हैलो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श आपके सामने मेरी और मेरी मम्मी की गर्मा-गर्म चुदाई की कहानी लेकर हाजिर हुई हूं। मेरे बारे में आप सब जानते हो कि मेरी आयु 23 साल, कद 5 फीट 7 इंच औररंग बहुत गोरा है। मेरी फिगर का नाप 34डी-26-36 है और बदन कसा हुआ है। मेरेबूब्ज़ एवं गांड साईज में काफी बड़े-बड़े और शेप में गोल हैं। मेरे बूब्ज़ एवं मेरी गांड बाहर को उभरे हुए हैं और पेट समतल है।
मेरी नाभि गहरी एवं गोल है और जांघें भरी हुई एवं चिकनी हैं। मेरी आंखों एवं बालों का रंग गहरा काला है और बूब्ज़ के निप्पल हल्के भूरे रंग के हैं। मेरा बदन एक दम टाईट, कोमल और चिकनाहै। मैं ज्यादातर टाईट जींस के साथ टाईट टॉप एवं टाईट शर्ट और हाई हील के सैंडिल पहनती हूं। मैं बहुत ही रंडी किस्म की चुद्दकड़ लड़की हूं और बहुत सारे लंड अपनी चूत एवं गांड में लेकर चुदाई करवा चुकी हूं।
मेरी मम्मी का नाम संदीप है लेकिन सब उनको संनी बुलाते हैं। मम्मी संनी लियोन से भी सेक्सी और हॉट है। मेरी मम्मी की आयु 42 साल है लेकिन दिखने में 30-32 साल की लगती। है। मैं अपनी मम्मी के साथ बहुत खुली हुई हूं। मेरी मम्मी सरकारी स्कूल में टीचर है और मुझ से ज्यादा चुद्कड़ है। उनके बहुत मर्दों के साथ सेक्स संबंध हैं। मम्मी ज्यादातर अपने स्कूल के प्रिंसिपल के रूम में अपने अलग अलग यारों से चुदाई करवाती थी और मैं 8वीं क्लास से मम्मी और उनके यारों की चुदाई छुप कर देखा करती थी।
जब मैं 10 वीं क्लास में हुई तब से मम्मी के साथ चुदाई करने जाने लगी। कई बार मैं और मम्मी ने एक मर्द से एक साथ चुदाई की है और कई बार ग्रुप सेक्स में कई मर्दों ने मिलकर हमें चोदा है। मैं मम्मी के यारों से भी चुदाई करती हूं और मम्मी मेरे यारों से भी। हम दोनों एक साथ चुदाई करने जाती हैं। हम कभी अलग अलग रूम में मर्दों से चुदाई करती हैं कभी एक रूम में एक साथ चुदाई करती हैं। अभी तक हम दोनों ने मिलकर ज्यादा से एक साथ 8 मर्दों से चुदाई की है।
मेरी मम्मी की शक्ल मुझ से बहुत मिलती जुलती है। मम्मी इतनी फिट है कि जो लोग हमें नहीं जानते वो हमको सगी बहनें समझते हैं। मम्मी की आंखों एवं बालों का रंग गहरा काला और होंठ लाल एवं रसीले हैं। मम्मी का कद 5 फीट 6 इंच और रंग बहुत गोरा है। मम्मी का बदन एकदम टाईट, सेक्सी, मुलायम और चिकना है। मम्मी के बूब्ज़ और गांड मेरी तरह काफी उभरे हुए तथा पेट बिल्कुल समतल है। मम्मी के बूब्ज़ और गांड काफी बड़े-बड़े और गोल हैं। मम्मी की नाभि गहरी और जांघें भरी हुई हैं।
