झिलमिल सोने चली जाती है, चाची भी सफाई करके सोने आ जाती है, चाची और मैं एक ही बिस्तर पर लेट गये.
अब आगे..
चाची- ऐसा कोई करता है भला, झिलमिल से मूठ मरवाई तूने अपनी, तेरी बहन है वो, और ऐसे खड़ा होता किसी का अपनी बहन को देखकर.
मैं- चाची एक बात बोलनी है बुरा न मानना, ये लण्ड झिलमिल को देखकर नही तुझे देखकर खड़ा हुआ था और जब से तुझे गौशाला में दूध निकालते हुए देखा तबसे खड़ा है, बैठने का नाम ही नहीं ले रहा है, क्या करूँ.
चाची- हाय दय्या, ऐसा नहीं सोचते राहुल अपनी चाची के बारे में, ये गन्दी बात है.
मैं- चाची जब झिलमिल मेरा मूठ मर रही थी और जब मेरा माल निकला तो मैं तेरे बारे में ही सोच रहा था.
चाची- क्या हो गया राहुल तुझे, तू होश में तो है?
मैं- नहीं हूँ होश में, तुझे देखकर जोश में होश खो चुका हूँ चाची, तू बहुत ही खूबसूरत है, बिल्कुल नंगी फिल्मो की हिरोइन जैसी.
चाची- तू सच में पागल हो गया, अपने कमरे में जा तू, सोजा, कल बात करेंगे.
मैं- नहीं जाऊंगा, आज यहीं सोऊंगा तेरे साथ.
(मैं अभी भी नंगा ही हूँ, और मेरा लोडा फिर से खड़ा हो गया और झटके मारने लगा, ये देखकर चाची डरने लगी)
चाची- पैजामा तो पहन ले बेशर्म.
मैं- नहीं चाची, ऐसे ही सोऊंगा मैं, देख तुझे देखकर कैसे खड़ा हुआ है ये.
चाची- शरम कर बेशर्म, ऐसे नग्न सोयेगा चाची के साथ, देख तो कैसे खड़ा कर रखा है तूने.
मैं- चाची, तेरी चुच्चिया साफ़ दिख रही हैं इस पारदर्शी नाईटी में, तो ये तो खड़ा होगा ही.
चाची- हाय दय्या, कितनी गन्दी नज़र है तेरी, मेरी चुच्चियों को निहार रहा है.
मैं- तेरी घनी काली झाँटें भी दिख रही है चाची, काटती नहीं है क्या?
चाची- उफ्फ्फ… बेटा सुधर जा, ऐसे नहीं बात करते चाची के साथ.
मैं- तूने मुझे बिगाड़ दिया चाची, तेरे गदराए हुए कामुक बदन और मोटे बूब्स का मैं दीवाना हो गया हूँ, प्लीज चाची एक बार अपने दूध दिखा दे?
चाची- चुप कर, तेरा दिमाग खराब हो गया है, सो जा, बकवास मत कर.
(फिर मेने चाची को कस कर पकड़ लिया और अब चाची मेरी बाहों में है, मेरे लण्ड का स्पर्श चाची के पेट में हो रहा है, चाची की लंबी लंबी साँसे मेरी साँसों से टकरा रही है, चाची घबराई हुई है, करे तो क्या करे बेचारी मोटी काली भैंस)
चाची- राहुल छोड़ बेटा, ऐसा मत कर, मैं तेरी माँ समान हूँ बेटा. आह्ह्ह्ह… ना कर, न कर बेटा.
मैं- अह्ह्ह्ह… चाची, तू परी है, अप्सरा है, मस्त है, कामुक है, मैं कैसे तुझे छोड़ दूँ.
चाची- उईईई… अह्ह्ह्ह…. कुछ चुभ रहा है पेट में बेटा.
मैं- कुछ क्या चाची, लण्ड चुभ रहा है मेरा तेरे पेट में. तेरे होंठ बहुत मोटे हैं चाची.
चाची- तो मैं क्या करूँ मोटे हैं तो?
मैं- करूँगा तो मैं चाची, तू देखते जा.
चाची- राहुल छोड़ मुझे बेटा, ये पाप है.
(चाची के इतना बोलने के बाद मेने अपने होंठ चाची के मोटे रसीले होंठों पर रख दिए और फिर फ्रेंच किस करना शुरू कर दिया, चाची कुछ बड़बड़ाये जा रही थी और छटपटा रही थीं लेकिन मैं कहाँ छोड़ने वाला था, मैं लगातार किस करता रहा और जीभ से जीभ को चूसता रहा.
