Badi Mushkil Se Biwi Ko Teyar Kiya – Part 15


अब आगे की कहानी – होली की अनिल के घर में बितायी वह रात हम तीनों के जीवन की एक यादगार रात बन गयी थी। छुटियाँ ख़त्म होने के बाद फिरसे वही सामान्य व्यावहारिक जीवन शुरू हो गया। घर, बच्चे, नौकरी, माँ बाप, रिस्तेदारी इत्यादि, नीना और मुझ पर हावी हो गए। मेरे माता पिता जो छुट्टियों में हमारे साथ थोड़े दिन बिताने आये थे वह अपने गांव वापस चले गए थे।
ठीक उसी तरह अनिल और अनीता की जिंदगी भी वही पुराणी घिसी पिटी पटरी पर चलने लगी थी। अनिल और अनीता हम से मिलने कभी कबार आते थे, पर व्यस्तता के कारण वह भी थोड़ी देर बैठ कर चले जाते थे। उन दिनों अनिल की व्यस्तता कुछ ज्यादा ही बढ़ गयी थी। उस की नौकरी के काम सम्बंधित यात्राएं पहले से ज्यादा लंबी होती जा रही थीं।
होली की उस रात हुए प्रकरण ने मेरे और मेरी बीबी नीना के जीवन में एक अद्भुत परिवर्तन ला दिया था। उस रात के बाद से ही मैं मेरी बीबी का वास्तविक रूप में हीरो बनचुका था। नीना मुझसे चुदवाने के लिए बड़ी आतुर रहने लगी। मैं भी उसे उकसाने के लिए अक्सर अनिल के लन्ड के बारे में बात करने लगा और नीना को और उत्तेजित करके खूब चोदने लगा।
एक बात तो मुझे माननी पड़ेगी की अनिल ने कभी भी मेरी पत्नी के प्रति जरा सा भी हीनता या निम्नता का भाव नहीं दर्शाया। बल्कि उस रात के बाद वह नीना के प्रति और सम्मान पूर्ण रवैया अपनाने लगा। हाँ यह सच है की उस रात के बाद मेरे सामने मेरी बीबी और अनिल कुछ ज्यादा ही स्वतंत्र महसूस कर ने लगे थे। पर जैसे ही अनिल की पत्नी साथ में होती तो हम सब बड़ी सावधानी बरतते और अनीता को यह अंदेशा ही नहीं होने देना चाहते थे हमारे बिच में कुछ हुआ भी था।
इस बिच काफी दिनों बाद एक बार अनिल का मुझे फ़ोन आया। वह बोला की वह थोड़ा परेशान था और नीना और मुझसे मिलकर कुछ ख़ास बात करना चाहता था। उसने पूछा की क्या वह उसी दिन दोपहर को मेरे घर पर हम दोनों से मिल सकता है? वह हम दोनों से एकाध घंटा बात करके सब बताना चाहता था। अनिल उसी रातको बाहर टूर पर जा रहा था।
मैंने उससे पूछा की ऐसी क्या ख़ास बात थी तो बोला की वह मुझे मिलकर ही बताएगा। मुझे ऑफिस में बड़ा जरुरी काम था। मेरे लिए घर जाना संभव नहीं था। मैंने अनिल से कहा की वह मेरे घर जा कर नीना से सारी बात बताये। शाम को जब मैं घर जाऊंगा को नीना से पूछ लूंगा।
अनिल ने तब थोड़ा हिचकिचाते हुए कहा, ” मैं मिलूं? नीना को? अकेले में? तुम नहीं आ सकते हो क्या?” यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
