Chacha Ji Ne Ki Meri Pehli Chudai


सभी पढ़कों को मेरा नमस्कार! मैं हूँ सिद्धि और यह मेरी पहली कहानी है जो मेरे पहले सेक्स पर आधारित है, मेरे चाचा और मेरी पहली चुदाई की कहानी, आप सभी मन लगा कर पड़े! आपको सेक्स के दौरान कुछ नई चीज़ करने के बारे में पता चलेगा!
मेरा नाम सिद्धि है मेरी उम्र 21 साल है, मेरा फिगर साइज 36-28-34 इंच है, रंग सांवला और लम्बाई 5-2 है! मेरे बूब्स एक दम बढ़िया गोल आकर के हैं मुझे कप शेप ब्रा बहुत पसंद है.
क्यूंकि गांव की होने की वजह से मेरा लड़कियों के महंगे सामान की लालसा बनी रहती है, मेरे घर का माहौल कुछ ज्यादा ठीक नहीं था, पापा और दादा सब गलियां दे कर ही बुलाते है अपने घर की औरतों को इस वजह से में गालियों को बहुत पसंद करती हूँ.
जब मुझे कोई गली दे कर बुलाता है तो मेरे अंदर एक वासना पैदा हो जाती है, मैं अपने चाचा के साथ रहती हूँ मेरे माँ और पापा गांव में रहते हैं, मेरे चाचा का एक छोटा लड़का है जो 12 साल का है, मैं उन सब के साथ दिल्ली के पास नजफगढ़ में रहती हूँ.
मेरे चाचा की उम्र 45 साल है और चाची अब नहीं रही, इस लिए मेंरे चाचा और उनके लड़के का ख्याल रखने के लिए मेरे घर वालों ने मुझे यहां भेज दिया, हमारे गांव में लड़कियां ज्यादा पढ़ी लिखी नहीं होती हैं, में भी 12वी तक ही वहीं के गवर्नमेंट गर्ल्स स्कूल में पढ़ी हुई हूँ.
अब मैं अपनी कहानी पर आती हूँ जब मैंने अपनी चुत की सील तुड़वाई, साथियों यह बात तब की है जब मैं अपने चाचा के साथ नजफगढ़ उनकी सेवा करने क लिए आयी थीं.
मेरे चाचा जी की लम्बाई 5’9″ है और उनका बदन बहुत सुडोल है, वो अभी भी जीम जाया करते हैं और उनका रंग थोड़ा काला है पर उनके शरीर की वजह से मैं उनकी और आकर्षित होने लगी थी.
मुझे सेक्स के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता था, बस ये पता था की सेक्स से थोड़ा दर्द होता है, आज तक कभी किसी लड़के का स्पर्श तक नहीं हुआ था तो मुझे इस का कोई अनुभव नहीं था.
चाचा भी प्राइवेट कंपनी में काम किया करते थे, पर चाची के बाद वहां काम छूट गया और अपना ही लड़कियों के कपडे बेचने का काम शुरू कर दिया.
मेरे चाचा बहुत नए तरह के कपडे लाया करते थे, मैंने ऐसे कपडे कम ही देखे थे, गांव में बस सूट और सलवार के अलावा बीएस साड़ी ही थी, में नये कपडे और ब्रा को देख कर बहुत खुश हुआ करती थी, कभी कभी मैं वो ब्रा डाल भी लिया करती थी.
मैं और चाचा जी एक ही बेड पर सोया करते थे, किराये पर घर था और बेड एक ही, कमरा और किचन और बाथरूम था उनका लड़का शोभित अपने नाना के यहां पड़ता था.
जैसे-जैसे दिन निकलते गए, मैं और चाचा जी एक दूसरे को पसंद करने लगे, वो मेरे लिए बहुत सी अच्छी खाने की चीज़ लेन लगे, चाचा जी मेरे साथ खूब घुल मिल गए.
