Utejna Sahas Aur Romanch Ke Vo Din – Ep 55


सुनीलजी ने आयेशा के पीछे अपना बदन सटाकर आयेशा के उन्नत स्तनोँ को अपनी उँगलियों में रगड़ते हुए कहा, “मैं हिंदुस्तानी जवान हूँ। मैं फौजी ना सही पर दिल हमारे फौजियों जैसा दिलफेंक रखता हूँ। हम हमारे जवानों को देश भक्ति और दूसरे कड़े नियमों के साथ साथ महिलाओं की इज्ज़त करना सिखाते हैं…
हमारे फौजी जवान कभी भी महिलाओं से बदसुलूकी या जबरदस्ती नहीं करते। पर जो हमारी जानेमन होती है, उन्हें हम छोड़ते भी नहीं। हम उन्हें पूरी तरह से खुश और संतुष्ट करने का मादा रखते हैं।”
आयेशा ने फिर अपनी आँखें नचाते हुए कहा, “अच्छा?” आयेशा ने अपना हाथ पीछे किया और सुनीलजी से थोड़ा अलग हो कर सुनीलजी का लण्ड अपनी उँगलियों में लिया। सुनीलजी की उत्तेजना के कारण उनके लण्ड के केंद्र छिद्र में से चिकना स्राव रिसना शुरू हो गया था।
अपनी उँगलियों से उस स्राव को सुनीलजी के लण्ड की सतह पर फैलाते हुए आयेशा ने पूछा, “हाँ जी! तुम जिस तरह अपनी चिकनाहट निकाल रहे हो, यह तो साफ़ दिख रहा है। वैसे तुम करते क्या हो?”
सुनीलजी ने आयेशा के नंगे कमसिन पेट, कमर और नाभि पर हाथ फिराते हुए कहा, “अभी तो मैं एक बेहद खूबसूरत मोहतरमा के खुबरात बदन का जायजा ले रहा हूँ और उन से प्यार कर रहा हूँ।”
आयेशा ने कहा, “तुम तो कमाल हो! जब मैं चाहती हूँ की तुम मुझसे प्यार करो, तो जनाब मुझे बड़े उपदेश देने लगते हैं की अभी हमें चौकन्ना रहना है बगैरह बगैरह और जब मैं कहती हूँ आराम करो तो जनाब को प्यार करने का मन करता है? यह क्या बात हुई?”
सुनीलजी ने आयेशा की कमर को पकड़ा, उसका हाथ अपने लण्ड से हटाया और आयेशा की कमर को पीछे की और खींचा और अपने लण्ड को आयेशा की गाँड़ की दरार में घुसाया और खोखले धक्के मारने लगे जैसे की चोदते समय धक्के मारते हैं।
फिर बोले, “इस समय तो मैं अपनी माशूका को मेरे लण्ड को महसूस कराना चाहता हूँ, बस। जैसा तुमने कहा, मोहतरमा का हुक्म सर आँखों पर। अब मैं थोड़ी देर आराम करलूं और तुम तब तक चौकन्नी रह कर नजर रखो।”
कुछ ही देर में सुनीलजी थकान के मारे गद्दे पर गहरी नींद सो गए और खर्राटे मारने लगे। अब उनको कोई चिंता नहीं थी क्यूंकि उनकी रखवाली करने वाली एक जांबाज औरत भरी बंदूक के साथ उनकी हिफाजत के लिए चौकी कर रही थी।
पता नहीं कितना समय बीत चुका था। सुनीलजी को गहरी नींद में अजीब सा सपना देख रहे थे। सपने में उन्होंने देखा की जिस कमरे में उन्हें बंद किया गया था, उसमें उनके और जस्सूजी के हाथ पाँव बंधे हुए थे और सुनीलजी और जस्सूजी दोनों को एक रस्सी से कस कर पलंग के साथ बाँध दिया गया था। उन्होंने देखा की कालिये ने सुनीता के भी हाथ बाँध दिए थे और उसके मुंह पर पट्टी बांध दी थी।