तब मैंने उसे छेड़ते हुए कहा, “कमाल है भई? अब तुम्हें नीना से अकेले मिलने में सकुचाहट कब से होने लगी? अब हमारे बिच कौन सा पर्दा है? मैं जरूर आता, पर आ नहीं सकता। मज़बूरी है। आज ऑफिस में बहुत जरुरी मीटिंग है। मेरा यहां से निकलना संभव नहीं। पर तुम उसकी चिंता मत करो। मैं नीना को फ़ोन कर बता दूंगा की तुम आ रहे हो। तुम बेझिझक जाओ और नीना के साथ मस्ती से मिलो और जो कुछ कहना करना है वह उसे कहो और करो। मेरी इजाजत है।”
अनिल जैसे मेरी बात सुनकर सहम सा गया और बोला, “तुम भी न? अपनी हरकतों से बाझ नहीं आओगे। खैर, मैं नीना से सारी बात कर लूंगा। वह तुम्हें शाम को बता देगी।”
मैंने उसी मजाक भरे लहजे में कहा, “वह तो उसे बताना ही पडेगा।”
मैंने तुरंत बाद नीना को फ़ोन किया और बताया की अनिल दोपहर को उसे मिलने आएगा। वह हमसे मिलकर कुछ ख़ास बात करना चाहता है। मैंने यह भी बताया की मैं व्यस्त था और घर आ नहीं पाउँगा। मैंने नीना से कहा की वह खुद अनिल से बात करले और शाम को मुझे बतादे।
तब मेरी बीबी ने सकुचाते हुए मुझसे पूछा, “आप ने यह क्या किया? आप आ जाते न? आप आ जाओ। मुझे अनिल से अकेले में मिलना ठीक नहीं लगता। आप होते हो तो बात कुछ और है। अनिल को तो आप जानते ही हो। कहीं वह मूड में आ जाए और अकेले में कुछ कर बैठे तो फिर? मुझे समझ नहीं आता की मैं क्या करुँगी। अगर आप नहीं हो तो मुझे बड़ा अजीब लगेगा।”
मुझसे रहा नहीं गया। मैं जोर से हंस पड़ा। मैंने कहा, “उस रात को तो तुम बड़ी सयानी बातें कर रही थी की तुम तो उससे बार बार चुदवाना चाहती थी? अब क्या हुआ?” फिर मैंने उसे धीरे से कहा, “कोई चिंता मत करो। वह ऐसा क्या कर लेगा जो उसने अब तक नहीं किया? तुम भी खुलकर उस से मिलो और चांस मिलता है तो मजे करो। पर हाँ, शाम को मुझे सब सच सच और खुल कर बताना।”
नीना ने “धत, तुम भी न?” कह कर फ़ोन काट दिया।
उस रातको मैं काम की वजह से देर से घर पहुंचा। नीना मेरा इन्तेजार कर रही थी। हम दोनों ने डाइनिंग टेबल पर रखा खाना गरम कर खाया और नीना रसोई साफ़ कर के बिस्तरे में आयी। मैं भी कपडे बदल कर उसीका इन्तेजार कर रहा था। आज काफी समय के बाद अनिल हमारे घर आया था। जरूर आज कुछ न कुछ तो हुआ था।
मैंने देखा की मेरी बीबी अपनी प्रसन्नता को दबाने का प्रयास कर रही थी। उसके आते ही मैं उसे अपनी बाहोँ में भर लिया और बोला, “भाई आज तो मेरी बीबी का आशिक आया था। बड़ी चहक रही है मेरी बीबी!”
नीना ने हल्का मुस्काते हुए कहा, “अरे? तुम मुझे चिढाना बंद करोगे भी?” फिर थोड़ा शर्मा कर बोली, “अब ज्यादा सयाने मत बनो। तुम भी तो जानते हो वह क्यों आया था। तुम्हीने तो मुझे कहा था की ठीक है। मिल लो उसे। अब अनिल का मुझे मिलने का मतलब तो तुम जानते ही हो न?”
