Desi Hindi Chudai Papa Ke Sath Garma Garam Chudai


हेल्लो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ आपके सामने अपनी चुदाई की एक गर्मा-गर्म कहानी लेकर हाजिर हुई हूं। मेरे बारे इप जानते ही हो आयु 23 साल, कद 5 फीट 7 इंच, रंग गोरा, आंखें एवं बाल गहरे काले, होंठ लाल, बूब्ज एवं गांड बडे़ बडे़ और गोल, पेट समतल, गहरी नाभि जांघे मोटी एवं मुलायम और बदन भरा हुआ एवं टाईट।बूब्ज़ के निप्पलों का रंग हल्का भूरा। देसी हिन्दी चुदाई कहानी
मैं बहुत चुद्दकड़ किस्म कई लड़की हूं, बहुत सारे लड़कों, शादीशुदा मर्दों और बुढ्ढों के लंड से अपनी चूत एवं गांड की प्यास बुझा चुकी हूं। मैं अब तक एक बार में 5 लड़कों के साथ एक बार में चुदाई की है। मुझे सेक्स और नशे की लत है और कई बार पैसे लेकर भी चुदाई की है। ये कहानी मेरे और मेरे पापा के बीच हुई सेक्स की कहानी है लेकिन एक बात साफ कर देना चाहती हूं ये सच्ची कहानी नहीं है सिर्फ मेरी कल्पना है क्योंकि मैंने कभी अपने पापा से सेक्स नहीं किया। मैंने उनको अपनी मम्मी के अलावा और औरतों से भी चुदाई करते देखा है।
उनके जिस्म के बारे सब पता है।और उनके लंड का साईज भी पता है, जब अकेले होती हूं तो अक्सर पापा से चुदाई के बारे सोचती हूं लेकिन कभी मौका नहीं मिला और न मिलने की संभावना है। मैं अपनी कल्पना में पापा से कैसे चुदाई करती हूं वो आगे पेश कर रही हूं उम्मीद है आप को पसंद आएगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
मेरे पापा का नाम जसवंत है और उनकी आयु 44 साल है। पापा का रंग काफी गोरा और कद 5 फीट 10 इंच है। पापा का चेहरा क्लीन शेव और बहुत सेक्सी है। पापा का जिस्म एकदम फिट और सुडौल है। पापा की आंखें और बाल गहरे काले रंग के हैं। पापा के सेक्सी क्लीन शेव चेहरे से लाली झलकती है। उनका सेक्सी चेहरा, सुडौल जिस्म, सेक्सी स्टाईल देखकर औरतें पापा से चुदने केलिए बेताब हो जाती हैं।
मेरे पापा भी बहुत चोदू किस्म के हैं, पापा बहुत सारी लड़कियों और औरतों को चोद चुके हैं। मैंने कई बार मम्मी-पापा की चुदाई देखी है और पापा का लंड भी देखा है। मम्मी के अलावा हमारी पडो़सन फातिमा भाबी, पापा के साथ बैंक में काम करने वाली शबनम दीदी, बैंक कैशियर अनीता आंटी, मेरी टीचर रजिया भाबी और पापा की सगी बहन किरन बुआ को पापा से चुदाई करते हुए मैंने अपनी आंखों से देखा है। बुआ से पापा की चुदाई देखते समय मुझे मालूम हुआ कि पापा मुझे भी चोदना चाहते और मैं भी पापा से चुदाई करना चाहती हूं लेकिन हम दोनों ही एक दूसरे से कह नहीं पाते।
मैं हमेशा पापा को हसरत भरी नजरों से देखती हूं और पापा मुझे। जब पापा अपनी सेक्सी नजरों से मेरा बदन निहारते हैँ तो मेरे तन मन में आग लग जाती है और पापा से चुदाई को बेताब हो जाती हूं। लेकिन पापा को बोल नहीं पाती फिर किसी और मर्द से अपनी चुदाई की आग शांत करती हूं। मैंने पापा के सामने बहुत बार एक्सपोज भी किया ताकि पापा कुछ करें। मैं खुले गले का टॉप पहन कर पापा के सामने झुक जाती हूं और पापा मेरे बडे़ बडे़ बूब्ज़ को निहारते हैं।
जब मैं ऐसे करती हूं तो मेरी नजर पापा के लंड पर होती हैऔर पापा का लंड मेरे बूब्ज़ देखकर खड़ा हो जाता है तथा उनकी पैंट में तंबू बन जाता है। पापा की आयु चाहे 44 साल है लेकिन रोजाना कसरत करने की वजह से उनकी आयु 33-34 साल से ज्यादा नहीं लगती। पापा का लंड काफी मोटा, लंबा एवं दमदार है और पापा चुदाई काफी देर तक करते हैं। अब अपनी कल्पना वाली चुदाई की कहानी पर आती हूं।
