Main Bani High Profile Randi


हैलो दोस्तो, मैं अर्शदीप कौर उर्फ चुद्दकड़ अर्श अपनी चुदाई की नई गर्मा-गर्म कहानी लेकर हाजिर हुई हूं उम्मीद है आपको बहुत पसंद आएगी। इस कहानी में मैंने चुदाई का मजा भी लिया और चुदाई के पैसे भी वसूल किए।अब मैं एक रंडी के जैसे खुल कर अपने सेक्सी बदन का सौदा करने लगी और पैसे वसूल करने लगी।
इस कहानी में पहली बार मैं जिस्मफरोशी के धंधे में उतरी और बहुत मजा आया। चुदाई का सुख भी मिला और ढेर सारे पैसे भी मिले।
मैंने अपनी पिछली कहानी “पापा के दोस्त की नौकरी बचाई” में बताया था कि मैंने अंकल की नौकरी बचाने केलिए एक बूढ़े से चुदाई की थी। वहां एक-दूसरे की नंगी तस्वीरें और चुदाई की मूवी भी बनाई थी। उसने मुझ से वादा किया था वो दोबारा मुझे नहीं मिलेगा।
उस चुदाई के करीब 15 दिन बाद उसकी पोती नीलम मुझे मिली और कहा उसका दादा कॉलेज के गेट पर मुझे मिलना चाहता है। मैं गेट की तरफ चल पडी़ और सोच रही थी वो क्या बात करना चाहता है। मुझे लगा वो फिर से मेरे साथ चुदाई करने को बोलेगा और मैंने मना करने का फैसला ले लिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मैं गेट पर उसके पास आ गई और उसे मुझे बुलाने का कारण पूछा। उसने कहा ये बात यहां नहीं कर सकता और मुझे पास वाले कॉफ़ी हाऊस में ले गया। हम टेबल पर बैठ गए और उसने कॉफ़ी मंगवा ली। उसने मुझ से बात शुरू की, देखो अर्श तुम्हें मालूम ही होगा हम बिजनेसमैन हैं और हमें बहुत से अधिकारियों को खुश करना पड़ता है।
हमें उनकी कई डिमांड पूरी करनी पड़ती हैं ताकि हमारा काम हो जाए। कल को ऊपर से दो लोग हमारी कंपनी में आ रहे हैं और उनकी डिमांड लड़की होती है। एक लड़की तो है और दूसरी केलिए तुम्हें आॅफर कर रहा हूं। जितने पैसे बोलोगी उतने मिल जाएंगे क्योंकि मैंने कई लड़कियों की तस्वीरें उनको दिखाईं लेकिन उनको कोई पसंद नहीं आई।
फिर उन्होंने तुम्हारी तस्वीर देखीं और तुझ पर फिदा हो गए और तुम्हारी डिमांड कर रहे हैं। उसने मुझे एक बार काम करने की बेनती की। मैंने उससे पीछा छुड़वाने केलिए कहा अगर 40000 दोगे तो सोचूंगी। मुझे लगा वो मना कर देगा लेकिन उसने कहा मैं तुम्हें 50000 दूंगा। मैं मना करना चाहती थी लेकिन इतने पैसों का लालच दिल में आ गया। मैंने सोचा चुदाई के मजा भी मिलेगा और 50000 रुपए भी।
मैंने हां बोल दिया और उसने कहा कल को बिल्कुल वैसे तैयार होना जैसे उस दिन हुई थी और मुझे 5000 रुपए दिए ताकि अच्छे से तैयार होकर आऊं। उसने मुझे कहा पूरी रात रुकना होगा। मैंने कहा रात नहीं रुक सकती घरवालों को क्या जवाब दूंगी। उसने कहा ये मुझ पर छोड़ दो और कल तुम्हें मैं तुम्हारे गांव के बस स्टॉप से लेकर आऊंगा।
मैं ठीक है कह कर निकल गई। शाम को नीलम का हमारे घर फोन आया और उसने पापा से कहा कल उसके घर पूजा है और वो चाहती है अर्श उसके घर रुक जाए। पापा ने हां बोल दिया और मैं कल का बेसब्री से इंतजार करने लगी क्योंकि कल को मुझे अपने जिस्म की पहली कमाई करनी थी और असल की रंडी बन जाना था।
अगले दिन मैं कॉलेज केलिए निकली और गाड़ी मेरा इंतजार कर रही थी। मैं गाड़ी में बैठ गई और हम शहर की तरफ चल पडे़। रास्ते में उस बूढ़े ने अपना लंड चुसवाने की इच्छा जताई, मैं रात से ही गर्म थी तो हां बोल दिया।
