Clerk Se Patni Banne Ka Safar – Part 2


एक साल के भीतर ही मेरा उनसे तलाक़ हो गया। घर वालो ने दुबारा शादी करने का सोचा पर मेरा दिल नही माना और मेने नौकरी करने की ठान ली। इस लिए आपके पास उस दिन नौकरी के लिये आई थी।
विवेक – क्या अब आपको उनकी याद नही आती ?
आरती – कैसी बात करते हो साब जी। याद तो मरे इंसानो की भी आती है, वो तो फेर भी ज़िंदा है। कई बार दिल तो मचल जाता है जब किसी नए जोड़े को एक साथ खुश माहौल में देखती हूँ। मन भर भी आता है पर किया भी क्या जाये। इस बात का कोई हल भी नही है।
विवेक – आरती एक बात पूछू यदि बुरा नही मानोगे तो??
आरती – हांजी एक क्यों दस पूछो और आपका बुरा क्यों मानना।
विवेक – मुझसे शादी करोगे ?
विवेक की बात सुनकर आरती सुन सी हो गई। उसे लगा शयद कोई सपना देख रही हूँ। उसने दुबारा पूछा क्या बोला आपने सर।
विवेक – मेने कहा मुझसे शादी करोगे? मेरे दफ्तर के लोगो में तो हरमन प्यारे हो ही आप। अब घर के भी बन जाओ न, वेसे भी मुझे एक न एक दिन शादी तो करनी ही है आपसे ही न करलु। एक तो 24 घण्टे आँखों के सामने रहोगे। दूजा आप करीब एक साल से मेरे साथ कम भी कर रहे हो।
आपसे अच्छी जान पहचान भी बन गयी है। क्या पता मेरे लिए पसन्द की लड़की केसी होगी ? यदि आपकी तरह मेरा भी उनसे दिल न मिला तो मेरा क्या होगा ?
आरती – (आंसू पोंछते हुए ) — सर मेने इतना लम्बा कभी सोचा नही था, बस आपसे मिलना था तो ज़िन्दगी स्वरनी थी।
आपका पहले ही बहुत बड़ा एहसान है मुझपे तो जो अपने दफ्तर में नौकरी दे दी, एक और अहसान कैसे चुकाउंगी आपका ?
विवेक – सो सिंपल मेरी आफिस वर्कर से, मेरे घर की और दिल की रानी बनकर।
दोनों एक दूसरे को गले लगाकर बेतहाशा चूमने लगे। आरती के तो आंसू ही नही रुक रहे थे। भगवान ने इतनी जल्दी सुनली, जो उसकी उजाड़ हुई ज़िन्दगी में फिर से हरियाली पनप आई।
बातो बातो में पता नही चला कब 12 बज गए। अब विवेक ने शरारती स्माइल से मूड में कहा क्यों अब भी मेरी तरफ टांगेे करके सोओगी ।
आरती – नही जानू जी अब आपकी छाती पे सर रख कर, आपको बाँहो में भरकर चैन की नींद सोउंगी। पर क्या भैया भाभी हमारी शादी के लिए राज़ी हो पाएंगे?