मम्मी की फिगर का नाप 36डी-28-36 है और बूब्ज़ के निप्पलों का रंग मेरे निप्पलों जैसा हलका भूरा है। मम्मी घर में सलवार कमीज़ पहनती है और बहुत शरीफ लगती है तथा बहुत सलीके से बात करती है। लेकिन चुदाई के वक्त वो जींस टॉप या स्कर्ट टॉप पहनती है और बहुत गंदी भाषा में बात करती है। मम्मी की संगत से ही मुझे चुदाई वक्त गाली देने और शराब, सिगरेट एवं और नशे की लत लगी है। हम दोनों मां बेटी एकसाथ चुदाई के साथ एकसाथ हर प्रकार का नशा भी लेती हैं और बदन को शेप में रखने केलिए कसरत करती हैं।
ये बात 12 मार्च की है। मम्मी के सैमीनार दिल्ली में लगने थे और उनको एक हफ्ते केलिए वहां जाना था। मम्मी ने मुझे साथ जाने को तैयार कर लिया और बोला कुछ दिन दिल्ली में मजा करेंगे। पापा हम दोनों को रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में बैठाकर चले गए। हम दोनों दिल्ली पहुंच गईं और मम्मी ने बाथरूम में जाकर सलवार कमीज़ उतार अर जींस टॉप पहन लिया। हम दोनों एक होटल में आ गईं और रूम ले लिया, वहां की मालकिन एवं मैनेजर एक अधेड़ उम्र की औरत थी।
हम रूम में आ गईं और वहां पर एक डबल बैॅड, सोफा, टेबल, एलईडी और बडा़ आईना लगा हुआ था। हम वहां सो गईं और शाम को आंख खुली। हमें शराब की तलब लगने लगी और हम दोनों शराब लेने जाने ही वाली थीं कि मालकिन ने आकर पूछा आपको कुछ चाहिए तो बता देना। मम्मी ने उसको कहा अगर शराब और सिगरेट मिल जाती। उसने स्माईल दी और कुछ ही देर में शराब और सिगरेट का जो ब्रांड हमनें मांगा था वो रूम में पहुंच गया।
हम दोनों ने शराब एवं सिगरेट पी और टीवी देखने लगीं। मम्मी ने खाने का आर्डर दिया और हम खाना खाकर बैॅड पर आ गईं। तभी मम्मी बोली अर्श अगर कोई मर्द मिल जाता तो मजा आ जाता। मैंने कहा हां मम्मी मेरा भी चुदाई का मन हो रहा है। मैंने और मम्मी ने एक-दूसरे की चूत चाट कर पानी निकाला और सो गईं। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
सुबह उठ कर मम्मी ने चाय आर्डर की और हम चाय पी ही रही थीं कि होटल की मालकिन आ गई, उसने हमें गुड मार्निंग बोला और हमसे पूछने लगी क्या हम दोनों बहनें हैं। मम्मी ने कहा हां और खुद को बड़ी और मुझे छोटी बहन बताया। होटल मालकिन ने कहा अगर शराब और सिगरेट के अलावा किसी भी और नशे की जरूरत हो तो बता देना यहां सब मिलेगा।
मम्मी ने उससे चर्स मंगवा ली और शाम को देने केलिए कहा। मैं और मम्मी ब्रेकफास्ट कर के सैमीनार केलिए निकल गईं और शाम को 4 बजे होटल में वापिस आई। मम्मी ने मुझे समझा दिया कि जितने दिन दिल्ली में हैं मैं उनको संनी कहूं। हमने सोचा था कि कुछ देर होटल में आराम करने के बाद किसी मर्द को पटाना है। हम होटल में आए और रूम में जाकर नहा कर आराम किया और 5 बजे तैयार हो गईं।