मम्मी स्कूल की छुट्टियों में एक महीने केलिए नाना जी के घर गई हुई थी। मैं और पापा घर में अकेले रहते थे। घर का काम कामवाली कर जाती थी और खाना मैं बनाती थी। मैं और पापा खाना खाकर अपने अपने रूम में सो जाते। मैं और पापा एक साथ खाना खाते थे और बातें करते थे। एक दिन संडे पापा को छुट्टी थी और कामवाली पापा के रूम में सफाई कर रही थी। मैं उसको कुछ कहने पापा के रूम में गई, कामवाली ने अपनी कमीज़ ऊपर की हुई थी और पापा उसके बूब्ज़ चूस रहे थे।
जैसे ही उन लोगों ने मुझे देखा कामवाली अपनी कमीज़ नीचे कर के बाहर भाग गई और पापा परेशान से खडे़ थे। मैं बिना बोले अपने रूम में आ गई और सीन सोचकर गर्म होने लगी। तभी पापा डरे डरे से मेरे रूम में आए, उनको डर था कहीं ये बात मैं मम्मी को न बता दूं। पापा मेरे पास आकर सॉरी बोले और कहा प्लीज़ अपनी को मत बताना। मैंने पापा से कहा कोई बात नहीं पापा मैं नहीं बताऊंगी। पापा ने थैंक्स बोला तो मैंने कहा मुझे आपकी हालत मालूम है 15 दिन से मम्मी नहीं है तो कंट्रोल नहीं हुआ होगा लेकिन कामवाली के साथ नहीं करना चाहिए था।
पापा बोले हां अर्श इतने दिनों से सेक्स नहीं किया और कामवाली को देखकर रहा नहीं गया। लेकिन कामवाली के बिना और किस से करता अब मुझ से रहा नहीं जा रहा। मैं सीधा बोलने लगी थी मेरे साथ कर लो लेकिन मैंने बात घुमा ली। मैंने कहा फातिमा भाबी को बुला लेते या शबनम दीदी या अनीता आंटी या फिर किरन बुआ को बुला लो। पापा ने हैरत से मुझे देखा और पूछा तुझे कैसे मालूम है। मैंने कहा मैंने चोरी से आपको इन सब से सेक्स करते देखा है।
पापा ने पूछा अपनी मम्मी को तो नहीं बताया। मैंने कहा नहीं पापा अगर आप चाहो तो किसी को बुला सकते हो। पापा ने कहा अनीता का पति एक महीने केलिए घर आया हुआ है, तेरी बुआ अपने बेटे के साथ घुमने गई है और शबनम के बच्चा होने वाला है, फातिमा से पूछता हूं कह कर पापा बाहर चले गए। मुझे मालूम था फातिमा भाबी भी अपने पति के साथ घुमने गई हुई है।
पापा के जाते ही मैं बाथरूम में गई, वहां अपनी चूत के बाल साफ करके नहा ली। मैंने सफेद टाईट जींस, लाल शर्ट के साथ सफेद हाई हील के सैंडिल पहन लिए। मेरे बूब्ज़ मेरी शर्ट के बटन तोड़ कर बाहर निकलने को बेचैन थे और मोटी गांड और भी उभरी हुई थी। मैंने अच्छे से परफ्यूम लगा लिया और लाल रंग की लिपस्टिक लगा कर बाल खुले छोड़ लिए।
मैंने लिपस्टिक के ऊपर लिप ग्लॉस लगा लिया ताकि होंठ और भी रसीले लगें और क्रीम वगैरह लगा कर तैयार हो गई। मैंने खुद को आईने में निहारा, मैं बहुत ही सेक्सी और हॉट लग रही थी। मैंने आंखों पर नजर वाला चश्मा लगा लिया तब आईने में देखा और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट लगने लगी। सीधी भाषा में मैं बहुत सेक्सी, गर्म और चुदाई की भूखी चुद्दकड़ रंडी लग रही थी। मुझे पूरा यकीन था आज पापा मुझे जी भर के चोद देंगें और मुझे अपनी रखेल बना लेंगें।
थोडी़ देर बाद पापा वापस आए और उनका चेहरा उतरा हुआ था। पापा अपने रूम में जाने लगे तो मैंने पूछा फातिमा भाबी आ रही है क्या। पापा ने मेरी तरफ देखा और देखते ही रह गए। मैंने फिर से पूछा तो बोले वो भी नहीं है। मैंने कहा सॉरी पापा मेरी वजह से आपका काम खराब हुआ है अगर आप चाहो तो मेरे साथ चुदाई कर सकते हो। पापा बोले नहीं अर्श तुम मेरी बेटी हो किसी को मालूम हो गया तो। मैंने कहा किसी को कौन बताएगा पापा, लंड को चूत चाहिए होती है और चूत को लंड। लंड और चूत का एक रिश्ता होता है चुदाई का और कुछ नहीं। चूत को लंड चाहिए होता है चाहे बाप का हो और लंड को चूत तक मतलब होता है चाहे बेटी की हो।