मैंने पूछा,”मुझे बताओ तो सही डार्लिंग के क्या हुआ? क्या क्या किया अनिल ने तुम्हारे साथ? सच सच बताना।”
अब मेरी बीबी काफी असमंजस में पड़ गयी की क्या बोले। फिर धीरे से बोली, “हाँ भाई बताना तो पड़ेगा ही, सब सच सच। घर में मैं अकेली ही थी। मुन्नू को स्कूल से लौटने में कोई दो घंटे का समय था। तुम तो अपने दोस्त को भली भाँती जानते हो। वह तो रंगीला है ही। एक तो हम दोनों अकेले, दूसरे तुम्हारी पूरी इजाजत और तीसरे हम कई दिनों के बाद मिले थे। बस और पूछने की बात ही क्या थी? उसके आते ही मैंने जैसे दरवाजा अंदर से बंद किया की वह मुझे उठा कर बैडरूम में ले आया। मुझे चूमते हुए कहने लगा की मेरे बगैर उसके इतने दिन कैसे गुजरे हैं वह कह नहीं सकता।
जब मैंने उसे पूछा की क्यों अनीता नहीं थी क्या? तो वह बोला की अनीता की तो हालत अजीब सी हुई पड़ी थी। वह यही बात तो हमसे करने आया था। अनीता को कुछ शक हो गया है की उसका पति का मेरे साथ चक्कर चल रहा है। उसे पक्का भरोसा अब तक नहीं है। इस कारण वह अनिल को शक की निगाहों से देख रही है। इस कारण अनीता अनिल से कुछ कतराती रहती है। बेचारा अनिल मुझे कह रहा था की वह सेक्स का एकदम भूखा है।”
मैंने पूछा, “फिर क्या हुआ?”
नीना थोड़ीदेर चुप हो गयी। मैं बड़ा अधीर हो रहा था। नीना जैसे एक सपने में खो गयी। जब मैंने उसे झक झोरा तो जैसे वह हड़बड़ा उठी और मेरी और नजर झुका कर बोली, “और मैं क्या कहूँ? तुम तो जानते ही हो की क्या हुआ होगा। अब मुझसे सब उगलवाना क्यों चाहते हो?”
मैं नीना के जवाब से झुंझला उठा। अरे भाई, मैं तुम्हारी जुबान से ही वह सब सुनना चाहता हूँ। मैंने इसी लिए तो अनिल को ख़ास तुमसे अकेले में मिलने को बाध्य किया ताकि तुम दोनों स्वछन्द रूप से बिना किसी हिचकिचाहट से चुदाई करो और फिर बादमें तुम मुझे सारी कहानी खुलके सुनाओ। मैंने बड़े मुश्किल से संयम रखते हुए पूछा, “जानू, तुम जानती ही हो, की मुझे तुम्हारा और अनिल का प्रेमालाप सुनना बड़ा उत्तेजित करता है। यह देखो।” मैंने नीना का हाथ मेरे पाजामे में मेरी टाँगों के बिच मेरे लन्ड पर रखा और उसे मेरा लन्ड सहलाने के लिए दबाया। तब मेरी पत्नी ने पाया की मेरा लन्ड एकदम कड़क हो गया था। उसे पाजामे के ऊपर से ही प्यार से सहलाते और दबाते हुए नीना मेरी और देखकर शर्माते हुए हल्का सा मुस्काई और अपनी नजर निचे गड़ी हुई रखकर बोलने लगी।
वह बोली, “मुझे बिस्तर लिटा अनिल ऊपर चढ़ गया और मेरे होठ पर होठ रख कर उसने मेरे मुंह में अपनी जीभ घुसेड़ दी और अपनी जिह्वा से ही जैसे मेरे मुंह की चुदाई करने लगा। उसके मुंह का सारा रस मेरे मुंह में आ रहा था। उसकी लार सारी मेरे मुंह में जा रही थी। जानू मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगी। मुझे उसकी लार का स्वाद अच्छा लग रहा था। मैं उसकी लार को बड़े चाव से चाट रही थी। वह भी मेरी लार का आस्वादन रहा था।“
