Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 4


मैं जब घर नहीं रहता था तब भी अनिल आता जाता रहता था। जब भी अनिल मेरी अनुपस्थिति में आता तब मुझे अनिल और नीना दोनों बता देते थे। नीना अनिल को छोटे मोटे काम भी बताने लग गयी। अनिल कभी मेरी अनुपस्थिति में सब्जी लाता तो कभी ग्रोसरी।
मैंने महसूस किया की धीरे धीरे अनिल और मेरी पत्नी नीना के बिच कुछ कुछ बात बन रही थी। नीना के मनमें अनिल के प्रति अब पहले जितना शक और डर नहीं रहा था।
इसका फायदा मुझे भी तो होना ही था। अब अनिल मुझ पर और भी मेहरबान होने लगा। एकदिन अचानक ही वह घर आया। नीना रसोई में व्यस्त थी। मैंने उसे हालचाल पूछा। हम दोनों खड़े थे की अचानक उसके हाथमे से एक लिफाफा निचे गिरकर मेरे पांव पर पड़ा।
मुझे ऐसा लगा जैसे अनिलने लिफाफा जान बुझ कर गिराया था। मैंने झुक कर जैसे उसे उठाया तो उसमे से एक तस्वीर फिसल कर बहार निकल पड़ी। वह तस्वीर उसकी पत्नी अनीता की थी।
वह समंदर के किनारे बिकिनी पहने खड़ी थी। उसकी नशीली आँखें जैसे सामने से खुली चुनौती दे रही थी। उसके मद मस्त उरोज जैसे उस बिकिनी में समा नहीं रहे थे। छोटी सी लंगोटी की तरह की एक पट्टी उसकी भरी हुई चूत को मुश्किल से छुपा पा रही थी। उसके गठीले कूल्हे जैसे चुदवाने का आवाहन कर रहे थे। उसे देख कर मैं थोड़े समय तो बोल ही नहीं पाया। मैं एकदम हक्का बक्का सा रह गया।
अचानक मुझे ध्यान आया की अनिल मुझे घूर कर देख रहा है। मैं खिसिया गया और हड़बड़ा कर बोला, “यार, सॉरी। मुझे यह देखना नहीं चाइये था।”
अनिल एकदम हंस पड़ा और बोला, “तुम क्यों नहीं देख सकते? उस दिन उस बीच पर पता नहीं कितने लोगों ने अनीता को इस बिकिनी में आधा नंगा देखा था। तुम तो फिर भी अपने हो। क्या यदि तुम्हारे पास नीना की कोई ऐसी तस्वीर हो तो तुम मुझे नहीं दिखाओगे?”
उसके इस सवाल का मेरे पास कोई जवाब नहीं था। मैंने अपनी मुंडी हिलाते हुए कहा, “बात तो ठीक है। मैं भी तो तुम्हे जरूर दिखाऊंगा ही।”
अनिल ने हँसते हुए पूरा लिफाफा मेरे हाथ में थमा दिया और बोला, “इस लिफाफे में हमारे हनीमून की सारी तस्वीरें हैं। इसमें अनीता के, मेरे और हमारे बड़े सेक्सी पोज़ हैं। तुम इन्हें जी भर के देख सकते हो। मैं तुमसे कुछ भी छिपाना नहीं चाहता। तुम चाहो तो इसे नीना के साथ भी शेयर कर सकते हो। आखिर में, मैं तुम दोनों में और हम दोनों में कोई फर्क नहीं समझता।”
अनिल ने जैसे बात बात में अपने मन की बात कह डाली। उसकी बात पहले तो मेरी समझ में नहीं आई, पर उसके चले जाने के बाद जब में उसकी बात पर विचार कर रहा था तब मैं धीरे धीरे उसका इशारा समझने लगा। उसकी बात के मायने बड़े गहरे थे। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मुझे ऐसा लगा जैसे वह यह संकेत दे रहा था की उसकी बीबी और मेरी बीबी में कोई अंतर नहीं है। उसका मतलब यह था की मेरी बीबी उसकी बीबी और उसकी बीबी मेरी बीबी भी हो सकती है। साफ़ शब्दों में कहें तो वह बीबियों की अदलाबदली की तरफ इशारा कर रहा था।
