Chudai Ki Baat, Bhuli Na Wo Raat – Part 1


दोस्तों यह मेरी पहली हिन्दी सेक्स कहानी है जो की सच्ची है. मेरी किसी रजनी नाम की लड़की के साथ (जो की एक नर्स थी) सात साल से दोस्ती थी और में उस लड़की से बहुत खुल चुका था. वह भी मुझसे हर तरह की बात कर लेती थी. जैसे फैमिली लाइफ. स्टडी और सेक्स आदि..
लेकिन मैंने उसको कभी चोदा नहीं था पर मैं उसे किस वगैहरा कर लेता था कुछ कारण से उसे चोदने की कोशिश नहीं की. वह मुझे से चुदने को बिलकुल तय्यार थी यह मैं ही था जो उसे चोदना नहीं चाह रहा था, पर और एक दो लड़को से वह चुदवा लेती थी. वह मेरी इज्जत भी इसी लिए करती थी की मैंने कभी उसे चोदने की कोशिश नहीं की थी.
एक दिन हम वैसे ही मेरे रूम में बैठे बातें कर रहे थे कि मैंने उससे पुछा कि ” रजनी क्या कोई तुम्हारी कभी ऐसी चुदाई हुई है कि उसे भूल न पाई हो और तुम फिर वैसे ही चुदना चाहती हो “.
यह सुन कर वह कुछ देर के बाद बोली की हाँ एक बार मुझे किसी अंजान मर्द ने (जिसे वह आज तक नहीं जानती थी) ऐसा चोदा की मुझे सुधार के रख दिया और मैंने मर्दों को तंग करना छोड़ दिया”. इतना कहते ही उसने वह घटना सुनानी शुरू कर दी जिसमें उसकी ज़बरदस्त चुदाई हुई थी.
बाकी की कहानी रजनी की ज़ुबानी..
मैं लुधिआना अपनी मौसी के घर में अकेली रहती थी और मेरी मौसी अमेरिका में अपनी फैमिली के साथ सेटल थी. उनका बहुत बड़ा माकन खली पड़ा था किउंकी मेरी नरसिंग की जॉब भी लुधिआना में लग गयी थी तो उन्होंने मुझे अपने घर की सारी जिम्मेदारी दे राखी थी.मुझे लुधिआना में छह महीने हो गए थे तो मेरी लुधिआना मैं कई सहेलियां बन गयी थी और मैं अक्सर पार्टीज मैं जाया करती थी और बहुत फ़्लर्ट करती थी.
मेरी भरी भरी गांड थी और मेरी चूचियों के तो क्या कहने. मुझे मर्दों को तड़पाना बहुत अच्छा लगता था मैं कई बार तो जान बूझ कर पार्टी या हॉस्पिटल अपना शरीर मर्दों के साथ रगड़ देती थी और न जाने मैंने कितनो के लण्ड खड़े करके बिना किसी से चूत मरवाए बैठा दिए थे.
मैंने सैकड़ो मर्दो के साथ ऐसे ही खेल खेल खेले थे मेरा लुधिआना मैं अभी तक किसी से अफेयर नहीं था पर मैंने दो चार बार जलांधर मैं अपने आशिक़ से चूत ज़रूर मरवाई थी यानि मेरी चूत तब तक किसी से भी जमकर नहीं चुदी थी. जिसका मुझे बहुत अफ़सोस था मैं चाहती थी की कोई मुझे ऐसा रगड़े की मेरी चूत की सारी खुजली मिट जाये.
पर तब तक कोई ऐसा मर्द नहीं मिला था जो मेरी प्यास को शांत करे. मैं तो बस ऊँगली से ही काम चला रही थी या कभी कभी बैगन ले लिया करती थी. पर एक रात मेरे साथ कुछ ऐसा हुआ की मेरे सारी हसरतें पूरी हो गयी.
उस रात ग्यारह बज रहे थे और उस रात भी मैं पार्टी से पी कर लड़खड़ाते हुए घर पहुंची ही थी की तभी मैंने अपने घर के बाहर किसी को अँधेरे में खड़ा पाया मुझे लगा की कोई मेरे कोई हॉस्पिटल से है और कोई इमर्जेसी काम होगा.