उसने गाड़ी एक नहर के किनारे सुनसान जंगल नुमा जगह पर लगा दी और मैं गाड़ी में उसका लंड चूसने लगी। कुछ देर बाद उसका पानी मेरे मुंह में छूट गया और मैंने गाड़ी में पडे़ टॉवेल से मुंह साफ किया।
उसके बाद उसने मुझे ब्यूटी पार्लर छोडा़ और मैं तैयार हो गई। तैयार होने के बाद वो मुझे अपनी फैक्ट्री में ले गया। वहां नीलम पहले से ही बैठी थी। उसने हमें कपड़े दिए। नीलम ने नीली ब्रा पैंटी, लाल स्कर्ट, नीली बॉडी फिट शर्ट और लाल हाई हील के सैंडिल पहन लिए।
मैंने लाल ब्रा, पैंटी, सफेद स्कर्ट, हरी बॉडी फिट शर्ट और सफेद हाई हील के सैंडिल पहन लिए। मैं, नीलम और नीलम का दादा तीनों मिलकर दारू और सिगरेट पीने लगे। उस दिन मैंने और नीलम ने ड्रग्स भी लीं और सेक्स उत्तेजना की गोली खाई ताकि चुदाई पूरी गर्मजोशी से हो और मजा आए। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मैं यहां नीलम के बारे में बताना चाहूंगी। नीलम की आयु 24 साल और कद 5 फीट 7 इंच मतलब मेरे बराबर है। नीलम का रंग गोरा और बदन सेक्सी है। उसके बालों एवं आंखों का रंग काला है और होंठ पतले और कामुक हैं। उसकी फिगर भी सेक्सी है और उसकी फिगर का साईज 34डी-30-36 है। उसके बूब्ज़ और बड़े-बड़े और गोल हैं तथा जांधें मेरे मजबूत हैं। उसके चेहरे से ही झलकता है कि वो बहुत चुद्दकड़ रंडी है।
शाम को करीब 6 बजे एक गाड़ी आई और नीलम के दादा ने हमें साथ वाले रूम में भेज दिया और खुद चले गए। मैंने रूम का जायज़ा लिया, वहां पर दो डबल बैॅड एक सोफा सैॅट, दो टेबल और टीवी था। हम दोनों सोफे पर बैठ कर इंतजार करने लगीं और गली एवं नशे की वजह से हमारे जिस्म में चुदाई की आग भड़क रही थी।
कुछ देर बाद दो 45-50 साल के मर्द रूम में आए और दोनों ही दिखने में बहुत स्मार्ट थे। हमनें दोनों का सेक्सी स्माईल से स्वागत किया और फ्लाइट किॅस दी। उन्होंने भी मुस्कुरा कर हमें जवाब दिया और हमारे सामने सोफे पर बैठ गए। वो दोनों 6 फीट लंबे थे और जिस्म सुडौल था।
हमनें शराब की बोतल टेबल पर रखी और गिलासों में डाल कर गांड हिलाते हुए उनके सामने गईं। हमने गिलासों में अपनी जीभ डालकर घुमाई और झुक कर उनके होंठों से गिलास लगा दिए। वो गटागट दारू पी गए। हमने एक एक बादाम अपने दांतों में दबाया और अपने होंठ उनके होंठों के पास ले गईं।
उन्होंने मुंह आगे करके अपने दांतों से बादाम पकड़ा लेकिन हमने छोडा़ नहीं। वो बादाम को खींच रहे थे और हमनें कस कर पकड़ रखा था तो बादाम टूट गए। हमने उनके होंठों से होंठ लगा कर बचा हुआ बादाम उनके मुंह में डाल दिया। हमनें उनके होंठों से होंठ लगा कर बचा हुआ आधा बादाम उनके मुंह में डाल दिया और वो मजे से होंठों से होंठ लगा बादाम चबा गए। मैंने और नीलम ने अपनी जगह बदल ली और फिर से उनके वैसे ही दारू पिलाई तथा बादाम खिलाए।