नीना ने मुड़ कर मेरी और देखा और थोड़ा सकुचाते हुए बोली, “फिर उसने मेरा ब्लाउज के अंदर हाथ डालकर मेरे मम्मों को सहलाना शुरू किया। उससे धीरज नहीं रखी जा रही थी। उसने मेरे कपड़ों को भी नहीं हटाया और मुझ पर टूट पड़ा। मैंने कहा कपडे तो निकालने दो। तो वह बोला उससे रहा नहीं जा रहा था।
खैर, मैंने जब उसे दुबारा कहा की भाई अब मैं डेढ़ से दो घंटे तक उसीकी हूँ और हमारे पास समय है। तब फिर उसने प्यार से मेरा ब्लाउज, साडी, पेटीकोट बगैरह खोलना शुरू किया। उसका लण्ड उसकी पैंट में अकड़ा हुआ था। मेरा हाथ अनायास ही उसकी ज़िप पर चला गया। मैंने उसकी ज़िप खोली और उसकी निकर हटाई तो उसका मोटा लण्ड उसकी पेंट में से बाहर कूद पड़ा। मैंने उसे प्यार से सहलाना शुरू किया। उसके लण्ड के छेद में से जैसे उसके पूर्व रस की धार निकल पड़ी। उसका लण्ड फौलाद के छड़ की तरह अकड़ा और सख्त था। जैसे ही मैं अनिल के लण्ड पर हाथ फेरने लगी तो मेरी हथेली अनिल के पूर्व रस की चिकनाई से लथपथ हो गई। ऐसा लग रहा था जैसे उसका लिंग अभी अभी किसी की चूत में अपना पूरा वीर्य छोड़ कर निकला हो।“
जैसे ही मेरी बीबी रुकी तो मैंने उसकी और थोड़ी सख्त नजर से देखा। नीना भली भाँती जान गयी थी की मैं उसके चोदने की बातें करनेसे से बड़ा उत्तेजित हो जाता था और वह कहानी पूरी विस्तार से सुने बगैर मैं उसको छोडूंगा नहीं। इस कारण वह भी अपनी स्त्रीगत लाज को छोड़ कर बड़े ही विस्तार पूर्वक उस दोपहर के उनके मिलन कार्यालाप के बारेमें बताने लगी। यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मेरी बीबी की बात सुन कर मेरा बुरा हाल हो रहा था। मैं अपने आप को नियत्रण में रख नहीं पा रहा था। मेरे पाजामे में मेरा लण्ड फर्राटे मार रहा था। नीना ने भी उसे महसूस किया। तो नीना ने कहा, “जाने मन यह बात क्या है? तुम अनिल और मेरी चुदाई की बात सुनकर इतना उत्तेजित कैसे हो जाते हो? खैर चलो अगर तुम्हें आनंद मिलता है तो फिर तो मैं तूम्हे पूरी कहानी कुछ भी छोड़े बगैर साफ़ साफ़ सुनाती हूँ।” ऐसा कह कर नीना आगे की कहानी सुनाने को अग्रसर हुई।
वह बोलने लगी, “उसका यह हाल देख कर मुझे लगा की वास्तव में उसे कई दिनों से अनीता ने अपने पास नहीं फटकने दिया होगा। बेचारा! उसके लण्ड पर मेरा हाथ लगते ही उसके लिंग के छिद्र में से जैसे फौव्वारा छूटने लगा। ऐसा तो सेक्स के दौरान वीर्य छोड़ने पर होता है। मैं समझ गयी की आज तो बस मुझे खूब दबा कर चोदने के लिए ही आया है और बहुत उतावला हो रहा है। पर आज मुझे उसे थोड़ा चिढाना था। मैंने कहा, “अरे??? इतना उतावला क्यों हो रहे हो? मेरे पति ने हमें पूरी इजाजत दे दी है। मैं तो अभी तुम्हारी ही हूँ। हम दोनों अकेले है। मुझे भी तो मझा कराओ?”
