Amrita Ek Chudakkad Salesgirl


हेल्लो दोस्तों आपका दीप पंजाबी आपके सामने एक नई दास्तान ऐ सेक्स लेकर एक बार फेर हाज़िर है।
ये इसी गर्मियो की बात है के मैं एक दिन अपने घर में अकेला था। हमारा पूरा परिवार रिश्तेदारी में बुआ की लड़की की आ रही शादी के लिए कपड़े वगैरा खरीदने बाज़ार गया हुआ था।
आप तो जानते ही हो गर्मियों में गलियो में सन्नाटा छा जाता है। सब लोग अपने घरों में पंखे, ऐ.सी चलाकर सोये होते है। मैं सोकर उठा ही था और अपने लिए चाय बनाकर रखदी और सोचा बाद में नहाकर पीऊँगा, के तभी गली वाले दरवाजे की डोर बेल् बजी।
मैं मन में गालिया निकालता दरवाजा खोलने आ रहा था के साला आराम से नहाने भी नही देते। गेट खोल कर देखा तो सामने करीब 20 साल की लड़की जिसके गले में बैग टांगा हुआ था और बोली हलो सर जी, मैं बठिंडा से किसी प्राइवेट कम्पनी से आई हूँ और घरेलू जरूरत का समान कम्पनी के रेट में बेचने आई हूँ। क्या आप देखना पसंद करेंगे?
मेने उसे बोला देखिये इस वकत घर पे कोई औरत नही है और मुझे समान नही देखना है। फेर कभी आना।
वो – तो क्या हुआ सर जी, आप भी घर के ही मेंबर ही हो, ले लो न समान थोडा सा रह गया है। इतनी गर्मी में किधर घूमती फिरुगी।
मेने उसे अंदर बुला लिया और दरवाजा बन्द करके उसके साथ अपने कमरे में आ गया।
उसने बैड पे पंखे के निचे बैठकर अपना बैग उतारा और आँखे बन्द करके हवा को महसूस करने लगी। वो पूरी तरह से पसीने से भीगी हुई थी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मैं रसोई से उसके लिए गिलास में पानी ले आया। उसने पानी पीकर थैंक्स बोला और अपने कपड़े ठीक करके हवा लेने लगी।
मैं उसे बैड पे ही बैठा दूर से निहार रहा था। गर्मी से उसका बुरा हाल हो रहा था। वो जितना पसीना अपने रुमाल से पोंछती, उस से दुगना उसके चेहरे पे आ रहा था। मेने उसे बाथरूम की तरफ इशारा करके बोला, जाओ मैडम वहां टूटी पे मुँह धो लो, आराम मिलेगा। उसे मेरी बात जच गयी और वो मुँह धोकर वापिस अपनी जगह पे आकर बैठ गयी।
मेने उससे पूछा – हांजी अब बताइये क्या बात है?
वो – (उसने अपनी बात दुहराई ) सर जी, मैं बठिंडा से फलां कम्पनी से आई हूँ, मेरा नाम अमृता है और मैं घर में जरूरी काम की चीज़े बेचती हूँ।
उसने रसोई में उपयोग होने वाला सामान जेसे कड़छी, प्याज़ काटने वाली मशीन, छोटी सी नॉन स्टिकी कढाही, चाकू आदि बहुत सारी चीज़े मेरे सामने निकाल कर रखदी और बोली – देखलो सर यही सामान बचा है बाकी तो सब बिक गया है। वैसे बज़ार में जाओगे आपको यही सामान बहुत ज्यादा दाम में मिलेगा पर हमसे खरीदोगे तो आपके काफी डिस्काउन्ट मिलेगा। जेसे ये चाकू है बाज़ार में 100 रूपये का है हम आपको 60 रूपये में दे देंगे आपको 40 रूपये का फायदा हो गया न घर बैठे बिठाये।
वो चाबी भरे खिलोने की तरह बोलती ही जा रही थी। मैं उसके हिलते पतले से होंठो की तरफ देखता जा रहा था।
करीब 10 मिनट भाषण देने के बाद बोली – हांजी अब बोलिये क्या दूं आपको?