वो दोनों कपड़े निकाल कर फिर सोफे पर बैठ गए और हमें गोद में बैठने को कहा। हम दोनों उनकी गोद में बैठ गईं। उन्होंने ने हमारा नाम पूछा और अपना नाम प्रताप तथा विक्रम बताया। मैं प्रताप की गोद में बैठी थी और नीलम विक्रम की गोद में बैठी थी। दोनों के लंड काफी मोटे, लंबे और तगड़े थे जो नीचे से हमारी गांड में चुभ रहे थे। हमने एक एक गिलास में दारू डाली और उनको पिलाने लगीं। आधी आधी दारू पीकर उन्होंने बाकी दारू अपने हाथों से पिलाई। हमनें उनको बदाम खिलाए और उन्होंने हमें।
विक्रम ने कहा बादाम तो बहुत खा लिए अब बादाम वाली खीर भी खिला दो। हम उसकी बात समझ गईं और अपनी-अपनी शर्ट के बटन खोल दिए। उन्होंने ब्रा से हमारे बूब्ज़ खींच कर बाहर निकाल लिए और बूब्ज़ को चूमने लगे। मैंने कहा बादाम वाली खीर से पहले होंठों की शर्बत तो पी लो और हमें भी पिलाओ।
मेरे यह कहने की देर थी कि उन्होंने हमारी शर्ट और ब्रा निकाल कर हमारे बूब्ज़ को एक-दूसरे सटा कर खड़ी कर दिया। विक्रम नीलम के पीछे आ गया और प्रताप मेरे पीछे। विक्रम ने मेरी गांड पर लंड रगड़ता हुआ मेरे कंधे के ऊपर से नीलम के होंठों को चूमने लगा। प्रताप नीलम की गांड पर लंड रगड़ता हुआ मेरे होंठों को चूमने लगा।
मैंने और नीलम ने एक-दूसरे को कस कर पकड़ लिया और हमारे बूब्ज़ आपस में दब गए। हम विक्रम और प्रताप के होंठों को जोर से चूसने लगीं और उनके होंठों को दांतों से काटने लगीं। उन्होंने हमारे मुंह में जीभ डाल दी और हम चूस चूस कर उनकी जीभ का रस निचोड़ने लगीं। धीरे-धीरे माहौल गर्म हो रहा था और मैं और नीलम बहुत गर्म हो चुकी थीं। हम उन दोनों के होंठों का तथा वो हमारे होंठों का रसपान करने लगे।
हम एक-दूसरे के होंठों को बहुत जोर से चूसने एवं काटने लगे और जीभ को मुंह में डाल कर जोर से घुमाते। उन्होंने हमें अपने बीच घुमा लिया। अब प्रताप का लंड मेरी गांड पर था और विक्रम के होंठ मेरे होंठों पर। दूसरी तरफ अब नीलम की गांड पर विक्रम का लंड और होंठों को प्रताप चूस रहा था। वो बारी बारी से हमें बदल बदल कर हमारे रसीले होंठों को निचोड़ रहे थे और हम उनके।
उन्होंने मेरी बांहें नीलम के गले में और नीलम की मेरे गले में डाल दीं। विक्रम ने मेरे और नीलम के होंठ सटा दिए। नीलम मेरे होंठों को चूमने लगी लेकिन मुझे अजीब लग रहा था क्योंकि आज पहली बार कोई लड़की मेरे होंठों को चूम रही थी। कुछ देर बाद मुझे अच्छा लगने लगा और मैं नीलम का साथ देने लगी। उन्होंने हमारी स्कर्ट और पैंटी निकाला दीं और हमारे बड़े-बड़े चूतडो़ं को चूमने लगे।
वो दोनों हमारे चूतडो़ं को दांतों से हल्का हल्का काटने लगे और मैं एवं नीलम एक-दूसरे के होंठों में होंठ डालकर मजे कर रही थीं। उन दोनों ने हमारे चूतडो़ं को चूमते एवं काटते हुए अपनी-अपनी दो ऊंगलियां हमारी चूत में घुसा दीं। हम दोनों के मुंह से आह निकल गई और वो हमारी चूत में ऊंगलियां आगे-पीछे करने लगे।
वो लोग सोफे पर बैठ गए और हमें अपने पास बुला लिया। मैं प्रताप के सामने खड़ी हो गई और नीलम विक्रम के सामने। उन्होंने लपक कर हमारे बूब्ज़ पकड़ लिए और जोर से मसलने लगे। वो हमारे बूब्ज़ को अपने हाथ में पकड़ कर जोर से दबाने लगे और निप्पलों को ऊंगली तथा अंगूठे के बीच लेकर मसलते।
वो लोग हमारे बूब्ज़ को जोर जोर से चूसने लगे और निप्पलों को जीभ से सहलाते हुए मुंह में भर चूसने एवं दांतों से काटने लगे। हम उनके सिर को अपने-अपने बूब्ज़ पर दबाने लगीं और अपने होंठो को मस्ती से अपने दांतों के तले दबाने लगीं। उन्होंने हमारी जगह बदल दी।
