Sumit Aur Uska Parivar – Part 4


(चुदाई के बाद ऋचा और उसका बड़ा भाई सुमित दोनों अपने अपने कपडे पहनते हैं और ऋचा सो जाती है और सुमित अपनी माँ के कमरे में सोने चला जाता है जहाँ नाईट बल्ब जला था, उसकी माँ भावना बेड पर लेटी थी और उसकी नाईटी उसकी मोटी सुडौल गोरी झांघों तक सरक गयी थी.
90 प्रतिशत गोरे भारी तरबूझ जैसे बूब्स नाईटी से बाहर थे, बाल बिखरे हुए थे, आधे से ज्यादा निप्पल दिख रहे थे, मोटी ताजी गोर कामुक बदन की मालकिन भावना खर्राटे मार रही थी,ये दृश्य देखकर सुमित का मन और लन दोनो डोलने लगते है.
सुमित का लण्ड अपनी माँ की ये मदहोशी में सोयी हुयी हालत को देखकर खड़ा हो जाता है, और सुमित घूर घूर कर अपनी माँ के आधे से ज्यादा बूब्स को और मोटी गोरी मखमली बालों से भरी जांघों को एकटक देखता रहता है और अपना लण्ड पैजामे के बाहर से ही मसलता है, थोड़ी देर पश्चात सुमित भावना के बगल में खड़े लण्ड के साथ लेट जाता है.
सुमित के अपनी माँ के बगल में लेटने से भावना की नींद खुल जाती है और वो अपनी नाईटी सही करती है, निकले हुए बूब्स को संभालती है, माँ-बेटे के रिश्ते को व्यवस्थित रखने की पूरी कोशिश करती है)
(भावना और सुमित एक दूसरे की तरफ मुह करके बातें करने लगते हैं, भावना के 50 प्रतिशत बूब्स अभी भी बाहर ही थे और सांसों के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे, छोटा बेड होने की वजह से भावना और सुमित पास पास एक दूसरे की तरफ मुह करके बात कर रहे थे, माँ-बेटे की सांसे एक दूसरे से टकरा रही थी)
भावना- आ गया बेटा, इतनी देर क्यों करी? कितना गेम खेलते हो तुम दोनों भाई बहन.
सुमित- हाँ माँ वो थोडा देर हो गयी, आप तो गहरी नींद में सोये हुए थे.
भावना- हाँ वो नींद आ गयी थी, चल अब तू भी सोजा, इतनी बदबू क्यों आ रही है तुझ से, तू नहाया नही क्या ट्रेन में जो हुआ उसके बाद ?
सुमित- नहाया था माँ, लेकिन ट्रेन में इतना सारा पता नही किसने डाला, उसकी बदबू शायद अभी तक है.
भावना- कंजर हरामी लोग थे ट्रेन में, मुझे पहले से पता था, शक्ल ही कमीनों वाली थी उनकी, बेशर्म कहीं के.
सुमित- हाँ माँ, सही बोल रही है तू. वैसे एक बात पूछूँ?
भावना- पूछ बेटा.
सुमित- आपको मजा आया सफ़र में?
भावना- हाँ बेटा बहुत मजा आया था, क्या बताऊँ, उन अंकल ने जो मुझे सीट दी बैठने को उसके बाद ज्यादा मजा आया.
सुमित- वैसे जब आखिरी सुरंग आई थी तो उन अंकल की और आपकी अजीब अजीब सी आवाज़ें आ रही थी, ऐसा क्यों माँ?
भावना- अरे उस समय पता नहीं चूहा जैसे कुछ घुस गया था मेरे पेटिकोट के अंदर, उसने तूफ़ान मचा दिया था बेटा, अगर मैं हल्ला करती तो सब डर जाते कहीं ट्रेन में बम तो नहीं है, लेकिन मेने हिम्मत से काम लिया और चूहे के जाने का इंतज़ार किया, सुरंग खत्म होने के बाद चूहा चला गया.
सुमित- वाह माँ, कितनी बहादुर हो आप, शेरनी हो.
भावना- वो तो हूँ ही बचपन से, लेकिन आजतक घमंड नहीं किया बेटा.