पापा बोले ये तो ठीक है लेकिन पहली बार चुदाई में दर्द होगा सह लोगी। मैं हंस पडी़ और पापा ने हंसने की वजह पूछी। मैं अपनी औकात पर आ कर बोली, मुझ में एक चोदू बाप का और एक चुद्दकड़ रंडी मां का खून है तो आपने कैसे सोच लिया मैं चुदी नहीं हूं, मैं रोज नए-नए लंड लेती हूं। पापा बोले तू भी अपनी मम्मी जैसी है। मैंने कहा और क्या करूँ पापा जब चुदाई की आग लगती है तो लंड के बिना बुझती नहीं। पापा ने पूछा सिर्फ चूत मरवाती हो या गांड भी।
मैंने कहा दोनों पापा और कई बार मुंह, चूत और गांड तीनों छेदों में लंड लेकर चुद चुकी हूं। पापा बोले साली रंडी अगर मुझे पहले पता होता मेरी बेटी इतनी गर्म चुद्दकड़ रंडी है तो रोज तुझे चोदता। मैंने बोला अब तो पता चल गया न पापा आज तो मेरी चूत और गांड में आपना लंड डालकर मेरी प्यास बुझा दो।
आज कम से कम तीन बार जरुर चोदना। एक बार अपना वीर्य मेरे मुंह में देना, दूसरी बार चूत में और फिर गांड में, तभी मुझे लगेगा मेरी चुदाई हुई है। पापा बोले तू तो अपनी मम्मी से भी बड़ी चुद्दकड़ माल है, चल आजा रूम में तुझे अपने लंड का मजा दूं। मैंने कहा पापा रूम में तो चुदाई होती रहेगी क्यों न आज खुले में चुदाई का मजा ले मतलब खेत में चलकर चुदाई करें। पापा बोले ठीक है मेरी रंडी बेटी आज तुझे खेत में चोदूंगा।
पापा अपने रूम से बाईक की चाबी लेने चले गए और मैंने पर्स में चर्स से भरी हुई 6 सिगरेट और सेक्स की गोलियों का पत्ता रख लिया। पापा ने बाईक निकाल ली और मैं पीछे बैठ गई। जैसे ही हम गांव से बाहर सुंनसान सड़क पर आए मैंने बाईक रुकवा ली और दोनों तरफ टांगें कर के बैठ गई। मैंने पापा की कमर में हाथ डाल लिए और अपने बूब्ज़ पापा की पीठ में गढ़ा कर चिपक कर बैठ गई। पापा बाईक चलाने लगे और मैं पापा के पेट को सहलाने लगी।
थोडी़ दूर जाने तक बारिश आ गई और अब किसी के आने का खतरा बिलकुल खत्म हो गया। मैंने पापा की जिप खोलकर हाथ बीच में डालकर लंड पकड़ लिया और सहलाने लगी। ऐसे मस्ती करते-करते हम खेत पहुंच गए और हम दोनों बहुत भीगे हुए थे। पापा ने बाईक मोटर वाले रूम के पास लगा दी। हमारे खेत के बीचोंबीच में अमरूद का बागान है और वहां पर एक छप्पर बना हुआ है जिसके ऊपर छत्त है तथा चारों तरफ से खुला है। वहां पर एक चारपाई, एक लकड़ी का टेबल और एक प्लास्टिक की कुर्सी है। हम दोनों बागान में आ गए और पापा मोटर वाले रूम से शराब की बोतल उठा लाए।
पापा ने चारपाई पर बैठ कर बोतल और गिलास टेबल पर रखा और मैं कुर्सी पर बैठी थी। पापा ने चारपाई पर बैठ कर एक पैग लगाया और जैसे ही पापा ने गिलास नीचे रखा मैंने उठा कर मोटा सा पैग बनाया, पापा को लगा मैं उन केलिए पैग बना रही हूं लेकिन मैंने खुद मुंह को लगाकर गटागट खींच लिया। पापा ने मेरी तरफ हैरत से देखा और कहा ये भी। मैं कुछ नहीं बोली बस मुस्करा दी, तब पापा बोले और भी कुछ लेती हो तो मैंने पर्स से चर्स वाली सिगरेट निकाल कर सुलगा ली। पापा बोले सिगरेट भी पीती हो, ला मुझे भी दे।
मैंने कहा ये आम सिगरेट नहीं है पापा इसमे चर्स भरी हुई है तो पापा बोले बहुत बड़ी रांड है तू यार ला मुझे भी सिगरेट दे। मैंने कश खींच कर सिगरेट पापा को दे दी और पापा ने लंबा सा कश लगाया। ऐसे एक एक कश खींच कर हमनें सिगरेट खत्म कर दी। मैंने गिलास में पैग बनाया और पर्स से सेक्स की दो गोलियां निकाल लीं। पापा बोले तू तो सच में बहुत चुद्दकड़ है सेक्स की गोलियां भी लेकर आई है। मैंने एक गोली अपने होंठों के बीच दबा ली और पापा के पास होंठ कर दिए। पापा ने ने अपने होंठ मेरे होंठों से लगा कर मेरे होंठ चूसते हुए गोली अपने मुंह में ले ली।