तब अनिल थोड़ा सा रुक गया और उसने मुझे अपनी बाँहों में ले लिया और मैंने एक एक करके उसके शर्ट के बटन खोल दिए। उसने अपनी बनियान खोल दी। मैं तुम्हारे दोस्त के लिंग को सहलाती रही और उसके अंड कोशों को प्यार से मेरी हथेली में सहलाती और प्यार से धीरे से दबाती भी थी। तुमने तो अनिल के अंड कोष देखे हैं। वह काफी बड़े हैं। तब तक अनिल ने मुझे पूरी नंगी कर दिया। उसका मुंह मेरे मुंह पर था और उसकी जीभ मेरे मुंह में थी।“
मैं अपनी पत्नी की चुदाई की बात सुन बड़ा ही उन्मादित हो रहा था। पर मुझे मेरी बीबी का यूँ झिझक ते हुए “लिंग, योनि” शब्द अच्छे नहीं लगे। मैंने उसे हलकेसे पर करारे शब्दों में कहा, :जानूँ, अब यह सभ्यता का नकाब छोडो। यह लिंग, योनि, सेक्स आदि शब्दों का प्रयोग न करो। साफ़ साफ़ बोलो “लन्ड, चूत, चुदाई इत्यादि। चलो आगे बढ़ो।
नीना तब अपनी लज्जा से उभर ने की कोशिश कर रही थी। वह धीरे से कहानी आगे बढ़ाते हुए बोली, “उस ने मेरे स्तनों को दोनों हाथों में इतना कस के पकड़ रखा था की मेरी चीख निकल पड़ी। धीरे से उसने अपना मुंह मेरे मुंह पर से हटाया और उसे मेरे दोनों स्तनों पर रख दिया। वह एक हाथ से मेरे एक स्तन को भींचता था तो मुंह से मेर दूसरे स्तन को चूसता था। और चूसता भी ऐसे की वह चूसते चूसते मेरे स्तन को इतना खींचा की मेरे बूब्स लाल होगये। उसके मुंह में से मेरी निप्पल आ जाती और उसे जोर से चूस कर या दाँतो से काट कर उसने मेरे स्तनों पर गहरे निशान बना दिए। देखो तो।”
मेरी पत्नी ने तब अपना गाउन खोल कर अपने स्तन मुझे दिखाए। वास्तव में उसके स्तन खून से जैसे लाल हो गए थे और उसके ऊपर अनिल के दाँतो के निशान साफ़ साफ़ नजर आ रहे थे। मुझे मेरे दोस्त पर ईर्ष्या भी हुई की वह साला कितना लकी है। अगर उसकी बीबी ने साथ नही दिया तो नीना उससे चुदने के लिए तैयार बैठी थी। अब उसे जब चाहिए तो एक न एक चूत तो चुदवानेको तैयार ही थी। और उपरसे मेरी बीबी मुझे अपने स्तन और निप्पलों पर पड़े मेरे दोस्त के दाँतों के निशान दिखा रही थी। पर गुस्सा या नाराज होने के बजाय मैं तो कामोत्तेजना से घायल हो रहा था।
मैं अनिल के दाँतों के निशान पर ही मेरी बीबी के स्तन और निप्पलोँ को चूसने और काटने लगा। मुझे एक अजीब सा रोमांच हो रहा था की मैं भी उसी जगह पर अपना अधिकार जमा रहा हूँ जहाँ पर अनिल ने अधिकार जमाया था।
मैं जानना चाहता था की आगे और क्या हुआ। मैंने नीना की और प्रश्नात्मक दृष्टि से देखा।
नीना ने आगे बोलना शुरू किया, “मैंने अनिल को कहा की तुम मुझे निचे से चाटो। मैं गरम हो रही थी। अनिल का मेरे स्तनों और होठों पर चुम्बन करनेसे मैं भी काफी कामोत्तेजक हो रही थी। जब अनिल ने निचे झुक कर मेरे पैरों के बिच मेरी योनि, सॉरी सॉरी, मेरी चूत चाटना और चूसना शुरू किया तो मैं एकदम बेकाबू हो गयी। मुझसे रहा नहीं गया। मैं जल्द ही झड़ने वाली थी।