मैं एक नर्स थी जिसने अभी अभी अपना कोर्स पूरा करके जॉब करनी शुरू की थी और डॉक्टर साहिब अक्सर मुझे एमर्जेन्सी मैं बुला लिया करते थे. में खड़ा होने के कारण मैं उसका चेहरा साफ साफ नहीं देख पा रही थी. अभी मैं उसको पहचानने की कोशिश ही कर रही थी के उसने रुमाल मेरे मुंह पर रख मुझे कुछ सुंघा दिया और मैं बेहोश हो गयी.
कुछ देर बाद जब मुझे होश आया तो मैंने पाया की मेरी आँखों पर पट्टी बंदी हुई थी और मैं बिल्कुल नंगी थी, मेरे दोनों हाथ ऊपर पंखे की हुक से बंधे हुए थे. उस आदमी ने मेरे मुंह पर भी पट्टी बांध रखी थी और मैं सिर्फ उसे सुन सकती थी.
तभी उसने बोलना शुरू किया और कहने लगा किउं जानेमन बहुत शौक है तुम्हें मर्दों के साथ अपनी यह गांड रगड़ने का और उनके लण्ड खड़े करके तड़पाने का, आज में तुम्हें इतना तडपाऊंगा, इतना तडपउंगा कि तुम जिंदगी में किसी मर्द के लण्ड को इस तरह खड़ा करके उससे बिना चुदाई के नहीं जाने दोगी.
उसकी बात सुनकर में समझ गयी कि यह शख्श मेरी हरकतों से तंग आ कर मेरी चुदाई का प्रोग्राम बना के आया है, किउंकि मैं सैकड़ो लोगो तड़पा चुकी थी इसी लिए मैं उसकी आवाज को और उसको भी नहीं पहचान पा रही थी. मैं समझ गयी कि आज तो यह मुझे छोड़ेगा नहीं किउं कि मैं घर मैं अकेली रहती थी. मुझे पता था कि मेरी चुदाई हो के ही रहेगी.
मैं यह सोच ही रही थी कि वह झुका और मेरी टाँगे चौड़ी कर दी गजब की ताकत थी उसमें, मैं पूरा ज़ोर लगा कर भी अपनी गुलाबी चूत को अपनी जांघों के बीच छुपा नहीं पा रही थी.
मुझे लगा की वह अभी मुझे चोदना शुरू कर देगा पर वह झुका और मेरी गुलाबी रसभरी मासूम सी चूत को अपनी गर्म जीभ से चाटना शुरू कर दिया, जैसे ही उसने चाटना शुरू किया मेरी नस नस में बिजलियाँ कड़कने लग गयी.
उसकी गरम जीभ कभी मेरी चूत के दाने को रगड़ती और कभी चूत की पत्तिओं को रगड़ती. मुझे बड़ा मज़ा जो काम अब तक मुझे जबरदस्ती चुदाई का लग रहा था अब वह मुझे मजा देने लगा था, किउं की मेरी भी चुदाई काफी टाइम से नहीं हुयी थी तो मैंने उसकी इस हरकत जवाब अपने चूतड़ हिला हिला कर देना, जब वह मेरी चूत को चाटता मैं ज़ोर से अपनी चूत को उसके मुंह पर रगड़ देती.
मुझे जन्नत का नजारा आ रहा था वह बहुत बड़ा खिलाडी लग रहा था किउं की मैंने पहले भी चूत चटवाई थी पर आज जो मजा आ रहा था वह किसी ने नहीं दिया वह बिलकुल ब्लू फिल्मों की तरह मेरी चूत को चाट रहा था और अपनी जीभ को मेरी चूत के अंदर बाहर भी कर रहा था.
जब उसने देखा की मैं उसका साथ दे रही हूँ तो बोला जानेमन मन तुम्हारी मुंह की टेप उतरने जा रहा हूँ. पर अगर तुमने शोर मचाया तो मैं दुबारा तुम्हारा मुंह बांध दूंगा. मैं हाँ मैं सर हिलाया तो उसने चूत चाटते चाटते मेरी पट्टी खोल दी. पट्टी खोलते ही मेरे मुंह से ज़ोर की सीत्कार हुई जो मैंने कब से अपने अंदर दबा के रक्खी थी.
