Biwi Ho To Aisi


Biwi Ho To Aisi
मेरा नाम संगीता जैन है. मैं तेईस वर्षीया खूबसूरत और मांसल बदन की लड़की हूँ. मैं आधुनिक विचारों की हूँ और फैशनेबल तरीके से रहना मुझे अच्छा लगता है।
हम लोग चण्डीगढ़ शहर में अभी नए आए हैं. मेरे पति ॠषभ जैन एक दवा कंपनी में मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव हैं और महीने में पंद्रह – बीस दिन बाहर के दौरे पर रहते हैं
मेरे पति ॠषभ काफी खुले विचारों के इन्सान हैं. वे न केवल मेरे लिये सेक्सी और रोमांटिक किताबें खरीद कर लाते हैं बल्कि ब्ल्यू फिल्में भी मुझे दिखाते हैं.
चुदाई के खेल में नये नये तरीके अपनाने के लिये उकसाते हैं , उनके कहने पर मैंने कई बार चुदाई के मामले में काफी मौज मस्ती की है , वे मेरी इस आदत का कभी बुरा नहीं मानते बल्कि खुश होते हैं ।
हमने इस शहर में जो घर लिया है, इसके दो हिस्से हैं , जिसमें से एक में हम लोग रहते हैं और दूसरे हिस्से में एक अन्य नव दम्पति रहते हैं.
उन दोनों के नाम नवीन और शीनू है , नवीन किसी ऑफिस में काम करते हैं , वे सुबह दस बजे घर से निकलते हैं और शाम को पाँच साढ़े पांच बजे के बीच वापस आते हैं , हाँ कभी कभी उन्हें भी दौरे पर बाहर भी जाना पड़ता है ।
शीनू काफी सीधी-सादी युवती है. उसके साथ कुछ ही दिनों में मेरी अच्छी दोस्ती हो गई , हम लोग आपस में हर तरह की बातें कर लेती हैं.
शीनू वैसे तो काफी संकोची स्वभाव की है लेकिन लड़कियाँ एक दूसरे को घर-बाहर की हर बात बता देती हैं , यही हाल शीनू का है. वह मुझे अपने परिवार की सारी बातें बता देती है , यहाँ तक कि हम दोनों अपनी सेक्स लाइफ के बारे में भी खुल कर बातें कर लेती हैं ।एक दिन शीनू ने मुझे बताया कि उसके पति नवीन को व्हिस्की पीने का शौक है और नशे में होने के बाद वे उसे काफी रात तक परेशान करते रहते हैं । यह बात सुन कर मुझे उत्सुकता हुई , मैं उसे कुरेदने लगी कि वह इस बारे में और खुल कर बताए ।
काफी कहने के बाद आखिरकार शीनू बताने को तैयार हुई.
वह बोली- ये चाहते हैं कि हम लोग कमरे की लाईट जला कर पूरे नंगे होकर चुदाई करें , इतना ही नहीं , वे मुझे भी शराब पीने की भी जिद करते हैं , ताकि मैं भी उनकी तरह बेशर्म हो जाऊँ. कई बार ये मुझसे अपना लौड़ा चूसने को भी कहते हैं , लेकिन लौड़ा चूसना मुझे बिल्कुल अच्छा नहीं लगता , लौड़ा चूसने में मुझे कई बार उबकाई आ जाती है ।
शीनू ने बातों बातों में यह भी बताया कि नवीन का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है, चुदाई के दौरान वे काफी देर से झड़ते हैं , जितनी देर में वे एक बार झड़ते हैं , उतनी देर में शीनू दो बार झड़ जाती है ।
मेरे पति ॠषभ की आदत उलटी है ! शीनू की देखादेखी मैं भी बताने लगी.
उन्हें अपना लौड़ा पिलाने में उतना मजा नहीं आता जितना की मेरी चूत चूसने में आता है , मुझे चित लिटा कर जब वे मेरी चूत पर जीभ फ़ेरते हैं और मेरी फांकों को अपने होंठों में दबा कर चूसते हैं तो मेरा पूरा बदन गर्म हो जाता है.
