Mere Rishtedar Aur Didi Ka Chakkar


नमस्कार, आज मैं आपको एक पुरानी घटना के बारे में बताऊंगा जो मेरे बड़ी बहन और मेरे रिस्तेदार के बीच हुआ था। मैं उस समय १५~१६ साल का था और मेरी बहन २२ साल की थी।
हम उस समय लखनऊ के पास एक शहर में रहते थे। घर में मैं बड़ी बहन और पेरेंट रहते थे। फादर रेलवे में थे तो हमें रेलवे का घर मिला हुआ था। घर ३ बेड रूम का था। वह से हमारा गांव १०० किलोमीटर दूर था। मां पापा अक्सर वहां जाते रहते थे।
उसी शहर मेरे बड़ी भाभी के भाई रहते थे वो वकील थे और वही प्रेक्टिश करते थे। उनका नाम विनोद था। उनकी ऐज २८~२९ साल के आसपास होगी। काफी लम्बे और हठेकठै थे। मेरी बहन भी अच्छी थी वो भी लम्बी थी भरा हुआ शरीर था।
उसके होठ काफी राशीले थे ,गाल चिकने से थे , उसकी चूचिया काफी अट्रैक्ट करती थी। चूचिया थोड़ी बड़ी बड़ी थी। कमर पे मोटापा थोड़ा काम था। नीचे तो अयहय चूतड़ तो बड़े मस्त थे। चुत पर थोड़े थोड़े बाल थे ( मैंने कई बार देखा था और रात में सोते समय छुआ भी था)।
ये बात बाद में कभी बताऊंगा। अभी तो आगे बढ़ते है। मम्मी पापा १,२ दिन के लिए जब गांव जाते थे तो तो विनोद जी को हमारे यहाँ सोने के लिए कह देते थे हम लोगो की सेफ्टी के लिए।
उस समय गर्मी का मौसम था। मम्मी पापा गांव जा रहे थे वहां तो विनोद जी को सोने के लिए कह दिया और चले गए। शाम को विनोद जी ८ बजे के अस पास आ गए वो खाना खा के आये इसलिए हम लोग खाना खा के सोने की तैयारी करने लगे। विनोद जी थोड़े मजाकिया किस्म के आदमी थे।
तो बात करते करते मुझे नींद आने लगी तो मैं जाके अपने रूम में सो गया। काफी देर तक दोनों मजाक बातचित करते हुए सो गए। दीदी छोटे बेड रूम में सोती थी और मैं मम्मी पापा वाले बेड रूम में सोता हु।
विनोद जी ड्रॉइंग रूम के साथ एक कमरा था उसमे सोते थे। दीदी के रूम में टॉयलेट अटैच्ड था और एक टॉयलेट बाहर था। उस टॉयलेट में जाने के लिए दीदी के रूम के सामने से जाना पड़ता है।
रात में कई बार मैं पपनी पीने या टॉयलेट के लिए उठता था। उस दिन रात में उठा तो देखा विनोद जी टॉयलेट जा रहे थे थोड़ी देर बाद वो टॉयलेट से निकल कर जाने लगे अचानक वो दीदी के रूम के सामने रुके और रूम में चले गए।
करीब २,३ मिनट बाद अपने रूम में चले गए मैं कुछ समझ नहीं पाया उस समय २ बज रहे थे। मैं भी टॉयलेट से आके सो गया। सुबह उठा तो दीदी और विनोद जी ड्राइंग रूम में बात कर रहे थे और चाय पी रहे थे।
दीदी ने मेर लिए भी चाय बनाई और हम पीने लगे। पर मुझे बार बार विनोद जी का रात में दीदी के रूम में जाना समझ नहीं आ रहा था।
मैंने सोचा आज पता करूँगा। मेरे और दीदी के रूम की बॉलकनी मिली हुई थी और मैं वहां से दीदी के रूम में देख सकता था। उसके बाद विनोद जी कोर्ट चले गए और दीदी कॉलेज चली गई मै भी स्कूल चला गया स्कूल से मैं ३ बजे आ गया उस समय दीदी आयी नहीं थी।
मैंने उसके रूम में जाकर चेक की तो कुछ एब्नार्मल नहीं मिला। मैंने बॉलकनी की खिड़की के परदे और डोर को ऐसे एडजस्ट कर दिया की रात में देखने में कोई परेशानी न हो।
शाम को दीदी आ गयी और हम लोग चाय पीकर बाते करने लगे तभी बिनोद जी का फ़ोन आया की मम्मी पापा का फ़ोन आया था की गांव पे जमीन का कुछ काम है इसलिए वो १० दिन बाद आएंगे और वो आज नहीं आ पाएंगे कल से आएंगे।
