Anubhavi Raat


Anubhavi Raat
पाठको को मेरा चूत खोलकर सादर प्रणाम, मेरा नाम मंजू है, मैं यहाँ पर नयी नयी हूँ, और नही जानती की कैसे लिखा जाता है, ये बात मैं किसी से कह नही सकती पर इंटरनेट के माध्यम से मुझे अपने विचारो को खुल कर लिखने मैं ज़रा भी हिचक नही होती, क्योंकि इंटरनेट पर इंसान अपने विचारो को सही तरह से अभिव्यक्त कर सकता है और इससे गोपनीयता भी बनी रहती है, मैं यहा पर अपनी एक कहानी, दरअसल ये कोई कहानी नही, मेरे साथ हुई एक सच्ची घटना है, आपका मन करे तो विश्वास करना नही तो जैसी आपकी मर्ज़ी. पर मेरा भगवान जानता है की मेरा लिखा हुआ एक एक लफ्ज़ सच्चा है
बात उन दिनों की है जब मैं अठारह साल की थी, अपनी नटखट सहेलियों की बदौलत मैने चूत मैं उंगली करना सीख लिया था और ज़्यादातर समय मैं उंगली डालकर चूत के दाने को गोल गोल घुमाने मैं ही व्यतीत करती थी पर मुझे सेक्स का ज्ञान नही था, मैने सेक्स के बारे मैं अपनी सहेलियों से बहुत कुछ सुन रखा था पर अभी इस मामले मैं अनुभव नही था, पर मन ही मन मैं किसी शानदार जानदार लोडे से चुदना चाहती थी, जो मुझे तबीयत से चोदे और मेरी चूत जिसकी खुजली दिन रात मुझे परेशन करती रहती थी, का एक बार तो भुर्ता बना दे,जिसमे इसको फाड़ने की हिम्मत हो और मुझे मुक्ति दे सके, पर मैं क्योंकि अंतर्मुखी थी ये बात मेरे अलावा किसी को पता नही थी, और किसी के सामने बात करने मैं मुझे शर्म महसूस होती थी, बस अभी तो ख़यालो मैं ही अपने आपको उंगली से चोदती रहती थी, मैं जी भर कर चुदना चाहती थी पर हाय… किसको बताऊ ? कैसे बताऊ? लड़को से तो मुझे बात करने मैं भी डर लगता था, और लड़कियाँ मेरी ये इच्छा पूरी कर पाने मैं असमर्थ थी, मन मसोस कर रह जाती थी पर मुझे नही पता था की मेरी जिंदगी मैं एक शानदार लोडे का आगमन होने वाला है
मेरी ये हसरत भी जल्द ही पूरी हो गयी, एक बार मेरे मम्मी पापा को दो दिन के लिए मेरी सिस्टर (मेरी दूर के ताऊ की लड़की) की शादी मैं जाना पड़ गया, इकलौती होने की वजह से मुझे घर पर ही रहना पड़ा और मम्मी पापा मेरी देखभाल की ज़िम्मेदारी मेरे पड़ोस वाली आंटी के उपर छोड़ गये
दिन मैं घर की सॉफ सफाई के बाद मैं थोड़ी देर के लिए आंटी के बुलावे पर उनके घर मैं चली गयी, आंटी के पति का देहांत हो चुका था, उनका एक स्मार्ट ,सुंदर डील डौल वाला लड़का था परवीन, जिसने इसी साल कॉलेज मैं बी एस सी मैं दाखिला लिया था |
जैसे ही मैने उनके घर मैं प्रवेश किया उनका लड़का मुझे देखते ही बोला हाय मंजू, कैसी हो, इधर तुम कभी आती नही, कभी कभी इधर भी आ जाया करो, आओ बैठो ना, उसके बाद इधर उधर की बातें होने लगी, मैने इतने आकर्षक व्यक्तित्व वाला लड़का पहली बार देखा था, वो भी मेरी चुचियो की गोलाई पर कुछ ज़्यादा ही ध्यान दे रहा था, मैं मन ही मन खुश हो गयी, सोचने लगी जब शिकार ही अपने आप जाल मैं फसने को तैयार है तो फिर ज़्यादा मेहनत की ज़रूरत नही है, सोचने लगी इसको कैसे पटाया जाए,इतने मैं आंटी चाय लेकर आ गयी और कहने लगी और मंजू पढ़ाई कैसी चल रही है, मैने कहा ठीक ही चल रही है आंटी, थोड़ी देर आंटी से बतियाती रही, फिर मैने थोड़ी देर मैं कहा अच्छा आंटी अब चलती हूँ, आंटी ने कहा मंजू अगर रात मैं डर लगे तो हमारे घर पर आकर सो जाना, डरपोक तो मैं थी ही, मैने कहा ठीक है आंटी, उसके बाद मैं चली आई.