मैंने सफेद रंग की जींस, नेवी ब्लू शर्ट, ब्लू ब्रा एवं पैंटी और सफेद हाई हील के सैंडिल पहने हुए थे। मैंने लाल रंग की लिपस्टिक लगाई और बाल खुले छोड़ लिए। मम्मी ने काली जींस, सफेद टॉप, काली ब्रा एवं पैंटी और काले हाई हील के सैंडिल पहन लिए। मम्मी ने गुलाबी रंग की लिपस्टिक लगाई और बाल खुले छोड़ लिए। हम ने बदन पर परफ्यूम लगाया और रूम से बाहर आकर होटल मालकिन की तरफ हो गईं। वो अपनी जगह पर बैठी थी और हमें देखकर स्माईल दी। उसने हमें चर्स दी और मम्मी सिगरेट बनाने लगी।
मम्मी ने होटल मालकिन से कहा कि होटल खाली पडा़ हुआ है क्या बात है। उसने कहा कुछ देर में ग्राहकों का आना होगा। मम्मी ने तीन सिगरेट में चर्स भर ली और एक होटल मालकिन को दे दी। वो भी कश लगाकर पीने लगी। अभी दो दो कश खींचे थे कि एक लड़का अंदर आया और रूम के लिए पूछा। होटल मालकिन ने पूछा कितने टाईम केलिए तो लड़का बोला 2 घंटे केलिए। उसने लड़के से पैसे लेकर एक रूम की चाबी ले ली और उस लड़के ने बाहय खड़ी लड़की को बुलाया।
वो उस लड़की के साथ रूम में चला गया। तभी तीन और मर्द आए और तीन रूम मांगे। वो होटल मालकिन से घुसर फुसर करते हुए हमारी तरफ गौर से देख रहे थे। तभी होटल मालकिन ने उनको कुछ लड़कियों की फोटो दिखाईं और उन्होंने तीन लड़कियों को पसंद कर लिया। उसने उन मर्दों से कहा तब तक रूम में जाकर मूड बनाओ लड़कियां 15 मिनट में तुम लोगों के रूम में पहुंच जाएंगी।
मम्मी ने धीरे से मुझे कहा अर्श कहीं जाने की जरूरत नहीं हमारा काम यहीं हो जाएगा। एक एक करके आंटी ने 9 मर्दों के रूम में लड़कियां भेज दी़। तभी दो और मर्द आए लेकिन आंटी ने उनको बोला रूम मिल जाएगा और लड़की खुद ले आओ। मम्मी ने उससे पूछा इनको मना क्यों कर दिया तो बोली मेरे पास और लड़की फ्री नहीं है। मम्मी ने कहा आप चली जाती तो आंटी मुस्करा कर बोली कि वो आज रात किसी और के साथ सैटिंग कर चुकी है। तभी उसने हमसे कहा अगर तुम दोनों को चाहिए तो भेज देती हूं। मम्मी ने कहा इसमे हमारा क्या फायदा होगा।
आंटी समझ गई हम तैयार हैं। आंटी बोली एक रात का दोनों को 15000-15000 रुपए एक मर्द के साथ, खाना-पीना, रहना, शराब, सिगरेट और हर तरह का नशा फ्री। मम्मी ने कहा मंजूर है लेकिन मर्द स्मार्ट और अच्छी चुदाई करने वाला हो। आंटी ने कहा ठीक है और हम दोनों शराब और सिगरेट बोल कर अपने रूम को जाने लगी। तभी आंटी ने पूछा कितने मर्द चाहिए तो मम्मी ने मेरी तरफ देखा और मैंने कहा दोनों के कम से कम चार तो भेज ही देना। हम दोनों रूम में आ गईं और पीछे ही शराब और सिगरेट भी आ गई। हमनें एक एक और चर्स वाली सिगरेट पी और टीवी देखने लगीं।
करीब 10 मिनट बाद आंटी ने ने सर्विस फोन पर बताया कि दो लोग रूम में आ रहे हैं और पूछा कि क्या हम कंडोम लगा कर सेक्स करेंगी या बिना कंडोम के। मैंने कहा उन लोगों से पूछ लो वो कैसे करना पसंद करेंगे हमे कोई दिक्कत नहीं है और अगर बिना कंडोम के करना चाहें तो ज्यादा मजा आएगा। तभी मम्मी ने फोन मुझ से ले लिया और आंटी को कहा उनको सेक्स की गोली खिला दे और एक एक हमारे लिए भेज दे। आंटी ने ठीक बोलकर फोन काट दिया।