जैसे ही पापा के होंठों ने मेरे होंठों को छुआ, मेरे बदन में आग सी लग गई। मैंने आधे गिलास से गोली पापा को खिला दी और कुर्सी पर बैठ गई। मैंने पापा से कहा कितना अच्छा होता अगर मैं अपनी सील आपसे तुड़वाती। पापा ने कहा मैं तो तुझे कब से चोदना चाहता था लेकिन मौका आज मिला है।
पापा ने कहा अर्श कपड़े गीले हो गए हैं उतार दो। मैंने कहा मैं आपके निकालती हूं आप मेरे निकाल दो। हम दोनों खडे़ हो गए। मैंने पापा की शर्ट और पैंट निकाल दी और पापा ने मेरी शर्ट और जींस निकाल दी। पापा सिर्फ अंडरवियर में और मैं लाल ब्रा एवं पैंटी में खडी़ थी। पापा की नजर मेरे ब्रा से बाहर निकले हुए बडे़ बडे़ बूब्ज़ पर थी और मेरी नजर पापा के अंडरवियर में उछल रहे लंड पर थी।
पापा ने अपने होंठों में गोली दबाकर होंठ मेरे पास किए लेकिन मैंने गोली हाथ से निकाल ली और पापा के होंठों को चूम लिया। मैंने घुटनों के बल बैठ कर पापा का अंडरवियर नीचे किया और लंड के टोप्पे से चमड़ी पीछे कर के गोली उनके लंड के टोप्पे पर टिका दी। मैंने अपना मुंह खोलकर पापा का लंड मुंह में लिया और धीरे-धीरे लंड को बाहर निकालते हुए गोली मुंह में ले ली। पापा ने आधे बचे शराब के गिलास से गोली मुझे खिला दी।
पापा ने मेरी ब्रा की हुक खोलकर निकाल दी और पैंटी भी निकाल दी। पापा ने मेरा बदन ऊपर से नीचे तक देखा और बोले अर्श आज तक जितनी भी लड़कियों और औरतों को मैंने चोदा है, तेरा बदन सब से खूबसूरत एवं सेक्सी है। तू बिलकुल अपनी मां पर गई है। तुम दोनों गजब की खूबसूरत भी हो और चुद्दकड़ रांड भी। पापा चारपाई पर बैठ गए और मैं उनकी गोद में बैठ गई। पापा ने पैग बनाने केलिए गिलास उठाया लेकिन मैंने मना करते हुए कहा गिलास की क्या जरुरत है पापा, बोतल से नीट पीते हैं।
पापा ने बोतल मुंह को लगाई और गटागट तीन चार घूंट पी गए। उतनी देर में मैंने सिगरेट जला ली और कश लगा लिया। पापा ने मेरे होंठों को बोतल लगा दी और मैंने भी बड़ी बड़ी घूंट पी ली। मैंने पापा के होंठों को सिगरेट लगा कर उनको कश लगवा दिया। पापा मुझे शराब पिलाते और मैं पापा को सिगरेट पिलाती। हम दोनों बिलकुल नंगे बैठे शराब और चर्स का मजा ले रहे थे। जिस तरह से मैं पापा की गोद में बैठी थी वैसे पापा का लंड मेरी गांड के छेन पर ठोकर मार रहा था। ऐसे हमने शराब की पूरी बोतल और चर्स की दो सिगरेट खत्म कर दीं।
बाहर बारिश बहुत तेज हो गई और मैं उठ कर बाहर आ गई। पापा भी मेरे पीछे बाहर आ गए। जैसे ही पापा बाहर आए मैं उनसे कस खर लिपट गई। मेरे मोटे-मोटे बूब्ज़ पापा कई सुडौल छाती में गढ़ गए, मेरा नाजुक एवं मुलायम पेट पापा के सख्त पेट से चिपक गया और पापा का लंड मेरी चूत से टकराने लगा। हम पर शराब, चर्स एवं सेक्स का नशा पूरी तरह चढ़ गया था ऊपर से बारिश का पानी और आग लगा रहा था। मैं पापा की पीठ सहलाती हुई उनकी गर्दन के नीचे चूमने लगी और पापा मेरे दोनों चूतडो़ं को पकड़कर दबाने लगे।