यदि मर्द चूत को मुँह में रख कर औरत के साथ मुख मैथुन करे तो वाकई उसे बहूत मजा आता है ।
शीनू बोली : संगीता तू कितनी खुश किस्मत है कि तेरा पति तेरी चूत को मुँह से चाटता और प्यार करता है , काश मेरे पति भी ऐसे होते , लेकिन उनकी निगाह में तो बीवी की चूत की सिर्फ इतनी ही अहमियत है कि उसे अपने डण्डे जैसे लौड़े से बुरी तरह ठोका पीटा जाये !
तू इतना निराश क्यों हो रही है शीनू ?मैंने शीनू के गले में अपनी बाँहें डाल कर उसे अपने से चिपटाते हुए कहा – तेरी चूत चटवाने की ज्यादा इच्छा हो तो किसी दिन अपने ॠषभ से तेरी यह इच्छा पूरी करवा दूँ , बोल ?
मेरी बात पर शीनू हंस कर रह गई ।
लेकिन मैंने जब से उसके मुँह से यह सुना था कि उसके पति का लौड़ा काफी मोटा और लम्बा है और वह काफी देर से झड़ता है , तब से मेरे मन में बार बार यह विचार पैदा हो रहा था कि काश एक बार किसी तरह मुझे नवीन का लौड़ा देखने को मिल जाये ।संयोग से कुछ दिन बाद ही मेरी यह इच्छा पूरी हो गई. शीनू ने एक दिन मुझे बताया कि उसकी शादी कि सालगिरह है और नवीन एक स्कॉच की बोतल लेकर आया है , वह रात में लाईट जला कर चुदाई भी करना चाहता है ।
यह सुन कर मैंने शीनू को समझाया कि एक अच्छी बीवी की तरह आज की रात उसे यह सब करना चाहिये , जो कि उसका पति चाहता है ।
मेरी बात शीनू की समझ में आ गई.
वह बोली : तू ठीक कह रही है संगीता , पति को जिस चीज में ख़ुशी मिले औरत को वही काम करना चाहिये.
मैंने सोच लिया है कि आज मैं स्कॉच भी पीऊँगी और इनके साथ खुल कर चुदाई भी करुँगी , आज मैं इनको पूरी तरह खुश कर देना चाहती हूँ ।
शीनू की बात सुन कर मेरा दिमाग दौड़ने लगा. मैंने सोचा कि आज नवीन और शीनू अपने कमरे में लाईट जला कर चुदाई करेंगे , तो आज नवीन का लौड़ा देखने का काफी अच्छा मौका है ।
यह इच्छा काफी दिन से मेरे मन में अंगडाई ले रही थी , लेकिन उसके पूरा होने का वक्त आज आया था ।
शाम को शीनू और नवीन घूमने चले गए , बाहर से पिक्चर और खाना खाने के बाद लगभग दस बजे वे लोग वापस आए. मैं उनके इन्तजार में अभी तक जाग रही थी।
शीनू और मेरे बैडरूम के बीच में सिर्फ एक खिड़की थी , जो बंद रहती थी लेकिन दूसरी तरफ लाईट जलती हो तो खिड़की की दरार से दूसरी और दिख जाता था.
