Mera Sexy Parivar – Part 1


नमस्कार देवीयों और सज्जनों, देसी कहानी पढ़ने वाले सभी हवस के पुजारियों व चूत की मल्लिकाओं को राहुल का आदाब…
फालतू की बातों में ज्यादा समय बरबाद न करते हुए मैं सीधे कहानी पर आता हूँ.
मैं राहुल उम्र 28 साल, रंग गोरा, कद 5 फीट 9 इंच, लण्ड का कद 6.5 इंच व मोटाई 4 इंच, बालों से भरी हुई चौड़ी छाती जिसे देखकर मेरे सभी दोस्तों की माँ और सभी भाभियों, आंटियों व तमाम औरतों के मुह में और चूत में पानी आ जाता है।
बात तब की है जब मैं अपने गाँव चांदपुर गया हुआ था। गाँव में हम सभी एक ही घर में रहते थे, घर के सभी आदरणीय सदस्यों का मैं आपको परिचय दे दूँ-
चाची – सपना – उम्र 42, रंग- काला, कद- छोटा, मोटी गांड, मोटी कमर, मोटे बोब्बे, भरा हुआ कसा हुआ सुडौल शरीर.
चाची की बेटी – झिलमिल – उम्र 20, रंग- सांवला, अपनी माँ सपना की तरह मोटी गांड, पेट, बोब्बे और कमर.
ताई – सुजाता – उम्र – 55, रंग – सांवला, इस उम्र में भी हट्टी कट्टी गाँव की देहाती सुडौल बूब्स और गांड वाली मर्दाना औरत जिसे देखकर सभी गाँव वालों का लण्ड सलामी देता है.
ताई की बेटी – पंखुड़ी – उम्र- 26 साल, गोरी चिट्टी कमसीन पतली कमर और छोटे अमिया से स्तन वाली हीरोइन की तरह दिखने वाली लड़की जिसने गाँव में जवान लौंडों से लेकर बुड्ढों का कच्छा गीला किया हुआ है, और भारी बदनामी के चलते पंखुड़ी से कोई शादी करने को तैयार नहीं है.
मेरे चाचा और ताऊ विदेश गए हुए हैं और 4 साल में एक बार घर पर आते हैं. चाची,ताई व उनकी दो बेटियां एक ही घर में रहते हैं. चाची और ताई में थोड़ा अनबन सी रहती है, कभी कभी लड़ाई भी होती है. लेकिन झिलमिल और पंखुडी के बीच काफी प्यार है.
जब मैं गाँव में छुट्टियां बिताने गया तो सभी मेरी उपस्थिति से काफी खुश हुए. इतने दिनों बाद किसी मर्द ने घर में दस्तक दी. घर का माहौल रंगीन हो गया, मैं भी अपनी बहनों – झिलमिल और पंखुड़ी के साथ काफी घुल मिल गया, चाची और ताई भी मेरी बहुत सेवा कर रहे हैं.
झिलमिल सकूल गयी हुयी है, ताई कपडे धो रही है, ताई अपनी साड़ी को झांघो तक उठाये हुए जमीन पर बैठकर रगड़ रगड़ के हिल हिल कर कपडे धुल रही है, जिस वजह से ताई के बूब्स भी ब्लाउज में हिल रहेे हैं और बाहर आने को व्याकुल हो रहे हैं, ताई के 70 प्रतिशत बूब्स स्पष्ट दिख रहे हैं,
मैं चारपाई में बैठकर यह विभत्स नजारा देख रहा हूँ और मेरा लण्ड मेरे पैजामे में झटके मारने लगा और तंबू बन गया जिसका उभार पैजामे में स्पष्ट दिख रहा है, ताई अपनी धुन में हिल हिल कर कपड़े धुले जा रही है और मेरी आँखों में अपनी 55 साल की बुढ़िया ताई जो किसी पोर्न स्टार से कम नहीं लग रही है के प्रति हवस बढ़ती जा रही है. हवस से मेरी आँखें लाल हो गयी.