वह हस पड़ा और बोला किउं जाने मन अब पता चला तड़पना क्या होता है. उसकी बात सुन कर मैं बोली मेरे राजा तुम हो कौन. तो उसने जवाब दिया मैं वह हूँ जो आज तुम्हें चुदाई का असली मतलब समझाएगा. और तुम्हें दिखाएगा की असली पंजाबी चुदाई के खेल कैसे खेले जाते हैं और इतना कहते ही ज़ोर ज़ोर से चूत चाटने लगा.
मैं मजे मैं पागल हो गयी सिर्फ दो मिनट मैं ही मैं झरने वाली थी. मैंने मजे मैं चिल्लाना शुरू किया की प्लीज रुकना मत और ज़ोर से चाटो मेरी चूत को मैं अपना रास तुम्हारे मुंह पर छोड़ने वाली हु मेरे राजा आह आहहहह ह ह ह रुकना मत राजा आ आ जब उसने देखा की मेरा पानी छूटने वाला हैं.
वह झट से पीछे हट गया. मैं उसकी इस हरकत से तड़प उठी और उसकी मिन्नते करने लगी और उसकी मिन्नते करने लगी की वह मुझे झार दे. पर वह हसने लग गया और उसकी शैतानी हसी ने मेरी चूत की आग और बढ़ा दी.
वह बोला जाने मन मैं अभी आया और इतना कह कर वह चला गया. जाते जाते वह बोला “game is on now”. मैं समझ गयी की यह कोई खेल खेल रहा हैं, मैं वैसे ही उस जगह बंधी हुई अपनी चूत को अपनी जांघों मैं दबा दबा कर मजे लेने की कोशिश करने लगी. तकरीबन २ घंटे के बाद वह आया तब तक मेरे चुदने की चाहत और बढ़ गयी थी.
वैसे तो मैं अंधेरे से डरा करती थी जब तक उसने मुझे यह नहीं सिखाया कि यह कितना अद्भुत हो सकता है। मेरी आँखों पर पट्टी बाँधने से मेरी दूसरी इन्द्रियां नाटकीय रूप से बढ़ गई थी । मेरी आँखों के रुमाल से ढका होने पर मैं अलग अलग इंद्रियों से हालत का जायज़ा लेने की कोशिश कर रही थी, मैं मोमबत्ती को सूंघ सकती थी, उसकी भारी साँस लेने की आवाज़ सुन सकती थी, उसके पसीने की महक सूघ सकती थी.
मैं अपनी रसीली चूत को भी सूघ सकती थी जो उसके चाटने से शहद जैसा रास टपका रही थी, वह नंगा मेरे पास आया और मेरे सामने खड़ा हो गया इतना पास की मैं उसके लण्ड कि खुशबु तक सूघ सकती थी।
मुझे पता था कि वह मुझे देख रहा है। मैं एक दम सीधी और नंगी खड़ी थी। मैं उसका घूरना महसूस कर सकती थी. मेरी चूत से रस टपक रहा था. हालांकि उसने मुझे गुलामो की तरह बांध रखा था पर मैं खुद को एक रानी से कम नहीं समझ रही थी. जिसकी रसीली चूत ने उसे गुलाम बना के रख दिया था और वह आज मजबूर होकर मुझे चोदने जा रहा था इस तरह किसी अजनबी के सामने नंगा खड़ा होना मुझे बहुत उत्तेजित कर रहा था।
वह काफी देर से मेरे सामने नंगा खड़ा था, मैं चाह रही थी कि वह मुझे चोदना शुरू कर दे पर वह मेरे सबर का इम्तिहान ले रहा था और कबसे मेरे सामने चुपचाप खड़ा था. मैं अपनी नग्न चूचियों पर उसकी नज़रों को महसूस कर रही थी, खासकर उस जगह पर जो चॉकलेट की तरह गहरी थी.
वह मेरी नगी चूचियों ऐसे निहार रहा था जैसे कोई भेड़िया अपने शिकार को निहारता है. कभी वह मेरी चूचियों को, कभी वोह मेरे दूधिया पेट को और कभी दो जांघों के बीच मेरी रस टपकाती चूत को निहारता. उसका लण्ड मेरे नंगे बदन को देखकर झटके पर झटका मार रहा था.