बस मुझे इसी मोके का ही तो इंतज़ार था, रात मैं आंटी के घर चली गयी, आंटी ने मुझे रात को सोने के लिए अपने गेस्ट रूम मैं ठहरा दिया, मैं लगातार परवीन के ख़यालो मैं खोई हुई थी की कब मुझे नींद आ गयी पता ही नही चला, सपने मे मैने देखा की कोई मेरी लॉन्ग स्कर्ट उपर करके पेंटी के उपर से चूत चाट रहा है और मुझे मज़ा आ रहा है, धीरे धीरे मुझे ये अहसास होने लगा की सचमुच कमरे मैं कोई है और मेरी चूत के उपर अपना मूह रखा हुआ है, मैं अंदर तक गनगना गयी, बैचनी और बेकरारी बढ़ने लगी डर के मारे मेरा बुरा हाल था, चुपके से देखा तो वा परवीन ही था, उसने चूत के अग्रभाग पर अपना मूह रख दिया था और हल्के हल्के उसे चूस भी रहा था, हाय राम अब क्या करूँ? मैं घबरा गयी, एक बार तो मन हुआ की उठकर उसको पूछू की क्या कर रहे हो ?
पर कुछ ना करते हुए सोने की एक्टिंग करने लगी की देखे इसका कितना लंबा लौड़ा है और ये कैसे चुदाई करता है, और अनमने भाव से टाँग थोड़े और फैला दी ताकि उसे चूत चाटने मैं कोई परेशानी ना हो, जब उसने मेरी तरफ से कोई विपरीत प्रतिक्रिया होते हुए नही देखी तो उसने आराम नितंब उठा करके पेंटी उतार दी , दरअसल अब वो भी समझ चुका की मैं चुदवाने के पक्के मूड मैं हूँ, उसने टांगो को और अच्छी तरह से फैला दिया और बड़े प्यार से मेरी चूत के उपर आए मटर के दाने को चारो तरफ गोल गोल अपनी मुलायम जीभ को घुमाने लगा, मुझे इतना मज़ा जिंदगी मैं पहली बार आया था मैं चुप चाप लेटी रही, और वो लेटे लेटे चूत चाटता रहा, बीच मैं कभी कभी वो निपल की भी चिकोटी काट लेता था, धीरे धीरे मुझ पर मदहोसी छाने लगी, मेरी चूत मैं झुर झुरी होने लगी, शरीर कांपने लगा, दिल ऐसे धड़कने लगा जैसे लोहार की धौकीनी हो, लग रहा था जैसे चूत की गहराई मैं काफ़ी अंदर कुछ गोल गोल घूम रहा हो, मेरी कुँवारी चूत का मक्खन पिघल पिघल कर उसके मुंह मैं गिरने लगा, पर मज़ाल की उसने एक बूँद भी नीचे गिरने दी हो, लग रहा था जनम जनम का प्यासा हो, सारा मक्खन पी गया वो, मेरी साँसे धौकनी की तरह चलने लगी, ऐसा लगा की चूत के अंदर से कुछ निकलने वाला है, मेरी गांड अपने आप उपर नीचे होने लगी, मज़ा इतना आ रहा था की बस पूछिए मत, ये जिंदगी भर मेरी चूत ऐसे ही चाट ता रहे, अपने आप ही मेरी चूत उसकी जीभ पर उपर नीचे होने लगी, मैने अपने आप को तो कई बार झाड़ा था पर चूत चटवाने का अपना ही अलग अंदाज़ है, अब मुझसे कंट्रोल नही हो रहा था मेरे दिमाग़ के फ्यूज़ उड़ चुके थे और चूत
पर से मेरा कंट्रोल ख़तम हो चुका था अब चूत अपना काम अपने आप कर रही थी मेरे मुंहसे अपने आप इ, इसस्सश इससश निकलने लगी, इससे ज़्यादा ना मैं कुछ बोली ना ही वो कुछ बोला पर वो अपना काम बड़ी ज़िम्मेदारी से निभा रहा था, एकाएक मुझे अपनी चूत मैं कंपकपि होने लगी, मेरी टांग भी काँपने लगी और गांड ज़ोर ज़ोर से झटके से उपर नीचे होने लगी, लेकिन उस पर कहाँ असर होने वाला था, वो और लंबी लंबी जीभ चूत के उपर नीचे करने लगा, मुझसे मज़ा कंट्रोल नही हो पाया और मैने सी सी करके दो चार करारे करारे झटके देकर अपनी चूत का चूतरस उसके मुंह पर उडेल दिया, जिसे उसने पूरी ज़िम्मेदारी के साथ गटक लिया, ऐसा लगा जैसे मेरे शरीर की सारी जान उस चूत के अंदर से निकल कर उसके मुंह मैं चली गयी हो, पर वो कामभक्त अभी भी चूत छोड़ने के मूड मैं नही था ! मैं लगातार झड़ रही थी की अचानक उसने अपनी एक उंगली मेरी कुँवारी बुर मैं डाल दी, और मुंह से चूत आम की तरह चूसने लगा, उंगली डालते ही बुर ने ढेर सारा पानी उसके मुंह पर फिर से छोड़ दिया.