बीच-बीच में मैं पापा की की छाती पर अपने बूब्ज़ मसल देती। पापा ने मेरा सिर पकड़ा और मेरा चेहरा ऊपर करके अपने होंठ मेरे होंठों से लगा दिए। पहले हमने एक दूसरे के बारिश से भीगे होंठ जीभ से चाटकर साफ किए और फिर होंठों का रसपान करने लगे। कुछ टाईम तो आराम से चूमते रहे फिर जोर जोर से चूसने लगे। हम एक दूसरे के होंठों को मुंह में लेकर चूसने लगे और दांतों से हल्का हल्का काटने लगे। फिर हम एक दूसरे के मुंह में जीभ डालकर घुमाने एवं चूसने लगे।
मैं पापा के बारिश से गीले हुए गाल, कान और गर्दन चूसते हुए पापा कई छाती को जीभ से चाटने लगी। मैंने पापा के छाती के निप्पलों पर जीभ घुमाते हुए मुंह में भर लिया और जोर से चूसने लगी। बीच-बीच में मैं पापा के निप्पलों को काट लेती और थब पापा मेरे कंधों को जोर से दबाकर आहें भरने लगते। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है।
अब मैं पापा के पेट को चूसते हुए चूसने और काटने लगी और पापा मस्ती में मेरा सिर अपने पेट पर दबा देते। पापा ने मुझे सीधी खडी़ कर दिया और अपना मुंह मेरे बूब्ज़ पर रख दिया। पापा जोर जोर से मेरे बूब्ज़ चूसने लगे और जितनी जोर से पापा बूब्ज़ चूसते मुझे उतना ही मजा आता। पापा मेरे बूब्ज़ चूस रहे थे और मैं उनका सिर पकड़ कर अपने बूब्ज़ पर दबा रही थी।
पापा के जोर जोर से बूब्ज़ चूसने से मेरे बूब्ज़ पर लाल निशान पन गए और बूब्ज़ पर दांत गढा़ने सै दांतों के निशान बन गए। मैं पापा की पीठ पर नाखून गढा़ने लगी शर उनकी पीठ पर लाल निशान पर गए। अब पापा मेरे निप्पलों को चूसने लगे और मुझे बहुत मजा आने लगा। जब पापा निप्पलों को काटते तो मेरे मुंह से आह निकल जाती। पापा मेरे नाजुक पेट पर जीभ घुमाने लगे और दांत गढ़ा गढ़ा कर पेट भी लाल कर दिया। जब पापा मेरी गहरी नाभि में जीभ डालकर हिलाते तो मैं मचल कर पापा के बाल नोंच लेती।
मैंने पापा को सीधा खडा़ कर लिया और घुटनों के बल नीचे बैठ कर पापा का लंड पकड़ लिया और मुंह में ले लिया। पापा ने रुकने को बोला और चारपाई बाहर निकाल ली। चारपाई को रखकर पापा उस पर लेट गए और मुझे अपने ऊपर 69 अवस्था में आने को कहा। मैं चारपाई पर पापा के ऊपर आ गई, मैंने अपने घुटने मोड़कर पापा की गर्दन के पास रखकर अपनी चूत को पापा के होंठों के पास कर दी और पापा का लंड मेरे होंठों के पास आ गया।
पापा ने अपना मुंह मेरी चूत पर रख दिया और चाटने लगे। मैंने पापा के खडे़ लंड की चमड़ी पीछे की और टोप्पे पर जीभ गोल गोल घुमा कर चाटने लगी। टोप्पे पर जीभ घुमाते घुमाते मैंने पापा का लंड मुंह में ले लिया और मुंह भर कर चूसने लगी। पापा मेरे नर्म नर्म चूतडो़ं को पकड़कर मेरी चूत को चूमते हुए चूत में डालकर चाटने लगे। मुझे और पापा को बहुत मस्ती चढ़ी हुई थी, पापा मेरी चूत में जीभ डालकर बहुत जोर जोर चूत चाटने लगे और सपड़.. सपड़.. की आवाज़ आने लगी। मैं पापा के लंड को मुंह में लेकर तेज़ी से सिर नीचे करके ऊपर उठाती।
पापा का लंड मेरे गले में उतर जाता और फिर मैं बाहर निकाल लेती। मैं पापा का लंड बहुत तेज़ी से गले के अंदर-बाहर करने लगी और गप्पपप… गप्पपप.. की आवाज़ आने लगी। हम दोनों बहुत गर्म हो चुके थे और बारिश का पानी महौल को और भी सेक्सी बना रहा था। हम बाप बेटी सेक्स की दुनियां में खोए हुए अपने रिश्ते से बेखबर लंड एवं चूत चुसाई के मजे में सब कुछ भूल चुके थे।
पापा ऐसे ही चारपाई पर सीधे लेटे रहे और मैं उनके ऊपर सीधी हो गई। मैंने पापा के होंठों को चूमकर पूछा पापा चूत चोदोगे या गांड चोदोगे। पापा बोले चूत और गांड दोनों चोदूंगा। मैंने हंस कर कहा पापा आपके क्या दो दो लंड हैं जो एक साथ चूत एवं गांड में घुसा दोगे, मैं यह पूछ रही हूं पहले चूत में लंड डालोगे या गांड में। पापा बोले तेरे एवं तेरी मम्मी को दो लंड भी कम पडे़ंगे। मैंने कहा ये तो है पापा जब तीनों छेदों में एक साथ लंड घुसे होते हैं तब मजा ही कुछ और होता है। फिर मैंने पापा को उकसाने केलिए कहा आपका एक लंड ही तीन के बराबर है और मेरे तीनों छेदों को बारी बारी से वीर्य से भर देगा।
