Begaani Shaadi Me Suhagraat Meri – Episode 3


सभी पाठकों से निवेदन है की मेरी देसी हिन्दी स्टोरी पढ़ कर अपनी प्रतिक्रिया कमेंट्स में ऐसे ही लिखते रहिये।
रात को देर से सोने के कारण मैं सुबह देर तक सोती रही। नौ बजे आँख खुली तो बाथरूम से पानी की आवाज़ आ रही थी। मैंने सोचा मौसी अंदर नहा रहे होंगे। मैंने उठकर रात को जो कपडे जल्दबाजी में बेग में ठुसे थे उनको सही से समेटकर रखने लगी।
थोड़ी देर में मौसी बाथरूम से बाहर आये और मुझसे कहा तुम भी जल्दी से नहा धो लो, थोड़ी देर में विवाह कार्यक्रम शुरू हो जायेंगे, मैं अभी तैयार होकर बाहर उनकी थोड़ी मदद के लिए चली जाउंगी, तुम तैयार हो जाना। मैंने हां में सर हिलाया और बाथरूम का रुख किया।
नहाते वक़्त भी रह रह कर पिछली रात के ख्याल ही आ रहे थे। ऐसा कुछ सोचा नहीं था, पता नहीं वो सब कैसे हो गया। आधे घंटे बाद मैं बाहर आयी और शादी के लिए कपडे और गहने पहन कर तैयार हो गयी। मौसी मेरे लिए एक नाश्ते की प्लेट भी रख कर फिर चले गए थे। मैंने नाश्ता कर अपना श्रृंगार करना शुरू किया।
मौसी कमरे में आये और कहा चले हॉल में कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। मौसी के साथ समारोह स्थल पर पहुंची। सब लोग शादी की तैयारियों में व्यस्त थे।
प्रशांत दूर से मुझे ही घूर रहा था और मैं शर्मा रही थी। बीच बीच में नजरे चुरा कर उसको देख लेती। इसी तरह लुका छिपी होती रही और कार्यक्रम आगे बढ़ता रहा।
मैं मौसी और दूसरी औरतो के साथ बैठी थी। तभी प्रशांत ने मुझे इशारे से पानी पीने के बहाने दूसरी ओर अकेले में बुलाया। मैं मौसी से कह कर हॉल के बाहर एक कोने में रखे पानी के बूथ तक पहुंची।
प्रशांत वहां पहले से खड़ा था और मेरे आते ही मुझे एक दीवार की ओट में लिया और चूमने लगा। मैंने उसे रोका कोई देख लेगा।
उसने कहा रूम में चलते हैं, मैंने कहा अभी नहीं जा सकते और पकडे जाने के डर से अपने आप को छुड़ा कर फिर से हॉल में अपनी जगह आकर बैठ गयी।
धीरे धीरे विवाह के पहले के सारे कार्यक्रम निपट गए। अभी विवाह के मुहर्त में थोड़ा समय बचा था तो सबके अनुरोध पर दूल्हा दुल्हन को नाचने के लिए बोला गया।
उनका साथ देने के लिए सभी कपल्स को डांस के लिए बुलाया गया। मेरी बांछे खिल गयी, हम दोनों ने आँखों ही आँखों में इशारा किया और एक बार फिर भीड़ के बीच डांस के लिए पहुंच गए।
ए सी हॉल चारो तरफ से बंद था तो बिना लाइट के दोपहर में भी अँधेरा रहता। हम दोनों पिछली रात की तरह एक बार फिर सबसे पीछे चले गए जहा किसी की ज्यादा ध्यान ना जाये। हॉल में डांस एरिया में हलकी रौशनी कर दी गयी और सिर्फ दूल्हा दुल्हन पर ही तेज रोशनी डाली गयी।
गाना शुरू होने की ही देर थी और मैं उसकी बाहों में झूलने लगी। सब लोगो का ध्यान वैसे भी दूल्हा दुल्हन पर था। हमने इतना चिपक के डांस किया कि एक बार फिर हम अंतरंग होने लगे। हम भूल ही गए कि शादी किसी और की हैं।
हम इसी तरह एक दूसरे में खोते हुए डांस करते रहे। मैं बहक चुकी थी और अब इंतज़ार नहीं हो पा रहा था। मैंने महसूस किया की मेरी पैंटी भी थोड़ी गीली हो चुकी थी।