जैसे जैसे मैं सोचता गया मुझे उसका सारा प्लान समझ में आने लगा। मैं भी तो वही चाहता था जो वह चाहता था। फिर ज्यादा सोचना कैसा। फिर मेरे मनमे एक कुशंका आई। कहीं मैं अपनी प्रिय पत्नी को खो तो नहीं दूंगा? कहीं वह अनिल की आशिक तो नहीं बन जायेगी? पर यह तो हो ही नहीं सकता था क्यूंकि अनिल भी तो उसकी बीबी को बहुत चाहता था। उसकी एक बच्ची भी तो थी। हमारा भी तो मुन्नू था। शंका का तो तुरंत समाधान हो गया। हाँ एक बात जरूर थी।
एक बार शर्म का पर्दा हट जानेसे, यह हो सकता है की अनिल नीना को बार बार चोदना चाहे, या नीना बार बार अनिल से चुदवाना चाहे। तब मैंने यह सोचकर मन को मनाया की आखिर अनिल और नीना समझदार हैं। वह अगर चोदना चाहे भी तो मुझसे बिना पूछे कुछ नहीं करेंगे। यदि मेरी मर्जी से ही यह होता है तो भला, मुझे अनिल और नीना की चुदाई में कोई आपत्ति नहीं लगी।
दूसरे नीना समझदार थी। वह मुझे पूछे बिना कुछ भी ऐसा नहीं करेगी जिससे हमारा घर संसार आहत हो। यदि मान लिया जाये की अनिल बहक जाता है, तो नीना फिर अनिल को कंट्रोल कर सकती है। मैं जानता था की नीना एक शेरनी की तरह है। वह यदि चाहे तो अनिल को घरमें घुसने भी न दे। उसने पहले कई बार अनिल को हड़का दिया था।
अनिल अपनी बीबी से भी तो डरता था। किसी एक को बहकने से रोकने के लिए तीन लोग खड़े थे, बच्चों को इस गिनती में शामिल न किया जाय तो। मेरी इस शंका का भी भलीभांति समाधान हो गया। सबसे बड़ी बात यह थी की नीना मुझे बहुत चाहती थी और मैं जानता था की सेक्स और प्रेम का अंतर वह जानती थी। शंका का तो तुरंत समाधान हो गया।
मैंने सोचा की शंका कुशंका करते रहेंगे तो आगे बढ़ नहीं सकते। आखिर कुछ पाने के किये कुछ समझौता तो करना पड़ता ही है। और फिर हम सब कहाँ एकसाथ सारी ज़िन्दगी रहने वाले थे। अब बात थी पत्नियों को पटाने की। यह एक बड़ी चुनौती थी।
फिर मेरे मनमें एक बात आई। दो औरतों को एकसाथ चुदवाने के लिए राज़ी करना मुझे कठिन लगा। वैसे ही औरतें बड़ी ईर्षालु होती है। वह अपने पति को दुसरी औरत को चोदते हुए देख सके यह मुझे मुश्किल सा लग रहा था। ऐसा करने की बात करने से पहले मैंने सोचा क्यों न पहले हम दो मर्द एक बीबी को तैयार करते हैं।
एक बीबी को अगर हमने फ़ांस लिया तो दूसरी आराम से फँस जायेगी। और अगर एक फँस गयी तो फिर वह दुसरी को जरूर चुदवाने के लिए तैयार करेगी। साथ साथ मैं पहले नीना को चुदवाने का मजा लेना चाहता था। मेरे मनमे एक तरह का पागलपन सवार हो गया था।