उन्होंने बोला की यदि कोई जरुरत हो तो बता देना मैं आ जाऊंगा। उस दिन तो विनोद जी आये ही नहीं। दूसरे दिन विनोद जी ८ बजे शाम को आये बोले सोरी कल में काम में फंस गया था इसलिए आ नहीं पाया अब आज से मम्मी पापा के आने तक यही रहूँगा।
वो आज खाना बाहर से लेकर आये थे इसलिए हम लोगो ने तुरंत खाना खा लिया। दीदी और विनोद जी ड्राइंग रूम में बाते करने लगे और मैं अपने रूम में पढाई करने लगा।
कुछ देर बाद मैंने झांक के देखा तो विनोद जी दीदी को कुछ समझा रहे थे और दीदी झुक के देख रही थी जिससे उसके कुर्ते से चूचिया झलक रही थी ,विनोद जी समझाते समय एक नजर चुचिओ पर भी डाल लेते थे।
फिर दीदी उठ के बोली समझ आ गया और अपने कमरे में जाने लगी तो विनोद जी ने बोला रजनी (मेरी दीदी का नाम है) टॉयलेट का फ्लश कुछ काम नहीं कर रहा है तो यदि बोली कोई बात नहीं मेरे रूम का टॉयलेट यूज़ कर लीजिये और वो अपने रूम में चली गई। विनोद जी भी अपने रूम में चले गए।
करीब ११ बजे साडी लाइट बंद हो गई हम लोग सो गए पर मैं तो इंतजार कर रहा था। पर मुझे नीद आगयी। अचानक मेरी नीद खुली तो देखा २ बज रहा था।
तुरंत मैंने विनोद जी के कमरे में देखा तो वो कमरे में नहीं थे बाहर वाला टॉयलेट भी खाली इसका मतलब वो दीदी के रूम में थे।
मैं तुरंत बॉलकनी में चला गया और दीदी के रूम में देखा तो अँधेरा था तभी एक टोर्च की रोशनी दिखी अरे ये क्या ये तो विनोद जी थे और एक टोर्च से दीदी को देख रहे थे।
पर दीदी सो रही थी और चादर ओढे हुए थी विनोद जी ने हलके से चादर हटाया और दीदी के ऊपर टैंगो से लेकर सर तक टोर्च की रोशनी दिखाई। दीदी कुरता और सलवार पहने थी।
विनोद जी ने कुर्ती को थोड़ा कमर के ऊपर कर दिया जिससे सलवार का नाडा दिखने लगा। उन्हों ने हल्का सा हाथ चुत वाली जगह पर रखा फिर तुरंत हटा लिया अब वो चुचिओ के पास आगये थे।
उन्होंने दीदी के कुर्ते के कुछ बटन खोल दिए जिससे दीदी की चूचिया नजर आने लगी। विनोद जी हाथ अब अपने लैंड को भी सहला रहे थे। उन्होंने लुंगी पहन रखी थी। जिसमे से उनका लड़ दिख रहा था। काला मोटा लन्ड हिल रहा था।
विनोद जी ने दीदी के कुर्ती दोनों तरफ खोल दिया अब दीदी की चूचिया पूरी तरह दिख रही थी। दीदी ने ब्रा नहीं पहना था। अब विनोद जी ने चुचिओ को सहलाने लगे टोर्च की रोशनी में चूचिया चमक रही थी।
विनोद जी ने टोर्च बंद करके अँधेरे में ही चुचिओ को सहलाते रहे। थोड़ी देर बार फिर टोर्च ऑन किया तो दिखा चूचियों का निपल कड़ा हो गया था। तभी विनोद जी ने अपना लन्ड चुसो पर रगड़ने लगे।
२~३ मिनट में उनका लन्ड चुचिओ के ऊपर ही डिस्चार्ज हो गया। अब अपने वीर्य को दीदी के चुचिओ पर मलने लगे फिर लुंगी से पोछ कर दीदी के कुर्ते को ठीक करके अपने रूम में चले गए।
दूसरे दिन फिर यही सब कुछ हुआ लेकिन इस बार चुचिओ को विनोद जी ने किश भी किया। पता नहीं दीदी को मजा आता है या उन्हें पता नहीं चलता है समझ नहीं आ रहा था।
तीसरे दिन विनोद जी थोड़ा एडवांस गेम खेला। आज पूरा फोकस चुत पर था। दीदी के सलवार का नाडा खोल दिया और टैंगो को थोड़ा सा फैला दिया। टोर्च जला कर देखने लगे हल्का हल्का ऊँगली से रगड़ भी रहे थे।
थोड़ी देर बाद मैंने देख दीदी की टंगे अपने आप और खुल गई। अब विनोद जी ने चुत के आसपास अपने लन्ड को रगड़ने लगे और वही अपना वीर्य निकल दिया फिर लिंगी से पोछ कर अपने कमरे में चले गए।
सुबह मैंने देख दीदी नहा के अपने कमरे से निकली और विनोद जी के कमरे में गई और पूछा चाय पियेंगे तो विनोद जी ने है कहा और दीदी के पीछे किचेन में आगये।