थोड़ी देर बाद गाने ख़त्म हुए और दूल्हा दुल्हन सहित सारे लोग फिर अपनी जगह आ गए। हम भी बुझे मन से अपनी अपनी जगह की ओर आने लगे। मैंने प्रशांत को चुपके से इशारा किया और बाथरूम की ओर आने को कहा।
मैं एक बार फिर मौसी को बोलकर बाहर आयी और सबसे कोने वाले बाथरूम की ओर गयी। प्रशांत पीछे से आया और दोनों को अंदर बंद कर दिया। एक बार फिर उसने मुझे चूमना शुरू किया और मेरे अंग दबाने लगा। मैं अनियंत्रित होने लगी।
प्रशांत ने कहा रूम में चलते हैं अब इंतज़ार नहीं होता। इस समय इतनी देर के लिए गायब होना ठीक नहीं था। उसको थोड़ा शांत करने के लिए मैंने नीचे बैठ कर उसके नीचे के कपड़े उतार दिए। उसका नाग फिर फुफकारते हुए बाहर आकर झूमने लगा।
मैं रोमांचित हो गयी और अपने आप को उसके अंग को सहलाने से नहीं रोक पायी। उसका अंग पहले ही तैयार हो चूका था तो मैं मुँह में लेकर चूसने लगी। तभी ध्यान आया ज्यादा समय नहीं हैं। मैं चूसना छोड़ कर उठ खड़ी हुई।
एक दिन ट्रेन में सफ़र करते हुए, कैसे पुलिस ने सनी में माँ और बहन की ट्रेन में चुदाई करी, यह सब जानिए सनी की जुबानी।
मगर प्रशांत से तो सब्र ही नहीं हो रहा था। उसने मुझे पकड़ कर तुरंत उल्टा किया और वाश बेसिन पर झुका दिया। उसने मेरा लहंगा ऊपर किया और मेरी पैंटी नीचे उतार दी। उसकी ये जिद कही ना कही मुझे भी अच्छी लग रही थी।
उसने आगे बढ़ कर अपना लंड पीछे से मेरी चूत में उतार दिया। लंड अंदर जाते ही हम दोनों को बड़ी राहत मिली। उसने अब आगे पीछे झटके मारते हुए मुझे चोदना शुरू कर दिया। हम दोनों ही ठंडी आहें भर रहे थे।
फिर याद आया वो बिना प्रोटेक्शन के कर रहा हैं। मैंने उसको रोकने की कोशिश की और प्रोटेक्शन की याद दिलाई। उसने झटके मारना बंद किया और बोला आज सुबह ही खरीद कर लाया हु।
तभी बाहर अनोउसमेंट हुआ कि मुहर्त हो गया हैं तो सब लोग मंडप में जाये और गार्डन में लंच खुल गया हैं तो वहा भोजन के लिए भी जा सकते हैं।
मैंने अपने आप को उससे अलग किया और कहा अभी लोग दो हिस्सों में बंट जायेंगे। मैंने बताया तुम्हारी मम्मी मंडप में जायेगी और मैं गार्डन में जाने का बोल कर मौका देख कर रूम में आ जाउंगी। हम रूम में जाकर अच्छे से करेंगे।
उसको भी ये बात समझ में आ गयी और मान गया। हमने अपने कपडे ठीक किये और एक एक करके चुपके से बाहर निकल अपनी जगह आ गए।
मैं मौसी के पास गयी, उन्होंने कहा वो मंडप में जा रहे हैं क्या मैं आउंगी। मैंने बहाना बनाया मैं थोड़ी देर में मंडप में आउंगी। अभी गार्डन में फूलों की सजावट देखूंगी और फिर थोड़ा खाना भी खा लुंगी।
मैं गार्डन में जाने का कह कर छुपते हुए होटल रूम की तरफ भागी। प्रशांत भी पहुंच चूका था। दरवाजा बंद कर हमने एक दूजे को सीने से लगा लिया, इतना शायद हम दोनों कभी नहीं तड़पे थे।
मैंने कल रात का बदला लेते हुए उसको पूर्ण निवस्त्र कर दिया। मैं उसके पुरे शरीर को चूमने लगी। उसने भी मेरी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और चोली खोल दीं, उसने स्तन पान करना शुरू कर दिया। अब वो साड़ी को लहंगे से निकाल पूरा उतारने लगा तो मैंने ये कह कर मना कर दिया कि पहनने में बहुत समय लग जाएगा।