मैंने सोच लिया था कि मैं इसी दरार का फायदा उठाऊँगी ।
करीब साढ़े दस बजे मैंने अपने कमरे की बत्ती बुझा दी और खिड़की के पास जम गई । जैसे ही मैंने दरार से झाँका तो पता चला कि शीनू और नवीन के प्यार का खेल शुरू हो चुका है ।
शीनू ने पूरा मेकअप कर रखा था और वह काफी सुन्दर लग रही थी. इस समय वह अपनी साड़ी और ब्लाउज उतार चुकी थी और केवल लाल रंग का पेटीकोट और काले रंग की डिजाइनर ब्रा उसके बदन पर शेष थी ।
उधर नवीन के जिस्म पर केवल अंडरवीयर था. उसका विशाल सीना और जाँघों के जोड़ पर उसका उठा हुआ अंडरवीयर साफ़ चमक रहा था ।
नवीन ने पहले शीनू को अपनी गोद में बिठाया और उसके होंठों को चूसने लगा , जवाब में शीनू भी उसे चूमने लगी । कुछ देर बाद वे पूरी तरह नंगे हो कर चुदाई में लग गये ।
मैं हैरानी से नवीन के बदन की मजबूती देखती रह गई । शीनू का कहना बिल्कुल सच था कि उसका पति देर से झड़ता है , उसके जबरदस्त धक्कों से शीनू तो थोडी देर में ही झड़ गई थी , लेकिन नवीन फिर भी उसकी चूत में लौड़ा डाले पड़ा रहा और अपनी बीवी की चूचियों को मसलता रहा और उसके होंठों को चूसता रहा ।
कुछ ही देर में शीनू दोबारा गर्म हो गई और अपने पति के धक्कों का जवाब धक्कों से देने लगी. नवीन जोर जोर से लौड़ा उसकी चूत में अन्दर बाहर करता रहा ।
करीब बीस मिनट की रगड़ाई के बाद दोनों बारी बारी से झड़ गये ।अब शीनू के साथ साथ नवीन भी पूरा संतुष्ट नजर आ रहा था ।
नवीन का दमदार लौड़ा देख कर मेरा मन लालच में पड़ गया , दूसरे मर्दों के प्रति मेरे विचार काफी खुले हुए थे , क्योंकि मेरे पति ॠषभ जैन ने शादी के तुरन्त बाद से ही मुझे अपने दोस्तों से मिलवाना शुरु कर दिया था । वे लोग ना केवल मेरे साथ हंसी मजाक करते थे बल्कि कई बार तो मेरे बदन से भी छेड़छाड़ कर लेते थे.
यह सब चोरी छिपे नहीं होता था बल्कि खुले आम होता था और मेरे पति भी उस वक्त मौजूद रहते थे ।
मेरे पति की तरह उनके सारे दोस्त भी काफी खुले दिमाग थे, ॠषभ उन लोगों की बीवियों के बदन पर खुलम – खुल्ला हाथ डाल देते थे , पर वे लोग बुरा नहीं मानते थे ।
चूँकि मैं अपने पति ॠषभ का स्वभाव जानती थी , इसलिए नवीन के लौड़ा को देखने के बाद मैंने मन में ठान लिया था कि मैं ॠषभ को सब कुछ बता कर नवीन से चुदवाऊँगी ।
मैंने यह भी सोच लिया था कि मैं किसी ना किसी बहाने शीनू को ॠषभ से चुदवाने के लिए राजी कर लूँगी , ताकि ॠषभ को यह सारा खेल एक तरफा ना लगे ।अपनी योजना पर चलते हुए मैंने शीनू के साथ सेक्सी मैगजीनों का आदान – प्रदान शुरू कर दिया । बीच बीच में मैं उसे बताती रहती कि मेरे पति ॠषभ उसे बहुत पसन्द करते हैं और मुझसे कहते रहते हैं कि शीनू कितनी सेक्सी औरत है ।
यह सब सुन कर शीनू काफी खुश हो जाती थी , कई बार वह मजाक में कह ती- संगीता , अगर मैं तेरे पति ॠषभ को फांस लूँ तो तू क्या करेगी ?
करना क्या है , मेरी जान ?मैं भी हंस कर बोल देती – तू ॠषभ को फंसाएगी तो मैं तेरे पति नवीन को फंसा लूँगी , कितना मोटा और सख्त लौड़ा है नवीन का, कितना मजा आयेगा जब तेरे पति मुझे अपनी जाँघों के बीच दबायेंगे और मेरे पति तेरी चुसवाने को बैचैन चूत को जम कर चूसने के बाद जम कर चोदेंगे ।
समझ ले , उसके बाद तो हम लोगों की दोस्ती और भी पक्की हो जायेगी ।
इतना कह कर मैं और शीनू एक दूसरे से लिपट जाती ।
इसी बीच मेरे पति घर आये , मैंने उन्हें भी बताया की शीनू उन्हें बहुत पसंद करती है और जब भी मैं उसे बताती हूँ कि चुदाई के समय आप किस तरह से मेरी चूत को चूसते हैं तो वह बुरी तरह उत्तेजित हो जाती है ।
ये बातें सुन कर ॠषभ बहुत खुश हुए और कहने लगे : डार्लिंग , शीनू है तो काफी खूबसूरत , किसी रोज उसे पटा कर बैडरूम में ले आओ तो उसे अपने लौड़ा का मजा चखा दूँ !