वहां वो दोनों बात कर रहे थे मैं अपने कमरे से सुन रहा था। दीदी ने पूछा वनोद जी आप मेरे कमरे में एते है क्या तो विनोद जी ने कहा है टॉयलेट यूज़ करने केलिए आता हु क्यों क्या हुआ। दीदी ने कहा नहीं रात में बहुत प्यास लगती है।
ये कह कर वो बाहर आगयी और चाय पीने लगी। अब मैं भी बाहर आके चाय पीने लगा। विनोद जी मुस्कुरा रहे थे। आज शाम को वो जल्दी आगये और हमें मार्किट ले गए वहां हमने डिन्नर भी कर लिया और १० बजे तक वापस आ गए।
करीब १ बजे वो दीदी के कमरे में गए लेकिन आज टोर्च नहीं था आज लाइट ऑन करके दीदी को चूमने लगे दीदी भी जगी हुई थी।
४ दिन से मेरी प्यास जगा के आप चले जाते हो ये कहा का न्याय है वकील साहब। आज मुवकिल को पूरा मुवावजा मिलेगा ये कह के विनोद जी ने दीदी की कुर्ती फाड् दी। और बोले आज इसी तरह तुम्हारी फाड़ूंगा रजनी।
ये कह के विनोद जी ने दीदी के सलवार का नाडा खोलने लगे दीदी के हेल्प से नाडा खुल गया और कब पैंटी के साथ बाहर निकल गया पता ही नहीं चला।
अब दीदी ने विनोद जी की लुंगी खोल दी अंदर कुछ नहीं पहना था लन्ड पूरा खड़ा था ७~८ इन्चा का रहा होगा और मोटा तो काफी था।
दीदी बोली रोज ये मेरे ऊपर मजे लेकर जाता था आज मैं मजा लुंगी। विनोद जी मैं काफी दिनों से आपसे चुदवाना चाह रही थी पर आप मौका ही नहीं दे रहे थे।
उस दिन मैंने अपनी चूचिया भी दिखाई और आप खुद मजा लेके मुझे छोड़ गए। रजनी माफ़ी चाहता हु पे आज मैं ३ दिन की छुट्टी लेकर पूरी कसार निकल दूंगा ये कहके विनोद जी ने दीदी के चुचिओ को खुल के मसलने लगे दीदी भी पूरा मजा ले रही थी।
यह विनोद जी चूसिये इन्हे और प्यार से मसलिये ये आपके ही है ये कह के दीदी विनोद जी के लन्ड को सहलाने लगी और उस पे किश करने लगी विनोद जी ने दीदी के चुत पे अपनी जीभ लगा दी दीदी की आंखे बंद हो गई विनोद जी ने चुत की पंखुड़ियों को प्यार के फैला के जीभ को अंदर गुलाबी जगह पर जीभ से छूने लगे।
दीदी के बदन में जैसे आग लग गई कहने लगी, वकील साहब जल्दी न्याय कीजिये अब सहा नहीं जाता कर लीजिये अपनी मनमानी अहहह।
रजनी न्याय तो जज साहब करेंगे अपने लन्ड को दिखते हुए विनोद जी ने बोला। और दीदी के चुत को चूसने लगे। थोड़ी देर बाद दीदी को लन्ड चूसने को दे दिया दीदी चूसने लगी।
अब फाइनल शो की बारी थी वनोद जी ने दीदी के टैंगो के बीच जगह बनाई और अपने लन्ड को चुत पर रगड़ने लगे जो अब पूरी तरह चुदने के लिए बेताब थी।
विनोद जी ने दीदी को अपनी तरफ खींच के लन्ड को चुत के गुलाबी छेद पर रख के बोले रजनी ये लो और धक्का मार दिया दीदी के मुह से यह निकल गई लेकिन विनोद जी रुके नहीं और लन्ड दीदी के चुत को चीरता हुआ अंदर दाखिल हो गया साथ ही दीदी की चुचिओ के मालिश विनोद जी करने लगे। अब लन्ड और चुत का एक दूसरे को मात देने लगे। अहह अहह अहह और जोर से चोदिये इसे फाड् दीजिये इसे अह्ह्ह्हह।
दीदी इस समय पूरी रंडी लग रही थी विनोद जी चोदे जा रहे थे फचफचफच की आवाज आ रही थी दीदी गांड उछाल उछाल के चुदवा रही थी जैसे रंडी अपने कस्टमर से चुदवाती है।
अब दीदी विनोद जी को कसके पकड़ने लगी थी दीदी का शरीर अकड़ने लगा था और दीदी की आवाज निकलने लगी अहहहहहहह और विनोद जी को कस के पकड़ लिया विनोद जी भी चोदते रहे।
अब दीदी का रस निकलने लगा था लेकिन लन्ड की वजह से बाहर कम निकल रहा था। विनोद जी ने लन्ड बाहर निकाल लिया और चुत को फैला के बोले मुनिया को मजा आ रहा है की नहीं तो दीदी विनोद जी से लिपटते हुए बोली मुनिया को तो स्वर्ग का मजा मिल रहा है।