मैं घंटों इस पल का इंतज़ार कर रही थी, उसने जब मैं बेहोश थी तब उसने मुझे चूत को चाट कर उठाया था. तब मुझे लगा था की ब वह मेरी जम कर चुदाई करेगा और मेरी चूत की आग अपने लण्ड के पानी से बुझाएगा. पर उसने चूत चाटने के बाद कहा की आज वह एक खेल खेलेगा.
मुझे वह बड़ा हरामी था और लग रहा था की वह अक्सर ऐसे खेल खेलता होगा वह अच्छी तरह जानता था की किसी औरत की चुदने की चाहत को कैसे बढ़ाते हैं. चूत चाटने की उसकी इस हरकत ने मेरी नस नस मैं आग लगा दी थी.
मैं उसके लोहे जैसे लोडे को चूसना चाह रही थी, मैं तब तक उसके लोडे को चूसना चाहती थी, जब तक की मेरे होठ न दुख्ने लग जाये. फिर मैं उसके लोडे को अपनी गांड में डलवाना चाहती थी और तब तक गांड मरवाना चाह रही थी की जब तक मेरी गांड की धजियां न उड़ जाये अंत में जो मेरी चूत में दो घंटे से जबरदस्त खुजली हो रही थी उसे उसके लोहे जैसे मूसल लण्ड से रगड़ रगड़ कर मिटाना चाहती थी.पर वह तो कोई खेल खेलना चाहता था.
मैंने उससे कहा की इतनी देर किउं लगा रहे हो. तो वह हस कर बोला की सबर करो सबर का फल मीठा होता है. मैंने उसकी बात को काटते हुए कहा कि मुझे मीठा नहीं नमकीन फल चाहिए. वह हस पड़ा, वह जानता था कि मैं तो उसके लॉलीपॉप जैसे लण्ड कि बात कर रही हूँ, जो कि नमकीन रस टपकाता है.
इसके बाद उसने खेल शुरू कर दिया और वह मेरे पैरों में लेट गया, उसने मेरे पैरों को चाटना शुरूकर दिया. जिसे ही उसने मेरे अंगूठे को मुंह में लिया एक बिजली सी मेरे पैर से शुरू हो कर मेरी जांघों से होती हुई, मेरी चूत में समां गयी.
में सिसक उठी, मुझे लगा कि जैसे मेरी चूत में हजारो चीटियां रेंगनी शुरू हो गयी हैं और मेरी चूत कि दीवारों पर ज़ोर ज़ोर से काट रही है. वह हँसा और बोला क्या हुआ चूत में झटका लगा क्या. मैंने मन में सोचा कि तुझे क्या बताऊँ कि मेरी क्या हालत है, कितनी आग लगी है मेरी चूत में. इतने में वह फिर चालू हो गया.
मेरे हाथ बंधे होने के कारण मैं तो अपनी चूत के दाने को रगड़ भी नहीं सकती थी. बस अपनी जांघों को सिकोड़ कर अपनी चूत को थोड़े बहुत झटके दे रही थी. मेरी चूत से पानी निकल कर मेरी जांघों को चिपचिपा कर रहा था.
मैं सब्र से इंतज़ार कर रही थी कब यह खेल खत्म हो और मुझे इनाम के तोर पर लोहे जैसा लण्ड जमकर पेले. वह जैसे जैसे ऊपर कि और बढ़ रहा था वैसे वैसे मेरी चूत के अंदर कि चीटियां मुझे और ज़ोर ज़ोर से काट रही थी और मैं सिसकियाँ ले रही थी कभी कभी मुझे लग रहा था कि जैसे आज मेरी चूत में किसी ने पेट्रोल डाल कर आग लगा दी है. आज तक मेरी चूत ने कभी भी इतनी आग नहीं ऊगली थी.
अभी मैं अपनी चूत की आग के बारे मैं सोच ही रही थी कि उसने फिर से मेरी टांगो को चाटना शुरू कर दिया. मैं तड़प उठी और वह मेरी जांघों को अपनी गर्म गीली जीभ से चाटता रहा. मैंने उससे मिन्नत की के वह मेरे हाथ खोलदे ता की मैं उसके लण्ड से खेल सकूं मैं उसकी लण्ड की सख्ती महसूस करना चाहती थी.