शीनू तो कब से बैचैन है डार्लिंग ! मैंने अपने पति से झूठमूठ कहा.
वह कई बार कह चुकी है कि किसी रोज अपने हसबेंड से मेरा क्रॉस करवा दो , लेकिन मैंने हामी नहीं भरी , आखिर तुमसे पूछना भी तो जरूरी था ।
कमाल करती हो डार्लिंग ! ॠषभ बोले. ऐसे कामों के लिये भी पूछने की जरूरत होती है क्या ? अरे यार , शीनू जैसी मांसल और गठीली औरत को चोदने के लिये तो मैं आधी रात को घने जंगल तक में जा सकता हूँ ।
तो फिर ठीक है , मैं आज ही शीनू को हरा सिगनल दे देती हूँ ! मैंने कहा.
लेकिन डीयर , मेरी भी एक शर्त है.
अगर तुम शीनू के साथ धक्कम धक्का करोगे तो मैं भी उसके हसबेंड नवीन के साथ चुदाई का मजा लूँगी , तुम्हें इसमें कोई आपत्ति तो नहीं ?
कमाल करती हो संगीता, यह भी कोई आपत्ति करने लायक बात है ?
अरे यार , हम पढ़े लिखे और मॉडर्न लोग हैं. हमें अपना जीवन पूरी आज़ादी के साथ गुजारने का हक़ है. मेरी तरफ से तुम्हें पूरी आज़ादी है कि तुम नवीन के साथ जम कर चुदाई का मजा लूटो , चार दिन की यह जवानी है , हमें इसका भरपूर मजा लेना चाहिये। ॠषभ बोले ।
फ़िर तो मैं नवीन को फंसाने को पूरी तरह तैयार हो गई.नवीन दो तीन दिन बाद ही दौरे पर चले गये , संयोग से इसी बीच शीनू की माँ की बिमारी का फोन आ गया , उसे फौरन अपने मायके जाना पड़ा , जाते जाते वह अपने पति के खाने पीने की जिम्मेदारी मेरे ऊपर डाल गई जिसे मैंने ख़ुशी ख़ुशी मान ली ।
अगले दिन मैंने अपनी कामवाली को पूरे दिन कि छुट्टी दे दी. वह रविवार का दिन था , नहा धोकर मैंने जींस और स्लीवलेस शर्ट पहनी और होंठों पर कॉफी कलर की लिपिस्टिक लगा ली ।
दोपहर में नवीन को मैंने अपने घर पर बुला कर खाना खिलाया. खाना खाते समय वह बार बार कनखियों से मुझे देख रहा था , मैं समझ गई मेरी खूबसूरती उसे घायल कर दे रही है ।
जब वह खाना खाकर जाने लगा तो मैं उससे लिपट गई और बोली : मेरा जी बहुत घबरा रहा है नवीन , प्लीज , इस वक्त मुझे छोड़ कर मत जाओ ।
उससे लिपटते वक्त मैंने इस बात का खास ध्यान रखा था कि ब्रा में तनी हुई मेरी गोल गोल चूचियाँ नवीन के सीने से अच्छी तरह सट जायें ।
मेरी बात मान कर नवीन वहीं बैठ गया. उसने इस समय केवल बनियान और लुंगी पहन रखी थी । मेरा मन हो रहा था कि उसके ये दोनों कपड़े हटा कर उसके लौड़े को बाहर निकाल लूँ और उसे जी भर कर प्यार करूँ । नवीन मुझे एकटक देख रहा था , मैंने उसकी ओर मादक निगाहों से देख कर अपनी आँख मार दी ।
अब तो नवीन को जोश आ गया , शायद उसे मेरे मनोभावों का अंदाज हो गया थ.
