Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 7


रात दस बजे अनिल अपनी पुरानी अम्बेसडर कार में हमें लेने पहुंचा। जैसे उसने हॉर्न बजाया, नीना सबसे पहले बाहर आयी।
अनिल तो देखते ही रह गया। नीना की साडी का पल्लू उसके उरोजों को नहीं ढक पा रहा था । उसके रसीले होँठ लिपस्टिक से चमक रहे थे। उसके भरे भरे से गाल जैसे शाम के क्षितिज में चमकते गुलाबी रंग की तरह लालिमा बिखेर रहे थे।
सबसे सुन्दर नीना की आँखे थीँ। आँखों में नीना ने काजल लगाया था वह एक कटार की तरह कोई भी मर्द के दिल को कई टुकड़ों में काट सकता था। आँखे ऐसी नशीली की देखने वाला लड़खड़ा जाए। उसके बाल उसके कन्धों से टकराकर आगे उन्नत स्तनों पर होकर पीछे की तरफ लहरा रहे थे।
नीना ने जैसे ही अनिल को देखा तो थोड़ी सहमा सी गयी। उसे दोपहर की अनिल की शरारत याद आयी। आजतक किसीने भी ऐसी हिमत नहीं दिखाई थी की नीना की मर्जी के बगैर इसको छू भी सके।
पर अनिल ने आज सहज में ही न सिर्फ कोने में दीवार से सटा कर उसे रंग लगाया, बल्कि उसने नीना के ब्लाउज के ऊपर से अंदर हाथ डाल कर उसकी ब्रा के हूको को अपनी ताकत से तोड दिए और स्तनों को रंगों से भर दिए।
नीना को देख कर अनिल तुरंत कार का दरवाजा खोल नीचे उतरा और फुर्ती से नीना के पास आया। उस समय आँगन में सिर्फ वही दोनों थे।
अनिल नीना के सामने झुक और अपने गालों को आगे कर के बोला, “नीना भाभी, मैं बहुत शर्मिन्दा हूँ। आज मैंने बहुत घटिया हरकत की है। आप मुझे मेरे गाल पर एक थप्पड़ मारिये। मैं उसीके लायक हूँ। नीना एकदम सहमा गयी और एक कदम पीछे हटी और बोली, “अनिल ये तुम क्या कर रहे हो?”
अनिल ने झुक कर अपने हाथ अपनी टांगों के अंदर से निकाल कर अपने कान पकडे और नीना से कहा, “नीना आप जबतक मुझे माफ़ नहीं करेंगे मैं यहां खुले आंगन में मुर्गा बना ही रहूँगा। मुझे प्लीज माफ़ कर दीजिये।”
नीना यह सुनकर खुलकर हंस पड़ी और बोली, “अरे भाई, माफ़ कर दिया, पर यह मुरगापन से बाहर निकलो और गाडी में बैठो और ड्राइवर की ड्यूटी निभाओ।“
अनिल ने तब सीधे खड़े होकर नीना को ऊपर से नीचे तक देखा और कहा, “नीना भाभी, आप तो आज कातिलाना लग रही हैं। पता नहीं किसके ऊपर यह बिजली गिरेगी।”
नीना हंस पड़ी और बोली, “अनिल आज तुम ज्यादा ही रोमांटिक नहीं हो रहे हो क्या? और आज अनिता भी नहीं हैं।”
अनिल तुरंत लपक कर बोला, “तो क्या हुआ? आप तो है न?” यह सुन नीना थोड़ी सकपका गयी और कुछ भी बोले बिना अनिल की कार मैं जा बैठी। मैं मेरे पिता और माताजी को प्रणाम कर और मुन्ना को प्यार करके बाहर आया और आगे की सीट में नीना के पास बैठ गया।
अनिल अपनी पुरानी एम्बेसडर में आया था। उस कार में आगे लम्बी सीट थी जिसमें तिन लोग बैठ सकते थे। अनिल कार के बाहर खड़ा मेरा इंतजार कर रहा था। जैसे ही मैं गाडी मैं बैठा, अनिल भी भागता हुआ आया और ड्राइवर सीट पर बैठ गया। नीना की एक तरफ मैं बैठा था और दूसरी तरफ अनिल ड्राइवर सीट में बैठा था और नीना बिच में।
जैसे ही अनिल ने कार स्टार्ट की, उसके फ़ोन की घंटी बजी। अनिल ने गाडी रोड के साइड में रोकी और थोड़े समय बात करता रहा। जब बात ख़त्म हुई तो नीना ने पूछा, “किस से बात कर रहे थे अनिल?”