सुमित- माँ जब आप ऋचा के रुम में मेरी गोद में बैठी थी तो बहुत मजा आ रहा था.
भावना- मजा कैसे आ रहा था तुझे? मैं समझी नहीं?
सुमित- मतलब एक अलग अहसास हो रहा था, मेरा शरीर थका हुआ है ना, तो आप मोटी हो, मेरी जांघों के ऊपर आप बैठी थी तो मसाज हो गयी थी.
भावना- अच्छा जी, ऐसा है, अभी तेरे ऊपर लेट जाऊं क्या? पूरी बॉडी की मसाज हो जायेगी.
सुमित- अगर ऐसा हो जाये तो सोने पे सुहागा हो जाये माँ.
भावना- चल हट… बदमाश, मैं तो मजाक कर रही हूँ.
सुमित- आप भी ना माँ, ऐसा अच्छा मजाक करती हो. वैसे आप कितनी ज्यादा मोटी हो सही में, आपके दूध भी काफी बड़े हैं माँ.
भावना- बदमाश मेरे दूध देखता रहता है तू हाँ, बचपन में इन्ही को चूसता रहता था तू.
सुमित- मैं इतने बड़े टैंकर से खत्म कर देता था क्या दूध?
भावना- और नहीं तो क्या, चुस चूस कर लाल कर देता था निप्पल, जब नहीं पिलाती थी तो रो रो कर बुरा हाल कर देता था, बड़ा शैतान था बचपन से, जब तू बड़ा हुआ तब थोड़ा मेरी चुच्चियों को आराम मिला बेटा.
सुमित- माँ इतनी बड़ी चुच्ची को किसी का भी मन चूसने का करेगा, अभी भी देखो बाहर दिख रही है, आप जब भी मार्किट या कहीं भी जाती हो आपकी चुच्चियां आधी बाहर दिखती हैं माँ, सब लोग आपकी चुच्चियों को घूरते रहते हैं.
भावना- तो क्या हुआ, चुच्चियां तो औरतों की शान होती है, जितनी बड़ी चुच्ची मतलब उतने ही अच्छे घर से है.
सुमित- मेरे छोड़ने के बाद किसी ने आपकी चुच्ची चूसी माँ?
भावना- ये कैसा गन्दा सवाल कर रहा है बदमाश, (शरमाते हुए)- हाँ तेरे पापा चूसते हैं जब छुट्टी में आते हैं घर.
सुमित- मुझे तो अभी भी आपकी चुच्ची चूसने का मन होता है माँ.
भावना- तुझे तो मैं कभी न चुसाऊं अपनी चुच्ची, बचपन में छोड़ता नहीं था, अब तो बड़ा हो गया है अब तो बिलकुल भी नहीं छोड़ेगा.
सुमित- नहीं माँ अब मैं कम चुसुंगा, पिला दो प्लीज…
(भावना सुमित की छाती में बालों में हाथ फेरती है)
भावना- तेरी छाती में कितने बाल है बाप रे, इतने तो सर में होते हैं, कहाँ तक फैलें हैं ये?
सुमित- पेट से भी नीचे तक माँ, रुको मैं बनियान उतरता हूँ, अब देखो.
भावना- बाप रे इतने बाल हैं पेट तक.
सुमित- माँ पेट से भी नीचे तक घने बाल हैं टांगों में खत्म होते हैं सीधे.
(भावना चौंकते हुए अपने बेटे की चौड़ी छाती के बाल देखती है, पेट से छाती तक बालों में हाथ फेरती है, भावना की नजर सुमित के पैजामे में खड़े झटके मारते हुए लण्ड पर भी जाती है, और भावना हंसने लगती है)
भावना- अब बड़ा हो गया तू, गबरू जवान. कोई गर्लफ्रेंड है क्या कॉलेज में?
सुमित- नहीं माँ अभी नहीं, मुझे कोई पसंद ही नहीं आती.
भावना- क्यों, कैसी लड़की पसंद है तुझे?
सुमित- माँ आपके जैसी, मोटी सी, जिसकी चूचियाँ मोटी हों, जिनका दूध में रात भर पी सकूँ.