अब मेरे बूब्ज़ विक्रम के मुंह में और नीलम के बूब्ज़ प्रताप के मुंह में खेल रहे थे। ऐसे मर्द बदल बदल कर बूब्ज़ चुसवाना बहुत ही उत्तेजना भर रहा था। अब वो हमारे पेट पर जीभ घुमाते हुए हमारी नाभि से खेलने लगे। वो हमारे नाजुक, गोरे एवं चिकने पेट पर दांत गढा़ते और नाभि में जीभ डालकर घुमाते। उन्होंने हमें बदल बदल कर हमारे बदन का मजा लिया।
उन्होंने हमें बैॅड पर आपस में कुछ दूरी लेटा दिया। मैं और नीलम एक-दूसरे के पैरों की तरफ सिर करके सीधे लेट गईं। वो दोनों भी बैॅड पर आ गए। विक्रम मेरे सिर की तरफ और प्रताप नीलम के सिर की तरफ था। प्रताप ने नीलम के होंठों पर लंड रखा और लेट कर मुंह मेरी चूत पर रख दिया।
इधर विक्रम ने मेरे होंठों पर लंड रखा और लेट कर नीलम की चूत पर मुंह रख दिया। नीलम प्रताप का लंड चूसने लगी और विक्रम से चूत चटवाने लगी। मैं विक्रम का लंड चूस रही थी और प्रताप मेरी चूत चाट रहा था। वो लोग अपनी कमर हिला कर हमारे मुंह चोदने लगे और उनके लंड हमारे गले में उतर कर बाहर आते।
हम अपनी गांड हिला कर अपनी चूत उनके चेहरे पर मसलने लगीं। वो अपनी जीभ हमारी चूत में घुसा कर चाट रहे थे। कुछ देर बाद उन्होंने जगह बदल ली। अब मेरे मुंह में प्रताप का लंड और नीलम के मुंह में विक्रम का लंड अठखेलियां करने लगा। बहुत जोर से लंड चूसने और चूत चाटने की वजह से पूरा रूम गप्प… गप्प… सपड़… सपड… की आवाज़ों से गूंज उठा।
विक्रम ने नीलम को टेबल पर सीधा लेटा दिया और उसकी टांगें खोलकर उसकी चूत में लंड डाल दिया। नीलम का मुंह टेबल से नीचे लटक रहा था। प्रताप ने मुझे टेबल पर घुटने मोड़ कर नीलम के मुंह के पास मेरी चूत कर दी। विक्रम ने मुझे सिर से पकड़ कर मुझे झुका लिया और मेरा मुंह नीलम की चूत के ऊपर आ गया। प्रताप ने पीछे से मेरी चूत में अपना लंबा मोटा लंड पेल दिया। वो लोग धक्के मार कर हमारी चूत चोदने लगे।
मैं और नीलम उनके अंदर-बाहर होती लंड को जीभ से चाटने लगीं। किसी की चूत में अंदर-बाहर होते लंड को मैं पहली बार चाट रही थी और मुझे बहुत आनंद आ रहा था। उन्होंने अपना स्थान बदल लिया और प्रताप ने आते ही मेरी चूत के रस से सना हुआ लंड मेरे मुंह में दे दिया और विक्रम ने नीलम के मुंह में। हमनें उनके लंड चाट कर साफ कर दिए और उन्होंने लंड फिर से हमारी चूत में धकेल दिए। हम फिर से अंदर-बाहर होते लंड को चाटने लगीं।
उन्होंने मुझे और नीलम को बूब्ज़ सटा कर खड़ा कर दिया। हम दोनों एक-दूसरे को कस कर पकड़ कर खड़ी हो गईं और हमारे बूब्ज़, पेट एवं जांघें आपस में सट गईं। प्रताप मेरे पीछे और विक्रम नीलम के पीछे खड़ा हो गया। उन्होंने हमारी गांड के छेद पर और अपने लंड पर हेयर जैॅल क्रीम लगा दी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