उसने अपनी बनियान उतार दी और मेरे पास आकर बैठ गया. मैं अपनी हथेली उसके सीने पर फिराने लगी , फ़िर अचानक मैंने उसे चूम लिया।
फिर तो नवीन पूरा मर्द बन गया , उसने मेरी शर्ट जींस ब्रा और पेंटी तक उतार डाली और अपनी लुंगी भी खोल फेंकी ।
मैंने जैसे ही उसकी दोनों जाँघों के बीच लटकते उसके लण्ड को देखा तो अपने नंगेपन का ख्याल छोड़ कर मैं उस पर झपट पड़ी और अपने हाथों से उसे दबोच लिया , फिर उसे अपने होंठों से चूमती चाटती हुई मैं चटखारे लेने लगी ।
फ़िर हम दोनों जोरदार धक्का मुक्की में लग गए. कुछ ही देर में मेरी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन नवीन अभी भी पूरी तरह मजबूती से मैदान में डटा हुआ था.
वह मेरा पानी छुट जाने के बाद भी मेरी चूचियों को प्यार से सहलाता रहा और मेरी जाँघों और मेरी चूत को हौले हौले मसलता रहा ।
कुछ देर में मेरे बदन में दोबारा आग लग गई. मैं भी नवीन के लण्ड से खेलने लगी।
फिर तो नवीन ने मुझे दोबारा चित कर दिया और मेरी चूत में अपना लौड़ा डाल दिया ।
मैं उछल उछल कर उसका उत्साह बढ़ाने लगी और वह कमर हिला हिला कर मेरी चूत पर जोरदार धक्के मारने लगा. मैंने अपने आप को रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन नवीन के लौड़ा ने मेरी कसी हुई चूत में ऐसी खलबली मचा दी थी की थोडी ही देर में मैं दोबारा झड़ गई.
इस बार नवीन ने मेरा पानी छूटने के बाद भी मुझे छोड़ा नहीं और मेरी चूत पर जोर जोर से धक्के मारता चला गया । शायद वह भी झड़ने के करीब आ चुका था.
कई जोरदार धक्के मारने के बाद वह अपने आठ इंच के लौड़ा को जड़ तक मेरी चूत में घुसा कर मेरे ऊपर औंधा पड़ गया.
उसके बदन में काफी जोर की सिहरन हुई और उसके साथ ही उसके लौड़े ने मेरी चूत में गर्मागर्म लावा उगल दिया ।
मैंने खुशी में उसको अपनी मांसल बाँहों में बाँध लिया और उसके चेहरे पर चुम्बनों की बौछार कर दी ।अब मेरा मकसद तो पुरा हुआ , लेकिन मुझे अब अपने पति से किया वायदा पूरा करना था ।
इसलिए कुछ दिन के बाद जब नवीन घर में नहीं था , मैंने उसकी बीबी शीनू को अपने घर बुला कर ॠषभ के हवाले कर दिया , हालांकि काफी दिनों से शीनू का मन ॠषभ के साथ चुदाई का आनन्द लेने का था क्योंकि मैंने उसे बता रक्खा था कि ॠषभ को औरत की चूत चूसने और चाटने का महारत हासिल है ।
लेकिन कुछ तो वह शर्माती थी और कुछ वह अपने पति से डरती थी , इसलिए मैंने नवीन के बाहर ज़ाने पर ही रंगारंग कार्यक्रम का प्रोग्राम रखा था और शीनू की शर्म दूर करने के लिये मैंने उससे वायदा किया था कि जिस वक्त ॠषभ उसके साथ चुदाई करेगा , मैं उसके करीब मौजूद रहूँगी ।
आपने कभी किसी औरत के बारे में नहीं पढ़ा या सुना होगा कि कोई औरत खुद किसी पराई औरत को अपने पति के बिस्तर पर ले जाकर उन दोनों का यौन सम्बन्ध कराया हो ?