उनका मेरी तरफ आकर्षण बढ़ता जा रहा था, वो मेरे बूब्स (चूचे) को वासना भरी नजर से देखा करते थे, मुझे थोड़ा अजीब सा लगा करता था पर एक ख़ुशी सी भी मिला करती थी.
अब उनका हौसला बढ़ता गया, उनका मेरे जिस्म के कामुक अंगों पर स्पर्श बढ़ने लगा, पर मैं इस बात पर ध्यांन न देती और उनके हाथों को बहुत महसूस करती की वो कहाँ जा रहे है. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!
कभी मेरी गांड को तो कभी कभी मेरे बूब्स को छू लिया करते और इस तरह से करते जैस उनको कुछ पता ही नहीं मैंने उन्के पेण्ट में भू बार उभर देखा, मनो अंदर से कोई बाहर आना चाह रहा हो.
वो मेरे सामने अब कुछ न कुछ ऐसा करते जिस से वो अपना लिंग मुझे दिखा सकें, कभी बिना कच्छा डेल बेड पर तौलिया बांध कर मेरे सामने आ जाते, उसमे उन्के लौड़े का आकर साफ़ साफ दीखता था.
मैं आँखे नीची कर के उन्के सामने से चली जाती पर उनका ये काम बिलकुल भी बंद नहीं हुआ, एक दिन वो अपना तौलिया थोड़ा ढीला बाँध कर आये और जब मेरे सामने आये और बात करने लगे तो वह खुल गया और उनका लौड़ा मेरे सामने सजदा करे खड़ा था.
उन्के लौड़े का देख कर मेरे होश उड़ गए, उनका लौड़े का रंग एक दम काला कोयले जैसा और उस पर इतने बाल थे उनके लंड के नीचे का हिस्सा दिख भी नहीं पा रहा था.
उनके बालों का झरमुट में खोने का मन कर रहा था, में एक टक देखती रही फिर खुद को थोड़ा संभाला, आँखों को बंद किया और चाचा जी ने भी अपना तौलिया एक दम उठया और सॉरी बोल कर अंदर चले गए.
मैं उनके लिए खाना बनाने के लिए चली गयी और फिर उनको खाना दिया, वो बिलकुल भी डरे हुए नहीं थे उन्होंने ये सब जान भुझ कर किया था, मुझसे रोज की तरह ही बात कर रहे थे.
मैंने भीं फिर बात ठीक से की, उनके जाने के बाद मैं सारा दिन उनके लौड़े के बारे में ही सोचती रही. बार बार उनके लोडे का काला रंग और उनकी झांटे मेरे सामने आ रही थी.
मैं उनके लोडे क बारे में ही सोची जा रही थी, उनके लोडे के बारे में सोच सोच के मैं गर्म होती जा रही थी, मेरे चूचे का अगला भाग (निप्पल्स ) सख्त हो गए थे, मुझे ऐसा अहसास पहली बार हुआ था, मेरी चुत में अजीब सी हलचल हो रही थ, मनो वो कुछ मांग रही हो.
मैंने अपनी कुर्ती उतर दी और ब्रा के ऊपर से अपने चूचे को सहलाने लगी, इस से मेरे बदन की आग और भी तेज हो गयी, मैं पागल होती जा रही थी, मैंने अपने चुचों को अपने नाखूनों से कुरेदना शुरू कर दिया.
फिर चुत को ऊपर से सहलाने लगी सलवार के अंदर हाथ डाल कर जैसे चुत को छुआ तो मेरे बदन में करंट सा दौड़ गया. मैं कुछ नहीं सोच पा रही थी और अपनी चुत को सहलाती जा रही थी.
अगले ही पल मेरी चुत से पानी की बौछार निकल गयी, थोड़े समय क लिए तो मैं हिल भी नहीं पा रही थी, जैसे तैसे खुद को संभाला और अपनी सलवार को बदलने चली गयी, सारी सलवार मेरे चुत के रस में भरी हुई थी.
मैंने सलवार को बिना धोये ऐसे ही बाथरूम में रख दिया और बेड पर आ कर लेट गयी, मेरी आंख लग हो गयी, थोड़ी देर बाद उठी तो देखा तो छेह बजे हुए थे.