अचानक 42 साल की मोटी,काली चाची सपना दरवाजे से बाहर को झाड़ू मारते हुए आती है, चाची ने गहरे गले वाली लाल रंग की नाईटी पहनी है, जिसमे से उसकी चूची के सख्त निप्पल स्पष्ट दिख रहे हैं, मेरी मोटी काली मुसण्ड चाची झुक कर झाड़ू मार रही है,
मुझे चाची किसी रंडी से कम नहीं लग रही है, मेरा लण्ड वैसे ही मिल्फ ताई को देखकर खड़ा था और अब रंडी चची के काले मोटे लटकते हुए तरबुझ को देखकर हतोड़ा बन गया, समझ नहीं आ रहा कि क्या करूँ, कहाँ जाऊं, 4 मोटे दूध से भरे तरबुझ मेरी आँखों के सामने हैं जिन्हें चूसने और मसलने के लिए मैं बेकरार हूँ , लेकिन कैसे? कब? किस तरह? ये सोचकर मेरा दिमाग खराब हो गया.
उसके बाद पंखुड़ी(ताई की लौंडिया) मेरे पास आयी और मुझ से सट कर बैठ गयी. मैं घबरा गया. शायद पंखुड़ी ने मेरे पैजामे का उभार देख लिया और लण्ड के झटके भी साफ दिख रहे है, मेरी हालत बिलकुल खराब हो गयी.
मेने जैसे तैसे अपने लण्ड को छुपाने की कोशिश की लेकिन पंखुड़ी को सब पता चल गया और वो शैतानी से भरी हुई मुस्कान दे कर शरमा कर अंदर कमरे में भाग गयी. मैं भी कमरे में गया.
मैं- क्या हुआ पंखुड़ी, ऐसे क्यों भाग गयी?
पंखुड़ी(मेरे लण्ड की ओर देखते हुए)- तुझे नहीं पता भाई ?
मैं(लण्ड को मसलते हुए)- अच्छा, तो ये बात है, बहन शर्मा गयी….
(और मैंने पंखुड़ी को अपनी बाहों में जकड लिया, वो छूटने की कोशिश करने लगी लेकिन मेरी ताकतवर भुजाओं के सामने वो हार गयी)
पंखुड़ी- हाये राम… भाई छोड़, क्या कर रहा है, माँ देख लेगी.
मैं- पंखुड़ी तू बहुत ख़ूबसूरत है रे.
पंखुड़ी- हाये दय्या, तेरी बहन हूँ मैं भाई, ऐसे कोई बोलता है अपनी बहन को और ऐसे पकड़ता है कोई, चल छोड़ मुझे अब.
मैं- कौन सा अपनी बहन है तू, ताई की लड़की है, और वैसे भी तेरे बहुत किस्से सुने हैं गाँव में, लोग तरह तरह की बातें करते हैं तेरे बारे में.
पंखुड़ी- क्या बात करते हैं, ऐसे ही लोग फालतू बकवास करते हैं, भाई तू छोड़ मुझे प्लीज.
(और मैं पंखुड़ी के होंठ पर अपने होंठ रख देता हूँ और जोर जोर से चूसने लगता हूँ. पतली कमर, पतले बदन वाली, छोटे छोटे बूब्स वाली गोरी 26 साल की मेरी ताई की लड़की पंखुड़ी मेरी बाँहों में छटपटा रही है, और मैने उसे कस कर पकड़ा हुआ है और उसके होंठ चूसे जा रहा हूँ, ताई की आवाज आने पर 2 मिनट के बाद मेने उसके होंठ छोड़े और हम अलग हुए और ताई कमरे में आयी)
(ताई कपडे धो कर सीधा अंदर आयी, उसके 70 प्रतिशत से ज्यादा दूध दिख रहे हैं, लंबी-चौड़ी सीने वाली देहाती ताई बहुत ही कामुक लग रही है, मन कर रहा है अभी रंडी को नंगी करके गांड में लण्ड पेल दूँ)
ताई- राहुल बेटा चल नाश्ता कर ले, तू भी खा ले रे कुछ पंखु.