भावना- तेरे साथ जिसकी शादी होगी उसकी चुच्ची को चूस चूस कर पका देगा तू तो, बड़ा ही दीवाना है तू चुच्ची का.
सुमित- हाँ माँ तभी तो आपकी चुच्ची चूसना चाहता हूँ. प्लीज चूसने दो.
भावना(सुमित के सर पर हाथ फ़ेरते हुए)- माँ की चुच्ची चुसेगा? लेकिन ज्यादा मत चूसना बचपन की तरह ठीक है?
सुमित- हाँ माँ, कम चुसुंगा. जल्दी दिखाओ चुच्ची प्लीज प्लीज प्लीज..
भावना- ज्यादा जोश में मत आ, जोश में होश मत खो देना तू.
(फिर भावना नाईटी के ऊपर से ही अपने दोनों बूब्स बाहर निकाल देती है जो अब सुमित के सामने नंगे थे, सुर्ख काले रंग के खड़े निप्पल बड़े बड़े गोरे बूब्स में ठीक वैसे लग रहे थे जैसे अंग्रेजों के बीच में कोई नीग्रो)
भावना- आजा, चूस ले इन्हें.
(भावना के इतना कहते ही सुमित बूब्स में भूखे शेर की तरह झपट जाता है और रगड़ रगड़ के निप्पल को चूसता है, भावना सिहर उठती है और अपने बूब्स को दबाते हुए जैसे उनसे दूध निकाल रही हो सुमित को चुसवाती है)
भावना- अह्ह्ह… ठीक ऐसे ही चूसता था सुमित तू इन्हें बचपन में, तूने पुरानी यादें ताज़ा करदी कसम से बेटे. अह्ह्ह्ह…
(सुमित लगातार बूब्स को चूसता है, उसे काफी समय बाद इतने विशालकाय और गोरे बूब्स चूसने को मिले थे, एक पल भी वो इन्हें बिना चूसे व्यर्थ नही करना चाहता था इसलिए वो पागलों की तरह चूसे जा रहा था और भावना भी इसका फायदा उठा कर मजे ले रही थी, पैजामे में लगातार सुमित का लण्ड झटके मार रहा था, और उसने ऊपर से भी कुछ नहीं पहना था, भावना सुमित की छाती में हाथ फ़ेरने लगती है)
भावना- कितना भूखा है मेरा लाडला बेटा, पी ले बेटा दूध आज जितना भी पी सकता है, अह्ह्ह्ह… उम्म्म्म्म…
(आधा घंटा हो गया अब भवना को नींद आ रही थी लेकिन सुमित चुच्चियां चूसे जा रहा था, रुकने का नाम नही ले रहा था, और भावना को नींद आ जाती है…
सुबह जब भावना उठती है तो देखती है सुमित अभी भी उसके बूब्स चूस रहा है, और वो गुस्से से सुमित को अलग करती है और देखती है उसके बूब्स के काले निप्पल में सूजन आ गयी थी और वो फूल कर बहुत मोटे दाने जैसे हो गए थे)
भावना- पागल लड़के, तू सोया नहीं क्या?
सुमित- नहीं माँ, मैं निप्पल चूस रहा था, बहुत मजा आया, रात भर आपके निप्पल चूसे, इसमें से हल्का सा दूध भी आया.
भावना- उफ्फ्फ ये लड़का तो पागल है, इतना चूसेगा तो दूध तो निकलेगा ही, अब देख कितने मोटेे हो गए ये, डॉक्टर को दिखाना पड़ेगा अब.
इससे बढ़िया रोज़ थोडा थोडा चूसता, अब ऐसे ही बैठा रह तू.
सुमित- सॉरी माँ, डॉक्टर को मत दिखाओ ऐसे ही सही हो जायेगा ये.
भावना- तू डॉक्टर है क्या?
सुमित- मेने इंटरनेट में पढ़ा था इसके बारे में.
भावना- चल ठीक है, अब उठ जा तू, ऋचा तो स्कूल जायेगी अभी. उसके लिए लंच पैक कर देती हूँ, तब तक तू भी नाहा धो ले, बदबू फैला रखी है तूने कमरे में.
