो तू इतने साल से तड़प रही है, आज तेरा भतीजा तेरी सारी हवस मिटा देगा और तेरी कोख से पंखु को एक भाई देगा।
ताई – हाये दय्या, दे दे रे मुझे एक लड़का, लड़के के लिए कब से तरस रही हूँ मैं, मेरी कोख में बीज बो दे मेरे भतीजे।
(फिर मैं ताई की चूत का लंबा बाहर की तरफ निकला हुआ चमड़ा अपने हाथों की उँगलियों से चौड़ा करता हूँ, और खोल कर अपनी ताई का चूत दर्शन करता हूँ, सुर्ख लाल मांस से लबा लब भरी हुई ताई की चूत कम भोसडा ज्यादा लग रहा था, जो चूत के पानी से बिलकुल गीला हुआ था..
जब कसाई मुर्गी को काटता है तो जैसे मुर्गी का लाल मांस होता है वैसे ही ताई की चूत के अंदर का वीभत्स नज़ारा था, मेरी आँखें फटी की फटी रह गयी, अब मेरा प्यार चाची से ताई की तरफ हो गया, ऐसा गर्म मांस से लबालब भरा भोसड़ा देखकर अब मैं ताई से प्यार करने लगा)
मैं – वाह ताई, मैं कितना भाग्यशाली हूँ, मुझे तेरी इस मास से लबालब भरी चूत के दर्शन हुए, तू कितनी सेक्सी है ताई, तेरे लिए जान भी कुर्बान।
चाची – राहुल, जान तो मेरे लिए है ना?
मैं – नहीं चाची, अब ताई के लिए है, अब मैं ताई से प्यार करने लगा हूँ, और अगर तूने ताई को कुछ बोला, तो तेरी बेटी चोद दूंगा, समझी?
(चाची झंड हो जाती है, उसकी ताई के सामने बेइजती हो जाती है, चाची का मुह उतर जाता है और बेइज़्ज़ती से चेहरा लाल हो जाता है, क्योंकि अभी जो थोड़ी देर पहले खुद को रानी समझ रही थी, असल में उसकी औकात रंडी वाली है ये चाची भली भांति समझ गयी थी और गुस्सा हो गयी, वहीँ दूसरी और ताई की हंसी बंद नहीं हो रही थी)
ताई – हा हा हा, साली रंडी कहीं की, औकात पता चल गयी तुझे, माँ की लोड़ी..
चाची – चुप कर चिनल कहीं की।
मैं – चाची, बहन चोद तू चुप हो जा, रंडी, मेरी ताई मेरी रानी है, इस घर की रानी है, तू नौकरानी है समझी रांड?
(और मैंने चाची के गाल पर जोरदार थप्पड़ लगा दिया, और मैं फिर ताई के हाथ खोल देता हूँ, ताई खुलते ही मुझ से पत्नी की तरह लिपट जाती है और मेरे होंठ पर अपने होंठ रख देती है, हम करीब 5 मिनट तक एक दूसरे के होंठ और जीभ चूसते हैं, चाची ये सब नज़ारा देखकर दंग रह जाती है)
ताई – राहुल बेटा, जल्दी डाल दे अपना कोबरा मेरी चूत के अंदर और सारा वीर्य मेरी बच्चादानी में छोड़ दे।
मैं – जो हुकुम मेरी रानी।
(और मैं अपना खड़ा हुआ फंफनता लण्ड सीधा ताई की गर्म हुयी भट्टी जैसी चूत के अंदर डालता हूँ और फिर ताई और मेरी चुदाई प्रक्रिया शुरू हो जाती है, चाची सारा खेल देखे जा रही थी)
ताई – अह्ह्हह्ह्ह.. उम्ममम्मम.. उईईईई.. रेरेरेरेरेरे.. ऐसे ही चोद अपनी ताई को बेटा, अह्ह्ह्हह्ह्.. तेरा सुपाडा तो बहुत ही बड़ा है रे.. ममममम.. उईईईई माँ.. मर गयी..
मैं – ताई, सुजाता, मेरी जान, आज तेरी कोख में अपना बीजारोपण कर दूंगा मेरी पत्नी.. अह्ह्ह्ह.. कितनी गर्म भट्टी है तेरी भोसड़ी, चाची की तो ठंडी है.. अह्ह्ह्ह..
चाची – राहुल तुम इतने जल्दी क्यों बदल गए बेटा, मुझ में क्या बुरा है, तुमने तो कहा था कि मैं नंगी फिल्मों की हीरोइन लगती हूँ?