अनिल ने तब मेरी चूत में दो उंगली डाल कर मुझ उँगलियों से चोदना शुरू किया। अनिल ने तो जैसे आग में घी डालने का काम किया। मेरी उत्तेजना सिमा से उपर जा रहीथी। तब में चरम पर पहुँच रही थी और चंद सेकंडों में ही मैं जैसे एक उत्तेजना के सैलाब में बह गयी और मैं ऐसी झड़ी की मत पूछो। थोड़ी देर के लिए मुझे अनिल ने सांस लेने का मौका दिया और वह मेरी चूत में अपनी उँगलियों से फिर चोदने लगा।“
नीना की बात सुनते हुए मेरा लन्ड थनगनाने लगा। मेरे लन्ड की नसोँ में मेरा वीर्य की जैसे बाढ़ आ गयी। मेरे लन्ड के छिद्र में से पूर्व रस झर रहा था। मैंने फुर्ती से अपने पजामें का नाडा खोल दिया और मेरे लन्ड को मेरी बीबी के हाथों में दे दिया। और मैं भी अनिल की ही तरह अपनी बीबी को अपनी उँगलियों से चोदने लगा। मेरे उंगली चोदन से नीना छटपटाने लगी। एक तो वह अनिल की बात करके वैसे ही गरम हो रही थी, ऊपर से मेरे ऊँगली चोदन से उसकी उत्तेजना बढ़ती ही जा रही थी।
इस दुगुने उत्तेजक धमाकों को झेलना उसके लिए कठिन हो रहा था। वह हवस की पीड़ा से कराहने लगी। मैंने भी देखा की वह तुरंत ही अपना रस का फौव्वारा छोड़ने वाली थी तो मैंने तेजी बढ़ाई और अपने कूल्हों को ऊपर निचे करते हुए और बिस्तर पर रगड़ते हुए मेरी बीबी ने एक भारी सांस लेते हुए अपना प्रेम रस का झरना छोड़ा।
मैंने ठान लिया था की मैं मेरी बीबी और मेरे दोस्त के बिच हुयी कहानी पूरी सुनूँगा। अपनी पत्नी को बाहों में भरते हुए मैंने उसके गाउन की ज़िप खोल दी। जैसे जैसे मेरी बीबी उसकी अनिल के साथ की रति क्रीड़ा की बात कर रही थी, मैं भी वैसे वैसे अनिल के प्रतिद्वंदी की तरह मेरी बीबी के साथ वही दुहरा रहा था।
मैंने कहा, “मेरी रानी आगे क्या हुआ वह भी तो बताओ।”
मैंने महसूस किया की नीना की छाती की धड़कनें तेज होती जा रही थी। वह बोली, “अनिल के तेज उंगली चोदन से मैं पागल हो रही थी। तुमने भी मुझे यह कहकर हरी झण्डी देदी थी की मैं अनिल के साथ खुल के मस्ती करूँ। अनिल मुझे कह रहा था की तुमने उसे भी मेरे साथ पूरी मस्ती करने की छूट दे दी थी। तो फिर बचा ही क्या था? मैं अपना आपा खो बैठी और अनिल के उंगली चोदन इतनी उकसा गई की उसे मुझे चोदने के लिए चिल्ला कर कहने लगी की बस करो, मुझे तुम्हारी उँगलियाँ नहीं तुम्हारा मोटा लन्ड मेरी प्यासी चूत में चाहिए। बस मेरा इतना कहना ही काफी था। अनिल मुझ पर चढ़ बैठा और मेरी गीली चूत के ऊपर अपना गिला लथपथ मोटा कड़ा लन्ड रगड़ने लगा।
मैं अपने होशो हवास में नहीं थी। मुझ पर भी हवस का जूनून हावी हो गया था। उस वक्त मेरा ध्यान सिर्फ चुदने पर ही था। तुम्हारा प्रोत्साहन और अनिल का मेरी और पागलपन मेरी हवस की कामना की आग को भड़काए जा रहा था। मैंने उसका लन्ड मेरे हाथ में लिया और मेरी चूत के छिद्र के बिच रखा और उसे मेरी चूत में अपने हाथ से थोड़ा अंदर घुसेड़ा। उसने एक धीरे से धक्का मर कर उसे थोडा मेरी चूत में घुसेड़ा। तब मने अनिल की और देखा। वह समझ गया की मैं उसे धीरेसे धक्का मारने के लिए इशारा कर रही थी। धीरे धीरे वह अपना लन्ड अंदर बाहर करने लगा।”