मैंने मन में ही बोला एक पप्पी और मेरे चेहरे पे हल्की सी स्माइल आ गयी।
पता नही वो अपनी कही बात का दोहरा मतलब खुद समझ गयी और वो भी हंस पड़ी।
मेने बोला – सामान तो आपसे ले लेंगे पहले बैठो बाते करते है। वेसे भी इतनी गर्मी है, कहाँ घूमती फिरोगे। आप आराम करो वेसे भी घर पे कोई नही है। सब बुआ की लड़की की शादी के लिये खरीददारी करने गए है।
वो – तो शादी में बर्तन भी तो चाहिए होते है न ले लो आप।
मैं – ले लेंगे आप सब्र तो करो। आप रुको मैं चाय लेकर आता हूँ। अपने लिए रखी चाय में और दूध डालकर उसको दो कपो में लेकर आ गया।
उसने एक कप उठाया और धन्यवाद बोली।
चाय पीते पीते हम बाते करने लगे..
मेने उससे उसके बारे में पूछा तो उसने बताया वो पंजाब के मानसा जिले की रहने वाली है। उसने मुझसे पूछा आपको कोई ऐतराज़ न हो थोडा टाइम लेट जाऊ यहां बैग भारा होने की वजह से पीठ में दर्द होने लगा  है। जरा सा लेट जाने से दर्द कम हो जायेगा।
मेने कहा लेट जाओ मुझे कोई ऐतराज़ नही है।
वो थैंक्स बोलकर लेट गयी और आँखे बन्द करके आराम करने की स्थिति में आ गयी।
वो हंसकर बोली – सरजी मुझे तो नींद आ रही है।
मैं – सो जाओ मना किसने किया है।
मैं भी उसके साथ ही थोड़ी दूरी पे लेट गया। थोड़े ही टाइम में वो इतना खुल गयी के जेसे बरसो से जान पहचान हो उसकी।
हम दोनों एक दूसरे की तरफ मुह करके लेटे ही बाते कर रहे थे।
आम घरेलू बाते करते करते हम प्राइवेट बातो पे आ गये। मेने उसे उसकी उम्र पूछी वो बोली 20 साल..
मैं हंसकर बोला शरीर से तो लगती 25 के ऊपर के हो।
वो शरमाकर हंस पड़ी और बोली नही नही 20 भी पूरे नही किये मेने तो..
मैंने उससेे पूछा कितना पढ़ी लिखी हो।
वो बोली 10+2 किया है पिछले साल और आप ?
मैं – मैंने बीए फाइनल !!
इस तरह हसी मज़ाक चलता रहा। मेने लेटे लेटे ही उसकी पीठ पे हाथ लगाकर सहला दिया वो मेरा हाथ देख कर बस जरा सा मुस्कराई पर कुछ बोली नही। जिस से मेरी हिम्मत और बढ़ गयी और मेने उसे अपनी तरफ खीच कर होंठो पे किस कर दिया।
वो पहले तो वो न न करती रही पर जब उसे भी मज़ा आने लगा वो भी मेरा साथ देने लगी। अब मैं उसके उपर लेटकर उसको चूम रहा था। फेर मेने उसकी शर्ट के बटन खोलकर उसके मोटे मोटे मम्मे चूसने लगा। क्या ज़न्नत का नज़र था, उस पल में।
उसका हाथ बार बार मेरे पैंट में खड़े हो चुके लण्ड पर जा रहा था। उसे ऊपर से ही पकडकर साइज़ का जायजा ले रही थी। मेने उसकी बेकरारी को समझते हुए अपनी ज़िप खोल कर मोटा लण्ड उसके हाथ में दे दिया। उसकी तो जैसे बरसों की इच्छा पूरी हो गयी हो। उसे हाथ में लेकर उसे सहलाने लगी। उसकी कोमल हथेली में लण्ड ऐसे लग रहा था जेसे रुई में लपेटा हो। मेरी तरफ देखकर इशारे में पूछा अब ?