हमारे पास ज्यादा समय नहीं था, मैंने उसे बिस्तर पर लेटाया और अपनी पैंटी उतार कर अपना लहंगा नीचे से ऊपर उठा कर दोनों टाँगे फैला कर उस पर बैठ गयी। हम दोनों के नाजुक अंग छू रहे थे और हम मिलन को लालायित होने लगे। मैंने उससे प्रोटेक्शन के बारे में पूछा, उसने पहले ही निकाल कर रख लिया था।
मैं खुश हो गयी, मैं उस पर से हट गयी, उसने प्रोटेक्शन धारण कर लिया। मैं एक बार फिर उस पर सवार हो गयी और उसका लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर डाल दिया।
मैं ऊपर नीचे होने लगी, जिससे मेरी चूचियाँ ऊपर नीचे हो उछल कूद करने लगी। उसने मेरी चूचियों को दबोच लिया और मलने लगा।
हम दोनों सिसकिया निकालते हुए आनंद लेने लगे।
थोड़ी देर में हम पूरा प्रेम रस में डूब कर अपनी तड़प मिटाने लगे। पुरुष पर चढ़ कर संगम का आनंद लेने का मजा ही कुछ और था। ऊपर से चोरी चोरी प्यार करने का उत्साह और मैं पूर्ण आनंद में डूबने लगी।
उसने अब मेरी साड़ी निकाल ली और साड़ी को लहंगे से अलग कर दिया, मैं उसको रोक नहीं पायी, मैं भी सारे बंधन से मुक्त हो पूरा खुल कर प्यार करना चाहती थी।
अब उसने लहंगे का नाड़ा खोल कर मेरे सर के ऊपर से निकाल दिया। अब हम दोनों पूर्ण नग्न होकर आनंद लेने लगे। मेरे शरीर पर सिर्फ गहने थे।
शायद ये हमारा आखरी मिलन हो, यही सोच कर हम अपनी पूरी ताकत जुटा कर इस अवसर का ओर भी मजा लेने लगे। मैं उस पर पूरा लेट कर चोदने लगी पर जल्द ही थकने लगी। वह नीचे लेटे ही झटके मारने लगा। थोड़ी देर तक हम इसी तरह एक दूसरे से मिलन का आनंद लेते रहे।
मैं प्रशांत का नाम ले लेकर उसको और भी जोर से करने को उकसा रही थी। मेरी पुकार सुन कर वो ओर जोश में आ गया। उसने भी शायद अब तक ऐसा जंगली प्यार नहीं किया था। हम दोनों अपने जीवन का सबसे हसीन मिलन कर रहे थे। हम अपनी चेतना खो चुके थे।
उसने अब मुझे नीचे लेटाया और मेरे पाँव घुटनो से मोड़ कर ऊपर कर के चौड़ाई में थोड़े फैला दिए। अब वो फिर मेरी खुली चूत को भेदने के लिए तैयार था। मुझे ख़ुशी थी की प्रोटेक्शन की वजह से आज वो आगे के छेद में पूरा कर पायेगा और मुझे भी मजा दिलाएगा।
ऊपर आने के बाद उसके झटके ओर भी गहरे हो गए, शायद कल की तरह उसको भी चिंता नहीं थी आज किसी रिस्क की। जैसे जैसे मजा बढ़ता रहा मेरा पानी निकलने लगा। उसके तेजी से अंदर बाहर होते लंड से मेरे पानी के टकराने से पच पच पच आवाज़े आने लगी।
इस दौरान हम दोनों के बीच संवाद जारी रहा। मैं उसका नाम ले उकसा रही थी और वो मुझे पूछता जा रहा था इतना जोर से ठीक हैं या ओर जोर से मारु। मैं उसको बोलती ओर जोर से, तो वो जोश में आकर ओर तेज झटके मारता।
बाहर मंडप में शादी के मंत्र पढ़े जा रहे थे और यहाँ अंदर हम एक दूसरे के नाम का जाप कर रहे थे। वो लगातार अश्लील शब्दों का इस्तेमाल करता हुआ मेरा और अपना उत्साह बनाये रख रहा था। हम दोनों ने काफी देर तक जम कर मजे लिए और हम एक साथ झड़ गए।
