राहुल ने मेरी गांड मार दी थी और मैंने आखिरी बाधा पार कर ली थी। मैं जल्दी से अपने कपड़े उठाये बिना उसकी तरफ मुड़े बाथरूम को भागी। मैंने अपनी दूसरी परीक्षा पास कर ली थी। मैं इसी में खुश थी कि मैंने राहुल को अपने मम्मे और आगे से पूरी चूत नहीं दिखाई थी। हालांकि उसने कुछ पलो के लिए मेरी चूत में अपना लंड डाल दिया था पर उसे मैंने अपनी चूत पूरी नहीं चोदने दी।
मैंने अपनी साफ़ सफाई कर कपड़े पहन लिए और बाहर निकल बैडरूम में आयी। वो वहां नहीं था। मैं हॉल में आयी तो वो वहां के बाथरूम से बाहर आया। वो अंदर बेडरूम में गया और आते वक़्त मेरे पहले वाले कपड़े ले आया जो दो दिन पहले मैंने यहाँ छोड़ दिए थे।
राहुल: “तुम्हे ऑफिस के लिए ये कपड़े पहनने थे ना, ये लो . इसमें तुम्हारी ब्रा और पैंटी भी हैं”
मैंने वो कपड़े उससे लिए। उसकी इतनी बेबाक बात पर मुझे शर्म आ गयी, उसने भले ही मुझे चोदा था पर इतना अधिकार तो नहीं था कि इस तरह बात मुँह पर करें। मैं उससे कपड़े लगभग छीनते हुए बैडरूम में भागी।
मैंने अपनी ड्रेस उतारी और ब्रा और पैंटी में आ गयी। वो अंदर के कपडे काले रंग के थे, मेरी कुर्ते वाली सफ़ेद ड्रेस से मैच नहीं होते। इसलिए मुझे उन्हें भी उतारना पड़ा, ताकि दूसरा वाला पूरा सेट पहन सकू। मगर तभी राहुल धड़धड़ाते हुए अंदर आ गया। मैंने दीवार की तरफ मुँह कर लिया।
राहुल: “सॉरी, मैं अपनी बेल्ट भूल गया था। मुझे आदत नहीं कि मेरे कमरे में लड़किया कपड़े भी बदलती हैं। ”
मैं: “अब तो पता चल गया अब क्यों घूर रहे हो, बाहर जाओ।”
राहुल: “तुम्हे नहीं, तुम्हारी पीठ पर तिल देख रहा था, बहुत खूबसूरत लग रहा हैं। ”
मैंने अपने बाल पीठ पर कर दिए
राहुल: “तुम्हारे बाल इतने भी लंबे नहीं कि कमर के नीचे के दूसरे तिल को छुपा सके। ”
मेरे पति ने बताया था कि मेरी गांड की दरार जहा शुरू होती हैं वहा थोड़ा ऊपर एक तिल हैं। मैंने एक हाथ से अपने उस तिल को छुपा लिया।
मेरे पहनने के कपड़े मेरे पीछे की तरफ थे, जहा वो खडा था तो कपड़े पहन भी नहीं सकती थी।
उसने मेरी गांड की दरार में ऊँगली रख दी।
राहुल: “तिल यहाँ हैं ”
मैंने उसका हाथ हटाने की कोशिश की, और वो अपनी ऊँगली नीचे खिसकाते हुए मेरी गांड की दरार के साथ चलाता रहा और मैं अपना हाथ उसके हाथ के पीछे पीछे ले जा रोकने की। उसकी ऊँगली अब मेरी चूत के दरार पर थी और हलकी सी अंदर थोड़ी घुसा दी। मैं आगे बढ़ी पर दीवार से चिपक गयी। उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में थोड़ी और उतारी और मेरी सिसकियाँ निकलने लगी।
मैं: “मुझे वहां दर्द हो रहा हैं, प्लीज बाहर निकालो ऊँगली ”
राहुल : “तो फिर कब करने दोगी, कल?”