(आरती ने शंका जताते हुए पूछा)
विवेक – उसकी चिंता तुम न करो, उनको पटाना मेरा काम है। मेरी ख़ुशी में ही उनकी ख़ुशी है। सो किसी भी तरह की टेंसन न लो आप बस खुश रहो आज से ज़िन्दगी जो बदल गयी है हम दोनों की।
दोनों फेर एक दूसरे को लिपट कर चूमने चाटने लगे। एक तो सर्दी की रात ऊपर से दो गर्म जवानिया एक ही बिस्तर पे इकठी आपस में सटी हुई। आअह्हह्हह सोचकर ही मज़ा आ जाता है।
विवेक ने आरती को बेड पे लिटाया और खुद ऊपर आकर उसके कोमल होंठो का रसपान करने लगा। आरती भी उसके हर चूम्बन का जवाब दे रही थी। दोनों की आँखे बन्द बस एक दूजे में खोये हुए थे। विवेक अब आरती के कपड़े निकालने लगा। जब आरती बिलकुल नंगी हो गयी तो बोली,”ये तो न इंसाफी है जी, मुझे नंगा करके खुद कपड़ो में रहो आप।
ठहर जाओ आप और विवेक पे झपटी और उसके भी एक एक कपड़े को निकाल दिया। दोनों हस हस के इस खेल का आनद ले रहे थे।
विवेक ने आरती को दुबारा लेटने को बोला तो आरती लेट गयी अब फेर विवेक उसके ऊपर आ गया और होंठो का रसपान करने लगा।
आरती भी अब मज़ा लेने लगी और अपनी बाँहो का हार विवेक के गले में डालकर मस्ती में झूमने लगी।
विवेक अब निचे की और बढता आ रहा था। आरती के सफेद मम्मो पे जैसे ही विवेक के तपते होंठो का स्पर्श हुआ। उसके बदन में मानो बिजलिया दौड़ने लगी। करीब एक साल बाद किसी मर्द ने उसके शरीर को चूमाँ था।
आरती की आँखे बन्द और उसके मुंह से आअह्हह्हह्ह!! सीईईईईई!!! की मिलीजुली कामुक आवाज़े आना शुरु हो गयी थी।
विवेक भी मस्ती में आकर अब उसके बदन को मसलने लगा और उसके सफेद बदन को हल्का हल्का काट कर दांतो के निशान बनाने लगा।
अब और निचे की तरफ आकर उसकी चूत को देखने लगा। चाहे उसके तलाक़ को एक साल के ऊपर हो गया था पर उसने अपने शरीर को फिट बनाके रखा था। उसकी चूत बिलकुल साफ़ जैसे आज ही शेव की गयी हो। विवेक ने आरती की टाँगो में आकर उसकी चूत को जैसे ही चूमा। आरती की आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गयी। वो विवेक के बालो को अपने हाथो से सहलाने लगी।
अब विवेक तिरछी जीभ करके चूत को चाटने लगा। आरती आँखे बन्द करके मज़े में जैसे हवा में उड़ने लगी और आई लव यु सो मच विवेक, आई लव यु आअह्हह्हह्हह…!!! सीईईईईईइ…!!! की आवाज़ में मौन करने लगी।
करीब 10 मिनट उसकी चूत चाटने के बाद विवेक ने महसूस किया उसके सर पे आरती के हाथो की पकड़ मज़बूत हो रही है और उसका सर उसकी जांघो में भींचा जा रहा है और फेर एक लम्बी आह्ह्ह्ह्ह्ह से उसका सर पकड़ कर चूत पे दबाये रखा।
तलाक के बाद उसका पहला रस्खलन था । जो के बहुत मज़ेदार साबित हुआ। करीब 3 मिनट तक इसी अवस्था में लेटी रही और झड़ने का मज़ा लेती थी। इधर विवेक भी उसका चूत रस चाट चाट कर उसकी चूत साफ कर रहा था।
थोड़ी देर बाद विवेक ने उसे उठने का कहा और खुद लेट गया अब खेलने की बारी आरती की थी। वो भी विवेक के होंठो को चूमते हुए निचे की और आ रही थी। इधर विवेक आँखे बन्द करके उन पलो को दिल से महसूस कर रहा था के उसे पता ही न चला कब आरती के हाथ में उसका 5 इंच लम्बा 2 इंच मोटा गर्मागर्म लण्ड आ गया। जो के कब से खड़ा होकर किसी सांप की तरह ज़हर उगलने को तयार था।
आरती ने तपते होंठ जब उसके सुपारे पे लगाये तो विवेक की आह्ह्ह्ह्ह्ह निकल गयी। जिस से आरती की हसी निकल गयी और दुबारा फेर अपने काम पे लग गयी। वो कभी आन्ड को होंठो से चुस्ती तो कभी सुपारे को हल्का हल्का काटती। विवेक ने बहुत सी लडकिया पेली थी पर आरती जैसा मज़ा किसी से नही आया।