अनिल ने नीना की तरफ देखा और थोड़ा सहम कर बोला, ” यह महेश का फ़ोन था। बात थोड़ी ऐसी है की आपको शायद पसंद ना आये। थोड़ी सेक्सुअल सम्बन्ध वाली बात है।”
तब मैंने नीना के ऊपर से अनिल के कंधे पर हाथ रखा और बोला, “देखो अनिल, हम सब वयस्क हैं. नीना कोई छोटी बच्ची नहीं। वह एक बच्चे की माँ है। आज होली का दिन है, थोड़ी बहुत सेक्सुअल बातें तो वह भी सुन सकती है। जब नीना ने पूछ ही लिया है तो बता दो। ठीक है ना नीना?” मैंने नीना के सर पर ठीकरा फोड़ते हुए कहा।
नीना ने अनिल की तरफ देखा और सर हिलाते हुए हाँ का इशारा किया।  यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
अनिल ने कहा, “महेश मेरा पुराना दोस्त है। उसकी पोस्टिंग जब जोधपुर में हुई थी तब उसका एक पुराना कॉलेज समय का मित्र भी वहाँ ही रहता था। वह मित्रकी पत्नी भी कॉलेज के समय में महेश की दोस्त थी। उस समय महेश और उसकी होनी वाली पत्नी के बिच में प्रेम संदेशों का आदान प्रदान भी महेश करता था। यूँ कहिये की उनकी शादी ही महेश के कारण हो पायी थी। महेश के दोस्त की पत्नी को महेश के प्रति थोड़ा आकर्षण तो था पर आखिर में उसने महेश के मित्र के साथ ही शादी करनेका फैसला लिया।“
मैंने देखा की अनिल अपनी कार को मुख्य मार्ग से हटाकर शहर के बाहरी वाले रास्ते से ले जा रहा था। रास्ते में पूरा अँधेरा था। वह कार को एकदम धीरे धीरे और घुमा फिरा कर चला रह था। मैंने अनिल से पूछा क्या बात है। अनिल ने कहा उसने रात का खाना नहीं खाया था, और वह कहीं न कहीं खाने के लिए कोई ढ़ाबे पर रुकना चाहता था।
यह तो मैं बता ही चूका हूँ की मेरी सुन्दर पत्नी नीना अनिल और मेरे बिच में सटके बैठी हुयी थी। अनिल की कहानी सुनने के लिए मैं काफी उत्सुक हो गया था। अनिल की धीमी और नरम आवाज को सुननेमें मुझे थोड़ी कठिनाई हो रही थी। मैंने इस कारण नीना को अनिल की तरफ थोड़ा धक्का दे कर खिसकाया। मेरी बीबी बेचारी मेरे और अनिल के बिच में पिचकी हुयी थी। अनिल ने अपना गला साफ़ किया और आगे कहने लगा।
“शादी के करीब पांच साल के बाद महेश का मित्र बिज़नस बगैरह के झंझट में व्यस्त था और पत्नी घरबार और बच्चों में। उनके दो बच्चे थे। महेश और उसकी पत्नी में कुछ मनमुटाव सा आ गया था। महेश अपनी पत्नी को समय नहीं दे पाता था। उसकी पत्नी सेक्स के लिए व्याकुल होती थी तो महेश थका हुआ लेट जाता था। जब महेश गरम होता था तब उसकी पत्नी थकी होने बहाना करके लेट जाती थी। सेक्स में अब उनको वह आनंद नहीं मिल रहा था जो शादी के पहले चार पांच सालों तक था।“
अब अनिल की कहानी सेक्स के गलियारों में प्रवेश कर चुकी थी। मैं थोड़ा उत्तेजित हो गया और नीना का एक हाथ मेरे हाथ में लेकर उसे दबाने लगा। तब मैंने थोड़ा सा ध्यान से देखा की अनिल भी गाडी चलाते चलाते और गियर बदलते अपनी कोहनी नीना के स्तनों पर टकरा रहा था।