(ऋचा स्कूल चली जाती है, अब भावना और सुमित घर में अकेले थे, आज भावना ने अलग टाइप की नाईटी पहनी जो सुमित ने पहले कभी अपनी माँ को पहने हुए नहीं देखा था, भावना ने चिपले फिसलनदार कपडे की लाल रंग की बिना बाहों की नाईटी पहनी थी, जिसका गला बहुत ज्यादा खुला हुआ था, बैकलेस थी, और नीचे से भी स्कर्ट के जैसी झांघों से ऊपर तक थी, सुमित की आँखें हवस से लाल हो गयी और वो आँखें फाड़ फाड़ कर अपनी माँ को देखे जा रहा था और कामुक ख्यालों में डूब गया)
भावना- अरे लाडले कहाँ खो गया?
सुमित- तेरे ख्यालों में माँ, माँ आज तू बहुत ही खूबसूरत लग रही है, बिलकुल परी जैसे.
भावना- ओहो, आज तो माँ की तारीफ़ हाँ, इतनी मोटी हूँ, अगर पतली हो जाउंगी तो तेरे साथ कॉलेज जाउंगी, बच्चे मुझे तेरी माँ नहीं गर्लफ्रेंड समझने लगेंगे.
सुमित- तो पतले हो जाओ आप, जिम जाया करो.
भावना- अच्छा मतलब मुझे गर्लफ्रेंड बनाएगा अपनी. ह्म्म्म्म.. शैतान है बहुत.
सुमित- आप हो ही इतनी खूबसूरत, कोई भी आपको अपनी गर्लफ्रेंड बनाना चाहे. चुच्ची कैसी है अब आपकी, दर्द है क्या?
भावना- अब थोडा ठीक है, रात में चूस चूस कर तूने कचुम्मर निकाल दिया सही में. मेरी तो जान ही निकल गयी थी मानों.
(तब भावना किचन में काम करती है, और सुमित उसे काम करते हुए देखता है, भावना को स्लीप से एक डब्बा निकालना था, भावना अपने पैर के पंजों के बल खड़ी होकर डब्बा निकालने की कोशिश करती है लेकिन लंबाई कम होने के कारण नहीं पहुच पाती..
लेकिन उसके पंजों के बल खड़े होने से उसकी नाईटी ऊपर होती है और उसकी गांड के बाल दिखने लगते हैं, भावना ने अंदर से न तो कच्छी पहनी थी और न ही ब्रा, सुमित ये सब देखकर पागल हो जाता है और अपनी माँ की मदद के लिए दौड़ता है)
सुमित- माँ, मैं कुछ मदद करूँ क्या?
भावना- हाँ जरा मुझे पकड़ कर उठा दे, वो डब्बा निकालना है.
सुमित- ठीक है माँ.
(सुमित भावना को पीछे से पकड़ता है और ऊपर उठाता है, फिर भी भावना डब्बे तक नहीं पहुच पाती, दरअसल डब्बा निकलना तो एक बहाना था, डब्बा इतने ऊपर था कि उसे निकालने के लिए स्टूल चहिये था, लेकिन ये सब भावना की सोची समझी रणनिति थी)
भावना- सुमित थोडा और कोशिश कर बेटा, ऊपर उठा.
(सुमित कोशिश करता है, भावना की नाईटी कमर तक सरक गयी थी, उसकी गांड नंगी थी, जब ऊपर उठाने के बाद भावना नीचे आ रही थी तो सुमित का खड़ा लण्ड भावना की नंगी गांड को छू रहा था..
लेकिन भावना ने सुमित को और कोशिश करने को बोला, अब सुमित ने चुपके से अपना पैजामा उतार दिया, अब सुमित केवल टी शर्ट में था और उसका नंगा लण्ड उसकी माँ की नंगी गांड में छू रहा था, वो बार बार अपनी माँ को ऊपर नीचे उठाने का नाटक करने लगा और लण्ड को गांड में घिसते रहा)
भावना- कोशिश करते रह निकल जायेगा बेटा… अह्ह्ह्ह…
सुमित- हाँ माँ, अह्ह्ह्ह्ह… उम्म्म्म… कर रहा हूँ अह्ह्ह्ह…
(और सुमित भावना की नंगी गांड में अपना गरम गरम वीर्य छोड़ देता है और भावना को भी वीर्य का अहसास होता है, और सुमित भावना के पीछे उसे कस के पकड़ लेता है)
सुमित- अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्…. माँ, निकल गया अह्ह्ह्ह…
भावना- लेकिन मेरा नहीं निकला बेटा. मेरा भी निकाल दे. मैं तड़प रही हूँ कबसे.