5 मिनट बाद 45-46 साल के दो हट्टे-कट्टे मर्द रूम में आए। दोनों दिखने में गोरे चिट्टे और सुंदर थे। उनका जिस्म फिट और सुडौल था। दोनों का कद करीब 5 फीट 8 इंच और क्लीन शेव चेहरा था। दोनों बहुत स्मार्ट लग रहे थे और जींस शर्ट पहने हुए थे। उनके साथ एक वेटर भी था और वो टेबल पर चार बोतल बीयर, एक बोतल शराब, दो सिगरेट के पैकेट, एक पलेट नमकीन काजू, एक जग और 4 कांच के गिलास रखकर चला गया। एक ने दरवाजे की कुंडी लगाते हुए कहा दोनों बहुत मस्त माल हैं भाई।
दूसरे ने हां में हां मिलाते हुए कहा सही बोले भाई सालियों की फिगर देख एकदम चिकना माल है चोदने में बहुत मजा आएगा। दोनों हमारे सामने सोफेपर बैठ गए और हमारा नाम पूछा। मम्मी ने अपना नाम संनी और मैंने अर्श बतआ दिया। उन्होंने अपना नाम संजीव और सतीश बताया। उन्होंने बताया कि वो सगे भाई हैं और हमसे पूछा क्या हम भी सगी बहनें हैं। मम्मी ने कहा हां और वो एक दूसरे की तरफ देखकर मुस्करा दिए।
संजीव ने सतीश से कहा याद है भाई हम अपनी दोनों बहनों की चुदाई किया करते थे और क्यों न आज इनको बहन बनाकर चोदा जाए। सतीश ने कहा आईडिया अच्छा है एक बार फिर बहनचोद बनने की यादें ताजी कर लेते हैं। उन्होंने हमसे कहा कि उनकी दो छोटी बहनें थीं बिल्कुल तुम जैसी सेक्सी और हॉट क्या आज तुम हमारी बहनें बनकर हमसे चुद सकती हो। हमने कहा जैसे तुम चोहो हम तुम्हे भाई बना लेती हैं। दोनों खुश हो गए।
मम्मी ने दो बोतल बीयर खोलकर जग में डाल दीं और मैंने शराब की बोतल खोलकर आधी शराब जग में मिला दी। तभी संजीव ने अपनी जेब से सेक्स का चार गोली निकाल कर टेबल पर रख दीं। मैंने सब को आधा आधा कर दिया और एक टुकड़ा उठा लिया। मैंने उसको चूमा और मम्मी की तरफ कर दिया। मम्मी ने भी उसको चूमा और मैंने उसको जीभ पर रखकर जीभ संजीव के पास कर दी। उसने मेरी जीभ को मुंह में ले लिया और मेरी जीभ चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले ली।
मैंने गिलास में शराब डालकर आधा गिलास उसको पिला दिया और गोली उसके पेट में चली गई। फिर मम्मी ने गोली पर मेरा चुम्मा लेकर अपनी जीभ पर रख ली और सतीश मम्मी की जीभ को चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले गया। मम्मी ने अपने हाथों से शराब उसके मुंह को लगाकर आधा गिलास पिला दिया। हमने अपनी जगह बदल ली अब मम्मी ने संजीव को और मैंने सतीश को जीभ पर गोली रखकर शराब से खिलाई। अब सतीश ने गोली को चूमा और अपने लंड बाहर निकाल कर उस पर रगड़कर संजीव को दे दी और उसने भी गोली के टुकड़े को अपने लंड पर रगड़कर मम्मी की जीभ पर रख दी।