मेरी बीबी मेरे दोस्त से चुदने की बात कह कर शायद उतनी ही उन्मादित हो रही थी, जितना मैं उसकी बात सुनकर हो रहा था। उसने कहा, “बस फिर तो अनिल मुझमें ऐसे जोर जोर से अपना लन्ड पेलने लगा की जैसे वह मुझे आखरी बार चोद रहा हो। मुझे भी आज इतना नशा चढ़ा हुआ था की मैं भी उसके साथ पूरी तरह अपनी चुदाई करवाने के लिए उछल उछल कर उसका लन्ड मेरी चूत में उससे डलवा रही थी। हम दोनों चुदाई में इतने बदहोश हो कर कराह रहे थे की मुझे डर था की कहीं कोई सुन न ले। आज तो तुम्हारे दोस्त ने हद ही कर दी। वह मुझे ऐसे चोदता रहा ऐसे चोदता रहा की आज तो उसने मुझे भी थका दिया। बिच में मैंने उसे एकाध बार रोका भी, क्योंकि मैं बाथरूम जाना चाह रही थी।“
“मैं उठ खड़ी हुई और जब मैंने अपने ऊपर एक चद्दर डाली तो वह भी उसने निकाल दी। जैसे तैसे मैं नंगी ही बाथरूम की और भागी तो वह मेरे पीछे पीछे बाथरूम तक भी पहुँच गया। वह मेरे साथ बाथरूम के अंदर आना चाहता था। शायद वह मुझे पेशाब करते हुए देखना चाहता था। जब मैं उसे पीछे की और हटा ने लगी तब उसने मुझे बाथरूम के बाहर ही जकड लिया।
वहाँ भी मुझे आगे से निचे की और झुका कर जैसे वह मुझे पीछे से चोदना चाहता था। हाय माँ! उसका लन्ड कड़क खड़ा लहराता देख कर में शर्म से मर रही थी की क्या करूँ। बड़ी मुश्किल से मैंने अपने आपको उससे छुड़ाया और उसे बाथरूम के दरवाजे पर ही रोका और तब मैं बाथरूम गयी।“ यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है..
मेरी प्यारी बीबी मेरे दोस्त के साथ अपनी काम क्रीड़ा की कहानी सुनाते सुनाते शर्म से लाल हो रही थी। पर मैं भी तो पूरी कहानी सुनने पर अड़ा हुआ था। एक गहरी सांस ले कर नीना फिर से बोलने लगी, “पर पेशाब कर लेने के बाद मैंने जब दरवाजा खोला तो वह वहीँ खड़ा था। उसने मुझे उसी हालात में अपनी बाहों में उठा लिया और फिर मुझे बिस्तर पर लिटा कर मेरे पर चढ़ गया और मेरे पाँव अपने कन्धों पर रखवा कर तुम्हारे दोस्त ने मुझे दुबारा चोदना शुरू किया।” पता नहीं पर शायद आधे घंटे तक हम चुदाई करते रहे। बिच में मैं तो दो बार झड़ चुकी थी। आखिर में एक जोर सी कराह देते हुए उसने अपना पूरा वीर्य मेरी चूत में उंडेल दिया। उसने इतना अपना माल छोड़ा की एक बार तो मैं डर ही गयी की मैं कहीं उस से गर्भवती न बन जाऊं।”
फिर थोड़ा रुक कर वह बोली, “खैर, ऐसा कुछ भी नहीं होगा क्योंकि मैं गोलियां ले रही हूँ। जानूँ, तुमने मुझे एक तरह से पागल बना दिया है। आज तक मैं चुदाई में इतना उन्मादित नहीं हुई जितना तुम दोनों ने मिलकर मुझे बना दिया है। अब जब तुम या अनिल मुझे चोदते हो तो मुझे क्या होता है पता नहीं, पर मेरे पुरे बदन में ऐसा नशा फ़ैल जता है की मेरे हर अंग में बिजली की तरह झटके लगने लगते है। मैं उसका वर्णन करने में असमर्थ हूँ।”