विनोद जी ने दीदी को उठा के अपने लन्ड पे बिठा लिया, दीदी ने लन्ड को चुत पे एडजस्ट करदी और लन्ड एक ही बार में चुत के अंदर चला गया।
दीदी बोली आपके पप्पू और मेरी मुनिया के बीच काफी दोस्ती हो गई है ये कह के दीदी लन्ड पे उछलने लगी। ऐसा लग रहा था जैसे कोई मुसल चुत में डाला हो। दीदी मस्त होके चुदवा रही थी।
अब विनोद जी ने दीदी को घोड़ी बना के चोदना शुरू कर दिया। दोनों हाथो से दीदी की चुचिओ को पकड़ के ऐसे चोद रहे थे जैसे दीदी उनकी रंडी हो। पर दीदी भी पूरा मजा ले रही थी।
विनोद जी ने अपनी स्पीड बढ़ा दी थी और बढ़ाते ही जा रहे थे फिर पूरा लन्ड अंदर डाल के दीदी के साथ ही बिस्तर पे गिर गए और वीर्य दीदी के अंदर डालने लगे और बोले रजनी मेरे बच्चे की माँ बनोगी, तो दीदी ने कहा हाँ बनूँगी विनोद जी।
विनोद जी उठे और बाथरूम में जाकर लन्ड साफ करने लगे तभी दीदी भी आ गयी और बोली बाहर जाइये पेशाब करना है तो विनोद जी बोले मेरी जान यही करो न मैं भी तो देखु कैसे करती हो।
दीदी के चुत से वीर्य बाहर टपक रहा था। दीदी वही पेशाब करने लगी और विनोद जी देख रहे थे। उस रात दीदी की ४ बार चुदाई हुई।
सुबह ५ बजे बिनोद जी दीदी के कमरे से बाहर आये और अपने कमरे में चले गए। जब तक बिनोद जी रहे दीदी हर रात चुदाई करते थे। बाद में मैंने भी दीदी को कई बार चोदा।
अब दीदी को शादी हो गई है पर दीदी का पहला बच्चा विनोद जी का ही है दीदी ने बताया था। जब मैं भी चोदने लगा था तो दीदी बताई थी को विनोद जी होटल में ले जाकर चोदते थे। कई और लोगो से भी चुदवाते थे।
कई बार बच्चा भी गिरवाया था। ये सारी कहानिया जो दीदी ने सुनाई थी मैं आप लोगो को सुनाऊंगा। आप अपनी अच्छी बुरी कमेंट जरूर दे!
[email protected] .com

शेयर
new office sexsex story of bengali housewifesexi storys hindisex kahani and photoww com bhabhi comindian gay videos latestnew sexy kahani hindi mesaheli sexdesi incest chatsex story in hindi bookpyar ki yeh ek kahani episode 58anjali mehta sex storiesmeri maa ka phonesexy story2016maa bete ki sexy story hindischool me gand marisex stories toppatni ko kaise chodeindian sex stories freehindi sexstoryindian incest sex stories nethot sexi khaniyadesi kahani.netsheela bhabhi ki chudaiindian sexe girlsavita bhabhi hot sex storieswww sex goa commeri choti behannavel touch storiesgay marathi storiespanjabi choottamil sex stories auntydesi couple swappinghindi sex kahani freebhatiji ki chudaisexi kahni hindidesi hindi gay storyphone sex talk hindisass ki chudaisexy kahani openkama kadhai tamilrisshton ki dortamil sex stories apkstory hindi medesi gay sitenanbanin thangaimaa ki moti gaandsex of groupdevar newife swapping gamedase sexxtamildesistoriesdesi sex .comkanan bhabhi 15oru tamil kamakathaikaldesi sex.comwild auntyhindi sex stories latestbhaiya sexybadi mummy ki chudailund ki pujaranwww bia banda commami ko choda kahanirecent sex storiesdesi office sex videowww tamil amma magan kamakathaikalhindi hot sexi storymaa aur bhabhi ki chudaichudai lesbianmeri gaand maritamil sex kathakalchut he chutlund ki motai