मम्मी ने मुंह मेरी तरफ किया और मैं मम्मी की जीभ को सेक्सी तरीके से चूसते हुए गोली मुंह में ले ली। मुझे सतीश ने अपने हाथों से शराब का आधा गिलास पिला कर गोली अंदर कर दी। अब संजीव ने गोली उठाई और चूमकर लंड पर रगड़कर सतीश को दे दी। सतीश ने गोली लंड पर रगड़कर कर मेरे मुंह में दे दी और मम्मी वो गोली मेरी जीभ को चूसते हुए अपने मुंह में ले गई। संजीव ने आधा गिलास शराब से मम्मी को गोली खिला दी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
आधी आधी गोली खाने के बाद मैंने और मम्मी ने उन दोनों के लंड हाथों में पकड़ लिए और हिलाने लगीं। हमारे हाथों का कोमल स्पर्श पाते ही दोनों के लंड अकड़ने लगे और जैसे जैसे हम उनके लंड हिला रही थीं वैसे वैसे उनके लंड और ज्यादा फूल रहे थे। हमारे नाजुक हाथों के जादू से उनके लंड लोहे की गर्म रॉड बन गए। उन दोनों ने खड़े होकर अपनी-अपनी जींस उतार दी और बचे हुए दो गोली के टुकड़े उठा लिए। सतीश मेरे सामने और संजीव मम्मी के सामने खड़े होकर अपने अपने लंड के टोपे पर गोली टिकाने लगे लेकिन गोली बार बार उनके चिकने टोपे से फिसल रही थी।
मैंने सतीश के लंड के टोपे पर जीभ घुमा घुमा कर गीला कर दिया और मम्मी ने संजीव के लंड पर जीभ घुमाते हुए गीला कर दिया। उन दोनों ने जगह बदल ली और संजीव ने मेरे सामने तथा सतीश ने मम्मी के सामने खड़े होकर गोली अपने अपने लंड के टोपे पर टिका ली। मैंने संजीव का लंड अपने मुंह में ले लिया और धीरे-धीरे लंड को बाहर निकालते हुए गोली अपने मुंह में ले ली। मम्मी ने संजीव का लंड मुंह में लिया और सेक्सी तरीके से लंड बाहर निकालते हुए गोली मुंह में ले ली।
संजीव ने मम्मी को और सतीश ने मेरे मुंह को शराब का गिलास लगाकर गोली हल्क के नीचे कर दी। वो दोनों सोफे पर बैठ गए। तभी सतीश बोला आज तक हमने बहुत औरतें को चोदा है लेकिन हमारी बहनों से बड़ी रंडी कोई नहीं मिली। लेकिन तुम उनसे भी बड़ी रंडियां लग रही हो चुदाई से पहले ही इतना मजा दे रही हो तो चुदाई में न जाने कितना मजा आएगा। मैंने उनसे कहा क्या बोल रहे हो भईया हम तुम्हारी बहनें तो हैं। मैं तुम्हारी सब से छोटी और मम्मी की तरफ इशारा करते हुए कहा ये मुझ से बड़ी। सतीश बोला तू बहुत चालू है साली हर बात को घुमा देती है।
मम्मी ने चार गिलास में शराब डाली और मैंने तथा मम्मी ने गिलास उठा लिए। मैं सतीश की गोद में बैठ गई और मम्मी संजीव की गोद में बैठ गई। हमनें उनके होंठों पर शराब के गिलास लगा दिए और वो कपडो़ं के ऊपर से हमारे बूब्ज़ दबाते हुए शराब पीने लगे। अब उन्होंने गिलास उठा लिए और हमें पिलाने लगे तो मैंने रुकने को बोला और हम दोनों गोद से उतर गईं। हमने उनको खड़े कर लिया। मैंने सतीश का लंड पकड़ कर शराब में डालकर हिलाया और मम्मी ने संजीव का उसके बाद मम्मी ने सतीश का और मैंने संजीव का लंड शराब में डालकर हिलाया।