उहह………..उहह………उः………..उहह इईईईईईए सीईईईईईए इश्ह्ह्हह्ह्ह्ह मत करो ना मैं दबी हुई आवाज़ मैं बोली.
कुछ नही होगा, तुम चुप चाप ऐसे ही लेटी रहो, वो भी दबे हुए लफ़ज़ो मैं बोला.
इईईईईईए ईए इश्ह्ह्ह नहीं, मैने शरम दिखाते हुए कहा,
“ मज़ा आ रहा है ना” वो फुसफुसाते हुए बोला
इश्ह्ह्ह इश्ह्ह्हह मैने कुछ ना कहते हुए मुंडी हिला दी,
फिर चुप चाप लेटी रहो, उसका अगला आदेश था
वो उंगली अंदर गोल गोल घुमाने लगा, अब तो मेरा वो हाल था की मेरी जान हलक मैं अटकी हुई थी और मज़ा अपने चरम पर था मन कर रहा था की उसे कहु भोसड़ी वाले और कितना चुसेगा मादरचोद अब डाल भी दे अपना लंड मेरी चूत के तहख़ाने मैं, बुर भट्टी बनी पड़ी है और तू साला और तडपा रहा है, पर मैं शर्म के मारे कुछ ना कह सकी और चुपचाप लेती रही उसने उंगली की रफ़्तार तेज़ करदी , अचानक मेरी चूत की भी कंट्रोलिंग पावर जवाब दे गयी , मेरी चूत का ज्वालामुखी फिर से फट पड़ा और चूत की कंपकपि चूत से निकलकर सारे शरीर मैं फैल गयी, मेरी चूत के दरवाज़े तेज़ी से खुलने और बंद होने लगे , गांड से खुशी की लहर पूरे शरीर मैं फैल गयी और मैं सातवे आसमान के चक्कर काटने लगी, आँखे झप झपाने लगी, दिल डूबने लगा फिर मचलने लगा…..
आःह्ह्ह….. उह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्ह….. आः उह्ह्ह्हह्ह्हह्ह.
इईईईईईए सीईईईईईए इश्ह्ह्हह्ह्ह्ह इश्ह्ह्ह इश्ह्ह्हह
अब उसने पेंट खोल कर अपने लंड को आज़ाद कर दिया, लंड देख कर मुझे डर लग गया
इश्ह्ह्हह “मुझे डर लग रहा है” मैंने उसे धीरे से कहा,
अभी डर दूर किये देते हैं मेरी जान, अब वो खुल कर मैदान मैं डट चुका था
उसने लंड के सुपाडे को मेरी चूत के मुहाने पर रख दिया और उसे वही पर रगड़ने लगा मैं फिर तड़पने लगी
इश्ह्ह्हह्ह्ह्ह इश्ह्ह्ह इश्ह्ह्हह मत करो न ऐसा, मैंने धीमे से कहा
ठीक है फिर थोडा सा दर्द होगा मेरी जान तुम डरना मत
इश्ह्ह्ह इश्ह्ह्हह इश्ह्ह्ह इश्ह्ह्हह “जो करना है जल्दी करो ना मुझे नींद आ रही है” मैं बहाना बनाते हुए बोली
उसने अपने लंड को मेरी गीली चूत के ऊपर हल्का सा धक्का दिया सुपाडा अन्दर घुस गया,
आऐईईईई मैं चीखने वाली थी की उसने मुह पर हाथ रख पर अपना लंड पूरा अन्दर ठेल दिया और मेरी चीख अन्दर ही घुट कर रह गयी
अब वो दनादन लोडे को चूत के अन्दर घिस रहा था और मेरी आँखों से आसूं आ रहे थे, मेरी चूत से खून निकल रहा था और मुझे दर्द हो रहा था
आई आईईइ… ऐईईईईइ… आआईईईईई…. आआईईईईईईई…. मेरे मुंह से निकल रही थी और वो हूँ हूँ हूँ हूँ करके चोदे जा रहा था आऐईईईई… हूँ… आआ…औईई… हूँ…… की हल्की आवाज़ से पूरा कमरा भर गया था.