लेकिन मैंने खुद इस काम को अंजाम दिया , अपनी पड़ोसन शीनू को ॠषभ के बिस्तर पर ले जाकर मैंने खुद अपने हाथों से बारी बारी उन दोनों के कपड़े खोले , फिर मैं अपने कपड़े भी उतारने लगी ।
चूँकि मैंने ॠषभ को बता रखा था कि शीनू को अपनी चूत चुसवाने का काफी शौक है , लेकिन उसका पति नवीन उसकी चूत चाट कर उसे वह सुख नहीं देता.
अतः शीनू के नंगे होते ही ॠषभ उसकी कमर की ओर चेहरा करके लेट गया और दोनों हाथ उसके चूतड़ों पर जमा कर उसकी चूत चूसने लगा. फिर उसने अपनी जुबान बाहर निकाली और शीनू की मलाई जैसी त्वचा पर फिराने लगा ।
चूत पर ॠषभ की जुबान लगते ही शीनू बेचैन हो गई. वह दोनों हाथों से ॠषभ के सिर और चेहरे को सहलाने लगी और गांड उचका कर अपनी चूत उसके होंठ पर छुआने लगी । इससे ॠषभ का जोश बढ़ता चला गया , उसने शीनू की चूत की सुडौल मोटी मोटी फांकों को अपने मुँह में भर लिया और उन्हें चोकलेट की तरह चबाने लगा ।
शीनू का चेहरा उत्तेजना से लाल हो गया , वह अपने पूरे बदन को बुरी तरह तोड़ने मरोड़ने लगी ।
मैं औरत होने के नाते उसकी बैचैनी को समझ सकती थी , इस वक्त तक मैंने खुद को भी पूरी तरह नंगा कर लिया था , उसी हालत में मैं शीनू के पास जाकर घुटनों के बल बैठ गई और उसकी चूचियों को हाथ से धीमे धीमे सहलाने लगी ।
शीनू की चूचियाँ उत्तेजना के कारण पूरी तरह तन गई थी और उसके दोनों निप्पल भी सख्त हो गये थे , मैं झुक कर उसकी चूचियों पर जुबान फिराने लगी , फिर उसके एक निप्पल कों दांतों के बीच रख कर काटने लगी ।
हाय संगीता , कितनी अच्छी है तू ! शीनू ने सिसिया कर मुझे अपनी बांहों में भर लिया – तेरे जैसी प्यारी सहेली मुझे पहले क्यों नहीं मिली ?
तभी ॠषभ का हाथ मेरे कूल्हों पर आ गया और गांड को टटोलते टटोलते उन्होंने एक अंगुली मेरी चूत में घुसेड़ दी. उनकी इस हरकत से मैं भी उत्तेजित हो गई और पलट कर उन्हें देखती हुई बोली : अंगुली से काम नहीं चलेगा डार्लिंग , मुझे तो तुम्हारी तीसरी टांग चहिये , यही मेरी प्यास बुझा पायेगी ।
सॉरी , डार्लिंग, मेरी तीसरी टांग की बुकिंग तो आज शीनू ने करवा रखी है , अगर तीसरी टांग से मैंने तुम्हारी सेवा की तो बेचारी शीनू प्यासी रह जायेगी.
मैं नवीन तो हूँ नहीं जो की खुद झड़ने के पहले औरत को दो दो बार झडवा दूँ । ॠषभ बोले और मेरी ओर देख कर मुस्कुराने लगे ।
मैं ॠषभ का यह कहने का मतलब तुरन्त समझ गई , दरअसल नवीन के साथ चुदाई करने के बाद अपने पति से उसकी मर्दानगी और मजबूती की काफी तारीफ़ की थी. इसी लिये उन्होंने इस समय यह बात मजाक में कही थी लेकिन उनके इस नहले का जवाब मैंने दहले से दिया.
मैं बोली – डार्लिंग , तुम नवीन भले ना हो , लेकिन उससे कम भी नहीं हो.