चाचा जी के आने का समय हो गया था, तभी मुझे अपनी सलवार याद आयी मैं झट से आपनी सलवार धोने के लिए बाथरूम में गयी, मुझे बाथरूम के अंदर से कुछ आवाज आ रही थी, जैस चाचा जी किसी को गालियां दे रहे हो.
मैंने थोड़ा सा दरवाजा खोला तो देख के मेरे होश से उड़ गए, मेरे चाचा जी मेरी पंतय को जोर जोर से चूस रहे थे और मेरी सलवार को नीचे रख कर उस पर अपना लोडा रगड़ रहे हैं और “बहनचोद की सिद्धि ले मेरा लोढ़ा कह रहे हैं” मैं थोड़ा डर गयी और वहां से चली गयी.
चाचा जी थोड़ी देर में बाहर आये और मुझसे पूछा तुम आज जल्दी सो गयी थी काम कर के थक गयी थी?
मैंने कहा की बस आज थोड़ी ताब्यात ठीक नहीं थी इस लिए आराम कर लिया!
मैंने चाचा जी को खाना दिया और थोड़ी देर बाद हम सोने चले गए, मैं चाचा का वो रूप देख कर डरी जा रही थी.
इस सोच सोच में मेरी आंख लग हो गयी, फिर कुछ टाइम बाद मुझे ऐसा लगा जैसे मेरे चूचे किसी चीज क नीचे दबे हुए हो, कमरे की लाइट बंद थी मेंने आंखे खोल क देखा तो पता चला मेरे चूचे को कोई कुर्ती के ऊपर से दबा रहा है.
मैं समझ गयी की चाचा जी मेरे चूचे दबा रहे हैं, मैं सोच रही थी की मैं इसका विरोध करूं या नहीं, पर मेरे बदन में आग दौड़ने लगी, मैं चुप चाप लेती रही मैंने कोई हरकत नहीं की.
पर उनका चुचों को दबाने का बल बढ़ता जा रहा था, मुझे अपनी चींख रोकने में दिक्कत हो रही थी, मैं फिर थोड़ा हिली तो उन्होंने आपने हाथ पीछे कर लिए जिससे मुझे राहत महसूस हुई, पर मुझे नहीं पता था की चाचा के मन में क्या है.
मैं चाचा की तरफ कमर करके लेट गयी, फिर उन्होंने मेरी गांड पर अपना हाथ रखा और सहलाने लगे, मैंने पेंटी नहीं पहनी थी तो मेरी गांड और उनके हाथ के बीच में बस सलवार का पतला कपड़ा था.
मैं बहकने लगी पर मेरे चाचा नहीं रुके, वो अपना लोडा हिलाये जा रहे थे और साथ मेरी गांड को सहलाये जा रहे थे, ऐसा करते करते उन्होंने अपना लोडा गांड पर लगा दिया और मसलने लगे.
उनको शायद पता लग गया था की मैं उठी हुई हूँ, उन्होंने मेरा हाथ अपने लोडे पर रख लिया और मेरे हाथ में अपना लोडा ऊपर नीचे करने लगे, मेरा दिल जोर जोर से धड़कने लगा.
मैं अपना हाथ हटाने लगती तो वो जोर से पकड़ लेते, तब उनकी हिम्मत बढ़ गयी और मेरे कान में आ कर बोले “बहनचोद रंडी सोने का नाटक कब तक करेगी”.
मेरा तो जैस दिल हिल गया और मैं कामपनी लगी, उनकी तरफ मुँह किया तो उन्होंने मेरे होठों को जोर से चूमना और काटना शुरू कर दिया, मैं चीला भी नहीं पा रही थी बस आआआह्ह्ह्ह मममममम की आवाज निकल पायी.