पापा बोले चल अर्श गांड से शुरुआत करते हैं। मैंने कहा ठीक है मेरे चोदू पापा गांड से शुरुआत कर लो। पापा बोले ठीक है मेरी छिनाल बेटी लेकिन एक बार में पूरा अंदर घुसा लेना। मैंने कहा मैं आपकी बेटी हूं पापा कोई रंडी नहीं जिसको पैसे लेकर चोदने को लाए हो, मैं धीरे-धीरे लंड अंदर लूंगी। आपका लंड बहुत मोटा एवं लंबा है जोर से लिया तो मेरी गांड फट जाएगी। पापा बोले वैसे तू किसी रंडी से कम नहीं है चल जैसी तेरी मर्जी, तू धीरे-धीरे ले ले। मैंने पापा के लंड पर अपनी गांड का छेद सैट किया जो बारिश के पानी से गीला हो चुका था।
पापा को लगा मैं धीरे-धीरे लंड अंदर लूंगी लेकिन मैंने पापा की छाती पर हाथ रखकर बहुत तेज़ी से अपनी गांड नीचे धकेल दी। पापा का लंड मेरी गांड की दीवारें खोलता हुआ मेरी गांड में जड़ तक समा गया। पापा इतने तेज झटके केलिए तैयार नहीं थे, पापा का लंड मेरी टाईट गांड के छेद में रगडा़ गया। पापा बोले बहनचोद साली कुतिया रंडी धीरे-धीरे बोलकर मेरे लंड की मां चोद दी। पहले बोल देती छिनाल, मैं अपने लंड पर थूक लगा लेता। मैंने कहा चुप कर बहनचोद थोडी़ देर में ठीक हो जाएगा फिर गांड उठा उठा कर चोदने लगेगा।
थोडी़ देर मैं पापा के लंड को अपनी गांड में धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगी। अब पापा नार्मल हो गए और मुझे कमर से पकड़कर गांड हिलाते हुए मेरी गांड चोदने लगे। मैंने पापा से कहा क्यों मादरचोद पापा अभी आपकी गांड फट रही थी अभी दे दना दन चोद रहे हो। पापा बोले तू है ही इतनी गर्म कुतिया कि तुझे जो जोर जोर से न ठोके वो काहे का मर्द, तेरी जैसी गर्म चुद्दकड़ रंडी किसी किसी नसीब वाले को मिलती है। जैसे तू लंड चूस रही थी तभी समझ गया था कि तेरे में चुदाई की आग बहुत है।
आज तक तेरी मां और बुआ के अलावा जिन लड़कियों और औरतों को मैंने चोदा है तू सब से सेक्सी और गर्म है। तू भी अपनी मां और बुआ जैसी चुद्दकड़ रंडी है तुझे चोदने में बहुत मजा आ रहा है। मैंने पापा के हाथ की उंगलियों में अपनी उंगलियों को फंसा कर पापा के लंड पर जोर जोर से फुदकने लगी और पापा भी नीचे से मेरी गांड में तेज़ी से लंड पेलने लगे। बारिश में हम भीगे हुए थे और लंड के गांड के अंदर-बाहर होने से फटाच फटाच की आवाज़ आने लगी।
मैंने पापा से कहा पापा अब मेरी चूत अपने चोदू बाप का लंड मांग रही है। पापा बोले चल मेरी छिनाल बेटी अब तेरी चूत का बाजा बजाऊंगा। मैं पापा के लंड को गांड के अंदर-बाहर करते बोली देखते हैं मेरी चूत का बाजा बजता है या आपके लंड की बांसुरी बजती है। मैंने गांड ऊपर उठा कर पापा का लंड गांड से निकाल कर चूत का छेद पापा के लंड पर टिका दिया।
जैसे ही मैंने चूत पापा के लंड पर टिकाई पापा ने लंड अंदर डालने से पहले उनकी पैंट में पडा़ कंडोम लाने को बोला। मुझे कंडोम लगा कर चुदाई में मजा नहीं आता लेकिन चुपचाप कंडोम ले आई मुझे लगा पापा को अच्छा लगता होगा। मैंने पापा के लंड पर कंडोम चढ़ा दिया और चूत लंड पर रखकर नीचे धकेल दी। कंडोम की चिकनाई और मेरी गीली चूत की चिकनाई से लंड मेरी टाईट चूत की दीवारों से फिसलता हुआ अंदर चला गया। मैं पापा के लंड पर उछलने लगी लेकिन मजा नहीं आ रहा था।