हम दोनों ऐसे ही नग्न अवस्था में थोड़ी देर पड़े रहे और अपनी ताकत बटोरने लगे। घडी की ओर ध्यान गया पौन घंटा हो चूका था। हमने तुरंत कपडे पहनना शुरू किया। अपने आप को व्यवस्थित कर हम फिर गार्डन की तरफ बढे।
हमने एक ही प्लेट में खाना खाया और दूसरे लोगो की नजरे बचा कर एक दूसरे को खाना भी खिलाया। शाम होने तक हमें जब भी मौका मिलता पास आ जाते और अपने मन की बात करते और अफ़सोस करते अब पता नहीं कब हमारा मिलन हो।
शाम को दुल्हन की विदाई होते होते हम बीच बीच में कई बार नजरे बचाते हुए उस कोने वाले बाथरूम में जाते और दो तीन मिनट के लिए एक दूसरे को गले लगा कर अपनी तड़प भी मिटा आते।
देर शाम को वधु की विदाई के बाद मौसी और मैंने होटल रूम में शादी के भारी कपडे बदल कर हलके कपडे पहन लिए, वापसी के सफर के लिए।
प्रशांत के भैया भाभी बाद में आने वाले थे। अब एक बार फिर हम चारो मेजबान से विदा लेकर अपनी कार में बैठ कर घर के लिए रवाना होने वाले थे।
मुझे लगा प्रशांत के साथ मेरा आखरी मिलन हो गया हैं पर मैं गलत थी। अगले इस देसी हिन्दी स्टोरी के भाग में जानिए हमारा फिर से संगम कैसे हुआ।

शेयर
sex story in hindi versionmom chutchut ki kahaniyanpakathu veetu auntywife swap story in hindisex story mamnew sexy hindi kahanibehan ki gaandsex stories of priyanka choprafather daughter indian sex storiessister ki gandwww sex tamil storychachi ko khet me chodatelugu sex stories todaybol na aunty au kyaindian sex grildoctor sex storiesantarvasna gandusex antarvasna storymaa ki choot chatigandi kahani with photo in hindi fontfirst night hot storiesvaishali sexpapa beti chudaikannda sex storeyholi desi sexpehlides kahaniww chudaiwww desi sexystories sex indiansex girl chudaibus sex newreal suhagrat storytamil sex stotyreal sex of indiaindian sex kathalushemale sex storychoot ka mootall malayalam sex storiestelugu aunty sex stories newwww aunty kamakathaikalmastram sex storieschachi ki chudaimummy ko choda videoindian gang bang sexfree desi storiesurdu sex storiessex stories telugu auntychut ka bhutchudaisex chat fbbhabhi ji ki kahanibhabhi ki nikarodia maa sex storymami chudikamakathai tamil auntymaa ko dhoke se chodaapni bahan ko chodasuhagrat kahani hindiwww sexstoresbhabi chodafuck story in hindidesi hot chutlatest desi kahanikahani sex ki hindiindian desi storiesindian dostswamiji ki chudaiathai kamakathaiसेक्स स्टोरी कॉमmaa chudai hinditelugu mother and son sex storiesbhabhi ko jangal me chodakannada soole kathegalusuhagrat ki kahanididi ki hawashot porn storydost ki maa ka doodhtamil inbakathaikalindiansexstories.metkannda sex storyskahaniyan hindisexy kahani bhai behanpendujatt top 30story of sexy in hindisex storytamilpariwarik chudaisex कहानीbhabhi ki chudai ki khaniyameri suhagraatlesbian hindi kahaniaisa bhi hota haidoctor sex storyhindi sex kahani hindiwww antarvasana come