प्रताप ने मेरे मोटी गांड की फांकें खोलकर अपना लंड छेद पर लगा दिया और मेरी गांड में घुसा दिया। विक्रम ने नीलम की गांड में घुसा दिया और हम दोनों के मुंह से मस्ती भरी आहह निकली। प्रताप मेरे कंधे के ऊपर से नीलम के होंठ चूमता हुआ मेरी गांड चोदने लगा और विक्रम नीलम के कंधे के ऊपर से मेरे होंठ चूमता हुआ नीलम की गांड चोदने लगा। हम उनके होंठ चूसती हुई गांड हिला हिला कर अपनी गांड चुदवाने लगीं। उन्होंने ने हमें घुमा दिया और हमें बदल कर हमारी गांड ठोकने लगे।
उन्होंने हमें टेबल पर आमने-सामने झुका कर खड़ी कर लिया और हमारे होंठ मिला दिए। पीछे से प्रताप ने मेरी चूत में और विक्रम ने नीलम की चूत में लंड पेल दिया। वो दोनों पीछे से हमारी चूत में अपने लंड की बांसुरी बजाने लगे और हम चूत चुदवाते हुए एक-दूसरी के होंठों का रसपान करने लगीं।
वो दोनों हमारी चूत में जबरदस्त शाॅटस मार कर चोद रहे थे और हमारे बूब्ज़ हवा में लहरा रहे थे। मैंने तथा नीलम ने थोड़ा सीधे होकर एक-दूसरी के बूब्ज़ हाथों में पकड़ लिए और गांड को आगे-पीछे करके चूत चुदाई में विक्रम एवं प्रताप का साथ देने लगीं। हमारे गांड आगे-पीछे करने से चुदाई की रफ्तार काफी बड़ गई और फचच… फचच… की आवाज़ों से माहौल बहुत गर्म हो गया।
जितनी जोर से वो दोनों शाॅटस मारते हम भी उतनी जोर से गांड आगे-पीछे धकेल देती। तभी उन दोनों ने अपना अपना लंड हमारी चूत से निकल लिया और जगह बदल ली। अब हमारी चूत को दूसरा लंड मजा देने लगा और हम गांड हिला हिलाकर चुदने लगीं। हम ने एक-दूसरी के निप्पलों को पकड़ा और मसलते हुए खींचने लगीं।
अब उन्होंने हमें घुटने मोड़ कर टेबल पर बैठा दिया और पीछे से अपना अपना लंड हमारी गांड में घुसेड़ दिया। वो पीछे से ताबड़तोड़ शाॅटस से हमारी गांड चोदने लगे और उनके हर शाॅट से हम मस्ती में चिल्ला देतीं। हमारे चिल्लाने से उनका जोश और बड़ जाता और वो और जोर से चोदने लगते।
हम चुदवाते हुए सातवें आसमान की सैर कर रही थीं और उनके लंड हमारी गांड की गहराई में घर्षण कर रहे थे। उन्होंने इस आसन में दो दो बार हमारी गांड की सवारी की और पीठ को बेतहाशा चूमा। हमनें भी गांड की सवारी में उनका पूरा साथ दिया और गांड पटक पटक कर लंड का मजा लिया।
उन्होंने सोफे पर बैठ कर हमें अपनी गोद में बुलाया। मैं घुटने मोड़ कर विक्रम की गोद में और नीलम प्रताप की गोद में आ गई। हमनें अपनी-अपनी चूत विक्रम तथा प्रताप के लंड पर लगा कर नीचे धकेल दी।
हमारे एक शाॅट में ही लंड हमारी चूत की गहराई में उतर गए और हमारा शाॅट इतना जोरदार था कि उन दोनों के मुंह से आहह निकल गई। उनकी आहह सुन कर हमारे अंदर बहुत जोश आया और हम उनके चेहरे पर बूब्ज़ मसलती हुई उनके लंड पर जोर जोर से उछलने लगीं।
हम तो मस्ती में चिल्ला ही रही थीं लेकिन अब वो भी आंहें भरते हुए नीचे से अपनी गांड उठा उठाकर हमें चोदने लगे। मेरी, नीलम, प्रताप और विक्रम की मिलीजुली कामुक आंहों से पूरे कमरे का माहौल बहुत कामुक हो गया। ऐसा लग रहा था जैसे कोई पोर्न मूवी चल रही हो। हमने चूत से लंड निकाला और घूम गईं।
हमने अपने पैर नीचे रखे और उनके लंड पर गांड टिका कर बैठ गईं। हमने अपनी-अपनी गांड को नीचे धकेल दिया और अगले ही पल उनके लंड हमारी गांड की गहराई में सैर-सपाटा करने लगे। हम अपनई गांड को तेज़ी से ऊपर-नीचे करने लगीं और उनके लंड हमारी गांड में आगे-पीछे होने लगे।