इतने में उन दोनों ने अपनी-अपनी शर्ट भी उतार दी। वो नंगे होकर सोफे पर बैठ गए और हम फिर से उनकी गोद में बैठ गईं। उन्होंने हमें अपने हाथों से अपने लंड से हिलाई हुई शराब पिला दी। सतीश ने मेरी शर्ट उतार दी और संजीव ने मम्मी का टॉप निकाल दिया। उन्होंने हमारे बूब्ज़ ब्रा के ऊपर से दबाने चालू कर दिए। मैंने सिगरेट और मम्मी ने सिगरेट मुंह में ली और उन्होंने सुलगा दी।
मैंने कश खींच कर सतीश के होंठों को और मम्मी ने कश लगाकर संजीव के होंठों को सिगरेट लगा दी। हमनें फिर कश लिए और इस बार मैंने संजीव और मम्मी ने सतीश के होंठों को सिगरेट लगाई। ऐसे हमनें सिगरेट खत्म कर दीं और उन्होंने हमारे ब्रा की हुक खोलकर हमारे बूब्ज़ ब्रा से आजाद कर दिए।
हमारे संगमरमरी बदन और बड़े-बड़े एवं गोल बूब्ज़ देखकर उन्होंने ने बूब्ज़ अपने हाथों में दबोच लिए। वो बड़ी जोर जोर से हमारे बूब्ज़ दबाने और मसलने लगे। वो हमारे बूब्ज़ की पूरी तरह अपने हाथ में समाना चाहते थे लेकिन बहुत दबाने के बाद भी हमारे बूब्ज़ उनके हाथों में समा नहीं रहे थे क्योंकि हमारे बूब्ज़ टाईट थे। तभी संजीव बोला भाई इन गश्तियों के बूब्ज़ तो हमारी रंडी बहनों से भी बड़े और सेक्सी हैं। उनके बूब्ज़ तो ढीले थे लेकिन इन दोनों के तो बहुत टाईट और चिकने हैं। सतीश बोला बहनों की बात मत कर भाई और मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला नहीं तो ये हराम की चालू लड़की कोई और बात निकाल लेगी।
मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ जरुर करें। ताकि कहानियों का ये दोर देसी कहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे।
उन्होंने हमें खड़ी कर दिया और हमारी जींस और पैंटी निकाल दी सिर्फ सैंडिल पैरों में रहने दिए। नंगी होकर मैं संजीव की गोद में बैठ गई और मम्मी सतीश की गोद में। अब संजीव मेरे और सतीश मम्मी के बूब्ज़ दबाने और मसलने लगा। हम दोनों ने उनके होंठों पर अपने होंठ रख दिए और चूमने लगीं। वो हमारे बूब्ज़ को दबाते हुए हमारे होंठों का रसपान करने लगे और हम उनकी छाती को हाथों से रगड़ते हुए उनके होंठों का रस निचोड़ने लगीं।
कुछ देर बाद जबरदस्त चूमा चाटी होने लगी और हम उनके और वो हमारे मुंह में जीभ डालकर घुमाते हुए होंठों को दांतों से हलका हलका काट लेते। बीच-बीच में वो मेरे और मम्मी के होंठ मिला देते और मैं और मम्मी एक दूसरी के होंठ चूसती। वो हमारी चूमा चाटी देखते हुए हमारी पीठ सहलाते और फिर हमारे होंठों को चूमने लगते। उनके लंड हमारे चूतडो़ं की दरार में चुभ रहे थे और हम गांड हिला कर उनके लंड दबा देती। उन्होंने अदला-बदली करके हमारे होंठों का रस पियआ और हमने भी उनके होंठों को खूब निचोडा़।
दोस्तों ये कहानी अभी जारी रहेगी और मेरा ईमेल पता है “[email protected]”.