वैसे मेरे मन में भी तो यह इच्छा थी की मेरी बीबी भी एक बार गैर मर्द का टेस्ट करे। मैं देखना चाहता था की मेरे सामने दूसरा मर्द कैसे मेरी बीबी को चोदता है, मेरी बीबी कैसे उससे चुदवाती है और मैं भी दूसरे मर्द के साथ मिलकर कैसे मेरी बीबी को चोदता हूँ। कई बार मैंने देखा था की मैं तो झड़ गया था पर मेरी बीबी नहीं झड़ पाई और अपना मन मसोस कर रह गयी। अगर नीना को दो मर्द चोदते हैं तो साफ़ बात है की वह भी ओर्गाज़म का ज्यादा से ज्यादा मजा ले सकती है।
उसको बार बार झड़ने से वह बहुत एन्जॉय करेगी। यही बात को सोच कर मैं जोश में आ गया। अनिल और नीना की केमिस्ट्री देख कर में पागल सा हो रहा था। मैं नीना को अनिल से चुदवाने के बारें में गम्भीरता से सोचने लगा।
अनिल का मेरी पत्नी की और आकर्षण (आकर्षण से ज्यादा उपयुक्त शब्द था पागलपन) को मैं भली भांति जानता था। अनिल को नीना की और से थोड़ा सा भी सकारात्मक रवैया दिखाई दिया तब तो अनिल नीना का पीछा नहीं छोड़ेगा। और यदि एकबार उस ने नीना का नंगा जिस्म देख लिया तो फिर तो मुझे पता था की वह उसे बार बार चोदना चाहेगा।
तब वह आसानी से अनीता को मुझसे चुदवाने के लिए तैयार कर पाएगा इस बातका मुझे पूरा यकीन था। दूसरे, तब नीना भी अनीता को राजी कर लेगी। मैं जानता था की यदि नीना चाहेगी तो अनीता को जरूर तैयार कर सकती है। पर इसके लिए पहले नीना के अवरोध का बाँध तोड़ना जरुरी था।
नीना को गरम करने के लिए मैं अनायास ही अनिल की बात छेड़ देता था। बातों बातों में मैं कुछ न कुछ ऐसे विषय ला देता था की नीना गरम हो जाए। मैंने एक रात जब नीना थकी हुयी थी और सोने जा रही थी, तब उसको गर्म करने के इरादे से अनिल के बारेमें बात छेड़ी।
मैंने वह लीफाफा निकाला जिसमें अनीता और अनिल के सेक्सी पोसेस वाली तस्वीरें थी। नीना एक के बाद एक तस्वीरें देखने लगी। मैंने टेढ़ी नजर से देखा की नीना अनीता में ज्यादा दिलचस्पी नहीं ले रही थी, पर अनिल की छोटे से जांघिये में उस के उठे हुए लण्ड वाली और जांघिये को छोड़ कर बाकी पूरी नंगी तस्वीरों को वह थोड़े ज्यादा ही ध्यान से देख रही थी।
मैंने जैसे इसको देखा ही नहीं, ऐसे जताते हुए बोला, “जब अनिल ने मुझे अनीता की ऐसी आधी नंगी तस्वीरें देखते हुए पकड़ लिया तो मुझे बड़ी शर्मिंदगी हुयी। मैंने अनिल से माफ़ी मांगी। तब अनिल ने क्या कहा मालुम है?”
अनीता ने मेरी तरफ सवालिया नजर से देखते हुए अपनी उत्सुकता को दबाने का प्रयास करते हुए पूछा “क्या कहा अनिल ने?”
मैंने फ़ौरन कहा, “अनिल ने कहा, अनिता की ऐसी आधी नंगी तस्वीर यदि मैंने देख ली तो क्या हुआ? उसे तो उस समय बीच पर सैकड़ों लोगो ने आधी नंगी बिकिनी में देखा था। उसने कहा हम दोनों कपल में क्या अंतर है? अनीता और नीना या राज और अनिल सब एक ही तो हैं? हम को हमारे बिच ऐसा कोई अंतर नहीं रखना चाहिए। ” मैंने फिर नीना से पूछा, “कुछ समझी?”