इस आसन में हमारे बूब्ज़ भी ऊपर-नीचे उछलते हुए डांस करने लगे और हमने अपने बूब्ज़ को हाथों में पकड़ लिया। मैंने और नीलम ने एक-दूसरे कई तरफ देखा और जगह बदलने का इशारा किया। अब मैं प्रताप की गोद में और नीलम विक्रम की गोद में लंड लेने लगी। हमने फिर वैसे ही चूत एवं गांड चुदाई की।
वो दोनों बैॅड पर एक-दूसरे की तरफ मुंह करके लेट गए और हम भी बैॅड पर आ गईं। उन्होंने हमें बीच लेटने का इशारा किया। मैं प्रताप के आगे और नीलम विक्रम के आगे लेट गई। उन्होंने हमारे चूतडो़ं की फांकें खोलकर लंड गांड में घुसेड़ दिया और मेरी तथा नीलम की चूत को आपस में सटा दिया। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
वो हमारे बूब्ज़ को पकड़ कर हमारी गांड चोदने लगे और पीछे से गर्दन पर चुम्मे पर चुम्मा लेने लगे। मैं और नीलम एक-दूसरी के होंठों को चूसते हुए गांड चुदाई का मजा ले रही थीं। जब जब वो हमारी गांड में शाॅट मारते तब तब हम भी गांड को पीछे लंड पर दबा देतीं। अब मेरी गांड में विक्रम का लंड और नीलम की गांड में प्रताप का लंड बांसुरी बजाने लगा। अब मैंने और नीलम ने मुंह विक्रम तथा प्रताप की तरफ कर लिए।
हमने अपने होंठों को उनके होंठों पर रखा और एक एक टांग ऊपर उठा ली। उन्होंने हमारी चूत पर लंड टिकाए और चूत चोदने लगे। इस आसन में हमने बारी बारी दोनों से चूत चुदवाई। जब जब वो हमारी चूत के अंदर लंड पेलते तब तब मेरी और नीलम की गांड आपस में टकरा जाती। आगे से चूत में सख्त लंड और पीछे से नर्म गांड के टकराने से अजीब सी मस्ती आने लगी।
उन्होंने बैॅड से उतर कर दो टेबलों को आमने-सामने लगा दिया और हमें आने को बोला। हमें समझ नहीं आ रही थी कि वो क्या करना चाह रहे हैं और हम वहां चली गईं। उन्होंने हमारी पीठ नीचे लगा कर टांगें ऊपर कर लीं और टेबल के साथ लगा दिया। वो दोनों ने एक टेबल पर अपना धड़ रखा दूसरे पर टांगें और हमारी टांगों के बीच से लेट गए।
उन्होंने हमारी टांगों को पकड़ कर अपने लंड हमारी चूत पर टिका दिए और गांड को नीचे दबा दिया। अगले पल उनके लंड हमारी चूत की गहराई में अठखेलियां करने लगे। हमनें अपनी टांगें उनकी कमर पर लपेट दीं और वो ऊपर से हमें चोदने लगे।
मैं कभी ऐसे नहीं चुदी थी लेकिन ऐसे चुदाई में बहुत मजा आ रहा था। लंड चूत की गहराई में जाकर चुदाई का सुख दे रहा था। वो हमें धड़ल्ले से चोदने लगे और हम ऊंची-ऊंची चिल्लाने लगीं और चुदाई का आनंद लेने लगीं। कुछ देर बाद उन्होंने लंड निकाल लिए और हमें फर्श पर बैठा कर हमारे हाथों में लंड दे दिए।
प्रताप ने मेरे हाथ में और विक्रम ने नीलम के हाथ में लंड दे दिया। हम उनके लंड हिलाकर मुठ मारने लगीं। कुछ देर बाद प्रताप के लंड से वीर्य निकल गया और सीधा मेरे बूब्ज़ पर गिरा। मैंने प्रताप का लंड मुंह में लेकर वीर्य की ऊक एक बूंद निचोड़ ली और चाट कर साफ कर दिया लेकिन विक्रम का लंड अभी भी तना हुआ था। नीलम उसके लंड को चूसने लगी और मैंने उसके अंडकोष मुंह में ले लिए।
थोड़ी देर बाद मैं विक्रम के लंड को चूसने लगी और नीलम उसके अंडकोष को जीभ से चाटने लगी। कुछ देर बाद विक्रम के लंड ने मेरे मुंह में लावा उगल दिया। विक्रम ने आंहें भरते हुए मेरे मुंह में लंड खाली कर दिया। नीलम ने मेरे मुंह पकड़ा और मेरे मुंह में जीभ डालकर विक्रम का वीर्य चाटने लगी।