मैं – भक्क्क चिनल, शक्ल देखि है आईने में अपनी, वो तो मैं झूट बोल रहा था, तेरा बदन अच्छा है बस चुदाई लायक,आह्ह्ह्ह.. 200 रूपये मिल जायेंगे तेरे बदन के गाँव के बाजार में, आहहहह.. और रहा सवाल मेरे बदलने का, मुझे जहाँ बड़ी चूत मिली, अच्छा स्वाद मिला, ममममम.. अह्ह्ह्हह्.. मैं वहीँ जाऊंगा, आज ताई मुझे पसंद आयी है तो मैं ताई का दीवाना हूँ, कल ताई की जगह तेरी बेटी झिलमिल भी ले सकती है, उईईईई.. अह्ह्ह्हह्.. मैं झड़ने वाला हूँ ताई, अह्ह्ह्ह्ह.. मैं आया आया..
ताई – अंदर ही छोड़ दे बेटा, मुझे बच्चा चाहिए, अह्ह्हह्ह्ह्ह.. मैं भी फारिक होने वाली हूँ मेरे लाल, अह्ह्ह्ह्ह्.. उईईईई.. उम्ममम्मम्म.. आयी मैं भी जान..
(मेरा लण्ड फचापच फचापच ताई की बच्चादानी में गोते खा रहा था, मेरा लण्ड ताई की चूत के पानी से भीग कर और भी लचीला हो गया था, इस चुदाई के अंतिम चरम पर ताई और मैं तेज तेज झटकों के साथ पसीने में लटपट एक साथ झड़ जाते हैं और हमारा नंगन शरीर एक दूसरे से नाग नागिन की तरह लिपटा हुआ था)
मैं – चाची, देख एक दिन झिलमिल को भी ऐसे ही चोदुंगा।
चाची – बहुत हरामी है रे तू, मेरी बेटी पे रहम कर, वो छोटी है अभी, उसकी तो सील भी नहीं टूटी।
ताई – कितनी भोली है तू सपना चिनल, तेरी बेटी तेरी पीठ के पीछे क्या क्या गुल खिलाती है तुझे पता भी नही, तू उसे शरीफ समझती है, गाँव में पीठ पीछे कितनी बात करते हैं तुझे क्या पता, तेरी बेटी रांड है सपना।
चाची – जबान पर लगाम दे सुजाता, बहुत हो गया, खबरदार जो अब मेरी बेटी के खिलाफ एक भी शब्द कहा।
(मैं चाची का ये विकराल रूप देखकर डर गया और मैंने ऐसे समय में कुछ न कहना ही बेहतर समझा और चाची-ताई को उनके हाल में छोड़ दिया)
ताई – बोलूंगी मैं तो, क्या उखाड़ लेगी मेरा बता?
चाची – भेन की लॉड़ी, थप्पड़ जड़ दूंगी गाल पर, रंडी।
ताई – अपने बाप की बेटी है तो हाथ लगा, तेरा हाथ तोड़ के तेरी गांड में न दे दिया तो मेरा नाम भी सुजाता नहीं।
(बाप पर बात आते ही चाची ताई पर झपट गई और फिर चाची-ताई की बिल्ली लड़ाई (कैट फाइट) शुरू हो गयी, दोनों नंगी एक दूसरे के बाल खिंचती हुयी लड़ रही थीं, एक दूसरे को चमाट मारते हुए लड़ाई कर रही थी, दोनों हट्टी कट्टी देहाती, मर्दाना औरतें नंगन अवस्था में युद्ध करते हुए बहुत ही आकर्षक लग रही थी..
शोरगुल और हो हल्ले के बीच झिलमिल आ जाती है और अपनी माँ और ताई को इस अवस्था में देखकर भौचक्की रह जाती है, अपनी माँ सपना को पिटता देख वो भी ताई पर झपट जाती है और तब ताई की जो पिटाई शुरू होती है वो देखने लायक थी..
पतापत पतापत ताई के गालों पर सपना और झिलमिल के बड़े बड़े हाथों द्वारा चमाट की बारिश होती है, नंगी सुजाता को सपना और झिलमिल लेटा लेटा कर लात घुसें मारते हैं, मुझे समझ नहीं आ रहा कि मैं किस की तरफ से वार करूँ..
अभी झिलमिल को भी नाराज़ नहीं कर सकता क्योंकि उसकी चुदाई अभी करनी बाकि है, अगर झिलमिल नाराज़ हो जाती तो उसे चुदाई के लिए पटाना कठिन काम था, चाची-ताई का मजा में लगभग ले ही चुका था, तो मैने पीटती हुयी ताई पर ही वार करने की सोची परंतु तभी अचानक पंखू का कमरे के आगमन हो जाता है..
माहौल को भांपते हुए वो सपना और झिलमिल पर टूट पड़ती है, दरअसल पंखु खेलकूद में काफी होशियार थी तो अपनी फुर्ती व चालाकी के दम पर वह, चाची-झिलमिल पर भारी पड़ गयी.और अब दबदबा सुजाता और पंखु का था..