मैं- जी ताई जी, नाश्ता लगा दो.
(फिर पंखुड़ी, मैं, ताई और चाची एक साथ डायनिंग टेबल पर नाश्ता करते हैं, नाश्ता करते करते पंखुड़ी मेरे चेहरे पर गुस्से और आक्रोश से देख रही है मानो अभी मारे मुझे, फिर मुझे कुछ शरारत सूझती है, मेने अपने नंगे पैर के अंगूठे से पंखू की चूत में टच किया जिससे पंखू सिहर गयी और घबरा भी गयी, मेरी तरफ आँख घूरा कर देखने लगी. फिर मैं अपने पैर के अंगूठे से पंखू की चूत की मसाज करने लगा, पंखू सिसकारियां भी भरने लगी)
पंखू- अह्ह्ह्ह्ह्ह…
ताई- क्या हुआ पंखू, ऐसे आह क्यों भर रही है.
पंखू- अह्ह्ह्ह कुछ नहीं माँ, ऐसे ही.
(चाची पंखू की अश्लील कामुक आवाज़ें सुनकर हंसने लगी, 10 मिनट के बाद पंखू की गुलाबी रसभरी जवान लचीली चूत ने पानी छोड़ दिया और पंखू निढाल हो गयी, चाची सब कुछ समझ गयी लेकिन चाची ने रंग में भंग डालने का काम नहीं किया.
नाश्ता करने के बाद मैं चाची के साथ गौशाला गया, चाची को काली मोटी भैंस का दूध निकालना है, चाची गौशाला में काम करने लगी, उसके बाद जमीन पर बैठकर दूध निकालने लगी, दूध निकालते हुए चाची के काले विशालकाय दूध भी स्पष्ट दिख रहे हैं.
चाची काली भैंस की छोटी बहन लग रही है, प्रौढ़ अवस्था में मोटी भरे हुए बदन की, सुडौल काले वक्ष वाली, मेरा केला बड़ा करने वाली मेरी 42 वर्षीय सपना चाची ने मुझे अपने इस वीभत्स नज़ारे से आगोश में भर लिया है, मेरी आँखें ये सीन देखकर चौंधिया गयी हैं, चाची की काली गांड और काली चूत में लण्ड भिगोकर पेलने की मेरी इच्छा होने लगी है,
मेरा विशालकाय लम्बा लण्ड पैजामे में खड़ा हुआ झटके और हिचकोलेे मारने लगा है जो साफ साफ दिख रहा है और शायद चाची की भी पैनी नजर उसमे पड़ गयी और चाची मेरे पैजामे में उभारों को निहारते हुए हंसने लगी और मुझ से बातें करने लगी)
मैं- हंस क्यों रही है चाची?
चाची- ऐसे ही, अब हंस नही सकती क्या? अच्छा ये बता कि पंखू नाश्ता करते वक्त तरह तरह की आवाज़ें क्यों निकाल रही थी?
मैं- उसे पता नहीं क्या हो जाता है कभी कभी, ऐसे ही आवाजें निकलती है, कभी कभी तो मुझ से लिपट जाती है और ऐसे ही आवाज़ निकलती है.
चाची- ओह, तुझ से लिपट कर भी ? कितनी बेशर्म है वो, पुरे गाँव में बदनाम हो रखी है पता है तुझे?
मैं- नहीं चाची, कैसी बदनाम, बताओ मुझे भी?
चाची- चल छोड़, रहने दे, तू बता देगा उसे.
मैं- चाची नहीं बताता तेरी कसम.
चाची- सुन, ताई को भी मत बताना, मुझे मार पिटवायेगा वरना तू.