नीना बोली, “हाँ, सही तो है। हम दोनों कपल अब इतने करीब हैं की हम में एक तरहकी आत्मीयता है। उसने ठीक ही कहा। उसमें सोचने की क्या बात है?”
तब मैंने नीना के गाल पर चूंटी भरते हुए कहा, “हाय मेरी बुद्धू बीबी। तू इसका मतलब नहीं समझी। अनिल का कहने का मतलब शायद ये था की चाहे अनिल हो या मैं, तुम्हारे लिए दोनों बराबर होने चाहिए। और चाहे अनिल हो या मैं, अनीता के लिए भी दोनों बराबर होने चाहिए। इसका मतलब समझी?”
नीना फिर भी भोलेपन से मुझे ताकती रही तब मैंने कहा, “हे भगवान्, मेरी बीबी कितनी बुद्धू है। अरे अनिल यह इशारा कर रहा था की चाहे तुम हो चाहे अनीता हो अनिल के लिए दोनों पत्नीयां ही हैं। वैसे ही अनीता के लिए भी हम दोनों उसके पति ही हैं। इसका मतलब है हम एक दूसरे की पत्नियों की अदलाबदली कर सकते हैं। मतलब हम एक दूसरे की पत्नियों को चोद सकते हैं।”
यह सुनकर नीना एकदम अकड़ गयी और बोली, “यह क्या बात हुई। भाई एक दूसरे की बीबियों के साथ थोड़ा मिलना जुलना, थोड़ी शरारत अथवा थोड़ी सी छेड़ खानी ठीक है, पर अदलाबदली की बात कहाँ से आई? बड़ी गलत बात कही अनिल ने अगर उसका यह मतलब समझता है वह तो।
पर मुझे लगता है शायद उसका कहनेका वह मतलब नहीं था। यह सब बातें तुमने ही बनायी लगाती है। वह तो शालीन और सीधासादा है।” मैं अपने ही मन में मेरी सरल पत्नी की यह बात सुन कर हंस रहा था। अनिल और सीधा सादा?”
मैंने तीर निशाने पर लगाने के लिए कहा, “अनिल ने और क्या कहा सुनोगी?” नीना ने अपनी मुंडी हिला कर हाँ कहा।
मैंने कहा, ‘तब अनिल ने मुझसे पूछा, अगर तुम्हारी ऐसी आधी नंगी तस्वीरें हों तो मैं उनको अनिल के साथ शेयर नहीं करूँगा क्या? मैं क्या बोलता? मैंने कहा हाँ जरूर करूँगा।”
नीना यह सुनते ही एकदम सहम गई। वह मुझ से नजर भी मिला नहीं पा रही थी। शर्म से उसका मुंह लाल होगया था। नीना सोचमें पड़ गयी और बोली, “यदि मेरी ऐसी तस्वीर तुम्हारे पास होती तो क्या तुम अनिल को दिखाते? यह बात तो ठीक नहीं। पर खैर मेरी ऐसी तस्वीरें कहाँ है, जो तुम अनिल को दिखाओगे? हम तो हनीमून पर कहीं गए ही नहीं।” उसके चेहरे पर निराशा सी छा गयी।
मैंने उसे सांत्वना देते हुए कहा, ” अब तो तुम्हें और मुझे ऐसे तस्वीरें खिंचवानी पड़ेंगी।”
नीना से पट से बोली, ‘ताकि तुम उसे अनिल को दिखा सको?”
मैंने सीधे ही पूछा, “हाँ, वो तो मुझे दिखानी ही पड़ेंगी। मैंने वचन जो दे दिया है अनिल को। पर तब क्या तुमे ऐतराज़ होगा? अरे हाँ याद आया, अनिल ने तुमको आधा नंगा तो उस दिन देख ही लिया था न, जिस दिन तुम तौलिया लपेट कर उससे मिलने आयी थी?”