मैं: “पता नहीं ”
उसने अपनी ऊँगली अंदर ही हिलाते हुए घुमा दी और मेरी एक और आह निकली।
राहुल: “फिर कब?”
मैं: “कल”
उसने एक बार फिर अपनी ऊँगली हिला दी और मेरी एक और आह निकली।
राहुल: “पक्का कल !”
मैं: “हां पक्का”
राहुल: “कपड़े सारे खोलने दोगी ?”
मैं: “खोल लेना”
राहुल: “मुँह लगाने दोगी अपनी चूत में”
मैं: “नहीं”
उसने ऊँगली और अंदर घुसा दी।
मैं: “ऊह ऊह, लगा देना मुंह भी ”
राहुल ने अपनी ऊँगली मेरी चूत से निकाल दी और मैंने राहत ली। वो थोड़ी देर और रखता तो शायद मैं झड़ जाती। मेरी पीठ अभी भी उसकी तरफ थी और वो मेरे एकदम पीछे खड़ा था।
राहुल: “ऑफिस में करने दोगी?”
मैं: “तुम्हारी मांगे कुछ ज्यादा नहीं बढ़ गयी।”
उसने मेरी नंगी पीठ पर पड़े मेरे लंबे खुले बाल हटाए हुए और अपने होंठ से चूमने लगा। अपना हाथ मेरी गांड पर मलने लगा। फिर अपनी ऊँगली मेरी गांड पर फिराते हुए एक बार फिर मेरी चूत में घुसा दी। इस बार मैंने नहीं रोका, मैं चाहती थी वो मेरा अधूरा काम ऊँगली से ही पूरा कर ले।
राहुल: “क्या कहा? ऑफिस में करने दोगी ”
मैं: “नहीं”
उसने अपनी ऊँगली मेरी चूत में हिलानी शुरू कर दी और मेरी मजे में आहें निकलने शुरू हो गयी। मैं चाहती थी कि वो अब मेरा पूरा करे।
राहुल: “ऑफिस में करने दोगी ?”
मैं: “नहीं…आह्ह आह”
राहुल: “अब बोलो ”
मैं: “नहीं…आह्ह आह”
मैं उसे ना बोलती रही और वो और भी अंदर ऊँगली घुसा अंदर घूमाता रहा। मेरा अब पानी बनने लगा था और मैं लगातार नशीली आहें भर रही थी।
राहुल : “मेरे केबिन में करेंगे ?”
मैं: “आह्ह हां करेंगे आह्ह ”
राहुल : “ऑफिस के वाशरूम में करेंगे ?”
मैं: “आईई हां करेंगे आअह ”
राहुल : “मेरी कार में करेंगे ?”
मैं: ” हां हां उहुहु हां करेंगे ”
राहुल: “अपने पति के सामने करवाओगी ?”
मैं: ” हां , आह , नहीं करवाउंगी , अकेले में सिर्फ उह उह ”
वो ऊँगली और भी जोर जोर से अंदर बाहर कर चोदने लगा और मैंने अपने पाँव चौड़े कर लिए थे।
राहुल: “पति के सामने करवाओगी ?”
में: “आह्ह…नहीं, आह्ह…नहीं आह आह आह उम्म आहआह ”
राहुल: “बोलो करवाओगी ?”