थोड़ी देर तक तो ऐसा चलता रहा और नीना ने भी शायद नोटिस नहीं किया, पर फिर उसने अपनी कोहनी को नीना के स्तन के उपर दबा ही दिया। अंदर काफी अँधेरा था और मुझे साफ़ दिखने में भी कठिनाई होती थी। मैंने नीना के मुंह से एक टीस सी सुनी। उसने अनिल की कोहनी को जरूर महसूस किया था। पर वह कुछ बोली नहीं।
अनिल ने अपनी कहानी को चालु रखते हुए कहा, “जब महेश उनसे मिला तो भांप गया की उन पति पत्नी के बिच में कुछ ठीक नहीं है। जब महेश ने ज्यादा पूछताछ की तो दोनों ही उससे शिकायत करने लगे। दोनों ने अपनी फीकी सी सेक्स लाइफ के लिए एक दूसरे पर दोष का टोकरा डालना चाहा। महेश ने तब दोनों को एकसाथ बिठाया और बताया की उनके वैवाहिक जीवन का वह दौर आया है जहां जातीय नवीनता ख़त्म हो गयी है और नीरसता आ गयी है। उसने उनको कहा की उनको चाहिए की सेक्सुअल लाइफ में कुछ नवीनीकरण लाये।“
अनिल ने तब कार को एक जगह रोका जहाँ थोडा सा प्रकाश था। उसने अपनी कहानी का क्या असर हो रहा है यह देखने के लिए हमारी और देखा। उसने देखा की मैंने नीना का हाथ अपनी गोद में ले रखा था। अनिल की कहानी मुझे गरम कर रही थी। नीना मेरे और अनिल के बीचमें दबी हुई बैठी थी। वह कुछ बोल नहीं रही थी। अनिल मुस्कराया और उसने कार को आगे बढ़ाते हुए कहानी चालु रखी।
“जब उन पति पत्नी ने महेश से पूछा की वह सेक्सुअल लाइफ में नवीनीकरण कैसे लाएं, तब महेश ने कहा की कई पति पत्नी सामूहिक सेक्स, थ्रीसम अथवा पत्नियों की अदलाबदली द्वारा अपने वैवाहिक जीवन में नवीनता और उत्तेजना लाते हैं। जैसा समय अथवा संजोग वैसे ही इसको व्यावहारिक रूप में अपनाया जा सकता है। परंतु इसमें पति पत्नी की सहमति और एकदूसरे में पूरा विश्वास आवश्यक है।“
तब मुझे अहसास हुआ की नीना ने मेरा हाथ अपने हाथ में लिया और उसे जोर से दबाने लगी थी। मैं असमंजस में था। नीना ऐसा क्यों कर रही थी? क्या अनिल उसके साथ कोई और शरारत तो नहीं कर रहा था? या फिर नीना भी अनिल की बात सुनकर गरम हो गयी थी? मैंने अनायास ही मेरा हाथ थोड़ा ऊपर किया और नीना के स्तनों पर रखा।
वास्तव में मैंने महसूस किया की नीना के दिल की धड़कन तेज हो रही थी। अचानक मेरा हाथ शायद अनिल के हाथसे टकराया। क्या वह भी नीना के स्तनों को छूने की कोशिश कर रहा था? मैं इस बात से पूरा आश्वस्त नहीं था। मैं चुप रहा और आगे क्या होता है उसका इंतजार करने लगा।
अनिल बोल रहा था, “महेश उस समय उन्हीं के घर में रुका हुआ था। उस रात को महेश के दोस्त ने उसे अपने बैडरूम में बुलाया। जब महेश उनके बैडरूम में दाखिल हुआ तो उसने देखा की उसका दोस्त अपनी पत्नी को अपनी गोंद में बिठाकर उसके स्तनों से खेल रहा था। उसकी पत्नी के स्तन खुले थे और उसने अपनी ब्लाउज और ब्रा निकाल फेंकी थी। महेश स्तब्ध सा रह गया और क्षमा मांगते हुए वापस जाने लगा। तब महेश के दोस्तने उसे अपने पास बुलाया और अपनी पत्नीके स्तनों को दबाकर उन्हें चूसने को कहा..