मैं जानती हूँ कि तुम अपनी पर उतर जाओ तो दो क्या , चार चार औरतों को पानी पिला सकते हो ।
थेंक यू , मेरी जान , तुम्हारी इस बात ने मेरा जोश दस गुना बढ़ा दिया है।
ॠषभ बोले ।
अब तुम मेरा कमाल देखो , मैं पहले शीनू को चोदूँगा , फिर तुम्हारी चूत की आग ठंडी करूँगा । इतना कह कर उन्होंने शीनू की दोनों टांगों को उपर की ओर मोड़ दिया और उसकी चूत को चुटकियों से मसलने लगे ।
ॠषभ के मुँह से चूत चटवाने का स्वाद ले चुकने के कारण उसकी चूत पहले ही गीली हो चुकी थी अतः कुछ देर हाथ से मसलने के बाद ज्यों ही अपना लौड़ा उसकी चूत में डाल कर चोदना शुरू किया, वह बार बार काँपने लगी ।
उसकी हालत देख कर मैं समझ गई कि वह ज्यादा देर तक ॠषभ की मर्दानगी का सामना नहीं कर पायेगी और आखिरकार यही हुआ. ॠषभ ने मुश्किल से बारह चौदह धक्के ही मारे होंगे की शीनू बुरी तरह सिसियाती हुई उनसे चिपक गई , उसकी हालत दीवार पर चिपकी छिपकली जैसी दिख रही थी ।
शीनू को अपने से अलग करने के बाद ॠषभ ने मेरी जाँघों के बीच आसन लगा लिया , काफी देर तक लौड़ा चूत की आपस की लड़ाई के बाद हम दोनों एक साथ झड़ गये ।
उस दिन के बाद से शीनू और मेरा एक दूसरे के पतियों के साथ चुदाई का सम्बन्ध बराबर बना हुआ है. जब भी हम में से किसी का पति किसी काम से बाहर जाता है तो उसकी बीवी दूसरे के पति से अपनी चूत की गर्मी शांत करती है.
आपसी सहमति का यह खेल पिछले दो सालों से चल रहा है , केवल शीनू के पति नवीन इस पूरी हकीकत से अनजान है. वह यही समझता है कि मैंने उसके साथ सम्बन्ध बना रखे हैं , लेकिन उसकी बीवी शीनू बिल्कुल सीधी सादी और शरीफ है।
अभी हमने नवीन को हकीकत बताया नहीं है , शीनू डरती है उसके बताने से कोई गड़बड़ ना हो जाये।
दोस्तों मेरी ईमेल आई डी है “[email protected]”। कहानी पढने के बाद अपने विचार नीचे कमेंट्स में जरुर लिखे। ताकी हम आपके लिए रोज और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें। डी.के

शेयर
desy kahanisuhagraat kissbhosadasexy story in indiabhabhi ki chudai kahanischool me teacher ki chudaihijde ne chodabhai behan ki chudai kimaa bategandu gay storyghode ka lundtamil sex storibalatkar sex kahanitelugu ladies sex storieschodan hindi storyhindi sexy chudai ki kahanihot gay kahanirambha sex storiesindian lasbian sexwap sex sitesdesi hindi gay sex storiessexstory in malayalamkannada family sex storyhindi bhai bahan sexreal chutchudai mamigay kahani in hindibest indian erotic storiesdesi bhabhi titsदेसी सैकसamma sex kathakalsex with nehasex messages in hindishort hindi sex storiessex stories desidesisexkahanidirty auntiessex novel malayalamforced sex storiesmust chudaimararhi sexy storypind sexchachi ka bhosdahindi suhagrat sex storykama kadakaltamil incest sexstoriesdesi kahani.netपोर्न कहानीfamily sex story hindikerala sex stories in malayalamsex stories kamasutrateacher student hot storyhot teacher sex studentbhabhi ki cudai kahanidesi kahani recentsex stories of mamimeri choot marobhai bahan ki sexvelaikaran storynangi punjabi kudibuddhebadle ki aaggay fuck gayindian gay sex newbhabhi ko jangal me chodagujarati chudai vartachut ki aagmale gay storiesaunty pundai storybabaji sex storiesfirst sex storieschudai ke tipsmummy part 3mummy ki chudai hindi mehot sex desibhabi punjabibahan ki chudai dekhibahubali2016