मैं: “नहीं करवाउंगी…आह आह आह, नहीं..ऊहूहु…हां…आईई हां करवाऊंगी, करवाउंगी पति के सामने करवाऊंगी …आह्ह आह्ह आह्ह उउउउऊ हा”
और मैं खड़े खड़े ही उसकी ऊँगली से झड़ गयी। मेरे पैर थर थर कांप रहे थे। मैं दीवार की तरफ मुँह कर दीवार से चिपके हुए खड़ी रही जब तक कि राहुल वहां से बाहर नहीं चला गया। उसके जाते ही मैंने जल्दी से कपड़े पहन लिए ।
अब मैं सोच रही थी कि पिछले कुछ मिनटों में मैंने क्या किया। मैंने अपनी कमजोरी को राहुल के सामने पूरा खोल दिया और उसके इशारो पर नाचती रही। फिर सोचा वो चाहता तो उस वक़्त मेरी चूत को अपने लंड से भी चोद सकता था या मुझे आगे से पूरा नंगा देख सकता था जो मैं अब तक छुपाती आ रही थी। पर इतना होने के बाद मैं उसका सामना कैसे करुँगी।
मैं अब नजरे झुकाये बाहर आयी। राहुल अपना सूट पहन तैयार था। हम दोनों बाहर आकर कार में बैठे। हम दोनों चुपचाप बैठे थे।
राहुल: “तुम्हे अपने आप को रोकना नहीं चाहिए, तुम्हारी बहुत सी दबी हुई इच्छाएं हैं, उनको बाहर आने दो, रोको मत। खुल कर जियो।”
मैं चुप चाप नजरे झुकाये सब सुनती रही।
राहुल: “कुछ तो बोलो ”
मैं कुछ नहीं बोल पायी। चुप ही रही।
राहुल: “तो फिर कल मेरे केबिन से शुरू करे”
मेरे मुँह पर तो जैसे शर्म का ताला लग चूका था, मैंने सिर्फ ना में गरदन हिला दी।
राहुल: “हां बोल कर अब पीछे मत हटो। इतनी जगहों के लिए हां बोला था…अच्छा बताओ उन सब में से कौन सी जगह के लिए तैयार हो।
मैं सर झुकाये शर्म से सिर्फ गरदन हिलाते हुए ना कर रही थी।
राहुल: “अरे शर्माओ मत, बोल भी दो, अब कैसी शर्म”
मैं: “इसी कारण से मैंने उस दिन तुम्हारी जगह जोसफ को चुना था। एक बार कुछ हो गया तो हमेशा मुझे ऐसी बातें सुनने को मिलेगी।”
राहुल: “अच्छा सॉरी, मैं बार बार नहीं बोलूंगा, बस एक बार बता दो, कहा करेंगे?”
मैं: “जो होना था हो चूका, अब कुछ नहीं होगा”
राहुल: ” अच्छा ठीक हैं, अब मैं नहीं बोलूंगा। वैसे डील मिलने वाली हैं तो हम सेलिब्रेट करते हैं।”
मैं: “तुम फिर से वैसी ही बातें कर रहे हो। ”
राहुल: “मैं असली पार्टी की बात का रहा था। फार्म हाउस पर पार्टी रखते हैं ।”
मैं: “ऊप्स सॉरी, इस बार मैं पति को भी लाऊंगी. पार्टी में।”
राहुल: “ओह, तो पति के सामने करवाने का ऑप्शन चुना हैं तो तुमने। ठीक हैं। ”
मैं: “हे? मैं पार्टी की बात कर रही हूँ। वैसे भी पति के सामने करवाने से बेहतर बंद कमरे में करवा लू।”
राहुल: “मैं तो पहले ही बोल रहा था, मेरे केबिन में कर लेते हैं। तो कल का पक्का रखे प्रोग्राम फिर। ”
मैं: “अब इस बारे में कोई भी बात की तो मैं कार से उतर जाऊंगी”
राहुल “इस पार्टी में वैसे भी सिर्फ स्टाफ होगा उसकी फॅमिली नहीं। फॅमिली के लिए तो सालाना पार्टी होती ही है।”
उसके बाद राहुल पुरे रास्ते चुप ही रहा। पर कार ऑफिस पहुंचते ही उसने मुझे फिर छेड़ ही दिया।
राहुल: “अभी मैं बार बार याद नहीं दिलवाऊंगा, कल मेरे केबिन में हमारा प्रोग्राम हैं।”