मैं देखना चाह रही थी की उसका लण्ड कितना मोटा और लम्बा है. आज तक उसने जितनी भी चूते मारी होंगी सबको क्या उनको भोसड़ा बन कर छोड़ा होगा या उसका लण्ड छोटा सा है. मैं चाहती थी कि वह मेरी गुलाबी और रसीली चूत को ऐसे चोदे कि मैं कई दिन तक ठीक से चल न सकूं.
मैं अपनी चूत को सबक सीखना चाहती थी जिसकी आग ने मुझे इतना तड़पाया था. कुछ देर मेरी जांघों को चाटने के बाद वह मेरी पीठ की तरफ घूम गया. उसने मेरी जांघों को पीछे से चाटना शुरू कर दिया मेरी हालत बद से बदतर होती जा रही थी मैं सोच रही थी की पता नहीं उसके दिमाग मैं कौन सा खेल चल रहा है.
तभी उसने एक झटके से मेरी दोनों चूतड़ों की दरार को चौड़ा किया और झट से अपनी जीभ मेरी गांड के छेद से भिड़ा दी. मैं इस झटके के लिए तैयार नहीं थी और मेरी सिसकारी सारी बेसमेंट में गूँज गयी. वह मेरी गांड को ज़ोर ज़ोर से चाटने लगा और मेरी जो चीटियां अब तक मेरी चूत को अंदर से काट रही थी वह अब मेरी गांड में भी कुलबुलाने लगी. मैं तड़प उठी और सोचा मुझे पता नहीं था कि गांड में भी इतनी खुजली होती है.
मैं ज़ोर ज़ोर से अपनी जांघों को भींचने लगी ता कि किसी तरह मेरी चूत और गांड को सकून मिल सके. पर उसने मेरी सीत्कार को अनसुना कर दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी गांड का छेद खोल कर चाटने लगा. मुझे नहीं पता था कि उसने मेरी हाथ ऊपर पंखे कि हुक के साथ इस लिए बांधे थे कि मैं अपनी चूत और गांड मैं ऊँगली न कर सकु.
पढ़ते रहिये.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
wife swapping kahanitelugu sex story 2016savita bhabhi hindi kahanishararat episode 9desi indian sexxtelugu sexy sex storiesdever fuck bhabhikamakathaikal in malayalambahu sex kahanimaa ki chut fadivery old malayalam kambi kathakaltamil kama kathidesi desi sex comsex.cimthamil sex kamakathaikalmaa ko maine chodaread malayalam sex storiessissy sex storiessex story chutdesi kahani netnew latest hindihindi story sitesaxy chachimom sex kahanideep daan story in hindionline free desi sex videosnew all indian sexbest sex story videosindian gay blogspottelugu lo sex storesdesi maa sexभाभी सेक्सी लगने लगीdesi gay sex storychut komallu kambi kathakal in malayalamsexy kahani gujaratimami ki chudaibehan bhai ki chudaigramathu kamakathaikallesbian love story in hindidesi long chudaitamil sex experiencekamvasna sex storiesmami ki suhagratsex story in hindi with auntyrealsexstoriesthe indian sex storiesaunty kathaideshisex.comapni sagi behan ko chodawhatsapp sex storieshot aunty delhimami ki chudai hindi sex storylesbo sex storykamakathai tamil teacherlez storiesxxx bahbhitamil kallakathal kamakathaiboobs chusnedevar bhabhi hindi storychachi ko chodne ke tarikeindian sex co inmalayalam latest kambikathakalstudent ke chodaindian gangbang sexindian blowjob storiesdesi sexy girlslatest porn desichudai suhagraathindi sexy stories.comindian hindi storykannada sex stories in facebookchudai 2016read hindi story onlinehindi choda chodi kahanitamil latest sex storiesrandi ki kahanidesi kahani apksuhagrat xxx storyadult story in hindi languagereal bhai behan sexhindi manohar kahaniyadesi nokrani sexbadi behan ke sathindian disewww hot lesbian sex comxxx dedisex story bhabhi in hindipadosi sexmature sex desikannad sex storesdesi bhabi ki chudaisexy story indiansextamil storiesdriver ne mujhe chodaincest malayalam kathakaltamil kamakathakikaltamil listchut fadipunjabi girl fudi