करीब 10 मिनट की चुसाई के बाद विवेक बोला,” आरती हट जाओ मैं झड़ने वाला हूँ पर आरती न मानी और उसका चेहरा और खुले बाल सब विवेक के वीर्य से सन् गए। आरती ने भी चाट चाट कर उसका लण्ड साफ किया और सुकड़ चुके लण्ड को दुबारा चाटने लगी। करीब 5 मिनट बाद फेर घोडा अगली रेस के लिए तैयार हो गया इस बार आरती ने थोडा लण्ड पे थूक लगाकर उसपे अपनी चूत सेट करके बैठ गयी।
करीब एक साल से चुदी न होने की वजह से उसकी चूत थोड़ी टाइट हो चुकी थी। इधर विवेक ने महसूस किया उसका लण्ड किसी तंग मुह वाली पाइप पे से होता हुआ गर्मी में जल रहा है। जब थोडा लण्ड चूत में घुस गया तो ऊपर बैठ कर गांड हिलाने लगी। जिस से विवेक का लण्ड अंदर बाहर होने लगा।
अब दोनों एक दूसरे को लिपटे सेक्स के महासागर में फेर गोते लगा रहे थे। आरती के सफेद मम्मे निचे हिट लगने से हिल रहे थे। विवेक कभी उन्हें मुह में लेता कभी उसके होंटो तो चूमता।
करीब 20 मिनट की इस चुदाई के बाद दोनों इकठे झड़ गए। अब संतुस्ती दोनों से चेहरे पे साफ साफ नज़र आ रही थी और खुश भई।लग रहे थे। दोनों इसी हाल पे ही लेटे रहे और पता नही चला कब सवेर हो गयी। करीब 5 बजे उनकी आँख नींद से खुली। विवेक ने इशारे से पूछा,” क्यों क्या इरादा है?
आरती ने इशारे में ही बोला हो जाये एक और रेस।
दोनों फेर एक नई रेस में भाग लेने लगे। आधे घण्टे तक यह रेस चली और फेर दोनो उठकर साथ ही नहाये और चाय पी। बाहर मौसम कुछ ठीक हो गया था। विवेक ने कार को स्टार्ट करने की कोशिश की पर न चली। फेर उसने एक मित्र जो के रिपेयर का काम जानता था उसे फोन करके बुलाया। जो के थोड़े टाइम में ही कार को ठीक कर गया। बाद में आरती से विदा लेकर विवेक अपने घर चला गया।
घर जाकर भाई भाभी से आरती के बारे में बात की, उसकी ख़ुशी के लिए घर वाले भी मान गए और अगले महीने दोनों की शादी हो गयी।
अब उनकी हर रात रंगीन होती है।
कैसी लगी हिन्दी सेक्सी कहानी कमेंट्स जरूर देना। मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
pure desi sexsexi khaniyasex storyieshot indian hindi storysonakshi sinha sex storieskamsutra ki kahaniyameri maa ko chodarandi sexxbehan ki chudai ki videoraat me chudaifree desi storiestamil sex storysachi khaniasavita bhabhi ki sex story in hindichote bhai se chudimaa ki chudai kahani hindisix story in hindibihari chudai ki kahanimaa ki chut sex storysey bhabitullu tunne mole kathegaluatta ni denganuchachi ne chudwayakuwari mausi ki chudaibangla sex novelsex stories of malayalamsex ar golposeducing sex storiesnew hindi sexy storismastram ki mast kahaniaaged aurat ki chudaiodia hindi sex storytamil kamakathailalmuslim maa ko chodahindi chudai kahani in hindichudai desipapa ne seal todidesi indian lesbian sexinian sextrue incest storiesभाभी थोड़ा नॉटी बिहेव कर रही थीwww hindi xxx kahani commasir gud maraindian sex.intamil new sex kathigalpriyanka chopra ki chudai ki kahanidesi hot sex clipsmaa ki chodai storytamil kama kathaikal 2017telugu sexy sex storieshot boobs sucking sexdesi kahaniyanchut chudai kahanifudi sexgujarati sambhog kathachudai story imagewww indian sexy storysexy story readgay kamuktaamma magal magan otha kathaiindian s exsavita bhabhi chudai comlatest incest sex storiesbhai bahen sex storieshot story with images in hindiraped story in hindisaniya ki chudaixxx hot kahaniantarvasana story.comiss storieasex hindi story hindihindi chudai ki story