(सुमित भावना को अपनी तरफ सीधा करता है और उसके होंठ पर अपने होंठ रख देता है फिर जोरदार चुम्बन शुरू हो जाता है, जीभ से जीभ का मिलन, थूक से थूक का आदान प्रदान माँ बेटे के मुह से चलता है, दोनों मस्ती में चूर हो जाते हैं, सारी सिमाएं पार कर, सभी बंधनों को तोड़कर, सारे रिश्ते नाते भूल कर केवल पुरूष-महिला का रिश्ता ही समझते हुए एक दूसरे से चिपक जाते हैं और किस करते हैं..
उसके बाद सुमित अपनी माँ की नाईटी उसके शरीर से अलग फेंक देता है, अब उसकी माँ उसकी आँखों के सामने बिलकुल नंगी थी, माथे पे लाल बिंदी, सर पर लाल सिंदूर, हाथों में चूड़ियाँ और पैरों में घुंघरू बांधे उसकी माँ नंगी अपने बेटे से चुदाई करवाने को बेकरार थी..
भावना की कमर पर एक सोने की चैन बंधी हुयी थी, जो उसके बदन की शोभा बढ़ा रही थी, सुमित अपनी माँ के पुरे बदन को चूमे और चाटे जा रहा था, आज उसका इरादा भावना को खा जाने का था)
भावना- बेटा, अह्ह्ह्ह… अब सहन नहीं होता, डाल दे मगरमच्छ कीचड के अंदर, जल्दी कर बेटा, माँ को ऐसे ना तड़पा, अह्ह्ह्ह…. अह्ह्ह्ह…
सुमित- आज तुझे जन्नत दिखाता हूँ माँ, तू फिक्र न कर, तेरा बेटा तुझे संतुष्ट कर देगा.
(और सुमित अपना लण्ड अपनी माँ की चूत में लगाता है, और जोर लगा के हाइन्सा कर धक्के मारता है, माँ-बेटा चुदाई आरम्भ हो जाती है, भावना की सिसकारियाँ गालियों के साथ शुरू हो जाती हैं)
भावना- अह्ह्हह्ह्ह्ह… आह्ह्ह्ह्ह्… ऐसे ही जान, मेरे बेटे, हरामी, चोद अपनी माँ को और मादरचोद की उपाधि ले भोसडीके…अह्ह्ह्ह…
सुमित- मेरी जान, मेरी रानी माँ, अह्ह्ह्ह… रंडी नंबर एक, आज फाड़ दूंगा तेरी चूत चिनाल… अह्ह्ह्ह्ह…
भावना- बहिनचोद, रंडवे, फाड़ अह्ह्ह.. के दिखा अह्ह्ह.. उम्म्म… अगर गांड में दम है तो अह्ह्ह.. ओहोह्ह्ह्ह्ह्… गयी मम्मी मैं तो अह्ह्ह्ह… चोद चोद अह्ह्ह…
(सुमित अपनी रफ़्तार गतिमान एक्सप्रेस से भी तेज़ कर देता है और रफ़्तार के साथ और आवाज़ के साथ अपनी माँ की चूत में धक्के लगता है, फच फच की आवाज पुरे किचन में गूंजती है, साथ ही साथ भावना की चूड़ियों और घुँगरू की आवाज़ भी कामुक माहौल में एक समा बाँध देती है और सुमित का जोश दोगुना करती है)
भावना- हाँ बस ऐसे ही, अह्ह्ह्ह्ह…. मेरे राजा, अह्ह्ह्ह… मेरे स्वामी… अह्ह्हहह… उम्म्म्म्म्म…. ओहोह्ह्ह्ह्…. ऐसे ही चोदो, यही रफ़्तार, यही जोश अह्हहाआआ….