मेरे द्वारा जबरन करीब 5 मिनट तक किस करने के बाद जब चाची को पता लगा कि भतीजा अब नहीं छोड़ने वाला तो वो भी मेरा साथ देने लगी, हम दोनों चाची-भतीजा एक पति-पत्नी के समान चुम्बन क्रिया किये जा रहे हैं, चाची को भी मस्ती चढ़ गयी और मैने किस के दौरान ही चाची की नाईटी उसके मोटे,गठीले,सुडौल बदन से अलग कर दी और अपनी शर्ट भी उतारकर फैंक दी.
अब चाची और मैं कामवासना में मग्न नग्न एक दूसरे को चुम्बन किये जा रहे हैं और हम दोनों के मुह के थूक और लार का एक दूसरे के मुह में आदान प्रदान किये जा रहे हैं, करीब 30 मिनट बाद एक दूसरे के होंठ, जीभ, थूक, लार चूसने और चाटने के बाद हम दोनों अलग हुए)
चाची- हाय दय्या, राहुल, आह्ह्ह्ह, उईईई…. ये गलत तो नहीं हो रहा कुछ.
मैं- नहीं चाची बिलकुल गलत नहीं है, ये वासना प्राकृतिक होती है, इसमें रिश्ते नहीं देखे जाते, जो करने का मन है वो पूरी जान लगाकर और पूरे जोश से करना चाहिए.
चाची- राहुल अब सहन नहीं होता, जो करना है वो कर ले बेटा, मैं 3 साल से तड़प रही हूँ.
मैं- ये हुयी न बात, अभी फोरप्ले बाकी है मेरी जान, अभी तेरे बूब्स, कमर, पिछवाड़े, पुरे बदन को चाटना है और चूमना है मेरी चाची जान.
चाची- जो करना है कर बेटा, लेकिन तड़पा मत मुझे, असली काम में देरी मत कर.
(फिर मैं चाची के बूब्स को चूसने लगता हूँ, निप्पल को जीभ से रगड़ रगड़ कर, लाल करने की कोशिश करता हूँ, मेरी इस काम क्रीड़ा से चाची सिहर उठती है और मेरे बालों में प्यार से हाथ फेरती है, करीब 15 मिनट दूध चूसने के बाद मैं चाची के पेट को चाटता हूँ और नाभि में अपनी जीभ घुसेड़ता हूँ, मेरी पूरी जीभ चाची की नाभि में चली गयी और चाची की आहें तेज़ हो जाती है)
चाची- हाये राहुल, अह्ह्ह्हह्ह.. उम्म्ममम्म.. जालिम, अब चोद भी दे मुझे.. अह्ह्हह्ह्ह्ह…
मैं- बहनचोद चाची चुप कर, रंडी ताई आ जायेगी वरना.
(फिर मैं चाची का मुह बंद करने के लिए अपना मुंह चाची के मुँह पर रख देता हूँ, और उसकी जीभ को चूसने लगता हूँ , वो भी मेरी जीभ को चूसने लगती है उसके बाद मैं चाची की बालों से भरी चूत में अपना मुह लगाता हूँ और जीभ से चूत चोदने और चाटने लगता हूँ, जिससे चाची अपना होश खो बैठती है और कामवासना में डूबकर तरह तरह की गालियां देने लगती है और कामुक सिसकारियां भरने लगती है)
चाची- हाये हाये अह्ह्ह्हह्ह्ह्ह… हरामजादे, भेन के लोड़े, ममममम…. चाट मेरी चूत, सारा पानी पी जा भोसदिवाले, अह्ह्ह्हह्.. उम्ममम्ममम्म… उईईईई… मैं गयी राहुल मादरचोद.. ओहूऊऊऊ…..
(जीभ चुदाई के चलते 15 मिनट बाद चाची की काली बड़ी और फैली हुई चूत से 1 गिलास चिपचिपा नमकीन पानी की धार निकलती है जो मैं पी लेता हूँ, चाची झड़ जाती है और कांपने लगती है, चाची 1 बार झाड़ चुकी है लेकिन अभी भी चाची की वासना बाकी है)
चाची- अह्ह्ह्ह्ह्ह…. ओहोहोहोहो… राहुल जल्दी लोडा मेरी चूत में डाल भेन के लोड़े.
मैं- बहुत गाली दे रही है रंडी, तेरी माँ की चूत, अभी डालता हूँ, आज चूत फाड़ डुंग तेरी बहन की लोड़ी.