नीना ने कोई जवाब नहीं दिया। वह मेरेसे एकदम सट रही थी और गरम हो गई थी। उस रात भी हमने खूब जोर शोर से सेक्स किया। अब तो मुझे नीना को गरम करने की चाभी सी जैसे मिल गयी थी। जब भी नीना थकान का बहाना करके सोने के लिए जाती और अगर मेरा मूड उसे चोदने का होता तो मैं अनिल की कोई न कोई रसीली बात छेड़ देता।
कई बार तो मुझे बाते बनानी पड़ती थी। परन्तु मेरी बुद्धू बीबी यह समझ नहीं पाती थी की मैं उसे चोदने के लिए तैयार करने के लिए यह सब सुना रहा था। अब मुझे इसी बात को आगे बढ़ाने के लिए अग्रसर होना था।
पर मुझे कुछ ज्यादा करने की जरुरत नहीं पड़ी। बात अपने आप ही बनने लग रही थी। एक दिन अनिल घूमते घूमते मुझे मिलने आया। मैं उस दिन टीवी पर मेरा मन पसंद एक खास मैच देख रहा था। तब नीना ने रसोई में से मुझे आवाज़ दी। वह मुझे एक डिब्बा उतारने के लिए कह रही थी।
मैंने उसे कहा अनिल को कहो। वह उतार देगा। यह सुनकर अनिल एकदम रसोई में पहुंचा तो देखा की नीना को ऊपर के शेल्फ से एक डिब्बा उतारना था। अनिल ने नीना से कहा की वह प्लेटफार्म पर चढ़ कर डिब्बा उतार लेगा। पर नीना नहीं मानी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
उसके बुलाने पर भी मैं रसोई में नहीं गया उस बात से वह चिढ़ी हुयी थी। उसके सर पर एक तरह का जूनून सवार था की वह डब्बा स्वयं ही उतारेगी। किसीकी मदद नहीं लेगी। वह खुद रसोई के प्लेटफार्म के ऊपर चढने की कोशिश कर रही थी। प्लेटफार्म की ऊंचाई ज्यादा होने के कारण वह ऊपर चढ़ नहीं पा रही थी। उसने अपना एक पॉंव ऊपर उठाया और प्लेटफार्म पर रखा तो उसकी साड़ी सरक कर कमर पर आ गयी और उसकी जांघें अनिल के सामने ही नंगी हो गईं।
अनिल की शक्ल उस समय देखने वाली थी। वह नीना की खूबसूरत जाँघें देख भौंचक्का सा रह गया। उसके चेहरे पर हवाइयां उड़ने लगी। जब नीना ने अनिल के चेहरे के भाव देखे तो वह कुछ सकपका कर खड़ी हो गयी। उसने अपनी साडी ठीक की। अनिल ने अपने आप को सम्हाला और दुबारा कहा की वह लम्बा है और वह आसानी से डिब्बा उतार लेगा। पर नीना फिर भी न मानी।
नीना ने अनिल से कहा की वह खुद ही ऊपर चढ़ेगी। तब अनिल ने नीना को आगे बढ़ाया और नीना को सहारा देने के लिए तैयार हुआ। अनिल ने थोड़ा झुक नीना की दोनों बगल में अपने हाथ डाल दिए और बड़ी ताकत लगाकर उसे ऊपर उठाया। बाप रे, मुझे जब बाद में पता लगा तो मेरे लण्ड से जैसे पानी झरने लगा।
नीना के बगलों में हाथ डालके उसे ऊपर उठाने से अनिल का क्या हाल हुआ होगा यह समझना मुश्किल नहीं था। जरूर उसने कुछ तो शरारत की होगी। वैसे भी उसने नीना के स्तनों पर अपना अंगूठा तो जरूर दबाया होगा। मैंने देखा था की अनिल नीना के स्तनों पर फ़िदा था और जब भी उसे देखो तो उसकी नजर वहीं टिकी रहती थी।
नीना प्लेटफार्म पर तो चढ़ गयी पर लड़खड़ाने लगी। अनिल ने कस कर नीना के पाँव पकडे और कहा, “नीना भाभी संभल कर। गिरना मत।”