सुमित- मैं झड़ने वाला हूँ माँ…. अह्ह्ह्ह्ह….
भावना- मेरी चूत के अंदर ही डाल बेटा, अह्ह्ह्ह्ह माँ बना दे मुझे अपने बच्चे की, भर दे मेरी कोख एक बार फिर, डाल दे अपना बीज मेरी चूत में, अह्ह्ह्ह…. मैं भी झड़ने वाली हूँ बेटा अह्ह्ह्ह्ह्ह….. सुमित डार्लिंग अह्ह्ह्ह…
(अपनी माँ के मुह से ये सब सुनकर सुमित का जोश और बढ़ जाता है और चुदाई करते करते वो अपनी माँ की चूत के अंदर ही वीर्यपात कर देता है और भावना और सुमित दोनो एक साथ झड़ते हैं और दोनों बिल्कुल कस कर एक दूसरे से चिपक जाते हैं, बाद में 69 मुद्रा में दोनों एक दूसरे की चूत और लण्ड चूसते हैं और एक बार और चुदाई करते हैं)
9 महीने बाद जब ऋचा और भावना दोनों अपने अपने बच्चों को जन्म देती हैं तो कारणवश सुमित को अपनी माँ और बहन दोनों से शादी करनी पड़ती है और ऋचा और भावना एक दूसरे की सौतन ननद, जेठानी बनकर सुमित को अपना पति मानती हैं और उसी के साथ रहती हैं..
भावना एक साथ बेटी की तरफ से नानी भी बनी थी, बेटे की तरफ से दादी भी बनी थी, और अपनी तरफ से माँ बनी थी, तो एक हिसाब से भावना को एक साथ 3 रिश्तों की जिम्मेदारी आई, वहीँ दूसरी और ऋचा अपनी तरफ से माँ भी बनी, भाई की तरफ से मौसी भी बनी और भावना की तरफ से एक बार फिर नन्हे मुन्हे बच्चे की बड़ी दीदी भी बनी और सुमित मामा, बाप और बड़ा भाई बना, ऐसा शायद ही कहीं देखने को मिले.
उपाधियाँ – सुमित – मादरचोद (भावना (46) को चोदकर), बहिनचोद (ऋचा (**) को चोदकर).
—–कहानी समाप्त——
सुचना – **इस कहानी के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा**

शेयर
lesbian hot storiesantarvasna masex storiesinhindidirty sex talk hindimaa beti sex story hindinew sex kahani hindi methamil sex storiantarvasna sitetamil kamakathakikaltamillsexy stories in malayalamhindi sex story bussacchi storyfull sex storiesgujrati sex storybaap beti sex storiesindian gay stories in hindirape kahani in hindiamma kamakathaikaldesi latest storyraand chudaichodvu chhehindi font kahanisex sory hinditamil kaama kathaikal collectiontamil massage sex storiesbiwi ki saheli ko chodasali ke sath chudaiaunty kammavai otha kathai tamilgroup sex storiesoffice tamil sex storiessexy hindi story.comhot sex indeanhot story hindi metelugu erotic storiesmausi ki branind me chudai ki kahanihot tamil kamakathaikal newoffice sex indiaenglish bhabhi sexbhabhi se pyarsex ka mjachudakkad bhabhihindi font me chudai ki kahanitamil kamakathaikal storydost ki maa se shadi kitamil sex chat historysex katha in hindihema ki chudaiടീച്ചറുടെ മുലകള്hindi suhagrat ki kahanimoti gandwali auntysecy story hindisexy new story in hindidesi nude sex chatनंगी कहानियाhindi sexy story mamichandni raat meincall girl on facebookwww desi sexysex stories sitexxx story kannadaindian sex golposex stories unclekamuk kahaniamummy ki chut mariindian new sexy commoti gand wali aunty sextamil dirty stories tamil language newchoda chodi kahanibengali mom and son sexbhabhi ki jawaniaaj ki raat hai zindagi episode 1sex stories in hindi scripthot bhabhi ki chudai ki kahanitamil sex noval