मैंने पापा से कहा पापा अगर बिना कंडोम के करें तो आपको कोई एतराज़ तो नहीं। पापा का चेहरा खिल गया और बोले क्या बात है मेरी चुद्दकड़ बेटी, मुझे भी कंडोम लगा कर मजा नहीं आता, मैंने इसलिए लगाया कहीं बच्चा न ठहर जाए। मैं हंस कर बोली पापा आप भी बच्चों वाली बात कर रहे हो, जब इतने लंड बिना कंडोम के मुझे चोद चुके हैं तब कुछ नहीं हुआ अब क्या हो जाएगा। अगर ज्यादा बात है तो जाते टाईम गर्भ निरोधक गोली ले लेना वो खा लूंगी।
पापा बोले मानना पडे़गा अर्श तू बहुत चुद्दकड़ रांड है चुदाई का मजा लेती भी है और देती भी है। मैंने पापा का लंड चूत से निकाल कर कंडोम उतार कर फेंक दिया और फिर से पापा के लंड पर चूत टिका दी। इस बार मैंने बहुत जोर से गांड नीचे धकेल दी और पापा का लंड सीधा मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। जैसे ही पापा का लंड मेरी बच्चेदानी से टकराया मेरे मुंह से मस्ती भरी चीख निकल गई। मैंने आगे झुक कर अपने हाथ पापा के कंधों पर रख लिए और घुटने अच्छी तरह से चारपाई पर जमा लिए।
मैं अपनी गांड ऊपर-नीचे उछाल कर पापा का लंड अपनी चूत के अंदर-बाहर करने लगी। पापा भी अपनी गांड उछाल कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे। जैसे ही पापा का लंड मेरी चूत में जाकर मेरी बच्चेदानी से टकराता तो मेरे मुंह से मस्ती की चीख निकल जाती और पापा के मुंह से भी कामुक आंहें निकल रही थीं, जिससे पूरा महौल चुदाई के रंग मे रंगा गया। मैं पापा के लंड पर जोर जोर से उछलने लगी और मेरे बडे़-बडे़ बूब्ज़ भी ऊपर-नीचे फुदकने लगे। पापा ने मेरे ऊपर-नीचे डांस करते हुए बूब्ज़ को अपने हाथों में पकड़कर दबाते हुए मेरी चूत में लंड पेलने लगे।
मैं भी उतनी तेज़ी से अपनी गांड उठा उठा कर पापा का लंड चूत के अंदर-बाहर करने लगी। चुदाई इतनी जोरों से चल रही थी के चूत और लंड के मिलन से फच्चचच फच्चचच की आवाज़ें बहुत जोरों से आ रही थीं। पूरे बागान में बारिश के पानी की आवाज़, फच्चचच फच्चचच की आवाज़, पापा की कामुक आवाज़ें और मेरी मस्ती भरी चीखें गूंज रही थीं। पापा ने मेरा सिर पकड़कर होंठों से होंठ लगाकर मेरी गांड ऊपर उठा ली और नीचे से ताबड़तोड़ शॉट मारकर मेरी चूत चोदने लगे। बारिश में चुदाई का और पापा के मोटे लंबे लंड से चुदाई का अजब मजा आ रहा था।
पापा ने मुझे अमरूद के पेड़ के साथ झुका कर मुझे घोडी़ बना कर खडी़ कर लिया। पापा ने मेरी गांड पर लंड लगाकर मेरी गांड में जोरदार शॉट मारा और एक बार में ही लंड मेरी गांड में घुसा दिया। पापा ताबड़तोड़ शॉट मारकर मेरी गांड चोदने लगे और मैं अपना लंड गोल गोल घुमा कर लंड का मजा लेने लगी। पापा ने मेरे बाल पकड़कर मेरी गांड में लंड पेलने लगे और मैं भी गांड आगे-पीछे करके लंड लेने लगी।
जैसे लंड अंदर-बाहर होता और मैं जोर जोर से मस्ती में चिल्लाती। पापा भी चोदते हुए आंहें भर रहे थे और बहुत मस्त चुदाई चल रही थी। पापा ने गांड से लंड निकाल कर मेरी चूत में पेल दिया। पापा मेरी कमर पकड़कर मेरी चूत में लंड पेलने लगे और मैं गांड आगे-पीछे करके चूत में लंड को अंदर-बाहर करते हुए मस्ती में चीखें मारने लगी।
पापा ने मुझे अपनी तरह घुमा कर मेरी पीठ पेड़ से लगा दी। पापा ने मेरी टांग उठा कर मेरे होंठों से होंठ लगा दिए और मेरी चूत में लंड डाल दिया लेकिन पापा की हाईट मुझ से ज्यादा होने से लंड सही से अंदर तक नहीं जा रहा था। सही से लंड अंदर न जाने से हम दोनों को मजा नहीं आ रहा था तो मैंने पापा को रुकने को कहा और मैंने अपने हाई हील के सैंडिल पहन लिए।