मैं उनको पीछे हटाना चाह रही थी पर मेरी कोशिश नाकाम रही, पर फिर मैं जैसे तैसे दूर हो गयी, मैंने चाचा से कहा “ये सब गलत है” पर वो बोले “जब इतनी ही शरीफ बन ना था तो मेरे लोडे को एक टक क्यों देख रही थी, मेरे नाम की मुठ मार रही थी, ले आज मैं तुझे असली चुदाई का मजा देता हूँ”.
मैं डर रही थी और रोना शुरू कर दिया, पर मेरे चाचा नहीं माने और मुझे पकड़ कर मेरे चुचों को दबाने लगे, उनका हाथ बहुत भरी है मुझे ऐसा लग रहा था मनो मेरे चूचे किसी पत्थर के बीच कुचले जा रहे हो.
मैं चीला रही थी “नहीं आआह्ह चाचा जी प्लीज मुझे छोड़ दो प्लीज आआअह्ह्ह्हह एआईईईई मम्मा बचओउ आआह्ह” पर मेरे चाचा नहीं माने और गलियां देने लगे “साली कुतिया रंडी की यहां कोई बचाने नहीं आएगा”.
उन्होंने मेरी कुर्ती खिंच कर फाड़ दी, जिससे मेरे चूचे उछल कर बाहर आये, मैं रात को पेंटी और ब्रा नहीं डालती तो चूचे मनो आजाद हो गए थे. यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!
चाचा जी ने लाइट भी जला दी, अब मेरी नजर पहले उनके लोडे पर पड़ी, वो ऐसे खड़ा था जैसे जंगल का अकेला मोटा पेड़, उनका काला लोडा फुंकार रहा था जैस चुत के लिए तड़प रहा हो, मैंने अपने चुचो को देखा वो लाल हो गए थे.
मानो सारा खून रुक गया हो चुचों पर, चाचा की पकड़ के निशान बने हुए थे मेरे चूचे सूज गए थे, चाचा अब मेरी और बढ़ रहे थे, मैं पीछे होने लगी तो उन्होंने मेरे बाल पकड़ लिए मुझे बड़ा दर्द हो रहा था “आह्ह्ह्हह्ह चाचा जी प्लीज मत करो ऐसा”
पर वो नहीं माने और मुझे बेड पर गिरा दिया मेरे ऊपर लेट गए और चूमने लगे मेरी चुचों पर अपने नाखून चुभाने लगे.
मैं चिल्लाती रही “आआअह्ह्ह्हह एआइइइइ अम्मम्म” अब वो मेरी चुत को सलवार क ऊपर से सहलाने लगे मेरे तो होश ही उड़ गए, वो मेरी चुत को दबाने लगे मैं न जाने किस दुनिया में पहुंच गयी.
अब चाचा ने मेरी सलवार के अंदर हाथ डाला और पेंटी न होने पर बोले “मेरी रंडी बिना पैंटी के मेरे लोडे के लिए त्यार बैठी थी”
मुझे शर्म और डर दोनों हो रहे थे, उन्होंने मेरी चुत क ऊपर आये बालों को सहलाया जो मुझे अच्छा लगा, अब मेरी सलवार को निकल दिया चाचा ने, मैं मनो उनके सामने अपनी हार मान चुकी थी, अब बस मैं उनकी जीत का इनाम थी जिसका वो लुफ्त उठाने वाले थे.
चाचा ने मेरी चुत पर अपने होठ रखे और चूमना शुरू किया, मुझे बहुत मजा आ रहा था, अब मेरी चुत में उन्होंने अपनी जीभ घुसा दी, मुझे ऐसा अहसास कभी नहीं हुआ गरम गिला अहसास मेरी चुत को और उत्तेजित कर रहा था.
मैं चाचा जी का साथ देने लगी और “ममममममम आआह” की आवाज मेरे मुँह से अपने आप निकलने लगी! मेरे चाचा जी समझ गए की मैं अब इसका मजा ले रही हूँ, तभी उन्होंने अपनी जीभ हटा ली जिससे मैं तड़प रही थी.