परन्तु नीना डिब्बा निचे उतारते लड़खड़ाई और सीधी अनिल पर जा गिरी। अनिल और नीना दोनों धड़ाम से निचे गिरे। निचे अनिल और उसके ऊपर नीना। जब मैंने धमाके की आवाज़ सुनी तो भागता हुआ रसोई में गया और देखा की बड़ा रोमांटिक सीन चल रहा था।
नीना अनिल के उपर लेटी हुयी थी और अनिल नीना को अपनी बाहों में लिए हुए नीना के निचे दबा था। दोनों के होठ एक दूसरे को जैसे चुम्बन करने वाले थे। अनिल का एक हाथ नीना के एक स्तन पर था। मैं ठीकसे देख तो नहीं पाया पर अनिल और नीना के हावभाव से ऐसे लग रहा था जैसे शायद वह उस स्तन को जोर से दबा रहा था।
न चाहते हुए भी मैं हंस पड़ा और ताली बजाते हुए बोला, “भाई वाह, क्या रोमांटिक सिन चल रहा है।”
अनिल और नीना एकदम हड़बड़ाते हुए उठ खड़े हुए। नीना ने अपनी साड़ी ठीक की और बोली, “मैंने तो तुम्हे बुलाया था। तुम्हे फुर्सत कहाँ? तुमने अपने इस मित्र को भेज दिया और देखो क्या हुआ। मैं क्या करती?” नीना के गाल शर्म के मारे लाल हो रहे थे। वह आगे कुछ बोल नहीं पायी।
जब मैं वापस ड्राइंग रूम में आया तो अनिल मेरे पीछे पीछे आया और बोला, “राज, मुझे माफ़ करदे यार। यह सब जान बुझ कर नहीं हुआ।”
मैं हंस पड़ा और बोला, “पागल मत बन। मैं जानता हूँ। यह सब अचानक ही हुआ था। और यह कौन सी बड़ी बात है? ठीक है यार, वैसे भी तो कई बार हम एक दूसरे की पत्नियोंसे गले मिलते ही हैं न? यह छोटी मोटी छेड़छाड़ तो चलती रहती है। चिंता मत कर।” यह कह कर जैसे मैंने उसको आगे बढ़नेकी हरी झंडी दे दी।
अब तो अनिल मेरा ऋणी हो गया। वह मुझको अपनी पत्नी से मिलवाने के लिए उतावला हो रहा था। एकदिन जब हम फ़ोन पर बात कर रहे थे तब मैंने बात बात में अनिल को कहा , “मैं घर के सारे मशीनों, जैसे वाशिंग मशीन, टीवी, हीटर इत्यादि का छोटामोटा काम घर में ही कर लेता हूँ। सारा बिजली का काम भी मैं ही कर लेता हूँ। तुम्हें या अनीता को यदि कोई दिक्कत हो तो मुझे बेझिझक बुला लेना।”
यह सुन अनिल जैसे उछल पड़ा। वह कहने लगा की उसकी पत्नी अनीता घर में कोई भी उपकरण काम नहीं करते तो बड़ी गुस्सा हो जाती है और अनिल की जान को मुसीबत खड़ी कर देती है। मेरे प्रस्ताव से वह बहुत खुश हुआ और उसने कहा की वह जरूर मुझे बुलाएगा।
उसी दिन देर शाम को उसने मुझे फ़ोन किया और घर आने को कहा। उसने कहा की उसका टीवी नहीं चल रहा था। मैं अनिल के घर गया। मैंने तुरंत ही उसके टीवी को देखा तो बिजली के प्लग का तार निकला हुआ था। मैंने तार लगाया और टीवी चालू कर दिया। मुझे ऐसा लगा जैसे शायद अनिल ने ही वह तार जान बुझ कर निकाल दिया था ताकि वह उस बहाने मुझे बुला सके।
अनीता बहुत खुश थी। उसकी मन पसंद सीरियल तब आने वाली थी। अनीता इतनी खुश हो गयी की मेरे पास आई और मेरा हाथ पकड़ कर मेरा धन्यवाद करने लगी। उसने कहा, “राज, अनिल इन मामलों में बिलकुल निकम्मा है। वह छोटा सा काम भी कर नहीं पाता।”
