हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सब, मैं आज लेकर आया हूं अपनी एक नई कहानी आपके लिए जिसे पढ़कर आप सब का पानी निकल जाएगा। तो सभी लेडीस को मेरा खड़े लडं का नमस्कार।
आज आप सब जांयेगें कि कैसे मैंने अपने एक पड़ोसी भाभी को चोदा था। आज मैं बहुत दिनों बाद ये अपनी स्टोरी लिख रहा हूं, वैसे मैं आज हिंदी में बहुत फर्स्ट टाइम ट्राई कर रहा हूं। अगर इसमें कोई गलती हो, तो मुझे माफ़ करना।
चलिए अभी स्टोरी पर आते हैं, आप मेरे बारे में तो जानते ही होंगे। मेरा नाम नवीन सिंह है, मैं कानपुर से हूं और अच्छी गवर्नमेंट जॉब करता हूं। मेरे लंड का साइज साइज काफी अच्छा है 8 इंच लम्बा और 3 इंच मोटा है।
जो सभी फीमेल को बहुत खुश कर सकता है, जिसे भी मेरी कहानी पसंद आये वो मुझे पर्सनल ईमेल कर सकता है। मैं इससे आपको मेरा नंबर व्हाट्सएप मिल जाएगा, जिसे आप मुझे जरूर कॉल कर सकते है।
अब कहानी चलिए शुरू करते हैं, यह बात मेरे पड़ोस में ही नहीं आई एक कमला भाभी की है। जिनके पति फौज में है, और बहुत ही कम घर आते हैं। आपको पता ही होगा फौज में कैसी नौकरी होती है।
तो भाभी अकेली रहती थी, वो भी अपनी सास के साथ। वो बहुत ही अच्छी और चिकनी थी, जिसे देखते किसी का भी लंड सलामी देने के लिए खड़ा हो जाता था। भाभी की बड़ी ही खूबसूरत बड़ी बड़ी चूची थी।
भाभी की हाइट ज्यादा नहीं थी, वो सिर्फ 5 फुट के करीब थी। उनकी गांड थोड़ी बहार निकली हुई थी, और थोडा सा उनका पेट भी निकला हुआ था। पर उनका भरा हुआ जिस्म बहुत कमाल का लगता था।
वो ५फीट की क़यामत लगती थी, जिसे देखते ही हर किसी का लंड खड़ा हो जाता था। वो रोज अकेले ही काम पर जाना पड़ता था, वेसे भाभी के पास स्कूटी थी। पर भाभी को वो अच्छे से चलानी नही आती थी।
तो भाभी ने मुझे स्कूटी सिखाने के लिए कहा, मैं झट से मान गया। मुझे कब से ऐसे किसी मोके का इंतज़ार था। फिर शाम को भाभी और मैं स्कूटी ले कर निकल लिए, वो मेरे आगे मेरे लंड से चिपक कर बैठ गयी।
और मैं भी अपने हाथ आगे उसके हाथ पर रख कर उसको स्कूटी चलाने के बारे में समझा रहा था। जब मैं धीरे धीरे ब्रेक लगा रहा था, तब मेरा लंड उसकी गांड से टकरा जाता था। जिससे मैं अपने पर कण्ट्रोल नही कर पता था।
ये बात अब भाभी को भी पता चल गयी थी, मैं बार बार भाभी के साइड से उनके बूब्स छूने की कोशिश कर रहा था। दोस्तों मैं आपको क्या बताऊँ मुझे कसम से बहुत मजा आ रहा था, मेरा मन कर रहा था। कि मैं अभी के अभी भाभी को चोद दूँ, मुझे ऐसे लग रहा था मानो की अभी मेरा पानी निकल जायेगा।
फिर ऐसे ही काफी दूर जाने के बाद हम लोग जब वापिस आये, तो भाभी मुझसे बोली – तुम ये क्या मस्ती कर रहे थे।
भाभी मुँह से ये सुनते ही मैं समझ गया, की भाभी अब फंस चुकी है। और अब ये मुझे पका देगी, ये सोच कर ही मैं बहुत खुश हो रहा था। फिर मैंने भाभी से हिम्मत करके कहा।
मैं – भाभी फिर आयो किसी दिन रूम में दोनों मिल कर मस्ती करगें।
भाभी – ठीक है, मैं आती हूँ टाइम निकल कर।
दोस्तों फिर २ दिन बाद मेरे पास भाभी का फ़ोन आया, वो करीब शाम का ७ बजे का टाइम था। तब तक अँधेरा हो चूका था, उसने आते ही दरवाजा खटखटाया। मैंने जेसे ही दरवाजा खोला और उसे बहार देखा, तो मैंने भाभी को पकड़ अंदर खिंच लिया।
फिर मैंने उसके होंठो पर अपने होंठो रख दिए, और फिर मैंने उसको किस करने लग गया। वो भी मेरा पूरा साथ दे रही थी, कसम से दोस्तों मुझे ऐसा मजा कभी नही आया था। मैंने अपना हाथ उसकी कमर पर रखा, और मैं अपने हाथ से उसकी मुलायम गांड को मसल रहा था।