मैं- अरे ऐसे कोई कैसे मार देगा मेरी प्यारी खूबसूरत चाची को.
चाची- चल हट बदमाश, मैं और खूबसूरत, तेरी आँखें खराब हो गयी बेटा.
मैं- नहीं चाची, मेरे लिए तो तू एक दम मस्त, जवान, खूबसूरत मल्लिका है.
चाची- छी छी छि.. क्या क्या बोलता है अपनी चाची को, शर्म नहीं आती क्या?
मैं- नहीं चाची तू एक दम फिल्म की हिरोइन लगती है.
(चाची खुश हो जाती है और शर्मा जाती है, मेरी चुतिया मोटी,काली,छोटी चाची को मैं झूट बोलकर बेवकूफ बना रहा हूँ और वो बन भी रही है)
मैं- अच्छा सब कुछ छोड़, तू पंखू की बात बता जल्दी.
चाची- अच्छा सुन, वो गंदे गंदे काम करती है पुरे गाँव में हर किसी के साथ, कभी लाला के साथ तो कभी मोची के साथ, एक दिन सब्जी मंडी में 2 आदमियों के साथ गंदा काम कर रही थी, नाक कटवा दी हमारे खानदान की उस हरामण ने, 3 बार तो बच्चा गिरवाया उसका अस्पताल में, वो भी उससे पूछा तो उसे पता नहीं किसका बच्चा था, ऐसे गंदे काम करती है.
मैं- ओह बहनचोद, बहुत ही हरामी लड़की है, शर्म आती है इसे अपनी बहन बोलते हुये.
चाची- क्या बताऊँ बेटा, मैं खुद परेशान हूँ, मेरी भी जवान बेटी है घर में झिलमिल, अब उसकी संगत में रही तो वो भी कहीं उसी की तरह न हो जाये.
मैं- नहीं चाची, मैं समझाऊंगा झिलमिल को, बच्चो को समझाना बहुत जरुरी होता है वरना वो गलत रास्ते में चले जाते हैं, बच्चों से खुलकर बात करनी होती है. चूत, लण्ड, चुद्दम चुदाई, गांड, सब कुछ उन्हें बताना होता है.
चाची- हाय दय्या, छीछी… कितने गंदे गंदे शब्द बोल रहा है तू, ऐसा मत समझाना मेरी बच्ची को, समझाने के चक्कर में कहीं बिगाड़ दिया तूने उसे, वो यही गंदे गंदे शब्द घर में बोलती रहेगी फिर.
मैं- अरे मेरी भोली प्यारी, सेक्सी चाची, आज रात को झिलमिल को साथ में बैठकर समझायेंगे, ठीक है?
चाची- ठीक है मेरे बेटे, अब घर चल, वरना ताई सोचेगी की तबेले में चाची भतीजा पता नहीं क्या कर रहे हैं.
(और हम दोनों हंसने लगे और घर की ओर चल दिए जहाँ ताई पंखू को झाड़ू से मारे जा रही है, बाद में मारने का कारण पता चला कि पंखू फिर से पेट से है, सही में बहन की लोड़ी ने खानदान की पुरे समाज में नाक कटवा दी)
(दोपहर को झिलमिल सकूल से घर आ गयी, उसने नीली स्कर्ट और शर्ट पहना है, 20 साल की उम्र में झिलमिल का गठीला शरीर व सुडौल वक्ष और गदराया हुआ बदन किसी कामुक औरत के बदन जैसा लग रहा है,
झिलमिल है तो 20 की लेकिन लगती 30 साल की है, हष्ट पुष्ट बदन वाली मेरी चाची की 20 साल की बेटी झिलमिल दिखने में बिलकुल अपनी भैंस जैसी काली मोटी माँ पर गयी है, बिलकुल वैसा ही सांवला रंग, चौड़ी और फूली हुयी छाती, मोटा बदन, मोटी कमर, बड़े बड़े होंठ, आँखों में जवानी का तेज, मानो बदन का एक एक अंग, एक एक रोम कह रहा है कि “आओ दुनिया के मर्दों, आओ मुझे तृप्त करो, मेरी चहकती हुयी, खिलती हुयी, अकेली जवानी के साथ प्यार भरी, वीर्यरस भरी होली खेलो”.