कालिया के हाथ में वही बंदूक थी और वह बन्दुक को सुनीलजी और जस्सूजी की और तान कर सुनीता से बोल रहा था, “अब मैं तुम्हें चोदुँगा। तुमने ज़रा भी आवाज निकाली या मेरा विरोध किया तो मैं तुम्हारे पति और इस आशिक को गोली मारकर यहीं ख़त्म कर दूंगा। तुम नहीं जानती मैं कितना खतरनाक हूँ। मैंने कई लोगों को मार दिया है और इन सब को मारने में मुझे मारने में मुझे कोई तकलीफ या दुःख नहीं होगा।
कालिया ने अपने सारे कपडे एक के बाद निकाल दिए और सुनीता के सामने नंगा खड़ा था। उसका बड़ा मोटा लण्ड कड़क खड़ा था और कालिया उसे सुनीता के मुंह के सामने हिला रहा था। वह चाहता था की सुनीता उसके लण्ड को चूसे। सुनीता ने अपना मुंह फेर लिया। जैसे ही सुनीता ने अपना मुंह फेर लिया तो कालिये ने कस के एक थप्पड़ सुनीता के कोमल गाल पर जड़ दिया। सुनीता दर्द के मारे कराहने लगी।
सुनीता ने जब मुँह फेर लिया तो कालिया चिल्लाया, “साली रण्डी! नखरे करती है? जानती नहीं मैं कौन हूँ? मैं यहाँ का खूंखार छुरेबाज और हत्यारा हूँ। मुझे यहां के लोग कसाई कहते हैं। मैंने आजतक कमसे कम दस को जरूर मार दिया होगा। अगर तुमने मेरा कहा नहीं माना तो तुम ग्यारविंह होगी। तुम्हारे दो साथीदार मिलकर तेरह होंगे। तुम्हारे रिश्तेदारों को तुम्हारी लाश भी नहीं मिलेगी।“
कालिया ने एक के बाद एक सुनीता के कपडे निकाल दिए और उसकी जाँघों को चौड़ा किया। अपना मोटा तगड़ा हाथ कालिया ने सुनीता की दो जाँघों के बिच में डाल दिया और सुनीता की चूत में उंगली डाल कर उसका रस निकाल कर उस उंगली को कालिये ने अपने मुंह में डाली और उसे चाटने लगा।
कालिये की यह हरकत देख कर जस्सूजी पलंग पर ही तड़फड़ा रहे थे। उनके देखने की परवाह ना करते हुए कालिये ने सुनीता का ब्लाउज एक ही झटके में फाड़ डाला।
सुनीता की ब्रा को भी एक झटका लगा कर खोल दिया और सुनीता की चूँचियों को अपने दोनों हाथों से कालिया मसलने लगा। वह बार बार सुनीता की निप्पलोँ पर अपना मुंह लगा कर उन्हें काटता था।
सुनीता बेहाल हालात में पलंग पर लेटी हुई थी। सुनीता का फटा हुआ स्कर्ट उसकी जाँघों से काफी ऊपर था। उसकी पैंटी गायब थी।
कालिये ने पहले ही सुनीता का ब्लाउज और ब्रा फाड़ के फेंक दी होगी, क्यों की सुनीता के उन्मादक बूब्स सुनीता की छाती पर छोटे टीले के सामान फूली निप्पलोँ से सुशोभित दिख रहे थे।
जल्द ही कालिया अपने लण्ड को उसकी चूत में डालेगा इस डर से सुनीता बिस्तर पर मचल कर जोर से हिल रही थी और डर से काँप रही थी। वह इसी फिराक में थी की कैसे ना कैसे उस भैंसे जैसे राक्षस के भयानक लम्बे और मोटे लण्ड से चुदवाना ना पड़े।
सुनीता को पता था की यदि कालिये ने अपने उस खम्भे जैसे लण्ड से उसे चोदा तो उसके लम्बे लण्ड से और दूसरे उसके हिंसक एवं जोरदार धक्कों से अपना लण्ड सुनीता की चूत में पेलते हुए कालिया सुनीता की चूत फाड़ कर रख देगा और क्या पता सुनीता उसकी चुदाई झेल ना सके और कहीं ज्यादा खून बह ने स मर ना जाए?