और उनकी तरफ ऐसे देख रही थी की जीभ दुबारा डाल दो, वो मेरी तरफ देख कर बोले “अब तेरी बारी है मुझे मजा देने की” वो मेरे पास आये और अपना लोडा मेरे मुँह के पास ले आये और मेरे मुँह को आपने लोडे से छूने लगे, मुझसे कहने लगे “इस लोडे को अपने मुँह में ले”.
में नहीं लेना चाह रही थी तो उन्होंने मेरे मुँह पर एक जबरदस्त चांटा झड़ दिया जिससे मेरा तो सारा सर ही हिल गया और आँखों से आंसूं बहने लगे.
चाचा बोले “अब तूने दुबारा ना की तो तू देख लेना”.
मैंने अपना मुँह डरते हुए खोला ही था की चाचा ने लंड को झटके से अंदर कर दिया जो मेरे गले में जा कर लगा, और आखों से आंसू आ गए, मुझे साँस लेने में दिक्कत हो रही थी, अब चाचा मेरे मुँह में लोडा हिलाने लगे.
मैं जैसे कैसे उसे मुँह में सह रही थी पर चाचा जी कह रहे थे “अब तुझे असली दूध पिलाता हूँ” ये कह कर उन्होंने मेरा सर पकड़ा और जोर से अपने लोडे की तरफ धकेल दिया, लोडा मेरे गले से भी नीचे चला गया.
मेरी जान मानो निकल ही जाएगी और दो झटकों के साथ चाचा जी ने मेरे गले को और मुँह को अपने स्वादिष्ट वीर्य से बहर दिया.
मैं सांस भी नही ले पा रही थी पर इसके बाद उन्होंने मेरे मुँह से अपना लौड़ा निकाल दिया मेरी सांस में साँस आयी, मैं सोच रही थी की अब सब ख़तम हो गया, पर ये मेरी गलतफेहमी थी.
अब चाचा जी ने मुझे अपनी तरफ खिंचा और मेरे चुत के बालों को चूमा, मैंने कभी ऐसा सोचा नहीं था की वो कुछ ऐसा करेंगे जिसकी मुझे कल्पना भी नहीं होगी.
जब वो मेरी चुत को बालों को चुम रहे थे, उसके बाद उन्होंने मेरे चुत के बालों को खींचना शुरू कर दिया, जिससे मेरी हालत ख़राब हो गयी, मेरे बालों को फाड़ना शुरू कर दिया, मेरी चींख निकल निकल कर गला बैठ गया, मेरे बालों को फाड़ फाड़ कर उन्होंने मेरे चुत के बालों को साफ़ कर दिया.
इससे मेरी चुत क आस पास की जगह लाल हो गयी, अब वहां पर ऊँगली रखने पर भी दर्द हो रहा था, मैं बेसुध हो गयी मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था, मैं चाह रही थी बस जल्दी से ये सब ख़तम हो जाए.
अब मेरे चाचा ने एक सेक्स की गोली ली और उसके कुछ समय बाद उनका लोडा फिर खड़ा हो गया, अब उन्होंने मुझे अपने लोडे की तरफ सरकाया, जिससे मेरी चुत उनके लोडे के सामने हथियार डाले खड़ी थी.
उन्होंने मेरी चुत पर न कुछ चिकना लगाया ना ही कंडोम पहना रुखा रुखा ही मेरी चुत के दरवाजे पर रख दिया, मैं इस कदर टूट चुकी थी की कुछ करने लायक नहीं थी.
अब चाचा ने मेरी चुत पर अपना लोडा टिकाया और एक ऐसा झटका मारा जिससे मुझे ऐसा लगा मेरी जिंदगी इस लोडे पर ही ख़तम हो जाएगी, एक धका और उनका लोडा मेरी चुत को पर्दे को चीरता हुआ अन्दर चला गया, मेरी कमर तक दर्द से मूड गयी, दर्द इतना था की चींखने में भी जोर ना लगा पायी, पांच सेकंड के बाद “आह्ह्ह्हह आआआहहह म आ आए आ आह अहा अहा अहा मर गयी” की आवाज निकली मेरी.