कसम से झिलमिल की स्कर्ट इतनी छोटी है कि उसकी सांवली मांसल जंघाओं के दर्शन मुझे हो रहे हैं और आज सुबह से ही मेरा केला बैठने का नाम नहीं ले रहा, कभी ताई, तो कभी पंखू, कभी चाची तो अब झिलमिल ने मेरे लोड़े के कठोरपन को क्रियान्वित किया हुआ है..
अब मेरे लोड़े को चारों की चूत का दीदार होना बाकी है तभी इसे शान्ति मिलेगी, आप सोच सकते हैं झिलमिल 20 साल की शार्ट स्कर्ट पहने हुए, कसी हुयी शर्ट पहने हुए किसी कामसूत्र की अभिनेत्री से कम नहीं लग रही है, मैं तो झिलमिल को एक टक देखता ही रह गया)
झिलमिल- हाय भाई, कैसा है?
मैं- बहुत अच्छा झिलमिल, बड़ी सुन्दर लग रही है तू, जैसे शहर की लड़की.
झिलमिल- थैंक यू भाई, आप भी बड़े हैंडसम लग रहे हो.
(इतना बोलने के बाद झिलमिल कपडे बदलने कमरे में चली गयी, एक तरफ पंखू ताई की मार खा कर , कमरे में रो रही है, चाची दिन का खाना बना रही है, झिलमिल कपड़े बदलकर बाहर आती है, उसने एक कसा हुआ टॉप पहना और नीचे जीन्स वाली नेकर पहनी हुई है..
उसके काले मोटे पेट की गहरी नाभि भी दिख रही है, अंदर ब्रा न पहनने के कारण उसके सख्त कठोर निप्पल का भी दीदार हो रहा है, और मोटी मोटी मांसल जांघें और नंगे पैर भी मेरे खड़े लोड़े की सक्रियता में अहम भूमिका निभा रहे हैं, झिलमिल के दोनों पैरों में काले धागे बंधें हैं जो चाची ने उसकी उफनती हुयी जवानी को गंदे लोगो की नजर से बचाने के लिए पहनाएं हैं..
हाथों के नाखूनों में लाल रंग की नेल पॉलिश देखकर ऐसा लग रहा है जैसे अभी नवविवाहित हो, मोटे होंठों में हलकी गुलाबी रंग की लिपस्टिक भी कामुकता को उजागर कर रही है, मेरी नजर में झिलमिल की इस जवानी और मांसल मोटे सुडौल बदन ने घर के बाकि अन्य सदस्यों को मात दे दी है, मेरा सर झिलमिल को देखकर चकरा रहा है..
मन कर रहा है कि झिलमिल को बींच दूँ और चूत, गांड को अपने लण्ड से फाड़ दूँ, और झिलमिल को अपनी पत्नी बना लूँ, मैं झिलमिल के प्यार में डूब गया हूँ, वैसे पंखू भी सेक्सी है लेकिन मुझे ज्यादा मांस वाली मोटी लड़कियां और औरतें ही पसंद आती है, पंखू हड्डी का ढांचा है और इतने लोगों से चुदने के बाद पंखू की चूत भी कई किलोमीटर फैल गयी होगी..
खैर जब रात हुयी तो मैं चाची के कमरे में गया, चाची ने चिपली गुलाबी रंग की पारदर्शी नाईटी पहनी है जिसमे से उसके काले दूध मे 4 चाँद लगाते हुए काले निप्पल दिख रहे हैं)
दोस्तों कहानी अभी जारी है, कृपया कमेन्ट करें और प्रतिक्रिया दें..

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