मैंने बड़ी नम्रता से कहा, “भाभी जी, आप निश्चिंत रहिये, यदि कोई भी ऐसी परेशानी हो तो कभीभी, ऑफिस समय छोड़ कर चाहे दिन हो या आधी रात हो, मुझे बुला लीजिए। ज़रा सा भी मत हिचकिचाइए। मैं हाजिर हो जाऊँगा।” यह सुन अनीता बहुत खुश हुई और चाय बनाने के लिए जाने लगी।
अनिल ने उसे रोककर कहा, “देखो अनीता, राज मेरा ख़ास दोस्त है। अगर मैं न भी होऊं और तुम्हें यदि कोई भी दिक्कत हो तो दिन हो या आधी रात, उसे बुलाने में कोईभी झिझक न करना।”
बस अब तो मेरा रास्ता भी खुलता दीख रहा था। अनीता ने अनिल के रहते हुए मुझे एक दो बार बुलाया। अनिल ने फिर अनीता को जोर देते हुए कहा की उस की गैर मौजूदगी में भी वह मुझे बुलाने में झिझके नहीं। अनिल भी तो काफी समय टूर पर जाता रहता था।
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी.. और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
tmil kamakathaikalantarvasna maa bete ki chudaihindi sex kahania comsales man sexsex india desichodai hindi storyonline sex hinditeacher sex tamil storysali ke sath sex storytamil se storiesdesi bhabhi massageஅம்மா மகன் உடலுறவுporn sex chatnidhi bhabhiകന്തിലെ സുഖംsuhagrat ka dardgirls chudaigandi chudai kahaniindian sex stories in kannada languagehindi sex ww comhot gay sex desideshi kahaniwww tamil sex newsiss hindi sex storiesdadi ki chuday sex storiesmeri gili chutgaykahanijija or sali sexwww antarwasna hindi sexy storydesi sex busmeri sexy didichudai ki booktamil wife share sex storieswww desi tales combengali romantic sex storytelugu super auntysex storys in tamildesi sex in hindidesi cfnm storydesi xxx storiesbhabi ke saathsex hindi shot aunty ki chutsexy bhabhi story in hindimalkin nokar sexdesikahani.commaa desi storychoda chutriya ki chudaiindian sasur bahu sexhindi sex auntiesindian sexy picsmami ki sex kahanifull sexy story in hindichudai nudesexy khaniyanhot mom sexy sexsex chat with girlfriendindian dasefamous tamil sex storiesbehan ki chutsex story in jungledesi didi comsex story lesbiansaxy story in hindi fonthot odia desi sex storieswww chodan com hindisex stroymaa ko choda raat bharhot hindi story with photomeri pahli suhagratwww desi fudiporn bengali storytrue sex stories indianchachi ko choda hindi kahanidesi gay sex chatindian group sex storyboys sex story in tamilrandikichudaiindian first night sex storiessaranya kamakathaikalpyaar pehli baarsex in office storydesi behan sex videobagali sexgujrati bhabhi chudaihot porn story videosexy khani with photochudasi didireal sex stories in kannadahamarivasnabadi mami ki chudaisex ki kahaniinadian sexonline chuthardcore porn storiessex with padosankahani onlinechudai dekhi