लड़ाई इतनी बढ़ गयी कि पंखु और सुजाता डंडे से लगातार सपना और झिलमिल पर वार किए जा रहे थे, और चाची-झिलमिल की हालत बेहोशी वाली हो गयी थी, अब चाची और झिलमिल माफ़ी मांगने पर मजबूर हो गए थे।
चाची (रोते हुए) – माफ़ कर दे दीदी, माफ़ करदे, रहम कर मेरी बच्ची और मुझ पर।
ताई – रंडियों, अब माफ़ी मांगते हो, बोलो करोगे अब बदतमीजी ?
झिलमिल – ना ताई, अब नहीं करेंगे, छोड़ दो हमे।
चाची – भगवान् के लिए छोड़ दो, राहुल बेटा बचा हमे।
मैं – माफ़ी मांग लो, मैं कुछ नहीं कर सकता, चाची आपको ताई का आदर करना चाहिए, वो आपकी माँ की तरह है।
चाची – आज से आदर करूँगी, जो बोलेगी वो करूँगी, गुलाम बन कर रहूंगी।
ताई – अब सजा तो मिलेगी तुम दोनों माँ बेटियों को.. पंखु इधर आ, अपना पैजामा खोल और इनके मुह और बदन पर मूत दे, मैं भी मुतती हूँ।
झिलमिल – ऐसा मत करो ताई प्लीज, मत कर पंखू दीदी ऐसा।
पंखु – चुप कर रंडी साली.. कपड़े खोल अपने जल्दी नंगी हो जा।
झिलमिल – नहीं दीदी नंगी मत कर प्लीज।
(पंखु और सुजाता झिलमिल को जबरन नंगी कर देते है उसके बाद चाची और झिलमिल के ऊपर मूत्र विषर्जन करते हैं, इतना अपवित्र दृश्य देखकर मेरी आँखें भर आयी, चाची-झिलमिल के प्रति मेरा हृदय पिघल गया, मुझे अब ताई और पंखू की इस अमानवीय हरकत पर गुस्सा आने लगा, लेकिन मेने अभी कुछ करना ठीक नहीं समझा..
फिर ताई और पंखू ने झिलमिल से चाची की चूत चटवायी और चाची से भी झिलमिल की गांड व चूत रस चटवाया.. इतना करने के बाद ताई और पंखू अपने कमरे में चले गए और चाची-झिलमिल जमीन में लेटे रो रहे थे)
मैं – चल चाची अब नहा ले और कपड़े पहन ले, झिलमिल बहन तू भी नहा ले।
चाची – तूने मुझे बचाया नहीं राहुल, तू बहुत गंदा है।
झिलमिल – हाँ भाई, हमारा साथ नहीं दिया तूने।
मैं – तो कौन सा मैंने ताई या पंखु का साथ दिया, सुन अभी आराम कर, कल कुछ सोचते हैं ताई को सबक सिखाने के बारे मे।
(और अंतः रात में सब सो जाते हैं, अगले दिन क्या हुआ वो मैं आपको अगले भाग में बताऊंगा, अगले भाग के लिए कुछ दिन प्रतीक्षा करें, शुक्रिया)
दोस्तों कहानी अभी जारी है, कृपया कमेन्ट करें और अपनी प्रतिक्रिया दें..
सुचना – **इस कहानी के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा**

शेयर
actress ki chudai ki kahanirajsharma stories comhot sex everwife threesome sex storiesmaa ki burhindi sex srorisex with mother in law storiessex sotry in hindihot story auntylesbian boobs kisstamil sex stories latestamazing sex stories in hindimeri bhabhi ki chudaibhabhi ki sex ki kahaniteen gay sex storiespinni tho dengulata kathaluantarvasna pic storysali se chudairandi ki kahani hindihot stories with photosसेकसी कहनीhindi sex englishbol raha hai kagachachi ko choda sex storyhindi sexy stiriestamil kamakathaibeti ki gaandsexy photo kahanisexy hindi story latestlund aur bur ka milantamil xxx bookwww tamilkamakathaigallesbian breastfeeding sexmausi ko jabardasti chodadehati lundmastram ki mast chudai ki kahanikannada sex stories in kannada fonti indian sex storiesmarathi sex ghostiodia hot storynew tamil kamakathaikal 2012desi hot hinditamil sex kathyreal hindi chudaipregnancy story in hindisasur bhau ki chudaikachi umar me chudaididi jija ki chudaigujrati hot storygujarati srxkamukta hindi storieshot kama kathaimama ne maa ko chodafree kamakathaikalbehan ko sote hue chodamalayalam sex stories netchut mar likhala ki chudaisex kahani hindi desisex kahsniyaxxx gay sex storiesindian gausex kathai tamilpunjabi punjabi sexguru sextamil sister sex storydesi thukaiseducing stories in hindisex story with masisex khatasex sites indiankama kadhaigaldesi girl storyincest mom storiestamilsexstories.comindian sex stpriesbhabi and daver sexhindisexy storimummy son sexland ki pyasi auratsagi aunty ko chodaஅத்தை கதைகள்bangla sex story newdesi didi com