अनिल द्वारा मेरी बीबी की चुदाई की कहानी मुझे पागल कर रही थी। मैंने भी नीना की चूत पर मेरा कड़ा लन्ड रगड़ा। नीना उसकी चूत पर मेरे लन्ड की रगड़ से उन्मादित हो रही थी। एक तो अनिल से चुदाई की यादेँ और बातें, ऊपर से मेरे से चुदाई की तैयारी दोनों और की मार से जैसे वह इतनी उत्तेजित हो रही थी की जैसे मैंने उसे पहले नहीं देखा।
मैंने एक ही धक्के में मेरा पूरा लन्ड मेरी बीबी की चूत में घुसेड़ दिया। एकदम लन्ड घुसने से नीना को थोड़ा कष्ट हुआ और वह धीमे आवाज में “हाय रे” बोल पड़ी। जब मैंने धीरे से अपनी रफ़्तार बढ़ाई तो नीना कामुक आवाज में कराहने लगी। उसकी कामुक कराहट मेरी उत्तेजना को और भड़का रही थी। नीना भी धीरे धीरे मेरा साथ देने लगी। मैं उसे चोदता रहा और उतनी ही फुर्ती से नीना भी मेरे धक्के के मुकाबले मुझे ऊपर धक्के मारती रही।
उस रात मेरी बीबी मेरे साथ तीन बार झड़ गयी। दिन में अनिल के साथ वह कितनी बार झड़ गयी थी वह पता नहीं।
आप सब मुझे प्लीज इस ईमेल पर अपनी टिपण्णी जरूर भेजें और पढ़ते रहिएगा.. क्योकि ये कहानी अभी जारी रहेगी.. और मेरी मेल आई डी है “[email protected]”.

शेयर
mummy ko bus me chodahindi sex story grouphindi sex story salichoti love storykamakathaikal story tamilwww bengalisexstoryboys sex in indiatamil bus sex storiesஅம்மா சூத்துrailway auntygirls tamil sex storymaacinema netkahin to hoga episode 16sex hindi story imagesecy story in hinditelugu bf storiesdhoke se chodasexy setorebhai bahan sexy kahaniromantic kahaniyagay chudai storytamil sex stories collectiondelhisexchat.comsex with bengalihot story malayalamchude ki kahaniwww kamukta story comdidi sexyboudir gudsex story read in hindigand fadihot indian nudeodia bhai bhauni sexbest friend ko chodakamakkadhaigaldidi ki gand maritelugu auntys sex storiesphone sex talktamil inba kamakathaikalsex stories of sasurrecent chudai kahanibhabhi ki gandi kahanidesi hot freehindi chudaai kahanivery hot sex stories in tamilnew kamakathai tamilsex officesex kahani hindioffice sex in indiafamily gangbang storieslesbian sex experiencetamil wife kamakathai in tamil languagechudai story mombhabhi ki chudai hindi sex storyholi history in hindisex tamil storykaise banilatest desi porn clipsgirlfriend ki gand marimaja mallika latest storiesbhuto ki sachi kahaniलेस्बियन सेक्स स्टोरीnew kannada sex stories 2016desi bees hindi sex storykamakathakikaltamil 2018 tamil languageall hindi sexy storymaa or bete ki kahaniincest chudai ki kahanihot girl lesbianvidhva ki chudaidesi mm story