दोस्तों कसम से मुझे बहुत मजा आ रहा था, फिर मैंने उसके बूब्स पर अपना हाथ रखा। और मैं उसके उसके सूट के उपर से ही उसके बूब्स को दबाने लग गया। वो खुद भी अब मेरे लंड से खेलने लग गयी, और फिर इसी बिच मैंने उसका कुरता और सलवार दोनों निकाल दी।
अब वो मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पन्टी में थी, और अब वो मेरे कपडे उतारने लग गयी। फिर अब मेरे लंड से खेलने लग गयी। हम दोनों ऐसे अपनी एक स्लेफी भी ली, और अब मुझसे और नही रहा जा रहा था।
इसलिए मैंने उसकी ब्रा पन्टी को निकल दिया, वो कसम से नंगी बहत मस्त लग रही थी। फिर मैंने उसे निचे बिठा दिया, और मैंने अपना लंड उसके मुह में डाल दिया। पहले उसने धीरे धीरे लंड चूसा और फिर बाद में वो मेरे लुंड को एक लोलीपोप की तरह जोर जोर से चूसने लग गयी।
जब मुझे लगा की उसे उलटी आने वाली है, तो मैं धीरे धीरे उसका मुँह चोदने लग गया। फिर कुछ देर बाद मैंने अपने लंड का सारा पानी उसके मुँह में निकल दिया। उसने मेरा सारा पानी पी लिया, फिर जा कर उसने मेरा लंड अपने मुँह में से निकला।
अब मैंने उसको लिटा दिया, और मैं उसकी मस्त चूत को देखने लग गया। उसकी चूत पर बड़ी बड़ी झांटे थी, पर वो कमल की लग रही थी। उसके काले जंगल में मुझे अपनी गुलाबी रंग की गुफ्फा दिख गयी थी।
फिर मैंने उसकी चूत पर अपना मुँह रखा, और मैं उसकी चूत को चूसने लग गया। फिर कुछ ही देर बाद उसकी चूत ने अपना पानी निकल दिया। अब मैं उसके उपर आ गया, और मैं उसके होंठो को चूसने लग गया।
फिर मैं उसके बूब्स को भी मसलता हुआ चूसने भी लग गया। अब मैंने ज्यादा देर ना करते हुए, अपना लंड उसकी चूत पर रखा। और उसकी गीली चूत में मेरा लंड बड़ी आसानी से अंदर चला गया।
फिर मैंने उसके पैर अपने कंधे पर रखे, और फिर मैं जोर जोर से धके मारने लग गया। अब पुरे रूम में फच फच की आवाजें गूंज रही थी। मुझे अब डर भी लग रहा था, की उसकी आवाजें कहीं बहार ना चली जाये।
पर मेरा मन कर रहा था, कि ऐसी मस्त माल को मैं सारी रात चोदता रहूँ। काफी देर धको के बाद भाभी का पानी निकल चूका था। अब मेरा भी निकलने वाला था, तो मैं भाभी से बोला।
मैं – भाभी मेरा निकलने वाला है, कहाँ निकलूं?
भाभी – अंदर मेरी चूत में ही निकल दे।
फिर मैंने थोड़ी देर और चोदने के बाद भाभी की चूत में ही अपना सारा पानी निकल दिया। उसके बाद हम दोनों थक चुके थे, पर थोड़ी देर बाद मेरा लंड फिर से खड़ा हो गया। पर अब मैंने भाभी की चूत नही गांड मारनी थी।
पर भाभी गांड नही मरवा रही थी, पर थोड़ी देर मनाने के बाद भाभी मान गयी। फिर मैंने जल्दी से उसकी गांड पर तेल लगया, और फिर मैंने अपना लंड धीरे धीरे उसकी गांड में डाल दिया। अभी मेरा लंड आधा ही अंदर गया था, और भाभी जोर जोर से चिलाने लग गयी।
पर जब मैंने भाभी के बूब्स और होंठ चुसे तो भाभी का दर्द शांत हो गया। फिर मैंने भाभी की गांड जम कर चोदी, काफी देर गांड चुदाई के बाद मैंने अपना सारा पानी उनकी गांड में ही निकल दिया।
उसके बाद भी हम दोनों काफी बार चुदाई करी, फिर मैंने भाभी की पन्टी हमारी चुदाई की याद में रख ली।
दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी, मुझे मेल और कमेंट करके जरुर बताना।
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