सुनीता की आँखों में उस भय के कारण आतंक छाया हुआ दिख रहा था। सुनीता की चूत साफ दिख रही थी। पर आश्चर्य की बात यह थी की सुनीलजी ने देखा की उनकी बीबी सुनीता की चूत में से पानी रिस रहा था जो चुगली खा रहा था की सुनीता का मन उस डर के बावजूद कालिये से चुदाई के लिए उत्तेजित हो रहा था।
सुनीलजी समझ नहीं पाए की ऐसी हालत में भी उनकी पत्नी कालिये से चुदवाने के लिए भला कैसे उत्तेजित हो सकती है? पर खैर, इनको तो मज़बूरी में चुपचाप कालिया क्या करता है वह देखना ही था।
अपनी नंगी बीबी को देख कर सुनीलजी का लण्ड भी तो खड़ा हो गया था। वह भी तो अपनी दो टाँगों के बिच में गजब की हलचल महसूस कर रहे थे।
सुनीलजी ने अपने साथीदार जस्सूजी की और देखा। जस्सूजी का लण्ड जरूर खड़ा हो गया था, क्यूंकि वह इधर उधर खिसक कर अपना खड़ा लण्ड एडजस्ट करने की कोशिश कर रहे थे।
सुनीलजी ने देखा की कालिया ने जब सुनीता के गाल पर करारा थप्पड़ मार दिया तो सुनीता कराह उठी। उसे लगा की कहीं उसके एकाध दांत कालिया की थप्पड़ से टूट ना गया हो।
कालिया की आज्ञा पालन करने के अलावा उसके पास कोई रास्ता नहीं था। अपना लहराता हुआ लण्ड जब कालिया सुनीता की मुँह के पास लाया और अपेक्षा के साथ सुनीता की और देखने लगा तो ना चाहते हुए भी सुनीता ने कालिया के लण्ड की और देखा। इस बार उसकी हिम्मत नहीं थी की वह अपना मुंह फेर ले।
कालिया फिर चिल्लाया, “चलो चुसो मेरा लण्ड।”
कालिये की चिल्लाहट सुनते ही सुनीता ने अपने मुंह से बोलने की कोशिश की और अपने बंधे हुए हाथोँ को उठाकर कालिया को दिखाए। कालिया समझ गया की उसका लण्ड चूसने के लिए सुनीता का मुंह खोलना जरुरी था। और अगर उसने मुंह खोला और चिल्लाई तो जरूर सब जाग जाएंगे।
कुछ सोचने के बाद कालिया ने तय किया की सुनीता के हाथ छोड़ने में कम जोखिम था। उसने आगे बढ़कर सुनीता के हाथ खोल दिए। हाथ खुलते ही कालिये ने सुनीता के हाथों में अपना लण्ड पकड़ा दिया।
सुनीता ने अपने हाथ में कालिये का लण्ड पकड़ा और उसे डर के मारे हिलाने लगी। उसके हाथों में कालिया लण्ड ऐसा लग रहा था जैसे सुनीता ने हाथ में कोई अजगर पकड़ रखा हो। सुनीलजी बार बार सुनीता के चेहरे की और देख रहे थे पर वह सुनीता के भावों को समझ नहीं पा रहे थे।
कुछ ही देर में कालिया से रहा नहीं गया और उसने अपने दोनों हाथोँ से सुनीता की टाँगें चौड़ी कीं। कालिया झुक कर सुनीता की चूत देखने लगा।
उसकी चूत का छोटा सा छिद्र देख कर उसने एक भयानक तरीके से ठहाका मार कर हंसा और बोलै, “अरे रानी तेरी चूत का होल तो बड़ा छोटा है। मेरा लण्ड इतना मोटा। कैसे डलवायेगी उसको अपने अंदर? मैं तो तुंझे छोडूंगा नहीं।“
यह कह कर कालिया सुनीता के ऊपर चढ़ गया। उसके ऊपर सवार होकर उसने अपना लण्ड सुनीता की चूत के छिद्र पर रखा और सुनीता से कहा, “अब मैं तुझे यह मौक़ा देता हूँ की तू मरे लण्ड को सेहला कर उसकी चिकनाहट से अपनी चूत गीली करले ताकि तुझे ज्यादा परेशानी ना हो।“
जैसे ही सुनीता ने कालिये का लण्ड पकड़ कर उसे सहलाया और अपनी चूत के होंठों को चिकना किया, कालिये ने एक ही झटके में अपना लण्ड सुनीता की चूत में घुसा दिया।
सुनीलजी की समझ में यह नहीं आया की कैसे कालिया अपना इतना मोटा लण्ड सुनीता की चूत में घुसा पाया। उसके बाद कालिया अपने पेंडू से धक्के मारकर सुनीता की चूत में अपना लण्ड पेलने लगा। सुनीता की काराहट बढ़ती जा रही थी।
पर सुनीता मुंह पर लगी पट्टी के कारण चिल्ला नहीं पा रही थी। कालिया एक के बाद एक धक्के मार कर अपना लण्ड थोड़ा थोड़ा ज्यादा अंदर घुसेड़ रहा था वैसे वैसे सुनीता की हलचल बढ़ रही थी।
सुनीलजी ने देखा की सुनीता भी कालिये के साथ साथ चुदाई का मजा ले रही थी। सुनीलजी की झल्लाहट का ठिकाना ना रहा? वह मन ही मन सोच रहे थे, “यह कैसी औरत है जो ऐसे भयानक आदमी से चुदवा कर मजे ले रही है?”