मेने भी इशारे में सर हिला दिया वो हंसकर उसका टोपा निकाल कर उसे मुँह में लेकर, अपनी आँखे बन्द करके चूसने लगी। उस हसीन पल को शब्दों में बयान नही किया जा सकता। बीच बीच में वो टोपे पे गोल गोल जीभ घुमाती। मेने इशारे से हटाया के हट जाओ मेरा रस्खलन होने वाला है, पर वो तो अपनी धुन में मस्त थी। मैं उसके मुह में ही एक लम्बी आह्ह्हह्ह् से झड़ गया।
वो तो जैसे जन्मों जन्मों की प्यासी थी। सारा वीर्य कुछ ही मिन्टो में निगल गयी और लण्ड को दुबारा साफ कर दिया। एक बार रस्खलन होने की वजह से लण्ड ढीला पड गया था, पर उसने तो जैसे कसम ही खा रखी थी ले उसे चैन से सोने भी नही देगी। उसने दुबारा उसको चूमना चाटना शुरू कर दिया। मैं खुद हैरान था इतनी जलदी दुबारा कैसे तैयार हो गया। मुझे तो लगा था अब 5 -7 मिनट से पहले तयार नही होगा, पर उसके हाथों में जैसे जादू था।
अगले 2-3 मिन्टो में ही सिपाही जंग लड़ने के लिए तैयार हो गया। शयद वो भी मेरे दिल की बात जान गयी थी, और हस कर बोली हैरान होने की जरूरत नही है जनाब अमृता नाम है मेरा, मतलब अमृत मुर्दों में जान डालने वाला जल ये तो ज़िंदा है फेर भी और हंसकर फेर उसको चूसने लगी।
मुझे लगा इस बार भी मैं इसे मुह में ही न झड़ जाऊ, तो मेने उसे छोड़ देने को कहा वि बोली नही जनाब जब तक मेरा दिल नही भरेगा, ये मेरे मुह में ही रहेगा। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे हैं।
मैं – पर यर माँ बापू किसी भी वक़्त आ सकते है। इस से पहले काम खत्म करले बाद में जो दिल करे करते रहना।
वो बोली ठीक है आप मेरी चूत चाटो मैं आपका लण्ड चूसूंगी।
मेने कहा नही मुझे आपकी चूत में लण्ड डालना है।
वो बोली अभी नही अभी मेरा फोरप्ले पूरा नही हुआ है।
उसने अपनी पेंट उतार दी और मैने भी अपनी पेंट उतार दी।
अब हम 69 की पोज़िशन में आ गए। वो मेरे ऊपर और मैं उसके निचे था। वो तो बस लण्ड चूसने में मस्त थी। जब मेने उसकी चूत को देखा उसपे हल्के काले बाल थे, मानो दो महीने पहले काटे हो और दुबारा उग आये हो। उसकी चूत में से पेशाब की बदबू आ रही थी।
मेने उसे रोककर चूत धोकर आने को बोला। वो बाथरूम में गयी और अछी तरह से मसल मसल कर चूत को साफ करके वापिस आ गयी और अपने काम पे लग गयी। मेने जब उसकी चूत में जीभ घुसाई तो चूत रस का अजीब सा नमकीन स्वाद मेरी जीभ में लग गया।
मैं मन मारकर उसको चूसता रहा वो गांड हिला हिला कर मेरे मुह पे अपनी चूत रगड़ती रही। ज्यादा टाइम वो भी रुक न स्की और आहह्ह्ह्ह्ह्ह करके मेंरे मुह पे ही झड़ गयी। मैं जल्दी से उठा और बाथरूम में मुह धोकर कुल्ला करके वापिस आ गया।
जब वो झड़ गयी तो बोली अब आप आ जाओ मेरा काम तो हो गया आपका भी करदू।
मुझे उसने लेटने का इशारा किया, मै लेट गया और मेरे खड़े लण्ड को अपने थूक से तर करके उसपे चूत को सेट करके बैठ गयी। उसकी तंग चूत में सिर्फ लण्ड का गुलाबी टोपा ही घुस स्का। जिस से उसको शयद थोडा दर्द महसूस हुआ। फेर गांड ऊपर उठाकर एक और झटका मारा तो आंधे से ज्यादा लण्ड उसकी चूत में घुस गया और वो दो मिनट उसी हालत में बैठी रही।
जब उसका दर्द थोडा कम हुआ तो उसने अपने कूल्हे हिलाने शुरू किये। उसके थूक और चूत के रस से सना लण्ड आसानी से अंदर बाहर हो रहा था। वो आँखे बन्द करके जोर जोर से झटके मार रही थी। लण्ड चूत के मुह तक वापिस आकर उसकी बच्चेदानी दे टकरा रहा था। मैं उसके हिलते मम्मो को बदल बदल कर मुह में लेकर चूस रहा था।