उसकी पत्नी भी महेश को उकसाने लगी और महेश को सेक्स के लिए आमंत्रित करने लगी। ऐसा लग रहा था की महेश की बात उन लोगों को जँच गयी थी और उन्होंने महेश को ही थ्रीसम के लिए चुना था। महेश को भी दोस्त की पत्नी के प्रति आकर्षण तो था ही। वह उससे सेक्स करनें तैयार हो गया। उस रात महेश और उसके दोस्त दोनों ने मिलकर दोस्त की पत्नी के साथ जमकर सेक्स किया।“
अनिल की कहानी उसकी पराकाष्ठा पर पहुँच रही थी। मैं तो काफी गरम हो ही रहा था, पर नीना भी काफी उत्तेजित लग रही थी। उस पर अनिल की कहानी का गहरा असर मैं अनुभव कर रहा था, क्यूंकि वह अपनी सिट पर अपने कूल्हों को इधर उधर सरका रही थी। अँधेरे में यह कहना मुश्किल था की क्या वही कारण था या फिर अनिल की कोई और शरारत? जरूर अनिल स्वयं भी काफी गरम लग रहा था। उसकी आवाज में मैं कम्पन सा महसूस कर रहा था।
तब हम शहर के प्रकाशित क्षेत्र में प्रवेश कर चुके थे। नीना का एक हाथ मेरे हाथ में था और तब अनिल ने भी नीना का एक हाथ पकड़ा और अपने हाथ के नीचे अपनी एक जांघ पर रखा। दूसरे हाथ से वह ड्राइविंग कर रहा था। नीना ने मेरी तरफ देखा, मैं मुस्काया और आँखे मटका कर उसे शांत रहने के लिए इशारा किया। वह बेचारी चुप होकर अनिल से आगेकी कहानी सुनने लगी।
अनिल ने कहानी को आगे बढ़ाते हुए कहा, “महेश की पत्नी अपने पति के प्रति बड़ी आभारी थी क्यूंकि उसने अपनी पत्नीको उसके मित्रके साथ सेक्स करनेको कहा। तब से उन पति पत्नी में खूब जमती है और वह कई बार महेश के साथ थ्रीसम का आनंद ले चुके हैं। वैसे भी अब उन पति पत्नी को एक दूसरे के साथ सेक्स करने में भी बड़ा आनंद मिलता है, क्यूंकि उस समय वह अपने थ्रीसम के आनंद के बारेमें खुल कर बात करते हैं।“ अनिल ने अपनी कहानी का समापन करते हुए एक जगह गाडी रोकी।
अनिल की कहानी सुनते हुए मेरे रोंगटे खड़े हो गए। मैं खासा उत्तेजित हो रहा था। मैंने नीना के हाथ में हाथ डाला तो उसने भी मेरा हाथ जोरों से दबाया। मुझे लगा की वह भी काफी उत्तेजित होगयी है। कार में भी अँधेरा था। मैंने उसका हाथ मेरी टांगों के बिच रख दिया। नीना धीरे धीरे मेरे टांगों के बिच से मेरी पतलून की ज़िप पर हाथ फ़ैलाने लगी। मैंने भी नीना की टांगो के बिच अपना हाथ दाल दिया। नीना ने अपनी टाँगे कसके दबायी और मेरे हाथ को टांगो के बिच दबा दिया।
मैंने देखा की मेरी रूढ़िवादी पत्नी भी अनिल की सेक्स से भरी कहानी सुनकर उत्तेजित हो गयी थी। तब अनिल ने पूछा, “राज, बताओ, क्या महेश और उसके मित्र पति पत्नी ने जो किया वह सही था?”  यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मैंने कहा, “मैं क्या बताऊँ? नीना से पूछो।”
तब नीना ने जो कहा वह तो मैंने सोचा भी नहीं था। नीना ने कहा, “उन्होंने सही किया या गलत, ये कहने वाले हम कौन होते हैं? अरे वह पति पत्नी ने अपने बारें में सब तरह सोच कर यदि ये फैसला लिया तो सही किया। और बात तो गलत नहीं है। शादी के कुछ सालों बाद हम सब पति पत्नी एक दूसरे से सेक्स करने से थोड़े से ऊब जाते हैं..
इसका कारण यह है की सेक्स में जो नवीनता पहले थी वह नहीं रहती। उत्सुकता चली जाती है। शादी के पहले मन सोचता है सेक्स कैसा होगा? और शादी के बाद मन कहता है. सेक्स कैसा होगा मुझे पता है। इन हालात में उन्होंने जो किया वह सही किया। और फिर उसका फायदा भी तो मिला उनको। उनका विवाहक जीवन सुधर जो गया। क्यों राज, मैंने गलत तो नहीं कहा?”