मैंने टेबल भी साथ उठा कर पेड़ के पास रख दिया। मैं पेड़ से पीठ लगाकर एक पैर टेबल पर रख कर पापा से कहा अब चोदो। पापा ने कहा बड़ी चालू है तू अर्श सब मालूम है कैसे जबरदस्त चुदाई करनी है। मैंने कहा पापा बातें ही करते रहोगे या चुदाई भी करोगे। पापा ने मेरी चूत पर लंड रखा और होंठों पर होंठ रख दिए।
मैं पापा के होंठ जोर से चूसने लगी और पापा की पीठ पर बांहें लपेट लीं। पापा ने मेरी पीठ को बांहों में जोर से जकड़ कर होंठों का रसपान करते हुए चूत में जोरदार झटका मारा। एक ही शॉट में पापा का लंड मेरी चूत की गहराई में उतर कर मेरी बच्चेदानी से टकरा गया। मेरे मुंह से जोरदार मस्ती भरी चीख निकली जो पापा के होंठों में दब गई। पापा अपनी कमर आगे-पीछे करके मेरी चूत चोदने लगे और मैं पापा के होंठों को चूसते हुए उनकी पीठ में नाखून गढा़ने लगी।
मैं पापा के कान को होंठों में लेकर चूसने लगी और हमारे गीले बदन एक दूसरे से चिपके हुए थे। मेरे बडे़ बडे़ गोल बूब्ज़ पापा कई सुडौल छाती में दबे हुए थे और मेरे बूब्ज़ के निप्पल पापा की छाती में गढे़ हुए थे। पापा मेरी चूत जोरदार शॉट मारकर चोद रहे थे और मैं पापा के कान को चूसते हुए अपने बूब्ज़ पापा की छाती पर मसलने लगी। हम दोनों बिल्कुल गीले थी तो बूब्ज़ मसलने में बहुत आनंद आ रहा था। पापा ने मुझे पेड़ की तरफ मुंह घुमा कर खडी़ कर दिया और टेबल साईड पर कर दिया। हाई हील के सैंडिल की वजह से मेरी मोटी गांड और भी उभर आई थी। मैंने अपने चूतडो़ं की फांकें खोल दीं।
पापा ने पी से मेरे बूब्ज़ पकड़ लिए औल दबाने लगे। पापा ने मेरी गोरी मुलायम पीठ को चूमते हुए मेरी गांड पर लंड लगाकर जोरदार शॉट मारा और लंड मेरी गांड की गहराई में सैर करने लगा। पापा मेरी गांड चोदने लगे और मैं भी गांड आगे-पीछे करके गांड चुदाई का आनंद लेने लगी। जब पापा जोरदार शॉट से लंड मेरी गांड में पेलते और उनका जिस्म मेरे चूतडो़ं को टच करता तो पूरे बदन में खलबली होने लगी। पापा ने मेरे बूब्ज़ जोर से पकड़ लिए और बहुत तेज़ी से मेरी गांड चोदने लगे।
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मैं समझ गई पापा झड़ने वाले हैं और मैंने पापा से कहा वीर्य मुंह में देना। पापा ने लंड मेरी गांड से निकाल लिया और मैं घुटनों के बल नीचे बैठ गई। पापा ने कपड़े से लंड को साफ किया और मैंने पापा का लंड मुंह में लेकर चूसना चालू कर दिया। थोडी़ देर बाद पापा मुझे सिर से पकड़ कर मेरे मुंह में झटके देने लगे और कुछ देर में पापा के लंड ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी। मेरा मुंह पापा के वीर्य से भर गया, कुछ वीर्य मैं पी गई और कुछ मेरे होंठों से टपकते हुए मेरे बूब्ज़ पर गिरने गगा।
पहले मैंने बूब्ज़ पर गिरा हुआ हाथ पर लगा कर चाट लिया फिर पापा का लंड जीभ से चाट कर साफ किया और बारिश के पानी से ही खुद को साफ किया। उसके बाद वहीं पर दो बार और चुदाई की। दूसरी बार पापा ने अपना वीर्य मेरी चूत में छोड़ा और तीसरी बार मेरी गांड को अपने वीर्य से भरा। चुदाई के हर राऊंड से पहले हम शराब और सिगरेट पीते और एक दूसरे के जिस्म से खेलते।
यह थी मेरी पापा के साथ कल्पना में की चुदाई की देसी हिन्दी चुदाई कहानी। अगली कहानी तक सब को चुद्दकड़ अर्श का प्यार भरा सलाम। और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

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