थोड़ी देर बाद जब मेरी चूत का दर्द मीठे दर्द मैं तब्दील हो गया तब मैं भी उसका साथ देने लगी और उछल उछल कर चुदवाने लगी, अब मुझे भी गजब का आनंद आने लग गया था, मैं मन ही मन खुश थी की आखिर मैंने चुदवाने का राज जान लिया था, चूत मरवाने मैं कितना मजा आता है इसका मुझे भान हो गया था
कमरे में फच फच की आवाज़ आने लगी….
हूँ फच फच हूँ फच फच हूँ …. और जोर से करो ना मैं उससे साड़ी शर्म उतारकर बोली
उसको क्या चाहिए था, पूरी ताक़त से लंड को मेरी चूत की गहराई मैं उतार दिया, और चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, मैं फिर से सातवे आसमान मैं पहुँच गयी और स्वर्ग का आनंद लेने लगी, मन किया की आज सारी रात ये मुझे चोदता रहे तो कितना अच्छा हो, उस रात उसने मुझे कम से कम दस बार झाडा, और खुद तीन चार बार झडा,हर बार झड़ने से पहले वो लंड बहार निकाल लेता था और मेरे मुंह में डाल देता था जिसका रस में प्यार से चूस लेती थी |
थोड़ी देर हम लेटे रहे फिर वो चला गया और सुबह जल्दी उठकर में वापस अपने घर आ गयी |
तो दोस्तों ये थी मेरी सच्ची दास्ताँ |
आपको कैसे लगी ?
जरूर लिखना मेरा इ मेल है :-
[email protected] Kahani padhne ke baad apne vichar niche comments me jarur likhe, taaki hum apke liye roz aur behtar kamuk kahaniyan pesh kar sake – DK

शेयर
odia bapa jhia sex storydidi nangihot padosankamakkathai tamilchoda r golpopunjabi desi kudikamakathaikal tamil fontindian sx.comdesi sexy gandpuku naku kathalubhabhi comeapki bhabhi.comvidhwa bhabhi ki chudaihindi six khanitamil hot novelsfree sex kahani.comindia erotic storiesantarvashna sex storyhot and sexy story hindiwww tamil amma magan kamakathai comfree hindi storiesindian sex stories.comindias best porn sitebf story hinditamil family sex storysex stories hindi fontwife boss sex storieshinglish fontsdesi mom sex storieskannada tullu tunne kategaluindian wife forced sex storiesshararat episode 15tamil kama kathaigaxdesi mobi sexchudai ki khaniya hindi mebreastfeeding sex storyjaatni ki chudaitamil bad sex storiessex hindi maamast sexy kahaniindian gay porn sitesdesi web netindian desi sex chatdesi tamil sex storiesindian gangbang storiespunjabi dirty talktamil incest novelsmarathi sex storeiindian sex story blogsavita sex storiesaurat ki vasnaதமிழ்நாடு sexkannada tullu tunne kathegalu 2015biwi chudai storyboob press storiesschool girl ki chutपोर्न स्टोरी इन हिंदीlatest hot storiesboudir sathe gopon somporkonangi chut lundsex storie in hindisexy punjabi womenmummy ki storysexi story hindi newdesi chudai hindi kahanibollywood actress sex storysex chat lesbianteen sex desimaa ki chut mariindian bhabi dever sexsexstory bengalisex bhaviaunty hot facebookfamily sex comindian sexsexy unclebhabhi lustdesi xstorysex hind comsexy priyaindian mom son storiesbhabhi exbiisex khaniyajija sex with sali