मैं सर हिलाते हुए ऑफिस में आ गयी। ये तो मुझे अब ऐसे ही परेशान करता रहेगा। वैसे ये वाला राहुल पहले के खड़ूस राहुल बॉस से बेहतर था।
दोपहर बाद सैंड्रा और जोसफ हमारे ऑफिस में आये। मैंने और राहुल ने उनको रिसीव किया और सीधा राहुल के केबिन में आये। सभी लोगो को अपेक्षा थी कि आज हमें डील मिल ही जाएगी। हम चारो राहुल के केबिन में पहुंचे और बैठ गए।
सैंड्रा: “राहुल मैंने बोला वो काम हुआ कि नहीं।”
राहुल: “हो गया हैं, प्रतिमा जरा वीडियो दिखाओ।”
मैं अपने मोबाइल पर पहले ही वीडियो ओपन कर तैयार बैठी थी। मैंने अपना मोबाइल सैंड्रा की तरफ बढ़ाया।
सैंड्रा: “सबूत की जरुरत नहीं, राहुल का चेहरा ही बता रहा हैं कि काम हो गया।”
राहुल: “ठीक हैं प्रतिमा तुम जाओ। कुछ काम होगा तो बुला लूंगा। ”
मैं अब बाहर अपने क्यूबिकल में आ गयी। फ़ालतू में इतनी मेहनत कर अपनी इज्जत गवाई, राहुल अपना ये वाला सतुष्ट चेहरा दिखा देता तो मुझे कुछ करना ही नहीं पड़ता। मैंने फिर भी वो वीडियो डिलीट नहीं किया, पता नहीं कब मांग ले । डील साइन होंने तक तो रखना ही था।
करीब पंद्रह मिनट के बाद वो तीनो बाहर आये। राहुल ने तीन बार ताली बजा कर सबका ध्यान आकर्षित किया और अपने पास बुलाया कुछ घोषणा करनी थी। सबको आभास हो गया क्या घोषणा हैं। मैं भी खड़ी हुई। मेरी जगह तो केबिन के एकदम बाहर ही थी। मैंने देखा जोसफ का
विशाल शरीर मेरे सामने था और मैं उसके आगे खड़े राहुल को बड़ी मुश्किल से देख पा रही थी।
जोसफ के दोनों हाथ उसकी पीठ की तरफ थे और मोबाइल खुला था। मैंने ध्यान दिया उसमे लिखा था “मेरे पास तुम्हारे लिए एक वीडियो हैं। अपना मोबाइल नंबर मुझे नीचे लिखे नंबर भेजो , मैं तुम्हे वो वीडियो भेजूंगा।”
जोसफ दूसरे लोगो से छुपा कर मुझे कोई मेसेज दे रहा था। वो कौनसे वीडियो की बात कर रहा था। तब तक सारा स्टाफ राहुल के सामने जमा हो गया था और राहुल सब स्टाफ का शुक्रिया कर रहा था।
मुझे जोसफ का मेसेज देख लगा उसके पास जरूर मेरे और उसके बीच गेस्ट हाउस में हुई चुदाई का वीडियो हैं और वो मुझे ब्लैकमेल करना चाहता हैं। कल तो बड़ा दिलदार बन कर दया दिखा रहा था और आज ब्लैकमेल पर उतर आया। मैंने जल्दी से अपने मोबाइल से उसके मोबाइल स्क्रीन का फोटो ले लिया ताकि उसका नंबर तो नोट कर लू, बाकि क्या करना हैं, बाद में देखा जायेगा।
राहुल ने घोषणा कर दी कि हमे डील मिल चुकी हैं और सारा ऑफिस तालियों की गड़गड़ाहट से भर गया। किसी को भी नहीं पता कि उसके लिए मैं दो बार अपनी इज्जत दे चुकी हु और एक राक्षस उसी दौरान मेरा फिर से भंजन करने को उतारू था।
बाकी सब उपस्थित लोग बहुत खुश थे सिर्फ मैं चिंता में थी। राहुल ने इस इस डील मिलने की ख़ुशी में अगले दिन शुक्रवार को शाम को अपने फार्म हाउस में पार्टी की घोषणा की । सैंड्रा व जोसफ विदा ले जाने लगे, जाते जाते जोसफ मुझे आँखों से इशारे कर गया।
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