मैं क्या बोलता। मैंने अपनी मुंडी हिला कर नीना का समर्थन किया। मैं मेरी पत्नी का एक नया रूप देख रहा था। अबतक जो पत्नी मुझ से आगे सोचती नहीं थी वह आज थ्रीसम का समर्थन कर रही थी। तब मुझे ऐसा लगा जैसे मेरी मंशा सफल हो सकती है।
अनिल ने दोनों हाथों से तालियां बजायी और बोला, “माय गॉड नीना, तुमने कितना सटीक और सही जवाब दिया। मैं तुम्हें इस जवाब के लिए सलूट मारता हूँ। ”
तब हम कार्यक्रम वाले स्थान के करीब पहुँच चुके थे। अनिल ने एक ऐसी जगह कार रोकी जहां प्रकाश था। उसने पीछे मुड़कर कार की सीट पर चढ़कर पीछे की सीट पर रखा एक बक्शा खोला। मैंने देखा की उसमें उसने दो बोतलें और कुछ गिलास रखे हुए थे। उसने तीन गिलास निकाले और उसमें एक बोतल में से व्हिस्की डालनी शुरू की। नीना ने एकदम विरोध करते हुए कहा की वह नहीं पीयेगी।
मैं भी जानता था की नीना शराब नहीं पीती थी। सबके साथ वह कभी कभी जीन का एकाध घूंट जरूर ले लेती थी। शायद अनिल को भी यह पता था। उसने नीना से कहा, “नीना भाभी, आप निश्चिन्त रहो। मैं आपको व्हिस्की नहीं दूंगा। प्लीज आज हमें साथ देने के लिए थोडीसी जीन तो जरूर पीजिए। मैं बहुत थोड़ी ही डालूंगा। देखिये होली है। नीना ने घबड़ाते हुए मेरी और देखा।
मैंने उसे हिम्मत देते हुए कहा, “अरे इसमें इतना घबड़ाने की क्या बात है? भई जीन तो वैसे ही हल्की है और तुम जीन तो कभी कभी पी लेती हो। अनिल इतने प्यार से जो कह रहा है।” मैंने फिर अनिल कीऔर देखते हुए कहा, “देखो अनिल, बस एकदम थोड़ी ही डालना। ”
अनिल ने मुस्काते हुए सीट पर पीछे मुड़कर सीट पर चढ़कर लंबा होकर नीना के लिए जीन से गिलास को खासा भरा और फिर दिखावे के लिए उसमें थोड़ा पानी डाल कर नीना के हाथ में पकड़ा दिया। जीन वैसे ही पानी की तरह पारदर्शक होती है। देखने से यह पता नहीं लग पाता की गिलास में जीन ज्यादा है या पानी।
मेरी भोली बीबी ने समझा की उसमें बस पानी ही है, जीन तो नाम मात्र ही है। नीना उसे पीने लग गयी। जीन का टेस्ट मीठा होता है। नीना को अच्छा लगा। वह उसे देखते ही देखते पी गयी। जब हम सबने अपने ड्रिंक्स ख़तम किये तब अनिल कार को कार्यक्रम के स्थान पर ले आया। मैं जानता था की जीन भी तगड़ी किक मारती है।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी.. और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
hot gangbang sexdevar bhabi sexysexy khaneygujarati font storyjor kore chodar golpohindi gaydirty talk about sexpunjaban fuddikamsutra storyschool ki kahanigand bhabhibhabhi ko sasur ne chodabhabi n devarbaap beti sex story hindichoda maa kokahin to hoga full episode 2ma ke sath chudaibhabhi dever sex storyreal stories of incestsavita bhabhi full storiesdesi tales latesthindi sex story bhabhi devardesi sex tamildesi kahani hindi fontwww hindi sex khanisexy story sexbhabhi sex with devarvadina sex storiessuhagraat chudai photorandi maa ki chudaisouthindian sex storiesdesi father and daughter sexdesi indian kahanimalayalam kambi ksex story with momdesi sasur sex storiesmeera sexyincest hindi kahaniyastory in hindi hotmaa beta ki chudai hindisexy mausi ki chudaimai chosar golpodesi gaand sexkaku ani meaunty gangbangbest kahanisex stories in indiasexy story new in hindidesi kahani.netanjali ki gand marimami ki moti gandhot incest storiesbhabhi ki chudai desisexi story in hindi languagewww moti gandlatest india pornsavita babhi storiesdesi sexy sexsavita bhabi sex storycousin sister sexmalish sextamil ool veri kathaigalindian sissy storiesmaa bete ki sexy kahani hindisex kathaigal.comlatest group sexkutia ki chudaiarousing sex storiesmaa ka gand maratamil kamakkadhikal.comउन्होंने मेरी पैंट खोल दी औरdesi mamisexi khaniyantarvasna new sex storychut sexy storymeri adhuri kahaniland chut ki kahanitamil sex aunty kathaikali ladki ko chodagroup sex story in bengali