सुनीता को काफी देर तक कालिये ने चोदा। सुनीता की चूत में से खून निकल रहा था। सुनीलजी से देखा नहीं गया। उन्होंने अपनी आँखें मूँद लीं।
अचानक उन्हें महसूस हुआ की कमरे में ज्योति जी दाखिल हुई। वह अचम्भे से देखते रहे की देखते ही देखते वहाँ से सुनीता, कालिया, जस्सूजी सब पता नहीं कहाँ चले गए। उन्होंने यह भी महसूस किया की उनके हाथ और पाँव खुले थे।
ज्योति जी के बदन पर कोई कपड़ा नहीं था। बापरे! सुनीलजी ने महसूस किया की ज्योतिजी वैसी ही नग्नावस्था में उनके पास आकर सो गयीं और एक हाथ से उनके खड़े हुए लण्ड को सहलाने लगीं। उन्होंने यह भी महसूस किया की उनके बदन पर भी कोई कपड़ा नहीं था।
ज्योति का नंगा बदन अब उनके नंगे बदन से सटकर लेटा था। ज्योति उनके ऊपर अपने स्तनोँ को रगड़ती हुई बोली, “परदेसी, मैं जानती हूँ तुम जल्दी ही चले जाओगे। तुम मेरे नहीं होने वाले, पर मैं कुछ देर के लिए ही सही तुम्हारी बनना चाहती हूँ। मैं चाहती हूँ की इस बिरावान जंगल में तुम आज मुझे अपनी बनालो।”
सुनीलजी का माथा ठनक गया, उन्हें समझ नहीं आया की ज्योति उन्हें “परदेसी” क्यों कह रही थी। वह चौंक कर अपनी नींद में से जग गए तो उन्होंने पाया की आयेशा नंगा रेशमी बदन उनसे सट कर लेटा हुआ था और आयेशा उनका लण्ड हलके सेहला रही थी।
गुफा में पूरा अन्धेरा छाया हुआ था। लगता था शाम ढल चुकी थी। आयेशा के घने बाल सुनीलजी के चेहरे पर बिखरे हुए थे। सुनीलजी ने आयेशा के नंगे बदन पर हाथ फेरा। उनके हाथ में आयेशा के पके हुए आम से आयेशा के भरे हुए स्तन महसूस हुए।
आयेशा ने सुनलीजी के कानों में कहा, “परदेसी, अब सारे दुश्मन सिपाही भाग गए हैं। एक सिपाही भागते हुए चिल्ला रहा था..
“भागो और जान बचाओ। हिंदुस्तानी फौजवाले आ पहुंचे हैं। लगता है, तुम्हारे सिपाहियों ने उनको खदेड़ दिया है। यहां उसके बाद पुरे दिन कोई नजर नहीं आया। अब सारी रात हमारी है।”
यह कहानी आगे जारी रहेगी..!
[email protected]

शेयर
anjali thighsmaa aur bhabhi ko chodamyindiansexstoriessex with chachi storyहिन्दीसेक्सhindi sex story maamalayalam best sex storieshindi hot chudai storyteacher sex boobstamil koothi veri kathaigalmuslim sex kahaniwww hindi porn stories comsali ki chudai ki hindi kahanitamil bf storyindian sex desi sexchut lund ka khel18 sex storiesfree sex khanispecial sex storysex chat strangerstep sister sex storiesm.desikahanitamil sex 2019indian gay saxdhina thantidever and bhabi sextelugu sex stories sonraste me chodacomplete sex storiesindiansex storiegujrati sex storiswww indian hindi sexsaxy story in hindhihindisex storiesteacher kamakathaikal in tamil languagechoti behan ki chootamma kamaveri kathaigalnewhindisexstorieschodai ki kahaniapandit sexindian tutor sexattige kotta tulluwww desi sex .comtamil pundai stories in tamil languagehot chudai story hindimeri chut chatihumsafar episode 10kamam tamil kathainew tamil sex sitessafar full formma ka burlatest tamil sex kathaisex store in hindmaa beta desi kahaniwww kamuk kahanisex nehamummy ki chut chudainew indian sexy storykaamsutra ki kahaniyasonu sex storiesdesi kahani recentreal bangla sex storysex at holipinkybhabhichoot gamechachi ki gaand marihindi maa ki chudaifarm house sexகூதி கதைகள்indian lessbianschudai story momhot sex kathaluread new sexy storysuhagraat ki kahani hindi meonline bhabhi ki chudaichachi ki chudai hindi storysexy hot kahani hindiki chudai hindidost ne chodatamilkamakadhaikal