(फिर मैं अपना लण्ड चाची की चूत में सेट करता हूँ और एक जोरदर धक्का मारता हूँ और 6 इंच लंबा पूरा लण्ड चाची की चूत में चला जाता है जिससे चाची की चीख झिलमिल, ताई और पंखू के कमरे में चली जाती है, और फिर हमारी चुदाई आरम्भ हो जाती है,
कमरा पच पच की आवाज़ और चाची-भतीजे की आवाज़ से गूंज उठता है, चुदाई होने के साथ साथ चाची के विशालकाय काले बूब्स भी हिल हिल का चुदाई की शोभा बढ़ा रहे हैं. चाची की दोनों टांगें मेरी पीठ में बंधी हुई हैं, मैं चाची को चोद रहा हूँ, चाची कभी मेरे बाल खींच रही है तो कभी अपने बड़े नाखुनो से मेरी पीठ पर वार कर रही है)
मैं- अह्ह्ह्हह्ह…चाची उम्म्ममम्म.. बहनचोद.. रंडी साली चिनाल अह्ह्ह्ह्ह्ह…
चाची- रंडापे भोसड़ीचोद अह्ह्हह्ह्ह्ह.. चोद अपनी ठरकी चची को हरामी, उम्म्ममम्म.. उईईई..
(चाची-भतीजा चुदाई के चलते चाची की गालियों और पायल व चूड़ियों की खनखनाहट से मेरा जोश और बढ़ जाता है और मैं घपाघप छपाछप चाची की चूत में लण्ड चुदाई करता हूँ.
करीब आधे घंटे घपघप घपघप चुदाई के बाद मैं अपना माल चाची की चूत में ही छोड़ देता हूँ और हम दोनों पति-पत्नी जैसे नंगे दो जिस्म एक जान होकर एक दूसरे के ऊपर ऐसे ही लेटे रहते हैं, और एक दूसरे को किस करते हैं.
तभी अचानक हम दोनों की नजर दरवाजे पर पड़ती है तो वहां ताई सुजाता खड़ी थी जिसने हम दोनों के अपवित्र कारनामे देख लिए थे, चाची और मैं एक दूसरे से अलग होते हैं और ताई गुस्से से अपने कमरे में जाती है, तभी मैं ताई की ओर लपकता हूँ और ताई को जबरन पकड़कर चाची के कमरे में लाता हूँ, ताई छूटने का प्रयास करती है परंतु असफल होती है)
मैं- ताई, गलती हो गयी, माफ़ कर दो हमे.
ताई- राहुल, मुझे जाने दे वरना मैं चिल्ला के सबको बुला दूंगी, और तुम्हारा चेहरा काला करके गाँव में घुमाएंगे फिर सब लोग.
चाची- करमजली, अपनी लड़की का चेहरा काला करके घुमा पहले गाँव में, उस रंडी ने तो बाहर हमारी इज़्ज़त का फालूदा बना रखा है, और तू हमें बोल रही है, हम कम से कम घर के अंदर तो चुद्दम चुदाई कर रहे हैं, तेरी लड़की तो पूरे गाँव से रंडियों की तरह चुदती है.
ताई- जबान पे लगाम दे रंडी, खबरदार जो मेरी बेटी को कुछ बोला, तेरी बेटी क्या दूध की धुली है, मास्टर से चुदवाती है स्कूल में, बड़ी आयी साली हरामण.
मैं- भैंस की आँख, ताई खबरदार जो चाची या झिलमिल को कुछ कहा, तेरी माँ चोद दूंगा वरना.
ताई- अच्छा जी इस रंडी ने तुझे चूत क्या बेच दी अपनी तू इसी के गुण गाने लगा.
चाची- राहुल, तू इसके लगा 2 गाल पे, ये बुढ़िया तभी चुप होगी.
(तभी मेने गाली देते हुए ताई के गाल पे 2 झापट लगा दिए, ताई रोने लगी और चिल्लाने लगी, इससे पहले की ताई की चीख सारे गाँव वाले सुनते, मैंने ताई के मुह पर चाची का दुपट्टा बाँध दिया और ताई को चाची के बेड से बाँध दिया और ताई के सारे कपडे उतार दिए, अब ताई बिलकुल नंगी थी, बड़े विशालकाय बूब्स, बड़ा प्रौढ़ शरीर, मोटी गांड, देखकर मेरा लण्ड फिर झटके मारने लगा जिसे देखकर ताई के होश उड़ गए, फिर चाची और मैं रणनीति बनाने लगे कि ताई के साथ क्या करना है)
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सुचना – **इस कहानी के सभी पात्र और घटनाऐं काल्पनिक है, इसका किसी भी व्यक्ति या घटना से कोई संबंध नहीं है। यदि किसी व्यक्ति या घटना से इसकी समानता होती है, तो उसे मात्र एक संयोग कहा जाएगा**