मैंने उसके मुंह को खोला और आधा वीर्य उसके मुंह में उधेल दिया। उसने जीभ से विक्रम का वीर्य अपने मुंह में घुमाया और निगल गई और जो वीर्य मेरे मुंह में था वो में निगल गई। उसके बाद नीलम मेरे बूब्ज़ से प्रताप का वीर्य चाटने लगी। आधा वीर्य वो साफ कर गई। बाकी वीर्य को वो अपनी जीभ पर लगाती और मेरे पास कर देती। मैं उसकी जीभ को मुंह में लेकर चाट जाती।
उस रात हमनें तीन बार चुदाई की और सुबह वो लोग चले गए।मैं और नीलम वहीं सो गईं शाम को नीलम और नीलम का दादा मुझे घर छोड़कर गए। रास्ते में मेरे कहने पर नीलम ने अपने दादा का लंड चूसा।
मैंने नीलम से अपने दादा की प्यास बुझाती रहने को बोला तो उसने कहा अगर मैं भी उसके साथ मिलकर दादा से चुदाई करूं तो वो राजी है। मैंने जवाब नहीं दिया और मुस्कुरा दी। वादे के मुताबिक मुझे 50,000 रुपए मिले और नीलम के दादा ने बताया हमारी वजह से पचास लाख का काम हुआ है और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
www hindi sax stories comsithi sex storychudai pe chudaibhabi ki chudai storidesi sex desi sexbete ne meri gand marisex in bhabhirandi chudaetamil kamaveeisasur ne bahu se shadi karke apna banayamaa ki chut ki chudaidesi family sex videossex stories in busmutthi marnadesi indian sexxindian family group sexhot real storieshindi desi beesbus lo sexghar ki gandbahu ki chut marisali chudai kahanionline phone sexsex hindi cinemakerala malayalam kambi kathakalmummy ki burhttp tamil sexsex with classmatemaa beta desi kahaninangi holisexy desi hindi storyसेकसी कहानीdesi shemalvadina sexcousin ke sath sexdesi black sexhimdi sex storychachi ko lund dikhayasex story malayalam newhindi hot story with phototrue sex story in hindibiwi kofree hindi sex story appmami ki cudaisavita bhabhi ke kissehindi sex history comtamil inba kamakathaipapa ne mom ko chodajabardast chudai kahanimobile indian sexfucking storyhindi long sexy storybhabhi desi storychudai story sitedesi kahaniwww new indian sexchut ki bhukherotic storiespariwar me sexbhabhi ki chudai hindigirl on girl sex comsex long story in hindibaap beti incestindia new pornsome sex storiesland aur chootchudai karne ka tarikaindiab sex comचुत के बालnaukar ne chodadesi chut chudai ki kahanilisbon sexgujarati saxy storydesi bhabi ka chudaisex story hindi newsex kahani.comhindi indian sextamil aunty kamakathaikal in tamilsexy chat in hindichut ki raskomalbhabhi.comsey storyindian girl and girl sexdesi lahanivasna sexfirst chudai storypunjabi hot bhabhibehenchudai story hindi mbudhiya ki chudaibhai bahan ki sexy story in hindichudai bazarwww chudai khani comsunni kathaigal in tamilhindi real sex kahanichudasi familyapni chachi ki chudaitamil xx stories