करीब 10 मिनट की इस जंग में उसने पानी छोड़ दिया और मेरी छाती पे सर रखकर लेट गयी। उसकी चूत की गर्मी से अगले 5 मिन्टो में मैं भी उसकी चूत में झड़ गया। पंखा चलने के बाव्जूद भी हम पसीने से नहा गए।
हमने उठकर खुद को साफ किया और बाथरूम में जाकर शावर के नीचे इकठे नहाये, मेरा तो इरादा उसकी गांड मारने का भी था, पर समय की नज़ाकत को देखते हुए सिर्फ उसके मम्मे और होंठ चूसकर मन बहलाना पडा। उसने नहाते वक़्त भी लण्ड चूसकर उसका पानी पिया।
बाद में हम कपड़े पहनकर बाहर आकर बेड पे बैठ गए। उसने मेरा मोबाइल नम्बर माँगा तो मेने दे दिया, उसने अपना भी नम्बर दिया। बाद में मेने उससे उसके सारे बचे हुए बर्तन खरीद लिए और उसको उसके बनते पैसे दे दिए। हमने एक इकठी सेल्फ़ी ली और हम दोनों ने एक एक कॉपी उसकी अपने पास रख ली।
बाद में मेरे घर वालो की कॉल आ गयी के घर पर ही रहना और अहमदाबाद वाले रिश्तेदार आ रहे है। बाइक लेकर बस स्टैंड आ जाओ, वो वहां खड़े है। उनको घर का रास्ता पता नही है। क्योंके वो पहली बार आ रहे है । तो मेने फोन काटकर उसको सारी बात समझायी।
उसने भी बोला हाँ अब मुझे जाना चाहिये। बहुत मौज़ मस्ती करली हमने। उसने अपना बैग उठाया और मेरे साथ बस स्टैंड तक बाइक पे बैठकर आई। उसे उसके शहर वाली बस में चढ़ाया और अपने रिश्तेदारो को लेकर घर आ गया।
सो ये थी एक और हसीन लम्हे की दास्तान आपको केसी लगी अपने विचार ईमेल के जरिये जरूर भेजना.. मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.
अब अपने दीप पंजाबी को दो इज़ाज़त, फिर किसी दिन एक और नई दास्तान लेकर हाज़िर होऊंगा। तब तक के लिए नमस्कार !!!

शेयर
desiindian sexhindi suhaagraat storyhoneymoon kahanigand mari storyromantic sex storiesmaa bete ki sexynai bhabhi ko chodanew story of sexjabardasti chodne ki kahanisexy sroriesgroup gay xxxcudai ki khani hindichithi sex storieshot girl to girl sexdesi hindi kahani comdesi kahaniamaa ki chut ka panidesigirl sexindian sex tamil storiesindian swappingkamsin jawani photossex with tutorhinde sex stoerydesi clips.commama ke sath chudaisexy gay kahanisex chat in punjabiதமிழ் காம படங்கள்sex stories auntiessex story bangolilatest porn sexholi me sex kahanitamil kamalogam kamakathaikalmama ki chudaitangiya tullu hatta kathegalusex kahani in odiasabjiwalidesi recent storymeri chudai with photoindian desi secகாம படங்கள்hindi chudai kahaanisex adventuressexy story read in hindidesi lady doctoramma magan kamakathaikal tamilerotic stories hindisexstory.comटट्टी की कविताindian ssxhot desi chathaseen raatsex stories kannada newtamilkamavetibabita bobschud ki chudaidevar bhabhi ka pyar photosnew tamilsexstoryhot rape kahanitamil recent kamakathaikaltamil kanakathaikaldesi sexstory comchut chudai ki kahani hindisexy hindi hot storyplay chudaihot tamil aunty sex storiesmami ki malishpinni tho abbaihindi school sex storysexy ka