चाचा भी आआअह कर रहे थे उनकों भी मेरे चुत की सील तुड़ाई में मजा आया, मैं बस मुँह खोले और आआह आह्ह्ह्ह की आवाज निकले पड़ी रही मेरी चुत से खून की धारा बह गयी, मैं जेसे अध् मरी सी हो गयी!
फिर चाचा ने धके लगाने शुरू किये “आअह्ह्ह्ह आअह्ह्ह आअह्ह्ह” की चींखों से सारा घर गूंजता रहा, लोडा मनो मेरी चुत को खोदता जा रहा था, हर धके के साथ गहराई बढ़ती जा रही थी, ऐसा लग रहा था की अगर लोडा बड़ा होता तो पेट में जा कर धका मरता.
धके और तेज होने लगे, चाचा कहने लगे “रंडी ले आज में तुझ अपनी पत्नी और शोभित की माँ बना दूंगा मादरचोद” और धक्कों के साथ उनका घाड़ा गरम उबलता वीर्य मेरी चुत में घुसता चला गया! यह कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है!
चाचा एक मिनट तक अपना वीर्य निकलते रहे, मुझे लग रहा था जैसे सारी चुत उनके वीर्य को संभाल ही नहीं पायेगी, मैं ये भी नई जान पायी मैं कितनी बार झड़ी बस मेरी चुत से पानी निकलता ही जा रहा था.
चाचा कुछ देर मेरे ऊपर ही पड़े रहे और एक घंटे बाद वो मेरी चुत से अपना लोडा निकले.
फिर वो कपडे पहन कर सो गए, मैं एक चूड़ी कुटिया की तरह बेड पर बिना कपडे पहने लेटी रही, मैं हिल भी नहीं पा रही थी, मेरे चाचा ने मेरी हालत चलने लायक भी नहीं छोड़ी.
और ऐसे मैं अपने चाचा की रखेल बन गयी, इसके बाद मैं भी उनके साथ खुल गयी और हम दोनों एक दुसरे को गन्दी गन्दी गलियां देकर चुदाई करते और अब तो मैं चाचा जी की ना करवा देती हूँ जब हम बेड पर चुदाई करते है!
आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी मुझे प्लीज बताना… आपको मेरा प्यार भरा चुत से सलाम!

शेयर
sex stories i tamildesi lesbian storychut gulabichusaimom son indian sex storiesindiansex stories.nettamil sex stories list.comindian mom son sexreal chudai story in hindisex stories in tamil comdost ki maa ko pregnent kiyaghar ki chudai kahanisexy teacher girlsexy romantic story in hindimast kahaniasupriya sexbachi ki gandnew hindi family sex storytamilsexstories.mobiwww desi indian sex netletest chudai ki kahanichavat kakuindian hindi kahanichoot dikha deindian sexy picturesbhabhi ki chodai ki kahanimatured aunty sexbahen ki chudai ki khaniamma ool kathai tamildirty sex storyhot mami sexindian stories in hindipure pariwar ki chudaisex story.comxxx story in hindimoti gand auntiescrossdressing stories in indiaassamese new sex storyindian stranger sex storieshindi shemale sex storieshot punjabi storyhot threesome storiesmarathi gay kathagujarati language sex storygrup sex indiansex storiesindianhot sex nethindi antarvasna ki kahaniladki kewater park sexdesi sex lesbianindian sex stories mp3arpita bhabhidesi s3xbhabhi ki chudai ki kahani with photoindian hindi sexi storyindian sex hindi comsex new storypapa ne chutchuda storybur chatihindi rape sex storydesi new sexthukaisec story in hindipyar ki ek kahani episode 18chup ke chup kekannada sister sex storiessex stori hidihot babhi sexgujarati eroticawife swapping gamesexy stoey in hindigaand ki chudaioriya sex gapakannada tunne tunne kathegaludeshi sexy story in hindisexy indian story in hindirecent indian porn videossex real stories in telugusex stories secretarystory porn hindisexy ki kahanikhala ke chodasex with padosan